हिमाचल सरकार ने अधिकारियों-कर्मचारियों की स्टडी लीव पर शर्तें लगा दी है। इसके बाद प्रदेश में अधिकारियों-कर्मचारियों को स्टडी लीव लेना आसान नहीं रह गया है। वित्त सचिव ने एक ऑफिस मेमोरेंडम निकालकर स्पष्ट किया कि स्टडी लीव को अब विभागाध्यक्ष (HOD) अपने स्तर पर मंजूरी नहीं दे पाएंगे। स्टडी लीव की मंजूरी अब वित्त विभाग से लेनी होगी। जाहिर है कि इसके बाद किसी भी अधिकारी व कर्मचारी के लिए स्टडी लीव लेना आसान नहीं रहेगा। अब तक सेंटर सिविल सर्विस रूल्स 1972 के तहत विभागाध्यक्ष द्वारा स्टडी लीव की मंजूरी देने का प्रावधान था।राज्य सरकार ने इस व्यवस्था को बदल दिया है। स्टडी लीव के दौरान 40% वेतन मिलेगा वित्त सचिव के आदेशों के बाद अब स्टडी लीव के दौरान अधिकारी व कर्मचारी को 40 प्रतिशत सैलरी मिलेगा। सेंटर सिविल सर्विस रूल्स के तहत प्रत्येक कर्मचारी को 2 साल की स्टडी लीव लेने का अधिकार है। इस दौरान अधिकारियों व कर्मचारियों को पूरी सैलरी मिलती है। मगर अब नहीं मिलेगी। स्टडी लीव पर जाने के इच्छुक अधिकारियों को झटका सरकार के इस फैसले से उन अधिकारियों व कर्मचारियों की उम्मीदों को झटका लगा है जो स्टडी लीव पर जाने की योजना बना रहे हैं। आपको बता दें कि स्टडी लीव पर ज्यादातर IAS, HAS व क्लास वन ऑफिसर देश व विदेश जाते रहते हैं। इस दौरान उन्हें पूरी सैलरी मिलती थी। हिमाचल सरकार ने अधिकारियों-कर्मचारियों की स्टडी लीव पर शर्तें लगा दी है। इसके बाद प्रदेश में अधिकारियों-कर्मचारियों को स्टडी लीव लेना आसान नहीं रह गया है। वित्त सचिव ने एक ऑफिस मेमोरेंडम निकालकर स्पष्ट किया कि स्टडी लीव को अब विभागाध्यक्ष (HOD) अपने स्तर पर मंजूरी नहीं दे पाएंगे। स्टडी लीव की मंजूरी अब वित्त विभाग से लेनी होगी। जाहिर है कि इसके बाद किसी भी अधिकारी व कर्मचारी के लिए स्टडी लीव लेना आसान नहीं रहेगा। अब तक सेंटर सिविल सर्विस रूल्स 1972 के तहत विभागाध्यक्ष द्वारा स्टडी लीव की मंजूरी देने का प्रावधान था।राज्य सरकार ने इस व्यवस्था को बदल दिया है। स्टडी लीव के दौरान 40% वेतन मिलेगा वित्त सचिव के आदेशों के बाद अब स्टडी लीव के दौरान अधिकारी व कर्मचारी को 40 प्रतिशत सैलरी मिलेगा। सेंटर सिविल सर्विस रूल्स के तहत प्रत्येक कर्मचारी को 2 साल की स्टडी लीव लेने का अधिकार है। इस दौरान अधिकारियों व कर्मचारियों को पूरी सैलरी मिलती है। मगर अब नहीं मिलेगी। स्टडी लीव पर जाने के इच्छुक अधिकारियों को झटका सरकार के इस फैसले से उन अधिकारियों व कर्मचारियों की उम्मीदों को झटका लगा है जो स्टडी लीव पर जाने की योजना बना रहे हैं। आपको बता दें कि स्टडी लीव पर ज्यादातर IAS, HAS व क्लास वन ऑफिसर देश व विदेश जाते रहते हैं। इस दौरान उन्हें पूरी सैलरी मिलती थी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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कांगड़ा का जवान लेह में शहीद:ड्यूटी के दौरान हुआ हादसा, पिता भी फौज में थे, शुभम की अभी नहीं हुई थी शादी हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले का जवान शुभम धीमान लेह में शहीद हो गया। जिसके बाद क्षेत्र में शोक की लहर है। शुभम का पार्थिव शरीर रविवार को दोपहर बाद गांव में पहुंच जाने के आसार है। शहीद शुभम धीमान(26) पुत्र स्वर्गीय रूमाल सिंह जवाली विधानसभा क्षेत्र की पंचायत ढोल के दुराना गांव के रहने वाले हैं। शुभम धीमान के पिता भी आर्मी से रिटायर्ड फौजी थे। उनका डेढ़ साल पहले ही देहांत हो गया। शुभम धीमान अभी अविवाहित था। वह अपने पीछे माता संतोष (53) और बड़े भाई पंकज कुमार को छोड़ गया है। परिजनों ने बताया कि शहीद शुभम धीमान 14 डोगरा रेजीमेंट में थे और वह वर्तमान में लेह में अपनी सेवाएं दे रहे थे। गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त में हुए शहीद वह शुक्रवार शाम को लेह में अपनी ड्यूटी करते हुए गाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण शहीद हो गए। जवान के शहीद होने की खबर सुनकर परिजनों पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया है।
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हिमाचल में श्रीखंड यात्रा में गए युवक की मौत:पैर फिसलने से खाई में गिरा, लंगर सेवा करने आया; 5 साल की बेटी, पत्नी गर्भवती हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में मशहूर श्रीखंड महादेव यात्रा के दौरान लंगर सेवा के लिए जा रहे एक सेवादार की पहाड़ी से गिरकर मौत हो गई। मृतक की पहचान रामपुर के रहने वाले सिद्धार्थ शर्मा (31) के रूप में हुई है। सिद्धार्थ को शुक्रवार शाम को ही रामपुर के खनेरी अस्पताल से IGMC शिमला रेफर किया गया, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया। सिद्धार्थ शर्मा अपने पीछे 5 साल की बेटी, गर्भवती पत्नी, माता-पिता और बहन को छोड़ गए हैं। परिजनों का घर पर रो रोकर बुरा हाल है। परिवार के मुताबिक सिद्धार्थ शर्मा श्रीखंड यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए लंगर सेवा के लिए घर से निकला था। सामान ले जाते वक्त गुरुवार दोपहर चढ़ाई चढ़ते वक्त बराहटी नाला के समीप पैर फिसलने के बाद करीब 50 मीटर गहरी खाई में जा गिरा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद सिद्धार्थ को सिंहगाड बेस कैंप तक पहुंचाया गया। यहां से गुरुवार रात करीब ढाई बजे उसे घायल अवस्था में निरमंड अस्पताल लाया गया। हालत खराब होने की वजह से डॉक्टरों ने उसे खनेरी अस्पताल भेज दिया। यहां भी जब सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ तो शिमला IGMC रेफर किया गया। यहां उनकी मौत हो गई। पहले 4 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी बीते डेढ़ महीने में श्रीखंड यात्रा के दौरान यह पांचवें व्यक्ति की मौत हो गई है। चार श्रद्धालुओं की जान आधिकारिक यात्रा शुरू होने से पहले गई है। निरमंड पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। रामपुर में दुकान चलाता था सिद्धार्थ परिवार के मुताबिक सिद्धार्थ शर्मा रामपुर बाजार में दुकान चलाता था। वह रामपुर की एक समिति का भी सदस्य है। यह समिति हर साल श्रीखंड यात्रा के दौरान लंगर सेवा करती है। सिद्धार्थ सहित समिति के दूसरे सदस्य गुरुवार को लंगर के लिए सामान लेकर जा रहे था। इस दौरान सिद्धार्थ के साथ यह हादसा हो गया। 27 जुलाई तक चलेगी श्रीखंड यात्रा श्रीखंड यात्रा 14 जुलाई से शुरू हुई थी और 27 जुलाई तक चलेगी। श्रीखंड में महादेव रूप पिंडी समुद्र तल से 18,570 फीट की ऊंचाई पर है। इस वजह से यात्रा को दुनिया की सबसे खतरनाक ट्रैकिंग वाली धार्मिक यात्राओं में से एक माना जाता है। श्रीखंड पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 32 किलोमीटर के संकरे व खतरनाक रास्ते पर पैदल चलना पड़ता है। इस दौरान उन्हें बर्फ के 4 ग्लेशियर और चट्टाननुमा पहाड़ियां पार करनी पड़ती हैं। यही नहीं ढांक (खाई के ऊपर खड़ी पहाड़ी) से भी गुजरना पड़ता है। इस दौरान यहां ऑक्सीजन की भी कमी की दिक्कत होती है। खासकर, यात्रा के मार्ग में पार्वती बाग के आगे कुछ इलाकों में यह परेशानी ज्यादा होती है। ऐसी सूरत में श्रद्धालुओं को इलाज या फिर वापस नीचे उतारना पड़ जाता है। यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य रहता है। कैसे पहुंचे श्रीखंड श्रीखंड महादेव पहुंचने के लिए शिमला जिले के रामपुर से कुल्लू जिला के निरमंड होकर बागीपुल और जाओ तक गाड़ियों व बस में पहुंच सकते हैं। शिमला से रामपुर की दूरी 130 किमी, रामपुरा से निरमंड 17 किमी, निरमंड से बागीपुल 17 किमी और बागीपुल से जाओ की दूरी 12 किमी है। यहां से आगे 32 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी होती है। श्रीखंड यात्रा को लेकर प्रशासन की तैयारियां…. 1. 5 जगह बेस कैंप, यहां स्वास्थ्य जांच के बाद आगे जाने की इजाजत यात्रा की कठिनाई को लेकर प्रशासन भी अलर्ट मोड पर रहता है। श्रीखंड ट्रस्ट समिति और कुल्लू जिला प्रशासन ने यात्रा के रास्तों पर 5 जगह बेस कैंप बनाए गए हैं। पहला बेस कैंप सिंहगड़ है। इसके बाद थाचरू, कुनशा, भीम द्वार और पार्वती बाग में बेस कैंप बनाए गए हैं। इसमें सेक्टर मजिस्ट्रेटों और उनके साथ पुलिस अधिकारी या इंचार्ज के अलावा मेडिकल स्टाफ और रेस्क्यू टीमें भी तैनात की गई हैं। यहां दवाओं और ऑक्सीजन की भी व्यवस्था रहती है। जहां स्वास्थ्य जांच के बाद ही श्रद्धालुओं को आगे भेजा जाएगा। यहां ठहरने व खाने-पीने की भी व्यवस्था की गई है। ठहरने के लिए प्राइवेट टैंट तथा खाने के लिए ट्रस्ट द्वारा जगह-जगह लंगर लगाए गए हैं। 2. पहली बार बचाव दल SDRF की यूनिट तैनात इस यात्रा में पहली बार बचाव दल SDRF की यूनिट को पार्वती बाग में तैनात किया गया है, क्योंकि संकरे रास्ते की वजह से इस यात्रा के दौरान कई बार हादसे हो जाते हैं। खासकर बरसात की वजह से इस यात्रा में बाधा आती है। 3. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल बनाया किसी भी श्रद्धालु को बिना पंजीकरण के श्रीखंड नहीं भेजा जा रहा। बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल बनाया गया है। ऑफलाइन भी इसके लिए पंजीकरण किया जा रहा है। पंजीकरण की फीस 250 रुपए रखी गई है। श्रीखंड यात्रा के लिए आए श्रद्धालुओं की रजिस्ट्रेशन की जांच करते पुलिसकर्मी। इसके बाद यहां से उन्हें पैदल आगे बढ़ने की परमिशन दी जाती है।
हिमाचल के 5 जिलों में बारिश की चेतावनी:कल से कमजोर पड़ेगा मानसून, इस सीजन में सामान्य से 22% कम बरसे बादल
हिमाचल के 5 जिलों में बारिश की चेतावनी:कल से कमजोर पड़ेगा मानसून, इस सीजन में सामान्य से 22% कम बरसे बादल हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में बीती शाम और रात में भारी बारिश हुई। इससे 150 से ज्यादा सड़कें फिर से यातायात के लिए बंद हो गई है। मौसम विभाग ने आज भी 5 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। यह चेतावनी चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और सिरमौर जिला को दी गई है। अन्य जिलों में आज मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। बीते एक सप्ताह के दौरान यानी 27 अगस्त से 2 सितंबर के बीच सामान्य से 3 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। इस अवधि में खासकर सिरमौर और शिमला जिला में 100 प्रतिशत से भी ज्यादा बारिश हुई है। सिरमौर में बीते सप्ताह में 128.5 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि इस अवधि में 61.8 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है। वहीं शिमला में भी 65.5 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि 27 अगस्त से 3 सितंबर के बीच 32.3 मिलीमीटर बारिश होती है। कल से कमजोर पड़ेगा मानसून मौसम विभाग की माने तो कल से मानसून धीमा पड़ जाएगा। इससे आगामी 9 सितंबर तक प्रदेश के ज्यादातर भागों में मौसम साफ हो जाएगा। प्रदेश में इस मानसून सीजन में सामान्य से 22 प्रतिशत कम बारिश हुई है। 1 जून से 3 सितंबर तक 630.2 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है। मगर इस बार 491.1 मिलीमीटर बारिश हुई है। शिमला को छोड़कर कोई भी ऐसा जिला नहीं जहां सामान्य से ज्यादा बारिश हुई हो। शिमला में इस मानसून सीजन में अब तक 591.1 मिलीमीटर बादल बरस गए है, जबकि सामान्य बारिश 532.6 मिलीमीटर होती है, जो कि सामान्य से 11 प्रतिशत अधिक है। बारिश के बाद 50 सड़कें बंद प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान हुई बारिश से 150 से ज्यादा सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई है। अकेले शिमला जोन में सबसे ज्यादा 105 सड़कें अवरुद्ध पड़ी है।इससे सेब की ढुलाई पर बुरा असर पड़ा है।