भारत्तीय क्रिकेट बोर्ड कंट्रोल ( BCCI) समर्थित इडियन डीफ क्रिकेट एसोसिएशन (आडीडीसीए) द्वारा 1 से 8 दिसंबर तक दिल्ली में भारत और श्रीलंका के बीच आयोजित होने वाली द्विपक्षीय एक दिवसीय क्रिकेट सीरीज में मेजबान टीम की कप्तानी हिमाचल प्रदेश के वीरेंद्र सिंह करेंगे। इस सीरीज में पांच एक दिवसीय मैच खेले जाएंगे। इसकी जानकारी आईडीसीए के अध्यक्ष सुमित जैन ने एक सर्कुलर के माध्यम से दी। उना के वीरें सिंह अपनी अपंगता के बावजूद गत दो दशकों से नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर क्रिकेट खेल रहे हैं। अपने क्रिकेट करियर में वे डीफ वर्ल्ड कप, एशिया कप,डीफ आईसीसी टी20 वल्र्ड कप और कई द्विपक्षीय सीरीज सहित देश के लिए 32 एक दिवसीय और 49 टी-20 मैच खेल चुके हैं जिसमें 29 बार मैन आफ दी मैच से पुरस्कृत किए जा चुके हैं। वीरेंद्र ने इसी वर्ष इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड द्वारा इंग्लैंड में आयोजित द्विपक्षीय सीरीज में भारत को जीत दिलाई थी। बीसीसीआई और आईसीसी द्वारा प्रोत्साहित आईडीसीए देश में मूक और बधिरों में क्रिकेट को बढ़ावा दे रही है। संघ इन स्पेशल प्लेयर्स को टेनिंग और कोचिंग प्रदान करवा उन्हें नेशनल और इंटरनेशनल स्तर के आयोजन में भाग लेने के लिए तैयार करता है। भारत्तीय क्रिकेट बोर्ड कंट्रोल ( BCCI) समर्थित इडियन डीफ क्रिकेट एसोसिएशन (आडीडीसीए) द्वारा 1 से 8 दिसंबर तक दिल्ली में भारत और श्रीलंका के बीच आयोजित होने वाली द्विपक्षीय एक दिवसीय क्रिकेट सीरीज में मेजबान टीम की कप्तानी हिमाचल प्रदेश के वीरेंद्र सिंह करेंगे। इस सीरीज में पांच एक दिवसीय मैच खेले जाएंगे। इसकी जानकारी आईडीसीए के अध्यक्ष सुमित जैन ने एक सर्कुलर के माध्यम से दी। उना के वीरें सिंह अपनी अपंगता के बावजूद गत दो दशकों से नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर क्रिकेट खेल रहे हैं। अपने क्रिकेट करियर में वे डीफ वर्ल्ड कप, एशिया कप,डीफ आईसीसी टी20 वल्र्ड कप और कई द्विपक्षीय सीरीज सहित देश के लिए 32 एक दिवसीय और 49 टी-20 मैच खेल चुके हैं जिसमें 29 बार मैन आफ दी मैच से पुरस्कृत किए जा चुके हैं। वीरेंद्र ने इसी वर्ष इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड द्वारा इंग्लैंड में आयोजित द्विपक्षीय सीरीज में भारत को जीत दिलाई थी। बीसीसीआई और आईसीसी द्वारा प्रोत्साहित आईडीसीए देश में मूक और बधिरों में क्रिकेट को बढ़ावा दे रही है। संघ इन स्पेशल प्लेयर्स को टेनिंग और कोचिंग प्रदान करवा उन्हें नेशनल और इंटरनेशनल स्तर के आयोजन में भाग लेने के लिए तैयार करता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हरियाणा-पंजाब और हिमाचल में नए साल का जश्न:मनाली-शिमला में टूरिस्टों का डांस, लुधियाना में दिलजीत तो चंडीगढ़ में सरताज का कॉन्सर्ट देश में नए साल का जश्न मनाया गया। हिमाचल के शिमला और मनाली में सेलिब्रेशन के लिए टूरिस्टों की भीड़ उमड़ी। शिमला और मनाली के माल रोड पर टूरिस्टों ने खूब डांस किया। वहीं मंदिरों में माथा टेकने के लिए श्रद्धालुओं की लाइनें लगीं। पंजाब के लुधियाना में सिंगर दिलजीत दोसांझ और चंडीगढ़ में सतिंदर सरताज का लाइव कॉन्सर्ट हुआ। वहीं हरियाणा के मंदिरों में लोगों ने कीर्तन किया। इसके अलावा क्लबों और होटलों में लेट नाइट तक प्रोग्राम चले। नेशनल होटल एसोसिएशन के मुताबिक, साइबर सिटी गुरुग्राम की होटल इंडस्ट्री की कम से कम 50 करोड़ रुपए की कमाई हुई है। शहर के बड़े होटल पूरी तरह से बुक थे। क्लब और पब में कपल एंट्री की फीस 3 हजार रुपए से 25 हजार तक रखी गई।
हिमाचल में भाजपा ने किया कुनबे का विस्तार:संगठनात्मक मंडलों की संख्या 74 से बढ़ाकर 171 की, सक्रिय कार्यकताओं को मिलेगी नई जिम्मेदारी
हिमाचल में भाजपा ने किया कुनबे का विस्तार:संगठनात्मक मंडलों की संख्या 74 से बढ़ाकर 171 की, सक्रिय कार्यकताओं को मिलेगी नई जिम्मेदारी हिमाचल में भाजपा ने अपने कुनबे को बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्रीय नेतृत्व से मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने संगठनात्मक ढांचे में बड़ा बदलाव किया है। पार्टी ने संगठनात्मक मंडलों की संख्या 74 से बढ़ाकर 171 कर दी है। पूरे प्रदेश में भाजपा के संगठनात्मक चुनाव चल रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में भाजपा के संगठनात्मक चुनाव चल रहे हैं। भाजपा में बूथ स्तर पर त्रिदेव और पन्ना प्रमुख का चुनाव किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में संगठनात्मक चुनाव कराने की जिम्मेदारी कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र से सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज को दी गई है। भारतीय जनता पार्टी ने परिसीमन समिति का गठन किया था। इसकी अध्यक्षता प्रदेश महासचिव त्रिलोक कपूर कर रहे हैं। परिसीमन समिति ने भाजपा के संगठनात्मक ढांचे में बड़े बदलाव की सिफारिश की थी जिसे केंद्रीय नेतृत्व ने मंजूरी दे दी है। BJP में होंगे 171 मंडल अध्यक्ष
जिसके बाद हिमाचल भाजपा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने रविवार को इसकी घोषणा की है। बिंदल ने कहा कि अब प्रदेश में मंडलों की संख्या 74 से बढ़ाकर 171 कर दी गई है। यानी अब भारतीय जनता पार्टी में 171 मंडल अध्यक्ष होंगे। इससे मंडल अध्यक्षों को अपने-अपने मंडलों में अधिक समय बिताने का मौका मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में इसका अधिक लाभ होगा। जहां मंडल की सीमा दूर-दूर तक फैली हुई थी और मंडल अध्यक्ष इतने बड़े क्षेत्र को संभालने में सक्षम नहीं थे। कांगड़ा चम्बा संसदीय क्षेत्र में 49 मंडल
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में भारतीय जनता पार्टी के छह मंडल थे। अब इनकी संख्या 16 हो गई है। भाजपा के संगठनात्मक जिले नूरपुर में मंडलों की संख्या चार से बढ़कर 12 हो गई है। संगठनात्मक जिले देहरा में मंडलों की संख्या तीन से बढ़कर छह हो गई है। संगठनात्मक जिले पालमपुर में मंडलों की संख्या चार से बढ़कर 10 हो गई है। जिला कांगड़ा में मंडलों की संख्या पहले चार थी, अब यह संख्या नौ हो गई है। मण्डी संसदीय क्षेत्र में होंगे 46 संगठनात्मक जिले
हिमाचल प्रदेश के दूरदराज जिले लाहौल स्पीति में मंडलों की संख्या में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यहां पहले की तरह तीन मंडल होंगे। लेकिन जिला किन्नौर में भी तीन मंडलों की जगह पांच मंडल बनाए गए हैं। जिला कुल्लू में मंडलों की संख्या चार से बढ़ाकर 12 कर दी गई है। संगठनात्मक जिले सुंदरनगर में अब पांच की जगह 13 मंडल होंगे। जिला मंडी में भी मंडलों की संख्या पांच से बढ़ाकर 13 कर दी गई है। इसके अलावा शिमला का रामपुर और चंबा का भरमौर पांगी विधानसभा क्षेत्र भी इसी संसदीय क्षेत्र में आता है, इसलिए इसकी संख्या बढ़ सकती है। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में होंगे 28 मंडल
जिला हमीरपुर में अब पांच के बजाय 10 डिवीजन होंगे। जिला ऊना में भी पांच की बजाय 10 मंडल बनाए गए हैं। बिलासपुर में 8 संभाग होंगे। हालाँकि, मंडी का धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र भी हमीरपुर के अंतर्गत आता है, इसलिए इस संसदीय क्षेत्र में मंडलों की संख्या में कुछ वृद्धि हो सकती है। शिमला संसदीय क्षेत्र में 42 मंडल
जिला सोलन में मंडलों की संख्या बढ़ाकर 13 कर दी गई है। पहले यह संख्या पांच थी, जबकि अगर जिला सिरमौर की बात करें तो यहां मंडलों की संख्या अब पांच से बढ़कर 12 हो गई है। भाजपा के संगठनात्मक जिले महासू में मंडलों की संख्या पांच से बढ़ाकर 13 कर दी गई है। शिमला में पहले तीन मंडल थे और यहां मंडलों की संख्या बढ़कर छह हो गई है। इस तरह भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में अपने मंडलों की संख्या 74 से बढ़ाकर 171 कर दी है।
हिमाचल BJP के पूर्व मंत्री धवाला भड़कें:बोले-भेड़ की खाल में भेड़िएं, इन्होंने जो किया, उसका पाई-पाई का हिसाब देंगे, पार्टी को नहीं मांगेंगे वोट
हिमाचल BJP के पूर्व मंत्री धवाला भड़कें:बोले-भेड़ की खाल में भेड़िएं, इन्होंने जो किया, उसका पाई-पाई का हिसाब देंगे, पार्टी को नहीं मांगेंगे वोट हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के पूर्व मंत्री रमेश चंद धवाला एक बार फिर भड़क उठे हैं। रमेश धवाला ने BJP के किसी भी नेता का नाम लिए बगैर कहा, भेड़ की खाल में जो भेड़िए हैं, उन्होंने जो धवाला के साथ किया है, उसका पाई-पाई का हिसाब देंगे। दरअसल, पिछले कल देहरा विधानसभा उपचुनाव में BJP प्रत्याशी होशियार सिंह ने रमेश चंद धवाला से मुलाकात की थी और उन्हें मनाने की खबर आई थी। मगर आज धवाला ने मीडिया से बातचीत में न केवल होशियार सिंह बल्कि बीपेजी के बड़े नेताओं पर भी तीखे शब्दबाण छोड़े। बिंदल ने कर्मठ कार्यकर्ता पार्टी से बाहर किए: धवाला रमेश धवाला ने कहा, जब होशियार सिंह को प्रत्याशी दिया गया तो उन्हें पार्टी हाईकमान ने पूछा तक नहीं। उन्हें पूछे बगैर प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल ने बीजेपी के कर्मठ कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर किया। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर देहरा आएं, मगर उनसे मिले तक नहीं। होशियार के लिए वोट नहीं मांगूंगा: धवाला धवाला ने कहा, होशियार सिंह भी अब जाकर उनसे मिलने आए, जब चुनाव के तीन दिन रह गए। धवाला ने स्पष्ट किया, अब वह किसी के प्रचार में नहीं जाएंगे। जहां तक वोटों का सवाल है। उनके घर के वोट बीजेपी को ही जाएंगे। मगर वह किसी को भी वोट डालने को नहीं बोलेंगे। पूर्व मंत्री ने कहा, अब किसी भी लेवल पर समझौता नहीं होगा। अब वह पार्टी के लिए प्रचार नहीं करेंगे। पार्टी चाहे तो उन्हें निष्कासित कर सकती है। जाहिर है कि देहरा सीट पर बीजेपी को बगावत का सामना करना पड़ सकता है। कांग्रेस जॉइन करने के सवाल पर धवाला ने कहा, यदि कांग्रेस जॉइन करनी होती तो उस वक्त करते जब कांग्रेसी करोड़ों रुपए की अटैची लेकर आए थे। मगर वह नहीं बिके। धवाला मानने को तैयार नहीं देहरा सीट पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी एवं कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश ठाकुर और बीजेपी के होशियार सिंह में सीधा मुकाबला है। होशियार सिंह द्वारा राज्यसभा चुनाव के बाद इस्तीफा देने की वजह से यहां उपचुनाव की नौबत आई है। इस सीट पर कमलेश ठाकुर के चुनाव लड़ने से मुकाबला रोचक हो गया है और बीजेपी यहां से 2022 में प्रत्याशी रहे रमेश चंद धवाला को मनाने का प्रयास कर रही है। मगर धवाला मानने को तैयार नहीं है।