हिमाचल प्रदेश के नौ जिलों में आज हीटवेव का येलो अलर्ट दिया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, चंबा, किन्नौर और लाहौल स्पीति तीन जिलों को छोड़कर अन्य सभी में हीटवेव चल सकती है। शिमला जिला के निचले इलाकों में भी लू चलने की चेतावनी दी गई है। इसे देखते हुए लोगों को सावधानी बरतने की एडवाइजरी जारी की गई है। बारिश नहीं होने और बढ़ते तापमान से लोग बेहाल है। खासकर दिन के वक्त लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे। स्कूली बच्चों को दिन में स्कूल से छुट्टी के बाद घर आते हुए परेशानी झेलनी पड़ रही है। हीटवेव की चेतावनी के बाद ज्यादातर शहरों के तापमान में एक से डिग्री सेल्सियस का ओर उछाल आएगा। प्रदेश के 9 शहरों का पारा पहले ही 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया है। हमीरपुर के नेरी का तापमान 45.3 डिग्री चल रहा है। ऊना का तापमान 43.2 डिग्री, कांगड़ा 41.3 डिग्री, मंडी 40.8 डिग्री, बिलासपुर 42.6 डिग्री, हमीरपुर 41.7 डिग्री, चंबा 40.8 डिग्री, धौलाकुंआ 43.1 डिग्री, बरठी 40.7 डिग्री सेल्सियस हो गया है। नॉर्मल से 7 डिग्री तक ज्यादा हुआ पारा प्रदेश में लंबे ड्राइ स्पेल के कारण तापमान में भारी उछाल आ रहा है। इससे कई शहरों का पारा नॉर्मल से 7 डिग्री तक ज्यादा हो गया। सुंदरनगर के तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 6.7 डिग्री का उछाल आया है। यहां पढ़े किस शहर में नॉर्मल से कितना ज्यादा तापमान प्रदेश में इक्का-दुक्का जगह पर बूंदाबांदी का पूर्वानुमान चिंता इस बात की है कि प्री-मानसून रेन के अभी कोई आसार नजर नहीं आ रहे। हालांकि आज और कल प्रदेश में इक्का-दुक्का जगह पर हल्की बारिश व बूंदाबांदी जरूर हो सकती है। मगर इससे पूरे प्रदेश में गर्मी से राहत के आसार नहीं है। हीटवेव की सूरत में क्या सावधानी बरतें हिमाचल प्रदेश के नौ जिलों में आज हीटवेव का येलो अलर्ट दिया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, चंबा, किन्नौर और लाहौल स्पीति तीन जिलों को छोड़कर अन्य सभी में हीटवेव चल सकती है। शिमला जिला के निचले इलाकों में भी लू चलने की चेतावनी दी गई है। इसे देखते हुए लोगों को सावधानी बरतने की एडवाइजरी जारी की गई है। बारिश नहीं होने और बढ़ते तापमान से लोग बेहाल है। खासकर दिन के वक्त लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे। स्कूली बच्चों को दिन में स्कूल से छुट्टी के बाद घर आते हुए परेशानी झेलनी पड़ रही है। हीटवेव की चेतावनी के बाद ज्यादातर शहरों के तापमान में एक से डिग्री सेल्सियस का ओर उछाल आएगा। प्रदेश के 9 शहरों का पारा पहले ही 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया है। हमीरपुर के नेरी का तापमान 45.3 डिग्री चल रहा है। ऊना का तापमान 43.2 डिग्री, कांगड़ा 41.3 डिग्री, मंडी 40.8 डिग्री, बिलासपुर 42.6 डिग्री, हमीरपुर 41.7 डिग्री, चंबा 40.8 डिग्री, धौलाकुंआ 43.1 डिग्री, बरठी 40.7 डिग्री सेल्सियस हो गया है। नॉर्मल से 7 डिग्री तक ज्यादा हुआ पारा प्रदेश में लंबे ड्राइ स्पेल के कारण तापमान में भारी उछाल आ रहा है। इससे कई शहरों का पारा नॉर्मल से 7 डिग्री तक ज्यादा हो गया। सुंदरनगर के तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 6.7 डिग्री का उछाल आया है। यहां पढ़े किस शहर में नॉर्मल से कितना ज्यादा तापमान प्रदेश में इक्का-दुक्का जगह पर बूंदाबांदी का पूर्वानुमान चिंता इस बात की है कि प्री-मानसून रेन के अभी कोई आसार नजर नहीं आ रहे। हालांकि आज और कल प्रदेश में इक्का-दुक्का जगह पर हल्की बारिश व बूंदाबांदी जरूर हो सकती है। मगर इससे पूरे प्रदेश में गर्मी से राहत के आसार नहीं है। हीटवेव की सूरत में क्या सावधानी बरतें हिमाचल | दैनिक भास्कर
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शिमला में आपदा प्रबंधन विभाग ने लगाई प्रदर्शनी:हिमाचल में लगातार बढ़ रही प्राकृतिक आपदाएं, 2 साल में गई 900 लोगों की जान अंतर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस के मौके पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ राजस्व विभाग द्वारा शिमला के गेयटी थिएटर में “समर्थ 2024” आपदा प्रबंधन जन जागरण अभियान और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसका शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार आपदा से निपटने के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रही है और केंद्र को भी इस पर अध्ययन करने के लिए लेटर लिख चुके हैं। अंतर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस पर शिमला में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ राजस्व विभाग द्वारा अभियान व प्रदर्शनी लगाई गई है। इसके माध्यम से लोगों को आपदा से निपटने के गुण सिखाए जा रहे हैं। क्योंकि हिमाचल प्रदेश बीते 2 सालों से लगातार आपदा से जूझ रहा है। ऐसे में आपदा में नुकसान को कम करने के लिए विभाग लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। “प्राकृतिक आपदा के लिए क्लाइमेट चेंज हो सकता है एक मुख्य कारण”- सीएम सुक्खू
सीएम सूक्खु ने कहा कि पिछली बार हिमाचल प्रदेश ने भयंकर आपदा का सामना किया पूरे प्रदेश ने कभी ऐसी आपदा नही देखी लेकिन सरकार ने जनता के सहयोग से उस पर नियंत्रण पाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बादल फटने की घटनाएं बड़ी है क्लाइमेट चेंज इसका एक बड़ा कारण हो सकता है।
इसकी स्टडी करने को प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को भी पत्र लिखा है और प्रदेश सरकार केके अपने स्तर पर भी प्रयास जारी हैं । अपने स्तर पर आपदा के लिए सरकार ने एक प्रोजेक्ट बनाया है जो करीब 800 करोड़ का है SDRF को मजबूत कर रहे हैं ताकि भविष्य में जो भी आपदा है उसका सामना कर सकें। हिमाचल में दो सालों में प्राकृतिक आपदा में करीब 900 लोगो की गई जान
बता दें कि बीते दो वर्षो से हिमाचल प्रदेश ने बड़ी आपदा का सामना किया है ।वर्ष 2023 में पूरे मानसून के दौरान हिमाचल प्रदेश में 10 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान व 500 से ज्यादा लोग आपदा में काल का ग्रास बने । वहीं साल 2024 में आई आपदा से प्रदेश में 1200 करोड़ से ज्यादा का नुकसान व 340 से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई है।
दिल्ली स्थित हिमाचल भवन कुर्क होने से बचा:सुक्खू सरकार ने ब्याज सहित चुकाए 64 करोड़, हाईकोर्ट ने दिए थे आदेश
दिल्ली स्थित हिमाचल भवन कुर्क होने से बचा:सुक्खू सरकार ने ब्याज सहित चुकाए 64 करोड़, हाईकोर्ट ने दिए थे आदेश हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने नई दिल्ली स्थित हिमाचल की पहचान हिमाचल भवन को कुर्क होने से बचा लिया है। हिमाचल सरकार ने सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी लिमिटेड के पक्ष में ब्याज सहित 64 करोड़ रुपए की रकम जमा करवा दी है। इस संदर्भ में हिमाचल हाईकोर्ट की एकल पीठ ने सेली हाइड्रो पावर कंपनी को ब्याज सहित अपफ्रंट प्रीमियम की रकम वापस लौटाने के आदेश जारी किए थे, अब तय प्रक्रिया के अनुसार यह राशि हाईकोर्ट में सरकार की लंबित अपील में जमा करवाई गई है। 18 दिसंबर को निर्धारित हुई सुनवाई की तारीख
हिमाचल प्रदेश सरकार ने ये तथ्य हाईकोर्ट में अनुपालना याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष रखा। इसके बाद राज्य सरकार ने इस राशि को समय पर अदालत में जमा न करवाने के दोषियों व अधिकारियों से जुड़ी जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए हाईकोर्ट से दो हफ्ते का अतिरिक्त समय मांगा। हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने राज्य सरकार की इस मांग को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई 18 दिसंबर को निर्धारित की। क्या है पूरा मामला?
हिमाचल के लाहौल में 320 मेगावाट के एक हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए टेंडर बुलाए गए थे. सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक कंपनी ने इस प्रोजेक्ट के लिए अपफ्रंट प्रीमियम जमा किया था, लेकिन समय पर ये प्रोजेक्ट आरंभ नहीं हो सका. बाद में कंपनी ने सरकार ने अपफ्रंट प्रीमियम वापस मांगा। मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो वहां से कंपनी के पक्ष में फैसला आया. इसी सिलसिले में अदालत में अनुपालना याचिका भी दाखिल हुई थी. इसी केस में अदालती आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए हाईकोर्ट ने नई दिल्ली में मंडी हाउस स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने के आदेश जारी किए थे। दोषियों का पता लगाना जरूरी
हाईकोर्ट ने सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी लिमिटेड द्वारा ऊर्जा विभाग के खिलाफ दायर अनुपालना याचिका पर सुनवाई के बाद उपरोक्त आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने ऊर्जा विभाग के सचिव को इस बात की तथ्यात्मक जांच करने के आदेश भी दिए थे कि किस विशेष अधिकारी अथवा अधिकारियों की चूक के कारण 64 करोड़ रुपए की रकम 7 फीसदी ब्याज सहित कोर्ट में जमा नहीं की गई है। कोर्ट ने कहा था कि दोषियों का पता लगाना इसलिए जरूरी है, क्योंकि ब्याज को दोषी अधिकारी अधिकारियों/कर्मचारियों से व्यक्तिगत रूप से वसूलने का आदेश दिया जाएगा। कोर्ट ने 15 दिनों की अवधि के भीतर जांच पूरी करने और जांच की रिपोर्ट अगली तारीख को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत के आदेश दिए थे। 7% की ब्याज से 64 करोड़ रुपए वापस करने के निर्देश
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया था कि हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 13 जनवरी 2023 को प्रतिवादियों यानी ऊर्जा विभाग को याचिकाकर्ता कंपनी द्वारा जमा किए गए 64 करोड़ रुपए के अग्रिम प्रीमियम को सात प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज सहित वापस करने का निर्देश दिया था। इस फैसले पर खंडपीठ ने इस शर्त पर रोक लगा दी थी कि यदि प्रतिवादी उपरोक्त राशि कोर्ट में जमा करवाने में असमर्थ रहते हैं, तो अंतरिम आदेश हटा लिए जाएंगे। राशि जमा न करने पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 15 जुलाई 2024 को एकल पीठ के फैसले पर लगाई रोक को हटाने के आदेश जारी किए। 2 हफ्ते में पेश करनी है रिपोर्ट
इन तथ्यों को देखते हुए कोर्ट ने कहा कि चूंकि प्रतिवादी राज्य के पक्ष में कोई अंतरिम आदेश नहीं है, इसलिए कोर्ट के आदेशों को लागू किया जाना जरूरी है। इसलिए भी आदेश लागू करना जरूरी है कि सरकार द्वारा अवॉर्ड राशि जमा करने में देरी से दैनिक आधार पर ब्याज लग रहा है, जिसका भुगतान सरकारी खजाने से किया जाना है। अब राज्य सरकार को कोर्ट के समक्ष रकम को देरी से जमा करवाने वाले अधिकारियों के बारे में दो हफ्ते में रिपोर्ट अदालत में पेश करनी है।
हिमाचल हाईकोर्ट से एचपीटीडीसी को राहत:फिलहाल बंद नहीं होंगे होटल, सशर्त खोलने की मंजूरी, कर्मचारियों ने बांटी मिठाई
हिमाचल हाईकोर्ट से एचपीटीडीसी को राहत:फिलहाल बंद नहीं होंगे होटल, सशर्त खोलने की मंजूरी, कर्मचारियों ने बांटी मिठाई हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की डबल बैंच ने पर्यटन विकास निगम को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट के सिंगल बैंच ने घाटे में चल रहे हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के 18 होटलों को बंद करने का फैसला सुनाया था] जिसे डबल बैंच ने सोमवार को सुनवाई के दौरान पलट दिया। इनमें से 9 होटलों को पहले ही 31 मार्च तक संचालन की सशर्त छूट दे चुका है। अब बाकी बचे 9 होटलों को भी खोलने की मंजूरी दी गई। हाईकोर्ट की डबल बैंच के इस फैसले का बाद हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के होटल कुणाल के कर्मचारियों ने राहत की सांस ली और लड्डू बांटकर खुशी का इजहार किया। खानपान विभाग के मुखिया एवं कैप्टन शशि पल शर्मा ने हाई कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए एचपीटीडीसी प्रबंधन से कोर्ट के निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के साथ ही सुविधाओं में भी इजाफा करने पर ध्यान देना होगा। बता दें कि, बीते शुक्रवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने पर्यटन निगम को थोड़ी राहत जरूर दी थी और 9 होटल को मार्च 2025 तक सशर्त खुले रखने के लिए कहा था, जिसे एचपीटीडीसी प्रबंधन द्वारा कोर्ट में एफिडेविट देने के बाद बदल दिया। जस्टिस विवेक ठाकुर और जस्टिस राकेश कैंथला की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान यह रोक लगाई है। इन 9 होटलों को खुला रखने के दिए आदेश कुणाल धर्मशाला, कश्मीर हाउस धर्मशाला, गीतांजलि डलहौजी, बाघल दाड़लाघाट, एप्पल ब्लॉसम फागू, गिरिगंगा खड़ापत्थर, सरवरी कुल्लू, हिडिंबा कॉटेज मनाली और शिवालिक परवाणू। इन होटलों को बंद करने का सुनाया था फैसला बीते बुधवार को हाईकोर्ट ने एचपीटीडीसी के पैलेस होटल चायल, होटल गीतांजलि डलहौजी, होटल बाघल दाड़लाघाट, होटल धौलाधार धर्मशाला, होटल कुनाल धर्मशाला, होटल कश्मीर हाउस धर्मशाला, होटल एप्पल ब्लॉस्म फागू शिमला, होटल चंद्रभागा, केलंग होटल देवदार खजियार, होटल गिरिगंगा खड़ापत्थर शिमला, होटल मेघदूत क्यारीघाट, होटल सरवरी कुल्लू, होटल लॉग हट्स मनाली, होटल हिडिंबा कॉटेज मनाली, होटल कुंजुम मनाली, होटल भागसू मैक्लोडगंज, होटल दि नग्गर कैसल कुल्लू और होटल शिवालिक परवाणू को बंद रखने का फैसला सुनाया था।