हिमाचल कैबिनेट की मीटिंग आज सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में होगी। इसमें शिक्षा विभाग में टीचरों की ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव और मिड सेशन में इनकी ट्रांसफर पर बैन लग सकता है। कैबिनेट में चर्चा के बाद सरकार इस पर निर्णय ले सकती है। मंत्रिमंडल में यह निर्णय लिया गया तो टीचरों की ट्रांसफर साल में एक बार ही शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले हो सकेगी। हिमाचल में टीचरों की ट्रांसफर हमेशा हर सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण रही है, क्योंकि प्रदेश में शिक्षा विभाग में सबसे ज्यादा कर्मचारी है। इनमें लगभग 60 हजार अकेले टीचर है। मिड सेशन में ट्रांसफर पर बैन लगने से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर नहीं पड़ेगा। स्कूल बंद करने को मिल सकती है मंजूरी कैबिनेट में 700 से ज्यादा मिडल व प्राइमरी स्कूलों को बंद करने और साथ लगती दूसरी पाठशाला में मर्ज करने के फैसला पर मुहर लग सकती है, क्योंकि प्रदेश में 100 स्कूल ऐसे है, जिनमें एक भी बच्चा नहीं है। लगभग 600 स्कूलों में पांच या इससे कम छात्र-छात्राएं पंजीकृत है। इसे देखते हुए कम बच्चों वाले स्कूल भी साथ लगती पाठशाला में मर्ज किए जाने है। जिन क्षेत्रों में दो स्कूल दो से तीन किलोमीटर के दायरे में चल रहे हैं, वहां पर ऐसी पाठशालाओं को मर्ज किया जा सकता है। विधानसभा के मानसून सत्र की तिथि तय हो सकती है मंत्रिमंडल मीटिंग में विधानसभा के मानसून सत्र की तिथि भी तय हो सकती है। विधानसभा का मानसून सत्र 28 अगस्त से पहले बुलाना जरूरी है। कायदे से पिछला सत्र संपन्न होने के छह महीने के भीतर सत्र बुलाना होता है। इसके लिए विधानसभा सचिवालय प्रशासन ने सरकार को प्रस्ताव भेज रखा है। अब कैबिनेट में सत्र की तारीख तय की जा सकती है। पटवारी कानूनगो के स्टेट कॉडर के फैसले को रिव्यू कर सकती है कैबिनेट इसी तरह कैबिनेट में पटवारी और कानूनगो की हड़ताल को देखते हुए इन्हें स्टेट कॉडर बनाने के फैसले पर रिव्यू किया जा सकता है। पिछली कैबिनेट में सरकार ने पटवारी और कानूनगो को स्टेट कॉडर बनाने का निर्णय लिया था। मगर पटवारी-कानूनगो इससे भड़क गए हैं और 11 दिन से इन्होंने ऑनलाइन सेवाएं बंद कर दी है। आज इन्होंने एडिशनल चार्ज वाले पटवार और कानूनगो सर्कल दफ्तरों का काम भी बंद करने का निर्णय लिया है। ऐसे में कैबिनेट में इस निर्णय को रिव्यू किया जा सकता है। HRTC के घाटे वाले बस रूट बंद करने पर हो सकता है फैसला कैबिनेट मीटिंग में आज हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) की रिपोर्ट भी पेश की जा सकती है। इसमें ज्यादा घाटे वाले बस रूट बंद करने को लेकर चर्चा की जा सकती है। देहरा जिला पुलिस में नए पद सृजित करने पर भी फैसला हो सकता है। सेब, आम आदि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के मामले में भी निर्णय लिया जा सकता है। नगर नियोजन नियमों को मंजूरी देने का मामला भी बैठक में भेजा जा रहा है। हिमाचल कैबिनेट की मीटिंग आज सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में होगी। इसमें शिक्षा विभाग में टीचरों की ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव और मिड सेशन में इनकी ट्रांसफर पर बैन लग सकता है। कैबिनेट में चर्चा के बाद सरकार इस पर निर्णय ले सकती है। मंत्रिमंडल में यह निर्णय लिया गया तो टीचरों की ट्रांसफर साल में एक बार ही शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले हो सकेगी। हिमाचल में टीचरों की ट्रांसफर हमेशा हर सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण रही है, क्योंकि प्रदेश में शिक्षा विभाग में सबसे ज्यादा कर्मचारी है। इनमें लगभग 60 हजार अकेले टीचर है। मिड सेशन में ट्रांसफर पर बैन लगने से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर नहीं पड़ेगा। स्कूल बंद करने को मिल सकती है मंजूरी कैबिनेट में 700 से ज्यादा मिडल व प्राइमरी स्कूलों को बंद करने और साथ लगती दूसरी पाठशाला में मर्ज करने के फैसला पर मुहर लग सकती है, क्योंकि प्रदेश में 100 स्कूल ऐसे है, जिनमें एक भी बच्चा नहीं है। लगभग 600 स्कूलों में पांच या इससे कम छात्र-छात्राएं पंजीकृत है। इसे देखते हुए कम बच्चों वाले स्कूल भी साथ लगती पाठशाला में मर्ज किए जाने है। जिन क्षेत्रों में दो स्कूल दो से तीन किलोमीटर के दायरे में चल रहे हैं, वहां पर ऐसी पाठशालाओं को मर्ज किया जा सकता है। विधानसभा के मानसून सत्र की तिथि तय हो सकती है मंत्रिमंडल मीटिंग में विधानसभा के मानसून सत्र की तिथि भी तय हो सकती है। विधानसभा का मानसून सत्र 28 अगस्त से पहले बुलाना जरूरी है। कायदे से पिछला सत्र संपन्न होने के छह महीने के भीतर सत्र बुलाना होता है। इसके लिए विधानसभा सचिवालय प्रशासन ने सरकार को प्रस्ताव भेज रखा है। अब कैबिनेट में सत्र की तारीख तय की जा सकती है। पटवारी कानूनगो के स्टेट कॉडर के फैसले को रिव्यू कर सकती है कैबिनेट इसी तरह कैबिनेट में पटवारी और कानूनगो की हड़ताल को देखते हुए इन्हें स्टेट कॉडर बनाने के फैसले पर रिव्यू किया जा सकता है। पिछली कैबिनेट में सरकार ने पटवारी और कानूनगो को स्टेट कॉडर बनाने का निर्णय लिया था। मगर पटवारी-कानूनगो इससे भड़क गए हैं और 11 दिन से इन्होंने ऑनलाइन सेवाएं बंद कर दी है। आज इन्होंने एडिशनल चार्ज वाले पटवार और कानूनगो सर्कल दफ्तरों का काम भी बंद करने का निर्णय लिया है। ऐसे में कैबिनेट में इस निर्णय को रिव्यू किया जा सकता है। HRTC के घाटे वाले बस रूट बंद करने पर हो सकता है फैसला कैबिनेट मीटिंग में आज हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) की रिपोर्ट भी पेश की जा सकती है। इसमें ज्यादा घाटे वाले बस रूट बंद करने को लेकर चर्चा की जा सकती है। देहरा जिला पुलिस में नए पद सृजित करने पर भी फैसला हो सकता है। सेब, आम आदि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के मामले में भी निर्णय लिया जा सकता है। नगर नियोजन नियमों को मंजूरी देने का मामला भी बैठक में भेजा जा रहा है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल सरकार की गेस्ट-टीचर पॉलिसी पर भड़के बेरोजगार:20 दिसंबर को विधानसभा का करेंगे घेराव; आर-पार की लड़ाई की चेतावनी; पक्की नौकरी की मांग हिमाचल कैबिनेट ने सरकारी स्कूलों में पीरियड आधार पर गेस्ट-टीचर भर्ती करने का फैसला लिया है। इससे राज्य के शिक्षित बेरोजगार भड़क उठे हैं। प्रशिक्षित बेरोजगारों ने देर रात तक वर्चुअल मीटिंग करके सरकार के इस फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरने का फैसला लिया। हिमाचल के प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण ने बताया कि 20 दिसंबर को प्रदेशभर के प्रशिक्षित बेरोजगार धर्मशाला के तपोवन में विधानसभा का घेराव करेंगे। उन्होंने बताया कि केंद्र की BJP सरकार ने सेना में अग्निवीर भर्ती योजना लाकर युवाओं के साथ धोखा किया और अब हिमाचल की कांग्रेस सरकार शिक्षक वीर भर्ती करके उनके साथ धोखा कर रही है। प्राइमरी स्कूलों में गेस्ट-टीचर को 200 रुपए प्रति पीरियड बता दें कि सुक्खू कैबिनेट ने गेस्ट टीचर पॉलिसी को मंजूरी दे दी दी है। इसके तहत प्राइमरी स्कूलों में गेस्ट-टीचर को 200 रुपए प्रति पीरियड, अपर-प्राइमरी में 250 रुपए, सीनियर सेकेंडरी में 400 रुपए और कालेज में 500 रुपए प्रति पीरियड के हिसाब से टीचर को पैसे दिए जाएंगे। दावा किया जा रहा है कि जब रेगुलर टीचर आएगा तो इन्हें हटा दिया जाएगा। लाइब्रेरी में पढ़ते हुए बूढ़ा हो रहा बेरोजगार: बालकृष्ण बालकृष्ण ने बताया कि प्रदेश के 8 लाख से ज्यादा युवा लाइब्रेरी में पढ़ाई करते हुए बूढ़ा हो रहा है, ताकि रेगुलर नौकरी पा सके। मगर कांग्रेस सरकार रेगुलर के बजाय आउटसोर्स माध्यम से नौकरी देकर युवाओं के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार के इस निर्णय का विरोध किया जाएगा और इसके खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी। कोर्ट ने कई बार कमीशन के माध्यम से रेगुलर टीचर भर्ती करने के आदेश दिए। मगर किसी भी सरकार ने इन आदेशों की परवाह नहीं की। इस तरह की अस्थाई भर्तियांभाई-भतीजावाद के आधार पर की जाती रही है। बाद में एसएमसी को छोड़कर अन्य सभी कैटेगिरी के लिए सरकार ने पॉलिसी भी बनाई और इन्हें रेगुलर भी किया। अब नई पॉलिसी लाकर युवाओं से ठगने की तैयारी अब इसी तरह की अस्थाई पॉलिसी लाकर गेस्ट-टीचर रखने की तैयारी है। ऐसी पॉलिसी के तहत नियुक्ति पढ़े लिखे उन बेरोजगारों के साथ धोखा है, जो सालों से सरकारी नौकरी के लिए कमिशन की तैयारी कर रहे हैं। हर साल 1 लाख नौकरी का वादा, 2 साल में 4500 को नौकरी दे पाई हिमाचल में हर साल 1 लाख नौकरी देने का वादा करके कांग्रेस सत्ता में आई थी। प्रशिक्षित बेरोजगार यूनियन की माने तो 2 साल में लगभग 4500 लोगों को ही पक्की नौकरी दे पाई है। इनमें लगभग 1560 पद कमीशन के माध्यम से भरे गए हैं। ज्यादातर पदों पर पूर्व सरकार के कार्यकाल में भर्तियां शुरू हो गई थी। कांग्रेस सरकार ने बैच वाइज कोटे से JBT के 2800 पद भरे है। कांग्रेस सरकार का दावा है कि 30 हजार से ज्यादा पदों पर नौकरियां दे दी गई है। मगर इनमें अधिकांश नौकरियां आउटसोर्स व पार्ट टाइम है। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस आउटसोर्स भर्तियां बंद करने के दावे करती रही। मगर सत्ता मिलने के बाद कांग्रेस भी पूर्व सरकार के रास्ते पर चल पड़ी। अब आउटसोर्स के साथ साथ नाममात्र मानदेय पर टेंपरेरी जॉब, वन मित्र, गेस्ट टीचर, मल्टी टास्क वर्कर या फिर आउटसोर्स जैसी अस्थाई भर्तियां करके उन युवाओं को ठगा जा रहा है, जो सालों से लाइब्रेरी में बैठकर कमीशन की तैयारी कर रहे हैं। कैबिनेट ने 6000 से ज्यादा पद मंजूर कर रखे हिमाचल कैबिनेट ने अकेले शिक्षा विभाग में 6000 से ज्यादा पद भरने को स्वीकृति जरूर दे रखी है। मगर दो साल से भर्ती तो दूर इन पदों को विज्ञापित भी नहीं किया जा रहा।
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चंबा में पंचायत सचिव पर 25 हजार का जुर्माना:राज्य सूचना आयुक्त ने दिया आदेश; RTI में मांगी सूचना की नहीं दी जानकारी चंबा जिले में RTI के तहत मांगी गई जानकारी न देना पर विकास खंड मैहला के पंचायत सचिव पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना राज्य मुख्य सूचना आयुक्त आरडी धीमान ने लगाया है। RTI कार्यकर्ता भगत राम ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6 (1) के तहत निर्माण कार्य नहर ब्रहमाणी से गांव टिक्कर के लिए जारी किए मस्टर रोल के बारे में 4 फरवरी 2022 को सूचना मांगी। RTI अधिनियम 2005 की धारा 7(1) के तहत यह सूचना उन्हें 30 दिन के भीतर प्रदान करनी अनिवार्य थी। लेकिन, लोक सूचना अधिकारी एवं पंचायत सचिव ने यह जानकारी उन्हें निर्धारित समय पर नहीं दी। आग्रह करने पर भी नहीं दी जानकारी इसके बारे में आरटीआई कार्यकर्ता ने लोक सूचना अधिकारी एवं पंचायत सचिव के मोबाइल नंबर के वॉट्सऐप नंबर पर मैसेज कर उन्हें जानकारी मुहैया करवाने को लेकर आग्रह किया। इसके बाद भी उन्हें कोई सूचना नहीं मिल पाई। इसके बाद RTI कार्यकर्ता ने पहली अपील विकास खंड अधिकारी मैहला के पास की और उनसे आग्रह किया कि लोक सूचना अधिकारी एवं पंचायत सचिव को निर्देश जारी किए जाएं कि वह मांगी गई जानकारी जल्द मुहैया करवाएं। राज्य सूचना आयोग में की अपील इस पर विकास खंड अधिकारी ने अपील की सुनवाई के लिए 23 अगस्त 2022 की तिथि तय की। लेकिन, उस दिन किसी कारणों के चलते सुनवाई नहीं हो पाई। इसके बाद आगामी तिथि के दिन सुनवाई के दौरान पंचायत कर्मी को जानकारी मुहैया करवाने को लेकर निर्देश दिए गए। बावजूद इसके भी जानकारी प्रदान न करने पर RTI कार्यकर्ता ने दूसरी अपील हिमाचल प्रदेश राज्य सूचना आयोग में कर दी।