हिमाचल प्रदेश पुलिस ने अवैध ड्रग व्यापार के खिलाफ बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है। राज्य में पहली बार 42 टीमों ने एक साथ 42 स्थानों पर छापेमारी की और बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ जब्त किए। इस कार्रवाई के दौरान 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने NDPS एक्ट के तहत 4 मामले और एक्साइज एक्ट के तहत 4 केस दर्ज किए। NDPS एक्ट के तहत 5 किलोग्राम पोपी हस्क और 25 ग्राम हेरोइन जब्त की गई, जबकि एक्साइज एक्ट में 57 लीटर अवैध शराब जब्त की गई। इन जगह चलाया अभियान पुलिस द्वारा यह कार्रवाई 15 सितंबर को कांगड़ा, नूरपुर, चंबा, ऊना और बिलासपुर जिला में की गई। कांगड़ा जिला में 8 जगह, नूरपुर पुलिस जिला में 10, चंबा में 7, ऊना में 6 और बिलासपुर में 11 स्थानों पर पुलिस ने एक साथ रेड की। 3 वाहन भी कब्जे में लिए इस दौरान पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल 3 वाहन भी कब्जे में लिए। इस कार्रवाई के दौरान एक संदिग्ध का घर सरकारी भूमि पर पाया गया, इसे लेकर आगामी कार्रवाई के लिए स्थानीय प्रशासन को सूचित कर दिया गया है। अब डिजिटल उपकरणों की जांच में जुटी पुलिस प्रदेश पुलिस अब की विशेष टीम अब तलाशी के दौरान जब्त डिजिटल उपकरणों और अन्य सामग्रियों की जांच में जुट गई है, ताकि इस अवैध कारोबार के आगामी एवं प्रतिगामी संबंधों का पता लगाया जा सके और प्रमुख अपराधियों की संपत्तियों का पता लगाया जा सके। मोबाइल फोरेंसिक जांच के परिणामों को भी गहराई से देखा जाएगा। नशा तस्करों पर शिकंजा कसने को कार्रवाई इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य मादक पदार्थों की जब्ती और बड़े तस्करी तंत्र को खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण सबूत जुटाना, प्रमुख संचालकों की पहचान करना और उनकी संपत्तियों का पता लगाना था। हिमाचल प्रदेश पुलिस ने अवैध ड्रग व्यापार के खिलाफ बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है। राज्य में पहली बार 42 टीमों ने एक साथ 42 स्थानों पर छापेमारी की और बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ जब्त किए। इस कार्रवाई के दौरान 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने NDPS एक्ट के तहत 4 मामले और एक्साइज एक्ट के तहत 4 केस दर्ज किए। NDPS एक्ट के तहत 5 किलोग्राम पोपी हस्क और 25 ग्राम हेरोइन जब्त की गई, जबकि एक्साइज एक्ट में 57 लीटर अवैध शराब जब्त की गई। इन जगह चलाया अभियान पुलिस द्वारा यह कार्रवाई 15 सितंबर को कांगड़ा, नूरपुर, चंबा, ऊना और बिलासपुर जिला में की गई। कांगड़ा जिला में 8 जगह, नूरपुर पुलिस जिला में 10, चंबा में 7, ऊना में 6 और बिलासपुर में 11 स्थानों पर पुलिस ने एक साथ रेड की। 3 वाहन भी कब्जे में लिए इस दौरान पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल 3 वाहन भी कब्जे में लिए। इस कार्रवाई के दौरान एक संदिग्ध का घर सरकारी भूमि पर पाया गया, इसे लेकर आगामी कार्रवाई के लिए स्थानीय प्रशासन को सूचित कर दिया गया है। अब डिजिटल उपकरणों की जांच में जुटी पुलिस प्रदेश पुलिस अब की विशेष टीम अब तलाशी के दौरान जब्त डिजिटल उपकरणों और अन्य सामग्रियों की जांच में जुट गई है, ताकि इस अवैध कारोबार के आगामी एवं प्रतिगामी संबंधों का पता लगाया जा सके और प्रमुख अपराधियों की संपत्तियों का पता लगाया जा सके। मोबाइल फोरेंसिक जांच के परिणामों को भी गहराई से देखा जाएगा। नशा तस्करों पर शिकंजा कसने को कार्रवाई इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य मादक पदार्थों की जब्ती और बड़े तस्करी तंत्र को खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण सबूत जुटाना, प्रमुख संचालकों की पहचान करना और उनकी संपत्तियों का पता लगाना था। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में 16वें वित्त आयोग की टीम:सीएम-मंत्री और अधिकारियों से चल रही मीटिंग; फाइनांस कमीशन की रिपोर्ट पर निर्भर करेगी प्रदेश की आर्थिक सेहत
हिमाचल में 16वें वित्त आयोग की टीम:सीएम-मंत्री और अधिकारियों से चल रही मीटिंग; फाइनांस कमीशन की रिपोर्ट पर निर्भर करेगी प्रदेश की आर्थिक सेहत 16वां वित्त आयोग की टीम तीन दिन के हिमाचल दौरे पर है। चेयरमैन डा. अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में प्रदेश पहुंची वित्त आयोग की टीम आज हिमाचल के मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों, विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ शिमला के पीटरहॉफ में मीटिंग कर रही है। इस कमीशन की रिपोर्ट पर हिमाचल सरकार की आर्थिक सेहत निर्भर करेगी। मुख्यमंत्री सहित उनके कैबिनेट मंत्री वित्तीय स्थिति को लेकर प्रेजेंटेशन दे रहे हैं। इसके जरिए सरकार 2026 से पांच साल के लिए ज्यादा से ज्यादा राजस्व अनुदान घाटा ग्रांट लेने का प्रयास कर रही है। फाइनेंस कमीशन विपक्षी दल के साथ साथ शहरी निकाय और पंचायत जनप्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेगा। इसके बाद यह टीम आगामी पांच सालों के लिए आर्थिक मदद को लेकर एक रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपेगी। पहली अप्रैल 2026 से वित्त आयोग की सिफारिशें लागू होगी। इन्हीं सिफारिशों के तहत राज्य को राजस्व का वितरण होता है। राज्य सरकार के लिए इस समय रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट को बचाना चुनौती है। यदि हिमाचल सरकार अपनी वित्तीय जरूरतें फाइनांस कमीशन के सामने सही तरीके से दिखा गई, तो 2026 के बाद अगले पांच साल आराम से निकल सकते हैं। सरकार की राजस्व प्राप्तियां और राजस्व खर्चों के अंतर को सही तरीके से प्रस्तुत नहीं किया गया, तो अगले पांच साल मुश्किल हो जाएंगे। इसमें सबसे बड़ी वजह अभी ओल्ड पेंशन देने का फैसला दिख रहा है। 26 से बढ़कर 30% हुआ कर्मचारियों की सैलरी पर खर्च इससे पहले 15वें वित्त आयोग ने हिमाचल सरकार को अपनी प्रतिबद्ध देनदारी कम करने को कहा था, लेकिन वेतन की अदायगी और कुछ चुनावी फैसलों के कारण कर्मचारियों की सैलरी पर खर्च होने वाला पैसा 26 फीसदी से बढ़कर 30 फीसदी तक पहुंच गया है। राज्य सरकार ने ओल्ड पेंशन (OPS) देने का भी निर्णय कर लिया। इससे 16वें वित्त आयोग की अवधि में पेंशन देनदारी ओर बढ़ेगी। इसलिए फाइनांस कमीशन के सामने सरकार को इस फैसले की जरूरत को प्रदर्शित करना होगा। 15वें वित्त आयोग ने दिए थे 81977 करोड़ 15वें वित्त आयोग ने हिमाचल को कुल 81977 करोड़ रुपए पांच साल के लिए दिए थे। इसमें से 37200 करोड़ रिवेन्यू डिफिसिट ग्रांट के तौर पर थे। फाइनांस कमीशन ने इस पांच साल की अवधि के लिए राजस्व घाटा अनुदान (RDG) को साल दर साल कम कर दिया था। यदि औसत राशि देखें तो हर महीने 620 करोड़ ही RDG के तौर पर मिल रहे हैं। राज्य सरकार कर्मचारियों को जो सैलरी देती है, उसमें एक बड़ा हिस्सा इसी ग्रांट का है। प्रदेश को 7000 करोड़ सालाना RGD की जरूरत यदि इस साल के राज्य सरकार के बजट की बात करें, तो राजस्व घाटा अनुदान 4514 करोड़ रुपए है, जबकि वित्तीय घाटा 10784 करोड़ हो गया है। अगले वित्त वर्ष में राजस्व घाटा 7127 करोड़ का होगा, लेकिन इससे अगले साल यानी 2026-27 के वर्ष में राज्य सरकार को राजस्व घाटा अनुदान के तौर पर ही 7000 करोड़ से ज्यादा वार्षिक तौर पर चाहिए। इस जरूरत को सिर्फ फाइनांस कमीशन ही पूरा कर सकता है। राज्य सरकार की ओर से अब तक राजस्व बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों का ज्यादा अच्छा रिजल्ट नहीं मिला है। फाइनेंस कमीशन की टीम में ये सदस्य डॉ. अरविंद पनगढ़िया की अध्यक्षता में वित्त आयोग की 13 सदसीय टीम हिमाचल आई है। इनमें से सदस्य डा. मनोज पांडा, अजय नारायण झा, एन जॉर्ज मैथ्यू, डा. सौम्या क्रांति घोष, सचिव रित्विक पांडे, संयुक्त सचिव राहुल जैन, संयुक्त निदेशक अमरूथा, मानस बाजपेयी, सहायक निदेशक कुलदीप सिंह मीणा, सहायक निदेशक आनंद कुमार और निजी सचिव कुमार विवेक शामिल है।
हरियाणा की एकेडमी की लड़कियां अमेरिका में चैंपियन:पार्थवी ने एथलेटिक्स छोड़ बॉक्सिंग चुनी; हिमाचल की वंशिका बोलीं- ओलिंपिक मेडल लक्ष्य
हरियाणा की एकेडमी की लड़कियां अमेरिका में चैंपियन:पार्थवी ने एथलेटिक्स छोड़ बॉक्सिंग चुनी; हिमाचल की वंशिका बोलीं- ओलिंपिक मेडल लक्ष्य अमेरिका के कोलोराडो में आयोजित अंडर-19 विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में हरियाणा स्थित एकेडमी के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। इस प्रतियोगिता में भारतीय खिलाड़ियों ने 2 गोल्ड, 5 सिल्वर और 3 ब्रोंज मेडल जीते। प्रतियोगिता के बाद जब खिलाड़ी देश लौटे तो उनका स्वागत किया गया। इस मौके पर दैनिक भास्कर ने स्वर्ण पदक जीतने वाली दोनों खिलाड़ियों वंशिका गोस्वामी और पार्थवी ग्रेवाल से बात की। उनका कहना है कि उनका लक्ष्य अब ओलिंपिक में मेडल जीतना है। इसके लिए वे कड़ा अभ्यास भी कर रही हैं। वंशिका बताती हैं कि उन्होंने पिता का सुझाव मानकर पढ़ाई के साथ खेल को चुना था। वहीं, पार्थवी का कहना है कि उन्हें दौड़ना पसंद नहीं था, इसलिए उन्होंने बॉक्सिंग चुनी। आज वह वर्ल्ड चैंपियन बनी हैं। दोनों चैंपियन फिलहाल रोहतक स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) में अभ्यास कर रही हैं। दोनों चैंपियनों से बातचीत के मुख्य अंश… हिमाचल की रहने वाली बॉक्सर वंशिका गोस्वामी प्रश्न : कितने समय से ट्रेनिंग ले रही हैं?
वंशिका गोस्वामी : यहां पर बॉक्सिंग करते हुए मुझे 6 महीने हुए हैं। बहुत अच्छी प्रैक्टिस होती है यहां। इस वजह से मेरा गोल्ड मेडल आया है। प्रश्न : वर्ल्ड चैंपियनशिप में क्या सीखने को मिला?
वंशिका गोस्वामी : बहुत अच्छा अनुभव था। जितने भी वहां खिलाड़ी आए थे, वे अपने देश के चैंपियन थे। उनके साथ हमारी बाउट हुई और हमने इंटरनेशनल प्रदर्शन किया और देश का नाम रोशन किया। प्रश्न : कितने समय पहले खेलना शुरू किया था?
वंशिका गोस्वामी : मुझे करीब डेढ़ साल हुआ है बॉक्सिंग करते हुए। प्रश्न : बॉक्सिंग ही क्यों चुना?
वंशिका गोस्वामी : मेरे पापा ने मुझे सुझाव दिया था कि पढ़ाई के साथ-साथ कुछ गेम खेलो। मैंने बॉक्सिंग को चुना। प्रश्न : डेढ़ साल के दौरान कैसा अनुभव रहा और क्या उपलब्धि रही?
वंशिका गोस्वामी : मेरा वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है। प्रश्न : 2028 ओलिंपिक के लिए क्या तैयारी करेंगी और कितना समय अभ्यास करती हैं?
वंशिका गोस्वामी : हम यहां पर 2 घंटे सुबह और 2 घंटे शाम को प्रैक्टिस करते हैं। कभी-कभी दोपहर को भी हमें प्रैक्टिस के लिए बुलाते हैं। यहां की हेड कोच अमनप्रीत कौर बहुत अच्छा सिखाती हैं। आगे भी हम अच्छी प्रैक्टिस करेंगे, जिससे कि ओलिंपिक में गोल्ड मेडल आए। प्रश्न : दूसरी खिलाड़ियों को क्या संदेश देना चाहेंगी?
वंशिका गोस्वामी : यही बोलना चाहती हूं कि खेलिए, आगे बढ़िए और देश का नाम रोशन करिए। राजस्थान की रहने वाली बॉक्सर पार्थवी ग्रेवाल प्रश्न : चैंपियनशिप का कैसा अनुभव रहा?
पार्थवी ग्रेवाल : अंडर-19 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। बहुत ज्यादा अच्छा अनुभव था। बहुत सारी यूरोपियन कंट्री के चैंपियन आए थे। उनके साथ खेलकर बहुत अच्छा लगा। एक नया अनुभव मिला और नई जगह जाने का मौका मिला। प्रश्न : आगे का क्या लक्ष्य है?
पार्थवी ग्रेवाल : आगे का लक्ष्य 2026 में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम और एशियन गेम के लिए तैयारी करना है। वहां भारत का नाम रोशन करना चाहूंगी। साथ ही ओलिंपिक में भी भारत को मेडल दिलाना चाहूंगी। प्रश्न : कितने समय से बॉक्सिंग की प्रैक्टिस कर रही हैं?
पार्थवी ग्रेवाल : बॉक्सिंग की प्रैक्टिस करते हुए 5 साल हो गए हैं। SAI में 2 साल हो गए अभ्यास करते हुए। प्रश्न : आपने बॉक्सिंग ही क्यों चुना?
पार्थवी ग्रेवाल : पहले कई खेल बदले हैं। जैसे स्वीमिंग हो चुका, बास्केटबॉल हो चुका, एथेलटिक्स हो चुका है। मेरे पिता भी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुके हैं और उन्होंने कई मेडल जीत रखे हैं। वह चाहते थे कि मैं एथलेटिक्स करूं, लेकिन मेरी भागने में कोई रुचि नहीं थी। मुझे बॉक्सिंग बहुत अच्छी लगती थी, तो बॉक्सिंग चुनी। प्रश्न : प्रैक्टिस को कितना समय देते हैं?
पार्थवी ग्रेवाल : हमारा काम प्रैक्टिस करना है। हमारे कोच प्रैक्टिस करवाते हैं। 2 घंटे सुबह और 2 घंटे शाम को हम प्रैक्टिस करते हैं। प्रश्न : दूसरी खिलाड़ियों को क्या संदेश देंगी?
पार्थवी ग्रेवाल : मैं सभी खिलाड़ियों से यही कहना चाहूंगी कि ग्रो करें और सब आगे बढ़ें। आपको कोई नहीं रोक सकता।
लोकसभा चुनाव के इम्तिहान में CM समेत 8 मंत्री फेल:डिप्टी सीएम-शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर बने “हीरो’; बोर्ड-निगमों की फौज भी काम नहीं आई
लोकसभा चुनाव के इम्तिहान में CM समेत 8 मंत्री फेल:डिप्टी सीएम-शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर बने “हीरो’; बोर्ड-निगमों की फौज भी काम नहीं आई हिमाचल प्रदेश में सुक्खू कैबिनेट के 7 मंत्री लोकसभा चुनाव की परीक्षा में फेल हुए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी इस परीक्षा को पास नहीं कर पाए। CM समेत 8 मंत्री अपने-अपने विधानसभा हलकों से पार्टी प्रत्याशी को लीड नहीं दिला पाए। नतीजा यह है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस का सुपड़ा साफ हो गया। ऊना जिला के हरोली विधानसभा से विधायक व प्रदेश सरकार में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, किन्नौर से विधायक व बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर तीन मंत्री ही इस परीक्षा में पास हुए हैं। मुकेश समेत दो मंत्रियों का कद ऊंचा लोकसभा चुनाव के नतीजों से मुकेश अग्निहोत्री का कद ऊंचा हुआ है। क्योंकि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र से पार्टी कैंडिडेट सतपाल रायजादा को लीड दिलाई है। साथ ही अपने गृह जिला ऊना की दो विधानसभा सीटों कुटलैहड़ और गगरेट के उपचुनाव में भी कांग्रेस की जीत हुई है। CM के हलके से अनुराग को 2153 की लीड मुख्यमंत्री सुक्खू के नादौन हलके से बीजेपी के अनुराग ठाकुर 2153 से ज्यादा मतों की लीड ले गए। इसी संसदीय सीट पर टीसीपी मिनिस्टर राजेश धर्माणी भी बिलासपुर के घुमारवीं हलके से पार्टी कैंडिडेट को बढ़त नहीं दिला सके। धर्माणी के हलके से अनुराग को 13753 की लीड मिली। हैरानी इस बात की है कि सत्तपाल रायजादा अपने विधानसभा क्षेत्र ऊना से खुद बी लीड नहीं ले सके और उनके विधानसभा में बीजेपी प्रत्याशी ने 326 मतों की बढ़त ली है। इससे अनुराग ठाकुर की जीत की राह आसान हो गई और करीब पौने दो लाख मतों के अंतर से चुनाव जीत गए। शिमला सीट पर मंत्री रोहित ने दिलाई लीड कमोबेश यही हाल शिमला संसदीय क्षेत्र में भी है। इस सीट से सुक्खू सरकार में पांच कैबिनेट मंत्री, तीन CPS सहित कैबिनेट रैंक वाले नेताओं की लंबी-चौड़ी लिस्ट है। मगर रोहित ठाकुर को छोड़कर सब अपने अपने चुनाव क्षेत्र में पिट गए। कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी जो अभी कसौली से विधायक है, वह भी अपने कसोली विधानसभा से लीड नहीं ले सके। शिमला सीट पर ये मंत्री नाकाम शिमला संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत शिलाई के विधायक व मंत्री हर्षवर्धन चौहान, सोलन के धनीराम शांडिल, जुब्बल कोटखाई के रोहित ठाकुर, शिमला ग्रामीण के विक्रमादित्य सिंह और कसुम्पटी के विधायक अनिरुद्ध सिंह सुक्खू कैबिनेट में मंत्री है। इनमें से केवल रोहित ठाकुर के जुब्बल कोटखाई विधानसभा से 5937 वोट की लीड कांग्रेस ले पाई है। शिलाई से बीजेपी को 2317 वोट की बढ़त, सोलन से 5016, शिमला ग्रामीण से 6448 और कसुम्पटी से 6039 वोट की लीड मिली है। हालांकि विक्रमादित्य सिंह अपने चुनाव की वजह से शिमला ग्रामीण में प्रचार नहीं कर पाए। मगर दूसरे मंत्री तो अपने अपने चुनाव क्षेत्र में डटे रहे। फिर भी लीड नहीं दिला सके। यह लीड संबंधित क्षेत्र के लोकप्रियता और सरकार की जनता में लोकप्रियता को दर्शाता है। मंडी सीट पर मंत्री जगत नेगी ने दिलाई 8562 वोट की लीड अब बात करेंगे मंडी लोकसभा सीट की। इस सीट से सुक्खू सरकार में किन्नौर से इकलौते मंत्री जगत सिंह नेगी है। किन्नौर से कांग्रेस को 8562 वोट की लीड मिली है। किन्नौर के अलावा मंडी संसदीय हलके के तीन अन्य विधानसभा आनी, लाहौल स्पीति और रामपुर से भी कांग्रेस को बढ़त मिली है। रामपुर विक्रमादित्य सिंह का घर है। आनी और लाहौल स्पीति में विक्रमादित्य की अपनी और पार्टी वर्कर की मेहनत से लीड मिली है। कांगड़ा की एक भी विधानसभा से कांग्रेस को बढ़त नहीं कांगड़ा संसदीय सीट ऐसी है जहां 17 में से एक भी विधानसभा सीट पर कांग्रेस को बढ़त नहीं मिली, जबकि सुक्खू सरकार में कांगड़ा के ज्वाली से कृषि मंत्री चंद्र कुमार, जयसिंहपुर से यादवेंद्र गोमा आयुष मंत्री है। ज्वाली से बीजेपी को 12640 वोट और जयसिंहपुर से 8833 वोट की बढ़त मिली है। इसी तरह फतेहपुर से विधायक भवानी सिंह पठानिया, नगरोटा के विधायक आरएस बाली, शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया को कैबिनेट रैंक और जिले से दो सीपीए है। मगर कोई भी नेता कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा को लीड नहीं दिला सका। हिमाचल में सीएम समेत 11 मंत्री फेल प्रदेश में सीएम व डिप्टी सीएम समेत 11 मंत्री, छह मुख्य संसदीय सचिव के साथ साथ बोर्ड निगमों में एक दर्जन से ज्यादा नेताओं की ताजपोशी और करीब एक दर्जन को मुख्यमंत्री ने कैबिनेट रैंक दे रखे है। 8 मंत्रियों के अलावा पांच CPS दून से रामकुमार, कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, पालमपुर से आशीष बुटेल, बैजनाथ से किशोरी लाल और अर्की से संजय अवस्थी भी लोकसभा चुनाव में अपने हलकों से कांग्रेस प्रत्याशियों को लीड नहीं दिला सके। सीपीएस में केवल एमएल ब्राक्टा ही अपने रोहड़ू विधानसभा से लीड दिलाने में कामयाब रहे हैं।