हिमाचल प्रदेश भाजपा के बाद कांग्रेस कल राजभवन मार्च करेगी। प्रदेश कांग्रेस नेता कल गौतम अडानी और भाजपा गठजोड़, मणिपुर हिंसा जैसे मुद्दों को लेकर राजभवन मार्च करने जा रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के नेतृत्व में यह मार्च निकाला जाएगा। प्रतिभा सिंह ने कहा डेढ़ साल से मणिपुर राज्य हिंसा की आग में जल रहा है, वहां पर महिलाओं के खिलाफ बलात्कार, गोलीबारी और अराजकता का माहौल बना हुआ है। इस हिंसा में कई लोगों की जान जा चुकी है। मणिपुर के लोग बेटियों के भविष्य को लेकर चिंतित है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेढ़ साल से मणिपुर का दौर तक करना उचित नहीं समझा। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री को इसकी कोई चिंता नहीं हैं। प्रधानमंत्री को केवल अडानी की चिंता: कांग्रेस प्रतिभा ने कहा कि प्रधानमंत्री केवल गौतम अडानी और उनके सहयोगियों की चिंता है। अमेरिकी न्याय विभाग की ओर से लगाए गए आरोपों ने भाजपा अडानी गठजोड़ के भ्रष्टाचार, छल, धोखाधड़ी की कथित जालसाजी का पर्दाफाश किया है। उन्होंने कहा सस्ते कोयले को आयातित करके भारत में कोयले की कीमत बढ़ाकर बताई गई, जिसके बाद बिजली के दाम बढ़ने से इसका सीधा असर आमउपभोक्ताओं पर पड़ा। एक व्यक्ति को अमीर बनाने की कीमत पूरा देश चुका रहा है। महंगाई-बेरोजगारी जैसे मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रही केंद्र सरकार: प्रतिभा प्रतिभा सिंह ने बताया कि देश में महंगाई, महिलाओं प्रति अपराध, बेरोजगारी निरंतर बढ़ रही है। इन मुद्दों पर केंद्र सरकार ध्यान नहीं दे रही। इसे देखते हुए कांग्रेस पार्टी रोष स्वरूप आज राजभवन मार्च करेगी और राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपेगी। कांग्रेस के राजभवन मार्च में पार्टी के सभी पूर्व पदाधिकारियों के अलावा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव व प्रदेश मामलों के सह-प्रभारी चेतन चौहान व विदित चौधरी विशेष तौर पर शिरकत करेंगे। हालांकि विधानसभा के शीत सत्र की वजह से कांग्रेस के विधायक इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे। हिमाचल प्रदेश भाजपा के बाद कांग्रेस कल राजभवन मार्च करेगी। प्रदेश कांग्रेस नेता कल गौतम अडानी और भाजपा गठजोड़, मणिपुर हिंसा जैसे मुद्दों को लेकर राजभवन मार्च करने जा रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के नेतृत्व में यह मार्च निकाला जाएगा। प्रतिभा सिंह ने कहा डेढ़ साल से मणिपुर राज्य हिंसा की आग में जल रहा है, वहां पर महिलाओं के खिलाफ बलात्कार, गोलीबारी और अराजकता का माहौल बना हुआ है। इस हिंसा में कई लोगों की जान जा चुकी है। मणिपुर के लोग बेटियों के भविष्य को लेकर चिंतित है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेढ़ साल से मणिपुर का दौर तक करना उचित नहीं समझा। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री को इसकी कोई चिंता नहीं हैं। प्रधानमंत्री को केवल अडानी की चिंता: कांग्रेस प्रतिभा ने कहा कि प्रधानमंत्री केवल गौतम अडानी और उनके सहयोगियों की चिंता है। अमेरिकी न्याय विभाग की ओर से लगाए गए आरोपों ने भाजपा अडानी गठजोड़ के भ्रष्टाचार, छल, धोखाधड़ी की कथित जालसाजी का पर्दाफाश किया है। उन्होंने कहा सस्ते कोयले को आयातित करके भारत में कोयले की कीमत बढ़ाकर बताई गई, जिसके बाद बिजली के दाम बढ़ने से इसका सीधा असर आमउपभोक्ताओं पर पड़ा। एक व्यक्ति को अमीर बनाने की कीमत पूरा देश चुका रहा है। महंगाई-बेरोजगारी जैसे मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रही केंद्र सरकार: प्रतिभा प्रतिभा सिंह ने बताया कि देश में महंगाई, महिलाओं प्रति अपराध, बेरोजगारी निरंतर बढ़ रही है। इन मुद्दों पर केंद्र सरकार ध्यान नहीं दे रही। इसे देखते हुए कांग्रेस पार्टी रोष स्वरूप आज राजभवन मार्च करेगी और राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपेगी। कांग्रेस के राजभवन मार्च में पार्टी के सभी पूर्व पदाधिकारियों के अलावा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव व प्रदेश मामलों के सह-प्रभारी चेतन चौहान व विदित चौधरी विशेष तौर पर शिरकत करेंगे। हालांकि विधानसभा के शीत सत्र की वजह से कांग्रेस के विधायक इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में डॉक्टरों की हड़ताल का स्वास्थ्य सेवाओं पर असर:मेडिकल कालेज में ओपीडी में नहीं बैठे चिकित्सक, हड़ताल पर फैसला जल्द
हिमाचल में डॉक्टरों की हड़ताल का स्वास्थ्य सेवाओं पर असर:मेडिकल कालेज में ओपीडी में नहीं बैठे चिकित्सक, हड़ताल पर फैसला जल्द हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कालेज एवं अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर की हड़ताल का स्वास्थ्य सेवाओं पर आंशिक असर देखने को मिल रहा है। मेडिकल कालेज में रेजिडेंट डॉक्टर कोलकाता की घटना के विरोध में हड़ताल पर हैं। इससे कई ओपीडी में आज डॉक्टर नहीं मिल रहे। राहत की बात यह है कि कंसल्टेंट (सीन्ड्यूटी डॉक्टर) ड्यूटी पर है और रोज की तरह मरीजों को देख रहे हैं। मेडिकल कालेज के अलावा अन्य अस्पतालों में सुचारू रूप से ओपीडी चल रही है। हालांकि देश में हालांकि देश में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने जरूर हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया है। मगर हिमाचल के रेजिडेंट डॉक्टर आज भी हड़ताल पर डटे हैं। हिमाचल प्रदेश की जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन भी जल्द हड़ताल जारी रखने या ख़त्म करने को लेकर फैसला लेगी। रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के पदाधिकारी शिखिन सोनी ने बताया कि मीटिंग शुरू हो गई है। इसमें हड़ताल को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। कोलकाता में डॉक्टर से रेप-मर्डर के बाद मचा बवाल दरअसल, कोलकाता में महिला चिकित्सक के साथ रेप के बाद हत्या को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ। इसके बाद हिमाचल प्रदेश में भी रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। इसका ज्यादा असर आईजीएमसी शिमला, मेडिकल कॉलेज नेरचौक, मेडिकल कॉलेज नाहन, मेडिकल कॉलेज चंबा, हमीरपुर और एम्स बिलासपुर में स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा है। पिछले कल किया था ओपीडी सेवाएं ठप्प करने का ऐलान हिमाचल में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने बीते मंगलवार को ही ओपीडी सेवाएं ठप करने का ऐलान किया था। हालांकि कोलकाता हाईकोर्ट ने पिछले कल ही डॉक्टर के रेप-मर्डर का केस सीबीआई जांच को देने के आदेश दे दिए है। इसके बाद FORDA ने हड़ताल खत्म कर दी है। रेजिडेंट डॉक्टर इस पर जल्द फैसला लेंगे। 9 अगस्त को मिली थी लाश बता दें कि 9 अगस्त की सुबह कोलकाता के मेडिकल कालेज में ट्रेनी डॉक्टर की अर्धनग्न बॉडी मिली थी। डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट, आंखों और मुंह से खून बह रहा था। उनकी गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई पाई गई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई की रेप के बाद मर्डर किया गया। 13 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले की जांच CBI सौंपीं।
दिल्ली स्थित हिमाचल भवन कुर्क होने से बचा:सुक्खू सरकार ने ब्याज सहित चुकाए 64 करोड़, हाईकोर्ट ने दिए थे आदेश
दिल्ली स्थित हिमाचल भवन कुर्क होने से बचा:सुक्खू सरकार ने ब्याज सहित चुकाए 64 करोड़, हाईकोर्ट ने दिए थे आदेश हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने नई दिल्ली स्थित हिमाचल की पहचान हिमाचल भवन को कुर्क होने से बचा लिया है। हिमाचल सरकार ने सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी लिमिटेड के पक्ष में ब्याज सहित 64 करोड़ रुपए की रकम जमा करवा दी है। इस संदर्भ में हिमाचल हाईकोर्ट की एकल पीठ ने सेली हाइड्रो पावर कंपनी को ब्याज सहित अपफ्रंट प्रीमियम की रकम वापस लौटाने के आदेश जारी किए थे, अब तय प्रक्रिया के अनुसार यह राशि हाईकोर्ट में सरकार की लंबित अपील में जमा करवाई गई है। 18 दिसंबर को निर्धारित हुई सुनवाई की तारीख
हिमाचल प्रदेश सरकार ने ये तथ्य हाईकोर्ट में अनुपालना याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष रखा। इसके बाद राज्य सरकार ने इस राशि को समय पर अदालत में जमा न करवाने के दोषियों व अधिकारियों से जुड़ी जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए हाईकोर्ट से दो हफ्ते का अतिरिक्त समय मांगा। हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने राज्य सरकार की इस मांग को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई 18 दिसंबर को निर्धारित की। क्या है पूरा मामला?
हिमाचल के लाहौल में 320 मेगावाट के एक हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए टेंडर बुलाए गए थे. सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक कंपनी ने इस प्रोजेक्ट के लिए अपफ्रंट प्रीमियम जमा किया था, लेकिन समय पर ये प्रोजेक्ट आरंभ नहीं हो सका. बाद में कंपनी ने सरकार ने अपफ्रंट प्रीमियम वापस मांगा। मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो वहां से कंपनी के पक्ष में फैसला आया. इसी सिलसिले में अदालत में अनुपालना याचिका भी दाखिल हुई थी. इसी केस में अदालती आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए हाईकोर्ट ने नई दिल्ली में मंडी हाउस स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने के आदेश जारी किए थे। दोषियों का पता लगाना जरूरी
हाईकोर्ट ने सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी लिमिटेड द्वारा ऊर्जा विभाग के खिलाफ दायर अनुपालना याचिका पर सुनवाई के बाद उपरोक्त आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने ऊर्जा विभाग के सचिव को इस बात की तथ्यात्मक जांच करने के आदेश भी दिए थे कि किस विशेष अधिकारी अथवा अधिकारियों की चूक के कारण 64 करोड़ रुपए की रकम 7 फीसदी ब्याज सहित कोर्ट में जमा नहीं की गई है। कोर्ट ने कहा था कि दोषियों का पता लगाना इसलिए जरूरी है, क्योंकि ब्याज को दोषी अधिकारी अधिकारियों/कर्मचारियों से व्यक्तिगत रूप से वसूलने का आदेश दिया जाएगा। कोर्ट ने 15 दिनों की अवधि के भीतर जांच पूरी करने और जांच की रिपोर्ट अगली तारीख को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत के आदेश दिए थे। 7% की ब्याज से 64 करोड़ रुपए वापस करने के निर्देश
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया था कि हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 13 जनवरी 2023 को प्रतिवादियों यानी ऊर्जा विभाग को याचिकाकर्ता कंपनी द्वारा जमा किए गए 64 करोड़ रुपए के अग्रिम प्रीमियम को सात प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज सहित वापस करने का निर्देश दिया था। इस फैसले पर खंडपीठ ने इस शर्त पर रोक लगा दी थी कि यदि प्रतिवादी उपरोक्त राशि कोर्ट में जमा करवाने में असमर्थ रहते हैं, तो अंतरिम आदेश हटा लिए जाएंगे। राशि जमा न करने पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 15 जुलाई 2024 को एकल पीठ के फैसले पर लगाई रोक को हटाने के आदेश जारी किए। 2 हफ्ते में पेश करनी है रिपोर्ट
इन तथ्यों को देखते हुए कोर्ट ने कहा कि चूंकि प्रतिवादी राज्य के पक्ष में कोई अंतरिम आदेश नहीं है, इसलिए कोर्ट के आदेशों को लागू किया जाना जरूरी है। इसलिए भी आदेश लागू करना जरूरी है कि सरकार द्वारा अवॉर्ड राशि जमा करने में देरी से दैनिक आधार पर ब्याज लग रहा है, जिसका भुगतान सरकारी खजाने से किया जाना है। अब राज्य सरकार को कोर्ट के समक्ष रकम को देरी से जमा करवाने वाले अधिकारियों के बारे में दो हफ्ते में रिपोर्ट अदालत में पेश करनी है।
स्कूली बच्चों को बर्फ में खड़े कर प्रार्थना कराई:बर्फबारी से सड़कें-गाड़ियां बंद; 3-4 घंटे में 15KM पैदल चले, बर्फ जमी छत के नीचे परीक्षा दिलाई
स्कूली बच्चों को बर्फ में खड़े कर प्रार्थना कराई:बर्फबारी से सड़कें-गाड़ियां बंद; 3-4 घंटे में 15KM पैदल चले, बर्फ जमी छत के नीचे परीक्षा दिलाई हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में बच्चों को स्कूल की परीक्षा से पहले बर्फ की परीक्षा देनी पड़ी। दरअसल, 6 से 12 साल की उम्र के 143 बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए न सिर्फ 3 से 4 घंटे बर्फ में 15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा, बल्कि उन्हें बर्फ में खड़े होकर सुबह की प्रार्थना भी कराई गई। इतना ही नहीं, जिस कमरे में उन्हें 3 घंटे बैठाकर परीक्षा दिलवाई गई, उसकी छत भी बर्फ से ढकी हुई थी। ऐसे में कई बच्चे ठंड के कारण बीमार पड़ने लगे। इसके बाद परिजनों ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। परिजनों का कहना है कि बर्फबारी के बावजूद स्कूलों में परीक्षा का समय क्यों नहीं बदला गया। इस मामले में हिमाचल के शिक्षा निदेशक ने कहा कि अगर कोई प्रस्ताव आता है तो हम यहां बच्चों की वार्षिक परीक्षा का शेड्यूल बदलने पर विचार करेंगे। सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला… मंगलवार से शुरू हुए तीसरी-पांचवीं के एग्जाम
हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला की तरफ से तीसरी और पांचवी कक्षा के बोर्ड एग्जाम मंगलवार से शुरू हो गए है। पहली, दूसरी और चौथी क्लास के एग्जाम भी चल रहे हैं। इस बीच हिमाचल की ऊंची चोटियों पर 8 व 9 दिसंबर को ताजा बर्फबारी हुई। इससे सिरमौर जिला के ऊंचाई वाले कुछेक क्षेत्रों में तापमान माइनस 7 से माइनस 8 डिग्री तक गिर गया। बर्फबारी की वजह से गाड़ियां बंद
सिरमौर का हरिपुरधार सेंटर प्राइमरी स्कूल 8003 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां 143 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। आम दिनों में बच्चे बस से स्कूल पहुंचते थे। मगर, 8 और 9 दिसंबर को यहां बर्फबारी हुई। जिसके बाद सड़कों पर बर्फ जम गई। इस वजह से यहां गाड़ियां चलनी बंद हो गईं। गाड़ियां बंद तो पैदल गए बच्चे
बर्फबारी के कारण सड़कें-गाड़ियां बंद होने से पेपर देने के लिए बच्चों को पैदल जाना पड़ा। बच्चे कड़ाके की सर्दी में सुबह 6 से 7 बजे घरों से पैदल निकले। 3 से 4 घंटे के पैदल सफर के बाद वह किसी तरह स्कूल पहुंचे। कुछ बच्चों के माता-पिता उन्हें पीठ पर उठाकर तो कुछ हाथ पकड़कर स्कूल तक लेकर आए। स्कूल में पहले बर्फ में खड़े कर प्रार्थना कराई
एग्जाम से पहले पैदल आने से थके बच्चों से पहले बर्फ के ऊपर खड़े कर प्रार्थना कराई गई। इसके बाद 10 बजे उनका पेपर शुरू हुआ। 1 बजे तक बच्चों ने 3 घंटे का पेपर दिया। इसके बाद वह पैदल ही घर लौटे। जिस कमरे में परीक्षा, वहां माइनस 2 डिग्री टेंपरेचर
बच्चों के साथ गए परिजनों ने कहा कि जिस स्कूल में बच्चों के पेपर होने थे, उसकी छत पर भी बर्फ जमी हुई थी। उसी के अंदर बच्चों को बिठाकर परीक्षा ली गई। बाहर ही 6-7 डिग्री तक टेंपरेचर था तो बिल्डिंग के बर्फ से ढके होने की वजह से टेंपरेचर माइनस 2 डिग्री तक रहा। परिजन बोले- किन्नौर-लाहौल की तरह कराएं वार्षिक परीक्षा
बच्चों के परिजनों और स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के पदाधिकारियों दिनेश ठाकुर, चमन शर्मा, अनिल ठाकुर, विनोद ठाकुर व प्रोमिला ने कहा कि बर्फबारी से बच्चों को परेशानी हुई। हरिपुरधार जैसे ऊंचाई वाले इलाके में भी कुल्लू, किन्नौर और लाहौल स्पीति जिले के साथ ही वार्षिक परीक्षा होनी चाहिए। जहां नवंबर महीने में पेपर करा लिए जाते हैं। हरिपुरधार ही नहीं बल्कि नौहराधार, गत्ताधार और आसपास के इलाकों में भी बच्चे बर्फबारी से परेशान हो रहे हैं। हिमाचल के शिक्षा निदेशक बोले- वार्षिक परीक्षा का समय बदलने पर विचार करेंगे
हिमाचल के प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि विभाग अभी स्कूलों में छुट्टियों के शेड्यूल में बदलाव कर रहा है। हरिपुरधार स्कूल को लेकर भी अभिभावक और डिप्टी डायरेक्टर सुझाव दे सकते है। इस पर विचार किया जाएगा।
हिमाचल में 2 तरह के स्कूल
हिमाचल प्रदेश में 2 तरह के स्कूल हैं, यानी समर क्लोजिंग और विंटर क्लोजिंग। समर क्लोजिंग स्कूल मैदानी इलाकों में हैं जहाँ गर्मी ज़्यादा होती है। समर क्लोजिंग में वार्षिक परीक्षाएँ मार्च-अप्रैल में होती हैं। समर क्लोजिंग स्कूल हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी, ऊना में हैं। विंटर क्लोजिंग स्कूल शिमला, सोलन, सिरमौर, किन्नौर, लाहौल स्पीति में हैं। विंटर क्लोजिंग में कक्षा 1 से 5 तक की वार्षिक परीक्षाएँ दिसंबर में होती हैं।