हिमाचल सरकार नई नौकरियां निकालने के बजाय पुराने पद समाप्त करने या सरप्लस पूल में डाल रही है। पहले बिजली बोर्ड में इंजीनियरों के 51 पद समाप्त किए गए। अब बिजली बोर्ड में ही लगभग 700 पद सरप्लस पूल में डाल दिए है। यानी इन पदों पर दोबारा भर्तियां नहीं होगी। बिजली बोर्ड सहित दूसरे विभागों में आउटसोर्स पर पहले से नौकरी कर रहे दर्जनों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। वित्त सचिव ने 3 महीने पहले एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें दावा किया गया कि 2 साल से खाली पड़े स्थाई और अस्थाई पदों को समाप्त किया जाता है। इसका जब सोशल मीडिया में विरोध हुआ तो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को सफाई देनी पड़ी, तब उन्होंने कहा कि ऐसी कोई भी अधिसूचना नहीं है और न ही पद समाप्त किए है। 8 लाख बेरोजगार परेशान प्रदेश में आठ लाख से ज्यादा युवा नौकरी के इंतजार में है। युवा नई नौकरियां निकलने का इंतजार कर रहा है। मगर भर्ती पेपर लीक की वजह से हिमाचल प्रदेश स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HPSSC) हमीरपुर दो साल से भंग है। नया गठित स्टाफ सिलेक्शन कमिशन अब तक नई भर्तियां नहीं निकाल पाया है। इससे बेरोजगार युवाओं में सरकार के प्रति रोष पनपता जा रहा है। प्रियंका ने हर साल एक लाख नौकरी का किया था वादा पूर्व में HPSSC द्वारा ली गई कुछेक परीक्षाओं के रिजल्ट जरूर निकाले गए है। मगर नई भर्तियां शुरू नहीं कर पा रहा है। हालांकि पब्लिक सर्विस कमिशन ने जरूर कुछ पदों पर रिक्रूटमेंट शुरू की और कुछ युवाओं को रोजगार भी दिया है। मगर 2022 के विधानसभा चुनाव में हर साल एक लाख नौकरी देने का जो वादा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने किया था। वह पूरा नहीं हो पाया। राज्य चयन आयोग नई नौकरी नहीं निकाल रहा हिमाचल शिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण ने बताया कि मौजूदा सरकार ने लगभग 9036 लोगों को सरकारी नौकरी दी है। उन्होंने बताया कि इनमें ज्यादातर नौकरियां की चयन प्रक्रिया पूर्व सरकार के कार्यकाल की है। मौजूदा सरकार चुनिंदा लोगों को नौकरी दे पाई है। उन्होंने राज्य चयन आयोग ने नई भर्तियां जल्द निकालने का आग्रह किया। आउटसोर्स और पार्ट-टाइम नौकरी दी जा रही: बालकृष्ण बालकृष्ण ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने अब तक जो नौकरियां दी है, उनमें अधिकार पार्ट टाइम और आउटसोर्स आधार पर दी गई है। उन्होंने सरकार से अस्थाई पॉलिसी के तहत नौकरियां बांटने की प्रथा बंद करने और रेगुलर जोब देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह बिजली बोर्ड में पहले इंजीनियरों के पद समाप्त किए गए, अब विभिन्न श्रेणी के 700 पद समाप्त करने की तैयारी है, यह राज्य के आठ लाख युवाओं से धोखा है। राज्य का बेरोजगार युवा सरकारी नौकरी के इंतजार में लाइब्रेरी में पढ़ते हुए बूढ़ा हो रहा है और सरकार पद समाप्त कर सरकारी नौकरी की खत्म कर रही है। मुख्यमंत्री का 40 हजार को नौकरी का दावा वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूर्ण राज्यत्व दिवस पर दावा किया था कि दो साल में 40 हजार से ज्यादा लोगों को नौकरियां दी जा चुकी है और अगले वित्तीय वर्ष में 20 हजार से ज्यादा को रोजगार दिया जाएगा। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस आउटसोर्स भर्तियां बंद करने के दावे करती रही। मगर सत्ता मिलने के बाद कांग्रेस भी पूर्व सरकार के रास्ते पर चल पड़ी। अब आउटसोर्स के साथ साथ नाममात्र मानदेय पर टेंपरेरी जॉब, वन मित्र, गेस्ट टीचर, मल्टी टास्क वर्कर या फिर आउटसोर्स जैसी अस्थाई भर्तियां करके उन युवाओं को ठगा जा रहा है, जो सालों से लाइब्रेरी में बैठकर कमीशन की तैयारी कर रहे हैं। कैबिनेट ने 7000 से ज्यादा पद मंजूर कर रखे बेरोजगारों के लिए थोड़ी राहत की बात यह है कि कैबिनेट ने 7000 से ज्यादा पद भरने को स्वीकृति दे रखी है। मगर भर्तियां कब होगी, इस पर असमंजस बना हुआ है। हिमाचल सरकार नई नौकरियां निकालने के बजाय पुराने पद समाप्त करने या सरप्लस पूल में डाल रही है। पहले बिजली बोर्ड में इंजीनियरों के 51 पद समाप्त किए गए। अब बिजली बोर्ड में ही लगभग 700 पद सरप्लस पूल में डाल दिए है। यानी इन पदों पर दोबारा भर्तियां नहीं होगी। बिजली बोर्ड सहित दूसरे विभागों में आउटसोर्स पर पहले से नौकरी कर रहे दर्जनों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। वित्त सचिव ने 3 महीने पहले एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें दावा किया गया कि 2 साल से खाली पड़े स्थाई और अस्थाई पदों को समाप्त किया जाता है। इसका जब सोशल मीडिया में विरोध हुआ तो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को सफाई देनी पड़ी, तब उन्होंने कहा कि ऐसी कोई भी अधिसूचना नहीं है और न ही पद समाप्त किए है। 8 लाख बेरोजगार परेशान प्रदेश में आठ लाख से ज्यादा युवा नौकरी के इंतजार में है। युवा नई नौकरियां निकलने का इंतजार कर रहा है। मगर भर्ती पेपर लीक की वजह से हिमाचल प्रदेश स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HPSSC) हमीरपुर दो साल से भंग है। नया गठित स्टाफ सिलेक्शन कमिशन अब तक नई भर्तियां नहीं निकाल पाया है। इससे बेरोजगार युवाओं में सरकार के प्रति रोष पनपता जा रहा है। प्रियंका ने हर साल एक लाख नौकरी का किया था वादा पूर्व में HPSSC द्वारा ली गई कुछेक परीक्षाओं के रिजल्ट जरूर निकाले गए है। मगर नई भर्तियां शुरू नहीं कर पा रहा है। हालांकि पब्लिक सर्विस कमिशन ने जरूर कुछ पदों पर रिक्रूटमेंट शुरू की और कुछ युवाओं को रोजगार भी दिया है। मगर 2022 के विधानसभा चुनाव में हर साल एक लाख नौकरी देने का जो वादा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने किया था। वह पूरा नहीं हो पाया। राज्य चयन आयोग नई नौकरी नहीं निकाल रहा हिमाचल शिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण ने बताया कि मौजूदा सरकार ने लगभग 9036 लोगों को सरकारी नौकरी दी है। उन्होंने बताया कि इनमें ज्यादातर नौकरियां की चयन प्रक्रिया पूर्व सरकार के कार्यकाल की है। मौजूदा सरकार चुनिंदा लोगों को नौकरी दे पाई है। उन्होंने राज्य चयन आयोग ने नई भर्तियां जल्द निकालने का आग्रह किया। आउटसोर्स और पार्ट-टाइम नौकरी दी जा रही: बालकृष्ण बालकृष्ण ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने अब तक जो नौकरियां दी है, उनमें अधिकार पार्ट टाइम और आउटसोर्स आधार पर दी गई है। उन्होंने सरकार से अस्थाई पॉलिसी के तहत नौकरियां बांटने की प्रथा बंद करने और रेगुलर जोब देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह बिजली बोर्ड में पहले इंजीनियरों के पद समाप्त किए गए, अब विभिन्न श्रेणी के 700 पद समाप्त करने की तैयारी है, यह राज्य के आठ लाख युवाओं से धोखा है। राज्य का बेरोजगार युवा सरकारी नौकरी के इंतजार में लाइब्रेरी में पढ़ते हुए बूढ़ा हो रहा है और सरकार पद समाप्त कर सरकारी नौकरी की खत्म कर रही है। मुख्यमंत्री का 40 हजार को नौकरी का दावा वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूर्ण राज्यत्व दिवस पर दावा किया था कि दो साल में 40 हजार से ज्यादा लोगों को नौकरियां दी जा चुकी है और अगले वित्तीय वर्ष में 20 हजार से ज्यादा को रोजगार दिया जाएगा। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस आउटसोर्स भर्तियां बंद करने के दावे करती रही। मगर सत्ता मिलने के बाद कांग्रेस भी पूर्व सरकार के रास्ते पर चल पड़ी। अब आउटसोर्स के साथ साथ नाममात्र मानदेय पर टेंपरेरी जॉब, वन मित्र, गेस्ट टीचर, मल्टी टास्क वर्कर या फिर आउटसोर्स जैसी अस्थाई भर्तियां करके उन युवाओं को ठगा जा रहा है, जो सालों से लाइब्रेरी में बैठकर कमीशन की तैयारी कर रहे हैं। कैबिनेट ने 7000 से ज्यादा पद मंजूर कर रखे बेरोजगारों के लिए थोड़ी राहत की बात यह है कि कैबिनेट ने 7000 से ज्यादा पद भरने को स्वीकृति दे रखी है। मगर भर्तियां कब होगी, इस पर असमंजस बना हुआ है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
![हिमाचल में प्रियंका गांधी का नौकरी का वादा अधूरा:नई भर्तियां नहीं निकाली जा रही; पद समाप्त कर रही, पक्की की जगह आउटसोर्स, पार्ट-टाइम भर्ती](https://images.bhaskarassets.com/thumb/1000x1000/web2images/521/2025/02/09/26-1_1739115395.gif)