हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी नहीं होने से टूरिज्म इंडस्ट्री पर संकट के बादल मंडरा रहे है। पर्यटन कारोबारी इससे स्ट्रेट में है। खासकर जिन लोगों ने होटल व होम स्टे लीज पर या महंगे किराए पर ले रखे है। विंटर सीजन में पर्यटन कारोबारियों के पास अच्छी कमाई का वक्त 15 नवंबर से 31 दिसंबर के बीच रहता है। 14 दिन बीत गए है और इनमें कारोबार पूरी तरह मंदा रहा है। चिंता इस बात की है कि आने वाले तीन सप्ताह तक भी अच्छी बर्फबारी आसार नहीं है। इससे कई शहरों में ऑक्यूपेंसी 10 से 15 प्रतिशत रह गई है। वीकेंड पर भी 50 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी नहीं हो पा रही है, जबकि देश के मैदानी इलाकों में प्रदूषण के कारण हालात खराब है। ऐसे में लोग बर्फ देखने के लिए पहाड़ों का रुख करते थे। मगर हिमाचल के जो पहाड़ 25 अक्टूबर के बाद बर्फ से ढकने शुरू हो जाते है, वहां इस बार बर्फ नहीं है। इन पर्यटन स्थलों पर देशभर से पहुंचते थे पर्यटक देशभर का पर्यटक बर्फ को देखने की चाहत में शिमला, कुफरी, नारकंडा, मनाली, रोहतांग, धर्मशाला, डलहौजी इत्यादि पर्यटन स्थलों का रुख करता था। मगर इस बार बर्फ तो दूर पानी की भी बूंद तक नहीं बरसी और प्रदेश में 30 साल में दूसरा सबसे लंबा ड्राइ स्पेल है। किसानों के साथ साथ इसकी सबसे ज्यादा मार टूरिज्म इंडस्ट्री पर पड़ी है। हिमाचल में 8100 से ज्यादा होम स्टे व होटल हिमाचल में 8100 से ज्यादा होटल व होम स्टे संचालक, इनमें काम करने वाले हजारों कर्मचारी, 60 हजार से ज्यादा टैक्सी ऑपरेटर और 70 हजार से ज्यादा टूरिस्ट गाइड व घोड़ा संचालक है। सभी बर्फबारी नहीं होने से मायूस है। ढाई लाख परिवारों की रोजी-रोटी पर्यटन पर निर्भर हिमाचल में ढाई लाख से ज्यादा परिवारों की रोजी रोटी टूरिज्म पर निर्भर रहती है। राज्य के सकल घरेलू उत्पादन (GDFP) में टूरिज्म इंडस्ट्री का 7 से 10 फीसदी के बीच में योगदान रहता है। यह हर साल के पर्यटन कारोबार के हिसाब से कम ज्यादा होता रहता है। हिमाचल प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन का 7.5 प्रतिशत का योगदान रहता है। यहां पर मौजूदा समय में 4297 होटल और 3733 होम स्टे इकायां हैं, जिन पर इस बार मौसम की मार पड़ी है। डिस्काउंट का फायदा उठाए पर्यटक प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों के होटलों में इन दिनों कमरों की बुकिंग पर 20 से 40 प्रतिशत तक का डिस्काउंट भी दिया है। फिर भी काफी कम पर्यटक पहाड़ों पर आ रहे हैं। इससे पर्यटन कारोबारी परेशान है। हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी नहीं होने से टूरिज्म इंडस्ट्री पर संकट के बादल मंडरा रहे है। पर्यटन कारोबारी इससे स्ट्रेट में है। खासकर जिन लोगों ने होटल व होम स्टे लीज पर या महंगे किराए पर ले रखे है। विंटर सीजन में पर्यटन कारोबारियों के पास अच्छी कमाई का वक्त 15 नवंबर से 31 दिसंबर के बीच रहता है। 14 दिन बीत गए है और इनमें कारोबार पूरी तरह मंदा रहा है। चिंता इस बात की है कि आने वाले तीन सप्ताह तक भी अच्छी बर्फबारी आसार नहीं है। इससे कई शहरों में ऑक्यूपेंसी 10 से 15 प्रतिशत रह गई है। वीकेंड पर भी 50 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी नहीं हो पा रही है, जबकि देश के मैदानी इलाकों में प्रदूषण के कारण हालात खराब है। ऐसे में लोग बर्फ देखने के लिए पहाड़ों का रुख करते थे। मगर हिमाचल के जो पहाड़ 25 अक्टूबर के बाद बर्फ से ढकने शुरू हो जाते है, वहां इस बार बर्फ नहीं है। इन पर्यटन स्थलों पर देशभर से पहुंचते थे पर्यटक देशभर का पर्यटक बर्फ को देखने की चाहत में शिमला, कुफरी, नारकंडा, मनाली, रोहतांग, धर्मशाला, डलहौजी इत्यादि पर्यटन स्थलों का रुख करता था। मगर इस बार बर्फ तो दूर पानी की भी बूंद तक नहीं बरसी और प्रदेश में 30 साल में दूसरा सबसे लंबा ड्राइ स्पेल है। किसानों के साथ साथ इसकी सबसे ज्यादा मार टूरिज्म इंडस्ट्री पर पड़ी है। हिमाचल में 8100 से ज्यादा होम स्टे व होटल हिमाचल में 8100 से ज्यादा होटल व होम स्टे संचालक, इनमें काम करने वाले हजारों कर्मचारी, 60 हजार से ज्यादा टैक्सी ऑपरेटर और 70 हजार से ज्यादा टूरिस्ट गाइड व घोड़ा संचालक है। सभी बर्फबारी नहीं होने से मायूस है। ढाई लाख परिवारों की रोजी-रोटी पर्यटन पर निर्भर हिमाचल में ढाई लाख से ज्यादा परिवारों की रोजी रोटी टूरिज्म पर निर्भर रहती है। राज्य के सकल घरेलू उत्पादन (GDFP) में टूरिज्म इंडस्ट्री का 7 से 10 फीसदी के बीच में योगदान रहता है। यह हर साल के पर्यटन कारोबार के हिसाब से कम ज्यादा होता रहता है। हिमाचल प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन का 7.5 प्रतिशत का योगदान रहता है। यहां पर मौजूदा समय में 4297 होटल और 3733 होम स्टे इकायां हैं, जिन पर इस बार मौसम की मार पड़ी है। डिस्काउंट का फायदा उठाए पर्यटक प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों के होटलों में इन दिनों कमरों की बुकिंग पर 20 से 40 प्रतिशत तक का डिस्काउंट भी दिया है। फिर भी काफी कम पर्यटक पहाड़ों पर आ रहे हैं। इससे पर्यटन कारोबारी परेशान है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
धौलाधार पैराग्लाइडिंग एक्यूरेसी कप इंडिया-2024:चौथा दिन पुरूष वर्ग में स्पेन के डेविड पहले स्थान पर, महिला वर्ग में भारत की तरन्नुम ठाकुर टॉप
धौलाधार पैराग्लाइडिंग एक्यूरेसी कप इंडिया-2024:चौथा दिन पुरूष वर्ग में स्पेन के डेविड पहले स्थान पर, महिला वर्ग में भारत की तरन्नुम ठाकुर टॉप धौलाधार पैराग्लाइडिंग एक्यूरेसी कप इंडिया-2024 का आयोजन एडवेंचर स्पोर्ट्स फेडरेशन आफ हिमाचल प्रदेश (एएसएफ) और नरवाणा एडवेंचर क्लब (नरवाणा पैरा ग्लाइडिंग एसोसिएशन) द्वारा करवाया जा रहा है। आज प्रतियोगिता के चौथे दिन पैराग्लाइडर पायलट्स ने टेक आफ साइट से 3 राउंड उड़ान भरी और लैंडिंग स्थल पर बनाए गए गोले के अंदर मार्क पर उतरने की कोशिश की। जिसमें कुछ पायलट्स मार्क के नजदीक उतरे तो कुछ पायलट्स गोले के बाहर ही उतरे। जिस पर उन्हें उसके अनुसार अंक दिए गए। टेकऑफ साइट से उड़ कर लैंडिंग साइट पर बनाए गए गोले के बीच बनाए गए मार्क पर उतरने की 3 राउंड के टास्क को पूरा करने के आधार पर पुरूष वर्ग में स्पेन के डेविड कॉन्ट्रेरास लाज़ारो 95 अंक लेकर लगातार तीसरे दिन भी पहले स्थान पर, भारत के जिला चंबा के खजियार के अक्षय कुमार 101 अंक लेकर दूसरे व नेपाल के अमन थापा 122 अंक लेकर तीसरे स्थान पर रहे। भारत के राम थापा 5वें स्थान पर खिसके भारत के राम भगवान थापा जो तीसरे दिन तीसरे स्थान पर थे आज 210 अंक लेकर पांचवें स्थान पर फिसल गए। महिला वर्ग में भारत की तरन्नुम ठाकुर 618 अंक लेकर प्रथम, भारत की अलिशा कटोच 1601 लेकर दूसरे व जीन लोफ्लर 2850 अंक लेकर तीसरे स्थान पर रही। टीम वर्ग में फ्लाई इन स्काई 470 अंक लेकर पहले स्थान पर, कजाकिस्तान की टीम 1212 अंक लेकर दूसरे व भारत टीम 1242 अंक लेकर तीसरे स्थान पर रही। आसाम राइफल टीम 1588 अंक लेकर तीसरे स्थान से चौथे स्थान पर फिसल गई। बुधवार को होगा समापन मुनीष कपूर, प्रवक्ता नरवाणा एडवेंचर क्लब, ने बताया कि पैरा ग्लाइडिंग एक्यूरेसी कप में ओवर ऑल कैटेगरी के विजेता को 1000 यूरो, इंडियन नेशनल कैटेगरी विजेता को 500 यूरो, जबकि टीम कैटेगरी को 600 यूरो का पुरस्कार दिया जाएगा। वहीं महिला वर्ग में पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल करने वालों को क्रमशः 50 हजार, 30 हजार व 20 हजार रुपए के पुरस्कार दिए जाएंगे। पांच दिवसीय पैरा ग्लाइडिंग एक्यूरेसी कप का समापन बुधवार को होगा। समापन समारोह में धर्मशाला के विधायक एवं एडवेंचर स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ हिमाचल प्रदेश और नरवाणा एडवेंचर क्लब के चेयरमैन सुधीर शर्मा बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे। यहां देखें पैराग्लाइडिंग से जुड़ी तस्वीरें-
धर्मशाला में 9 टूरिस्ट गाइड्स पर FIR:त्रियुंड साइट पर 500 से ज्यादा टूरिस्ट लेकर गए, ऊपरी क्षेत्रों में सभी ट्रैकिंग प्रतिबंधित
धर्मशाला में 9 टूरिस्ट गाइड्स पर FIR:त्रियुंड साइट पर 500 से ज्यादा टूरिस्ट लेकर गए, ऊपरी क्षेत्रों में सभी ट्रैकिंग प्रतिबंधित धर्मशाला में मैक्लोडगंज के रमणीक ट्रैकिंग स्थल करथानी और त्रियुंड में न्यू ईयर की पूर्व संध्या पर 500 से ज्यादा पर्यटकों को ट्रैकिंग पर लेकर गए मैक्लोडगंज और भागसू की 9 ट्रैवल एजेंसियों के गाइड पर बीएनएस की धारा 223, 3(5) और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 55 के तहत मामला दर्ज किया गया है। जबकि ऊपरी क्षेत्रों में सभी ट्रैकिंग गतिविधियों पर प्रतिबंध है। टूरिस्ट गाइड इन पर्यटकों को करथानी और त्रियुंड में अनधिकृत रूप से संचालित टेंट कैंप में ठहराने के लिए लेकर गए थे। करथानी और त्रियुंड में वन भूमि पर अवैध रूप से टेंट लगाए गए हैं, लेकिन न तो वन विभाग और न ही पर्यटन विभाग इन अवैध कैंपिंग पर कोई कार्रवाई कर रहे हैं। भागसू स्थित शिवा कैफे के मालिक सागर ने बताया कि सुबह 6 से 6:30 बजे के बीच करीब 300-400 पर्यटक करथानी और त्रियुंड के लिए रवाना हुए। इन पर्यटकों को विभिन्न ट्रैकिंग एजेंसियों के गाइड्स ट्रैकिंग पर लेकर गए हैं। इन ट्रेवल एजेंट में विजय हिल हाईकर, ऋषि ट्रैवल लीडर, बब्बू त्रियुंड ट्रैक, इंद्रुनाग एडवेंचर, हिमालयन जर्नी, गुलाबा हिम ट्रैक, मोनू एडवेंचर, भागसूनाग एडवेंचर और मैक्लोडगंज एडवेंचर शामिल हैं। 26 नवंबर को ट्रैकिंग पर प्रतिबंध लगाया गया था
इसी तरह गलु में तैनात मुनीश पठानिया ने जानकारी दी कि गलु से भी करीब 200 पर्यटक त्रियुंड के लिए गाइड्स के साथ रवाना हुए हैं। हिमाचल प्रदेश पुलिस के 26 नवंबर 2024 के आदेश के तहत त्रियुंड, करेरी और हिमानी चामुंडा में शीत ऋतु के दौरान ट्रैकिंग पर प्रतिबंध लगाया गया है। यह निर्णय पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, क्योंकि इन स्थानों पर पहले भी कई बार पर्यटकों की जान खतरे में पड़ी है और उन्हें पुलिस व एसडीआरएफ टीम द्वारा रेस्क्यू किया गया है। 26 से 27 दिसंबर की रात को करीब 20 पर्यटक बर्फबारी के दौरान फंस गए थे, जिन्हें बड़ी मुश्किल से रेस्क्यू किया गया था। इस मामले में मैक्लोडगंज पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।
हिमाचल के पूर्व CM का बाढ़ ने रोका रास्ता:पंडोह में एक घंटे फंसा जयराम का काफिला, नाले में आई बाढ़ से एक गाड़ी क्षतिग्रस्त
हिमाचल के पूर्व CM का बाढ़ ने रोका रास्ता:पंडोह में एक घंटे फंसा जयराम का काफिला, नाले में आई बाढ़ से एक गाड़ी क्षतिग्रस्त हिमाचल के पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष बीती शाम को अपने गृह क्षेत्र सराज के बागाचनोगी में अंडर-19 खेलकूद प्रतियोगिता का शुभारंभ करने पहुंचे थे। यहां से जब जयराम ठाकुर मंडी में पार्टी के सदस्यता अभियान की समीक्षा बैठक में भाग लेने के लिए मंडी आ रहे थे तो पंडोह से ऊपर बांदल नाले ने उनका रास्ता रोक दिया। भारी बारिश के कारण छोटे से नाले ने झरने का रूप ले लिया और उसके नीचे एक टैक्सी फंस गई। इस पूरी घटना का वीडियो जयराम ने अपने मोबाइल में कैद किया। करीब एक घंटे बाद पानी कम हुआ और मौके पर जेसीबी मशीन की मदद से टैक्सी को हटाया गया। तब जाकर सवा घंटे बाद जयराम ठाकुर का काफिला वहां से निकला पाया। मंडी पहुंचने पर उन्होंने इसका भी जिक्र किया और कहा, कि नाले के तेज बहाव में फंसी टैक्सी को भारी नुकसान पहुंचा है। मुख्यमंत्री सुक्खू पर बरसे जयराम जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा और मंडी से भेदभाव के आरोप जड़े। उन्होंने कहा कि मंडी के प्रति मुख्यमंत्री की मंशा ठीक नहीं है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा, सरकार जल रक्षकों की मांगों को सुने और सहानुभूतिपूर्वक विचार करे। सरकार ने तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाते हुए सभी से संवाद का मार्ग बंद कर दिया है। सरकार से आज हर वर्ग क्यों हताश होकर सड़कों पर है। सरकार को इस बारे में भी विचार करने की आवश्यकता है। प्रदेश में विकास के हर तरह के काम रुके हैं। उन्होंने कहा, लोगों को रोज़गार मिल नहीं रहा है। कांग्रेस द्वारा चुनाव के पहले हर वर्ग को तमाम तरह के आश्वासन दिए, लेकिन सरकार बनने के बाद उन वादों को पूरा करना तो दूर की बात है लोगों की बातें तक नहीं सुनी गई। सदस्यता अभियान की समीक्षा की पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मण्डी में भाजपा के सदस्यता अभियान की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि डिजिटल टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से भाजपा का यह सदस्यता अभियान और भी रोचक हो गया है। पार्टी के कार्यकर्ता इसमें बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं। बहुत जल्दी ही हम लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।