हिमाचल प्रदेश के भरमौर में गर्मी का सीजन शुरू होने के साथ ही पवित्र एवं ऐतिहासिक मणिमहेश डल झील की तरफ श्रद्धालुओं का आना-जाना शुरू हो गया है। यहां पर करीब ढाई से तीन फीट बर्फ होने के बावजूद अब तक सैकड़ों श्रद्धालु बर्फ से ढकी झील में स्नान कर चुके हैं। आपको बता दें कि हर साल कृष्ण जन्माष्टमी से लेकर राधाअष्टमी तक पवित्र मणिमहेश यात्रा चलती है। लेकिन इससे पहले ही इस यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं का आना जाना शुरू हो गया है। मणिमहेश यात्रा के दौरान देश-विदेश से आने वो श्रद्धालु पवित्र मणिमहेश डल झील में शाही स्नान करते हैं। लेकिन निचले क्षेत्रों में अत्यधिक गर्मी व हीटवेव बढ़ जाने के कारण यहां पर श्रद्धालुओं का एकाएक आना-जाना बढ़ गया है। हर रोज पहुंच रहे दर्जनों श्रद्धालु निचले क्षेत्रों में तापमान में एकाएक बढ़ोतरी होने पर्यटकों के साथ-साथ हर रोज दर्जनों श्रद्धालु मणिमहेश की पवित्र डल झील की तरफ रख करके स्नान कर रहे हैं। हालांकि यहां पर अभी तक आधिकारिक रूप से इस यात्रा की घोषणा नहीं हुई है। बावजूद इसके स्थानीय लोगों द्वारा हडसर से लेकर मणिमहेश तक रहने व खाने-पीने का बंदोबस्त भी कर दिया है। जिसके लिए स्थानीय लोगों द्वारा रास्ते में टैंट लगाकर रहने की व्यवस्था भी शुरू कर दी गई है। लिहाजा यहां पर पर्यटक व श्रद्धालु गाइड के सहारे पहुंच कर पवित्र मणिमहेश के दर्शन कर रहे हैं और यहां बर्फ से जमी झील में स्नान कर रहे हैं। कार्तिक स्वामी का मंदिर बर्फ से ढका यहां पर स्थित कार्तिक स्वामी और भगवान भोलेनाथ का मंदिर बर्फ के बीच में ही ढके हुए हैं। बावजूद इसके अब तक यहां पर सैकड़ों श्रद्धालु पवित्र मणिमहेश के दर्शन करके इस पवित्र डल झील में स्नान करके वापस लौटे रहे हैं। यहां पहुंचने से परहेज करें यात्री : एसडीएम एडीएम भरमौर कुलबीर सिंह राणा ने कहा है कि प्रशासन की ओर से यहां पर यात्रा करने की पूरी तरह से पाबंदी है। उन्होंने कहा है गर्मियों का सीजन होने के चलते यहां पर बर्फ तेजी से पिघल रही है। लिहाजा यहां पर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए लगातार खतरा है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि जब तक प्रशासन की ओर से यहां पर आने-जाने के लिए पूरी तरह से व्यवस्था नहीं कर दी जाती है तब तक यहां पर यात्रा से परहेज किया जाए। हिमाचल प्रदेश के भरमौर में गर्मी का सीजन शुरू होने के साथ ही पवित्र एवं ऐतिहासिक मणिमहेश डल झील की तरफ श्रद्धालुओं का आना-जाना शुरू हो गया है। यहां पर करीब ढाई से तीन फीट बर्फ होने के बावजूद अब तक सैकड़ों श्रद्धालु बर्फ से ढकी झील में स्नान कर चुके हैं। आपको बता दें कि हर साल कृष्ण जन्माष्टमी से लेकर राधाअष्टमी तक पवित्र मणिमहेश यात्रा चलती है। लेकिन इससे पहले ही इस यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं का आना जाना शुरू हो गया है। मणिमहेश यात्रा के दौरान देश-विदेश से आने वो श्रद्धालु पवित्र मणिमहेश डल झील में शाही स्नान करते हैं। लेकिन निचले क्षेत्रों में अत्यधिक गर्मी व हीटवेव बढ़ जाने के कारण यहां पर श्रद्धालुओं का एकाएक आना-जाना बढ़ गया है। हर रोज पहुंच रहे दर्जनों श्रद्धालु निचले क्षेत्रों में तापमान में एकाएक बढ़ोतरी होने पर्यटकों के साथ-साथ हर रोज दर्जनों श्रद्धालु मणिमहेश की पवित्र डल झील की तरफ रख करके स्नान कर रहे हैं। हालांकि यहां पर अभी तक आधिकारिक रूप से इस यात्रा की घोषणा नहीं हुई है। बावजूद इसके स्थानीय लोगों द्वारा हडसर से लेकर मणिमहेश तक रहने व खाने-पीने का बंदोबस्त भी कर दिया है। जिसके लिए स्थानीय लोगों द्वारा रास्ते में टैंट लगाकर रहने की व्यवस्था भी शुरू कर दी गई है। लिहाजा यहां पर पर्यटक व श्रद्धालु गाइड के सहारे पहुंच कर पवित्र मणिमहेश के दर्शन कर रहे हैं और यहां बर्फ से जमी झील में स्नान कर रहे हैं। कार्तिक स्वामी का मंदिर बर्फ से ढका यहां पर स्थित कार्तिक स्वामी और भगवान भोलेनाथ का मंदिर बर्फ के बीच में ही ढके हुए हैं। बावजूद इसके अब तक यहां पर सैकड़ों श्रद्धालु पवित्र मणिमहेश के दर्शन करके इस पवित्र डल झील में स्नान करके वापस लौटे रहे हैं। यहां पहुंचने से परहेज करें यात्री : एसडीएम एडीएम भरमौर कुलबीर सिंह राणा ने कहा है कि प्रशासन की ओर से यहां पर यात्रा करने की पूरी तरह से पाबंदी है। उन्होंने कहा है गर्मियों का सीजन होने के चलते यहां पर बर्फ तेजी से पिघल रही है। लिहाजा यहां पर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए लगातार खतरा है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि जब तक प्रशासन की ओर से यहां पर आने-जाने के लिए पूरी तरह से व्यवस्था नहीं कर दी जाती है तब तक यहां पर यात्रा से परहेज किया जाए। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के 1100 स्कूलों में ठप पड़ी वोकेश्नल शिक्षा:2174 टीचर आज से हड़ताल पर; शिमला के चौड़ा मैदान में करेंगे प्रदर्शन हिमाचल प्रदेश के 1100 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में आज से वोकेश्नल सब्जेक्ट की पढ़ाई पूरी तरह ठप पड़ गई है। वोकेश्नल टीचर सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को बाहर करने, समय पर सैलरी देने और दिवाली पर भी एरियर नहीं देने से नाखुश है। इस वजह से शिमला के चौड़ा मैदान में आज और कल प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। प्रदेश के सरकारी हाई व सेकेंडरी स्कूलों में साल 2013 से वोकेश्नल सब्जेक्ट 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जा रहा है। इन पाठ्यक्रमों में 80 हजार से ज्यादा छात्र पंजीकृत है। मगर आज तक वोकेश्नल टीचर की सेवाएं निजी कंपनियों के माध्यम से ली जा रही है। शिक्षा विभाग ने 17 कंपनियां पंजीकृत कर रखी हैरानी इस बात की है कि शिक्षा विभाग ने इसके लिए एक-दो नहीं बल्कि पूरी 17 कंपनियां पंजीकृत कर रखी है। वोकेश्नल टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी ने बताया कि अधिकांश कंपनियों ने दिवाली पर भी उनका एरियर नहीं दिया, जबकि शिक्षा निदेशक ने 5 अक्टूबर को एक ऑर्डर जारी किए थे, जिसमें कहा गया कि 20 अक्टूबर तक सभी वोकेश्नल टीचर को सैलरी का एरियर एकमुश्त दिया जाए। उन्होंने बताया कि कुछ कंपनियों ने एक-दो महीने का एरियर दिया है, जबकि शिक्षा निदेशक के ऑर्डर के मुताबिक छह माह के एरियर का भुगतान एकमुश्त होना था। सैलरी भी 28 अक्टूबर को नहीं दी गई राज्य सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों को दिवाली को देखते हुए 28 अक्टूबर को सैलरी का भुगतान किया है। मगर वोकेश्नल टीचर को अब तक अक्टूबर की सैलरी नहीं मिल पाई। अश्वनी कुमार ने बताया, आज और कल शिमला के चौड़ा मैदान में वोकेश्नल टीचर प्रदर्शन करेंगे। यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह हड़ताल को आगामी दिनों में भी जारी रख सकते हैं। दक्ष कामगार तैयार करने को वोकेश्नल पाठयक्रम सरकारी स्कूलों में वोकेश्नल टीचर केंद्र सरकार की स्कूलों में दक्ष कामगार तैयार करने की योजना के तहत रखे गए हैं। इनमें 90 प्रतिशत बजट केंद्र और 10 फीसदी बजट राज्य सरकार देती है। सरकार ने इस साल इनका मानदेय अप्रैल माह में बढ़ा दिया था। इसका भुगतान अब तक नहीं हो पाया था। इसे देखते हुए शिक्षा निदेशक ने 20 अक्टूबर तक कंपनियों को बढ़े हुए वेतन का एरियर देने के आदेश जारी किए थे। कई सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों ने विभाग के आदेशों की भी परवाह नहीं की और टीचरों को दिवाली पर भी एरियर नहीं दिया गया।
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हिमाचल में कमजोर पड़ेगा मानसून:6 दिन साफ रहेगा मौसम; तापमान में आएगा उछाल, अब तक सामान्य से 22 प्रतिशत कम बादल बरसे हिमाचल प्रदेश में मानसून इस हफ्ते कमजोर रहेगा। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अगले 6 दिन तक प्रदेश के ज्यादातर भागों में धूप खिलेगी। इससे तापमान में हल्का उछाल आएगा। अभी प्रदेश का औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से 0.6 डिग्री कम चल रहा है। इसमें आगामी 11 सितंबर तक 1 डिग्री से ज्यादा उछाल आ सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि अगले सप्ताह प्रदेश के ज्यादातर भागों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। इस दौरान कुछेक क्षेत्रों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। प्रदेश में अब तक मानसून सीजन में सामान्य से 22 प्रतिशत कम बादल बरसे है। प्रदेश में 1 जून से 5 सितंबर के बीच 643.3 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है। मगर इस बार 502.7 मिलीमीटर बारिश हुई है। राज्य में शिमला को छोड़कर अन्य भी जिलों में सामान्य से कम बादल बरसे हैं। वहीं शिमला जिला में सामान्य से 12 प्रतिशत ज्यादा मेघ बरसे है। प्रदेश में 543.4 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 606.5 मिलीमीटर बादल बरसे है। यहां देखे किस जिला में कितनी कम व ज्यादा बारिश हुई.. प्रदेश में 110 सड़कें बंद प्रदेश में बीते सप्ताह हुई बारिश के कारण 110 से ज्यादा सड़कें लैंडस्लाइड के कारण बंद पड़ी है। लोक निर्माण विभाग इन्हें बहाल करने में जुटा हुआ है। आगामी सप्ताह में मौसम साफ रहने के बाद इनके बहाल होने की उम्मीद है।