हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में अवैध मस्जिद मामले में आज नगर निगम (MC) आयुक्त कोर्ट में सुनवाई होगी। कोर्ट आज अपना फैसला सुना सकता है। शिमला के उप नगर चक्कर स्थित कोर्ट में सुबह 10:30 बजे से अवैध निर्माण को लेकर सुनवाई शुरू होगी। इस मामले में वक्फ बोर्ड को पार्टी बनाया गया है। वक्फ बोर्ड एक बार इस मामले पर अपना जवाब दे चुका है। मस्जिद मामले में पहली बार साल 2010 में नगर निगम के पास शिकायत पहुंची थी। यहां अवैध निर्माण करने के आरोप लगे थे। निगम प्रशासन के अनुसार, पहले मौके पर एक मंजिल और एटिक के रूप में मस्जिद थी, लेकिन साल 2024 तक यहां अब एटिक को मिलाकर 5 मंजिलें बन गई। साल 2010 से ही इस मामले में MC आयुक्त कोर्ट में केस चल रहा है। सुनवाई के दौरान भी अवैध निर्माण चलता रहा। MC ने कई बार काम रोकने के आदेश जारी किए। इस मामले में अब तक 44 पेशियां पहले लग चुकी हैं। इस साल भी आज दूसरी बार सुनवाई होने जा रही है। मल्याणा में मारपीट के बाद पकड़ा तूल दरअसल, मल्याणा क्षेत्र में 31अगस्त की शाम को एक व्यक्ति के साथ विशेष समुदाय के लोगों ने मारपीट की थी। इस मालमे में पुलिस ने 6 आरोपी गिरफ्तार किए। आरोप लगा कि वारदात को अंजाम देकर आरोपी मस्जिद में छिपे। जिसके बाद हिंदू संगठनों ने संजौली मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन किया और अवैध बताकर मस्जिद को गिराने पर अड़ गए। अब यह मामला पूरी तरह तूल पकड़ चुका है।इस मामले में लोग संजौली में 2 बार और 1 बार विधानसभा के बाहर चौड़ा मैदान में भी प्रदर्शन कर चुके है। लोगों ने मस्जिद के अवैध निर्माण को तोड़ने की चेतावनी दे रखी है। संजौली में पुलिस का पहरा इसके बाद संजौली में चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कानून को हाथ में लेने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दे रखे हैं। मंत्री बोले-कहीं रोहिंग्या तो नहीं प्रदेश सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह भी मस्जिद को अवैध बताकर इसे तोड़ने की मांग कर चुके हैं। हिमाचल के मंत्री अनिरुद्ध सिंह तो सदन में यहां तक कह चुके हैं कि कहीं ये रोहिंग्या तो नहीं। मैं कुछेक बांग्लादेशी को जानता हूं। शहर में बीते एक सप्ताह से माहौल भी तनावपूर्ण हो गया है। आरोप- बिना मंजूरी के 5 मंजिला मस्जिद बना दी गई इमाम बोले- 1947 में बनी पुरानी मस्जिद मस्जिद के इमाम शहजाद ने इस मामले में कहा कि मस्जिद 1947 से पहले की है। पहले मस्जिद कच्ची थी और 2 मंजिल की थी। लोग मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ते थे, जिससे नमाज पढ़ने में दिक्कत आती थी। इसे देखते हुए लोगों ने चंदा इकट्ठा किया और मस्जिद निर्माण शुरू किया। जमीन वक्फ बोर्ड की थी, जिस पर 2 मंजिल पहले से बनी थीं। मस्जिद की 2 मंजिल को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। वक्फ बोर्ड इसकी लड़ाई लड़ रहा है। कानून का जो निर्णय होगा, वो सभी को मंजूर होगा। राज्य सरकार बोली- 2010 में शुरू हुआ था अवैध निर्माण संजौली के बाद कुसुम्पटी में भी प्रदर्शन संजौली से भड़की चिंगारी शहर के अन्य उप नगरों में भी फैल रहीं हैं। संजौली के बाद वीरवार शाम और शुक्रवार को शिमला के कुसुम्पटी में भी स्थानीय लोगों ने मस्जिद के बाहर प्रदर्शन कर चुके है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में अवैध मस्जिद मामले में आज नगर निगम (MC) आयुक्त कोर्ट में सुनवाई होगी। कोर्ट आज अपना फैसला सुना सकता है। शिमला के उप नगर चक्कर स्थित कोर्ट में सुबह 10:30 बजे से अवैध निर्माण को लेकर सुनवाई शुरू होगी। इस मामले में वक्फ बोर्ड को पार्टी बनाया गया है। वक्फ बोर्ड एक बार इस मामले पर अपना जवाब दे चुका है। मस्जिद मामले में पहली बार साल 2010 में नगर निगम के पास शिकायत पहुंची थी। यहां अवैध निर्माण करने के आरोप लगे थे। निगम प्रशासन के अनुसार, पहले मौके पर एक मंजिल और एटिक के रूप में मस्जिद थी, लेकिन साल 2024 तक यहां अब एटिक को मिलाकर 5 मंजिलें बन गई। साल 2010 से ही इस मामले में MC आयुक्त कोर्ट में केस चल रहा है। सुनवाई के दौरान भी अवैध निर्माण चलता रहा। MC ने कई बार काम रोकने के आदेश जारी किए। इस मामले में अब तक 44 पेशियां पहले लग चुकी हैं। इस साल भी आज दूसरी बार सुनवाई होने जा रही है। मल्याणा में मारपीट के बाद पकड़ा तूल दरअसल, मल्याणा क्षेत्र में 31अगस्त की शाम को एक व्यक्ति के साथ विशेष समुदाय के लोगों ने मारपीट की थी। इस मालमे में पुलिस ने 6 आरोपी गिरफ्तार किए। आरोप लगा कि वारदात को अंजाम देकर आरोपी मस्जिद में छिपे। जिसके बाद हिंदू संगठनों ने संजौली मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन किया और अवैध बताकर मस्जिद को गिराने पर अड़ गए। अब यह मामला पूरी तरह तूल पकड़ चुका है।इस मामले में लोग संजौली में 2 बार और 1 बार विधानसभा के बाहर चौड़ा मैदान में भी प्रदर्शन कर चुके है। लोगों ने मस्जिद के अवैध निर्माण को तोड़ने की चेतावनी दे रखी है। संजौली में पुलिस का पहरा इसके बाद संजौली में चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कानून को हाथ में लेने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दे रखे हैं। मंत्री बोले-कहीं रोहिंग्या तो नहीं प्रदेश सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह भी मस्जिद को अवैध बताकर इसे तोड़ने की मांग कर चुके हैं। हिमाचल के मंत्री अनिरुद्ध सिंह तो सदन में यहां तक कह चुके हैं कि कहीं ये रोहिंग्या तो नहीं। मैं कुछेक बांग्लादेशी को जानता हूं। शहर में बीते एक सप्ताह से माहौल भी तनावपूर्ण हो गया है। आरोप- बिना मंजूरी के 5 मंजिला मस्जिद बना दी गई इमाम बोले- 1947 में बनी पुरानी मस्जिद मस्जिद के इमाम शहजाद ने इस मामले में कहा कि मस्जिद 1947 से पहले की है। पहले मस्जिद कच्ची थी और 2 मंजिल की थी। लोग मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ते थे, जिससे नमाज पढ़ने में दिक्कत आती थी। इसे देखते हुए लोगों ने चंदा इकट्ठा किया और मस्जिद निर्माण शुरू किया। जमीन वक्फ बोर्ड की थी, जिस पर 2 मंजिल पहले से बनी थीं। मस्जिद की 2 मंजिल को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। वक्फ बोर्ड इसकी लड़ाई लड़ रहा है। कानून का जो निर्णय होगा, वो सभी को मंजूर होगा। राज्य सरकार बोली- 2010 में शुरू हुआ था अवैध निर्माण संजौली के बाद कुसुम्पटी में भी प्रदर्शन संजौली से भड़की चिंगारी शहर के अन्य उप नगरों में भी फैल रहीं हैं। संजौली के बाद वीरवार शाम और शुक्रवार को शिमला के कुसुम्पटी में भी स्थानीय लोगों ने मस्जिद के बाहर प्रदर्शन कर चुके है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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