हिमाचल की राजधानी शिमला में संजौली के बाद कसुम्पटी में भी मस्जिद को लेकर विवाद गहरा गया है। बीती शाम को कसुम्पटी में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने मस्जिद के बाहर इकट्ठा होकर 3 घंटे प्रदर्शन किया। इस दौरान हनुमान चालीसा का भी पाठ किया। प्रदर्शनकारियों ने विशेष समुदाय के लोगों पर अवैध ढंग से मस्जिद चलाने और इसे तोड़ने की मांग की। स्थानीय लोगों के प्रदर्शन के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने मस्जिद के कागजात देखने के लिए 2 दिन का समय मांगा और उसके हिसाब से कार्रवाई का भरोसा दिया। तब जाकर लोग धरना स्थल से हटने को तैयार हुए। कसुम्पटी से पार्षद रचना शर्मा ने कहा कि कसुम्पटी में भी अवैध मस्जिद को हटाया जाए। उन्होंने बताया कि जिस जगह मस्जिद चल रही है, वह जमीन घर के लिए ली गई थी। घर के भीतर निर्माण करके इसे मस्जिद बना दिया गया। इससे विशेष समुदाय के लोग जब नमाज पढ़ने आते हैं, तो स्थानीय लोगों को यहां परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रचना शर्मा ने कहा, मस्जिद में बाहर से लोग नमाज पढ़ने आते हैं। इससे बाजार का माहौल खराब हो रहा है। इस दौरान लोगों का चलना फिरना तक मुश्किल हो जाता है। 4-5 सालों से मस्जिद में बड़ी गतिविधियां नगर निगम शिमला के पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा ने कहा, बीते 4-5 सालों से यहां गतिविधियां बढ़ी हैं। उन्होंने कहा, यह जमीन वफ्फ बोर्ड ने सदीक मोहम्मद की पत्नी मुमताज बेगम के नाम पर लीज पर दी थी। उनके बच्चों ने इसे बाहर से आने वाले लोगों को दे दिया। जिसके बाद से यहां बाहर के लोगों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई। उन्होंने कहा, यहां से 1 किलोमीटर आगे दूसरी मस्जिद है। ऐसे में इस मस्जिद की क्या जरूरत है। नमाज के समय यहां से चलना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने प्रशासन से इस मस्जिद को हटाने की मांग की है। बता दें कि शिमला के संजौली में बनी मस्जिद के विरोध की चिंगारी शहर के अन्य क्षेत्रों में भी सुलगने लगी है। बीते वीरवार को संजौली और चौड़ा मैदान में भी बड़ी संख्या में लोगों ने अवैध मस्जिद के ढांचे को गिराने के लिए प्रदर्शन किया था। बीते रविवार को भी लोग संजौली में प्रदर्शन कर चुके है। तब प्रशासन ने MC कोर्ट के फैसले का इंतजार करने का लोगों से आग्रह किया है और कानून के हिसाब से कार्रवाई का भरोसा दिया है। कल MC आयुक्त कोर्ट में सुनवाई शिमला के नगर निगम (MC) आयुक्त कोर्ट में कल संजौली की मस्जिद को लेकर केस की सुनवाई है। अब दोनों पक्षों की नजरे कोर्ट के फैसले पर टिकी है। संजौली में पुरानी मस्जिद 1947 से पहले की बनी है। मगर तब दो मंजिला कच्ची मस्जिद थी। साल 2010 में यहां बहुमंजिला मस्जिद बनाने का काम शुरू हुआ। इसके बाद MC शिमला में लगभग 35 बार मस्जिद के अवैध निर्माण को रोकने के नोटिस दिए। बीते 14 सालों के दौरान इस मस्जिद को लेकर MC आयुक्त कोर्ट में 44 पेशी हो चुकी है। कल 45वीं बार सुनवाई है। इधर, लोगों ने मस्जिद के अवैध निर्माण को तोड़ने का अल्टीमेटम दे रखा है। आरोप- बिना मंजूरी के 5 मंजिला मस्जिद बना दी गई आरोप है कि संजौली के पॉश इलाके में बिना अनुमति और नक्शा पास किए बगैर 5 मंजिला मस्जिद बना दी गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ने आते हैं। 5 दिन पहले प्रदर्शन कर रहे लोगों ने आरोप लगाया कि जब मुस्लिम समुदाय के लोग यहां इकट्ठा होते हैं तो कुछ घरों में ताक-झांक करते रहते हैं। 73 साल के श्याम लाल ने बताया, ‘पहले यहां छोटी मस्जिद थी। एक समुदाय के 2 ही परिवार यहां रहते थे। लेकिन बीते कुछ सालों के दौरान यहां बड़ी संख्या में बाहर से आकर लोग बसने लगे। बाहरी लोगों ने ही यहां बहुमंजिला मस्जिद बनाई। जो मस्जिद पहले बनी थी, वो कच्ची और दो मंजिला थी। नमाज के वक्त यहां लोगों की काफी भीड़ होती है। इससे लोगों का इस इलाके में चलना भी मुश्किल हो जाता है। इमाम बोले- 1947 में बनी पुरानी मस्जिद मस्जिद के इमाम शहजाद ने इस मामले में कहा कि मस्जिद 1947 से पहले की है। पहले मस्जिद कच्ची थी और 2 मंजिल की थी। लोग मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ते थे। जिससे नमाज पढ़ने में दिक्कत आती थी। इसे देखते हुए लोगों ने चंदा इकट्ठा किया और मस्जिद निर्माण शुरू किया। जमीन वक्फ बोर्ड की थी, जिस पर 2 मंजिल पहले से बनी थीं। मस्जिद की 2 मंजिल को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। वक्फ बोर्ड इसकी लड़ाई लड़ रहा है। कानून का जो निर्णय होगा, वो सभी को मंजूर होगा। राज्य सरकार बोली- 2010 में शुरू हुआ था अवैध निर्माण 2 मंत्री मस्जिद पहुंचे वहीं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह और पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह बीती शाम को संजौली में अवैध मस्जिद का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान दोनों ने अवैध ढांचे को लेकर स्थानीय लोगों से बात की। अनिरुद्ध सिंह ने कहा, मामला नगर निगम कोर्ट में चल रहा है। इस मामले में कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान महिलाओं ने तांकझांक का आरोप लगाया कानून के तहत होगी कार्रवाई:CM इस मामले में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा, हम सभी नागरिकों का सम्मान करते है। किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इस मामले में कानून के तहत कार्रवाई होगी। हिमाचल की राजधानी शिमला में संजौली के बाद कसुम्पटी में भी मस्जिद को लेकर विवाद गहरा गया है। बीती शाम को कसुम्पटी में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने मस्जिद के बाहर इकट्ठा होकर 3 घंटे प्रदर्शन किया। इस दौरान हनुमान चालीसा का भी पाठ किया। प्रदर्शनकारियों ने विशेष समुदाय के लोगों पर अवैध ढंग से मस्जिद चलाने और इसे तोड़ने की मांग की। स्थानीय लोगों के प्रदर्शन के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने मस्जिद के कागजात देखने के लिए 2 दिन का समय मांगा और उसके हिसाब से कार्रवाई का भरोसा दिया। तब जाकर लोग धरना स्थल से हटने को तैयार हुए। कसुम्पटी से पार्षद रचना शर्मा ने कहा कि कसुम्पटी में भी अवैध मस्जिद को हटाया जाए। उन्होंने बताया कि जिस जगह मस्जिद चल रही है, वह जमीन घर के लिए ली गई थी। घर के भीतर निर्माण करके इसे मस्जिद बना दिया गया। इससे विशेष समुदाय के लोग जब नमाज पढ़ने आते हैं, तो स्थानीय लोगों को यहां परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रचना शर्मा ने कहा, मस्जिद में बाहर से लोग नमाज पढ़ने आते हैं। इससे बाजार का माहौल खराब हो रहा है। इस दौरान लोगों का चलना फिरना तक मुश्किल हो जाता है। 4-5 सालों से मस्जिद में बड़ी गतिविधियां नगर निगम शिमला के पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा ने कहा, बीते 4-5 सालों से यहां गतिविधियां बढ़ी हैं। उन्होंने कहा, यह जमीन वफ्फ बोर्ड ने सदीक मोहम्मद की पत्नी मुमताज बेगम के नाम पर लीज पर दी थी। उनके बच्चों ने इसे बाहर से आने वाले लोगों को दे दिया। जिसके बाद से यहां बाहर के लोगों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई। उन्होंने कहा, यहां से 1 किलोमीटर आगे दूसरी मस्जिद है। ऐसे में इस मस्जिद की क्या जरूरत है। नमाज के समय यहां से चलना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने प्रशासन से इस मस्जिद को हटाने की मांग की है। बता दें कि शिमला के संजौली में बनी मस्जिद के विरोध की चिंगारी शहर के अन्य क्षेत्रों में भी सुलगने लगी है। बीते वीरवार को संजौली और चौड़ा मैदान में भी बड़ी संख्या में लोगों ने अवैध मस्जिद के ढांचे को गिराने के लिए प्रदर्शन किया था। बीते रविवार को भी लोग संजौली में प्रदर्शन कर चुके है। तब प्रशासन ने MC कोर्ट के फैसले का इंतजार करने का लोगों से आग्रह किया है और कानून के हिसाब से कार्रवाई का भरोसा दिया है। कल MC आयुक्त कोर्ट में सुनवाई शिमला के नगर निगम (MC) आयुक्त कोर्ट में कल संजौली की मस्जिद को लेकर केस की सुनवाई है। अब दोनों पक्षों की नजरे कोर्ट के फैसले पर टिकी है। संजौली में पुरानी मस्जिद 1947 से पहले की बनी है। मगर तब दो मंजिला कच्ची मस्जिद थी। साल 2010 में यहां बहुमंजिला मस्जिद बनाने का काम शुरू हुआ। इसके बाद MC शिमला में लगभग 35 बार मस्जिद के अवैध निर्माण को रोकने के नोटिस दिए। बीते 14 सालों के दौरान इस मस्जिद को लेकर MC आयुक्त कोर्ट में 44 पेशी हो चुकी है। कल 45वीं बार सुनवाई है। इधर, लोगों ने मस्जिद के अवैध निर्माण को तोड़ने का अल्टीमेटम दे रखा है। आरोप- बिना मंजूरी के 5 मंजिला मस्जिद बना दी गई आरोप है कि संजौली के पॉश इलाके में बिना अनुमति और नक्शा पास किए बगैर 5 मंजिला मस्जिद बना दी गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ने आते हैं। 5 दिन पहले प्रदर्शन कर रहे लोगों ने आरोप लगाया कि जब मुस्लिम समुदाय के लोग यहां इकट्ठा होते हैं तो कुछ घरों में ताक-झांक करते रहते हैं। 73 साल के श्याम लाल ने बताया, ‘पहले यहां छोटी मस्जिद थी। एक समुदाय के 2 ही परिवार यहां रहते थे। लेकिन बीते कुछ सालों के दौरान यहां बड़ी संख्या में बाहर से आकर लोग बसने लगे। बाहरी लोगों ने ही यहां बहुमंजिला मस्जिद बनाई। जो मस्जिद पहले बनी थी, वो कच्ची और दो मंजिला थी। नमाज के वक्त यहां लोगों की काफी भीड़ होती है। इससे लोगों का इस इलाके में चलना भी मुश्किल हो जाता है। इमाम बोले- 1947 में बनी पुरानी मस्जिद मस्जिद के इमाम शहजाद ने इस मामले में कहा कि मस्जिद 1947 से पहले की है। पहले मस्जिद कच्ची थी और 2 मंजिल की थी। लोग मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ते थे। जिससे नमाज पढ़ने में दिक्कत आती थी। इसे देखते हुए लोगों ने चंदा इकट्ठा किया और मस्जिद निर्माण शुरू किया। जमीन वक्फ बोर्ड की थी, जिस पर 2 मंजिल पहले से बनी थीं। मस्जिद की 2 मंजिल को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। वक्फ बोर्ड इसकी लड़ाई लड़ रहा है। कानून का जो निर्णय होगा, वो सभी को मंजूर होगा। राज्य सरकार बोली- 2010 में शुरू हुआ था अवैध निर्माण 2 मंत्री मस्जिद पहुंचे वहीं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह और पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह बीती शाम को संजौली में अवैध मस्जिद का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान दोनों ने अवैध ढांचे को लेकर स्थानीय लोगों से बात की। अनिरुद्ध सिंह ने कहा, मामला नगर निगम कोर्ट में चल रहा है। इस मामले में कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान महिलाओं ने तांकझांक का आरोप लगाया कानून के तहत होगी कार्रवाई:CM इस मामले में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा, हम सभी नागरिकों का सम्मान करते है। किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इस मामले में कानून के तहत कार्रवाई होगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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