हिमाचल प्रदेश में अगले पांच दिन मौसम साफ रहेगा। इससे खासकर दिन के तापमान में उछाल आएगा। प्रदेश का औसत तापमान पहले ही सामान्य से 1.2 डिग्री ज्यादा चल रहा है। आगामी पांच दिनों के दौरान धूप खिलने से इसमें और इजाफा होगा। हालांकि, अधिक ऊंचे क्षेत्रों में रात का तापमान गिरना शुरू हो गया है। केलांग के न्यूनतम तापमान में सबसे ज्यादा 3.1 डिग्री की कमी आई है। केलांग का तापमान गिरकर 3.9 डिग्री सेल्सियस रह गया है। कुकुमसेरी का तापमान भी 4.2 डिग्री, कल्पा 7 डिग्री और समदो का 9.3 डिग्री तक न्यूनतम तापमान गिर गया है। रात का तापमान जरूर कम हो रहा है, लेकिन दिन का तापमान बारिश-बर्फबारी होने तक नॉर्मल से ज्यादा रहने वाला है। अक्टूबर में सामान्य से 93% कम बारिश प्रदेश में मानसून विदा होने के बाद से 8 जिलों में पानी की बूंद तक नहीं गिरी। मौसम विभाग के अनुसार, 1 से 9 अक्टूबर के बीच सामान्य से 93 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस अवधि में 8.4 MM सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 0.6 MM बारिश हुई है। 8 जिलों में एक बूंद भी नहीं बरसी चंबा, हमीरपुर, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल स्पीति, शिमला, सोलन व सिरमौर जिला में एक बूंद भी बारिश नहीं हुई। ऊना जिला में सबसे ज्यादा 8.6 मिलीमीटर, कांगड़ा में 1 MM और मंडी में 3.7 MM बादल बरसे है। प्रदेश के 9 शहरों का पारा 30 डिग्री पार हिमाचल प्रदेश में अगले पांच दिन मौसम साफ रहेगा। इससे खासकर दिन के तापमान में उछाल आएगा। प्रदेश का औसत तापमान पहले ही सामान्य से 1.2 डिग्री ज्यादा चल रहा है। आगामी पांच दिनों के दौरान धूप खिलने से इसमें और इजाफा होगा। हालांकि, अधिक ऊंचे क्षेत्रों में रात का तापमान गिरना शुरू हो गया है। केलांग के न्यूनतम तापमान में सबसे ज्यादा 3.1 डिग्री की कमी आई है। केलांग का तापमान गिरकर 3.9 डिग्री सेल्सियस रह गया है। कुकुमसेरी का तापमान भी 4.2 डिग्री, कल्पा 7 डिग्री और समदो का 9.3 डिग्री तक न्यूनतम तापमान गिर गया है। रात का तापमान जरूर कम हो रहा है, लेकिन दिन का तापमान बारिश-बर्फबारी होने तक नॉर्मल से ज्यादा रहने वाला है। अक्टूबर में सामान्य से 93% कम बारिश प्रदेश में मानसून विदा होने के बाद से 8 जिलों में पानी की बूंद तक नहीं गिरी। मौसम विभाग के अनुसार, 1 से 9 अक्टूबर के बीच सामान्य से 93 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस अवधि में 8.4 MM सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 0.6 MM बारिश हुई है। 8 जिलों में एक बूंद भी नहीं बरसी चंबा, हमीरपुर, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल स्पीति, शिमला, सोलन व सिरमौर जिला में एक बूंद भी बारिश नहीं हुई। ऊना जिला में सबसे ज्यादा 8.6 मिलीमीटर, कांगड़ा में 1 MM और मंडी में 3.7 MM बादल बरसे है। प्रदेश के 9 शहरों का पारा 30 डिग्री पार हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल हाईकोर्ट से अडानी पावर को झटका:280 करोड़ का अपफ्रंट प्रीमियम राशि लौटाने से इनकार; प्रदेश सरकार को राहत हिमाचल हाईकोर्ट (HC) ने जंगी थोपन पवारी हाइड्रो प्रोजेक्ट से जुड़े केस में अडानी पावर को झटका और प्रदेश सरकार को बड़ी राहत प्रदान की है। HC की डिवीजन बैंच ने वीरवार को सिंगल बैंच के पूर्व में आए फैसले को पलटते हुए अडानी पावर को 280 करोड़ रुपए की अपफ्रंट प्रीमियम राशि लौटाने के फैसले को पलट डाला है। जस्टिस विवेक ठाकुर और बिपिन चंद्र नेगी की बेंच ने कहा, प्रीमियम राशि के लिए अडानी समूह हकदार नहीं है, जबकि हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने सरकार को आदेश दिए थे कि दो माह में राशि वापस करे, नहीं तो सालाना 9 फीसदी ब्याज सहित राशि देनी होगी। दरअसल, हिमाचल सरकार ने टैंडर के आधार पर जंगी थोपन प्रोजेक्ट 2006 में ब्रैकल कंपनी को दिया था। तब कंपनी ने 280 करोड़ रुपए सरकार को अपफ्रंट प्रीमियम के तौर पर सरकार के पास जमा कराए थे। हिमाचल के एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने कहा, ब्रैकल कंपनी ने जंगी थोपन प्रोजेक्ट फ्रॉड करके हासिल किया था। यह फ्रॉड अदालत में भी साबित हो चुका है। इसके बाद रिलायंस को प्रोजेक्ट दिया गया। मगर 2016 में रिलायंस ने इस प्रोजेक्ट को बनाने से इनकार कर दिया। इस मामले में नया मोड़ तब आया, जब अडानी पावर कंपनी ने 280 करोड़ रुपए का अपफ्रंट प्रीमियम प्रदेश सरकार से ब्याज सहित मांगा। प्रदेश सरकार ने अडानी समूह की इस मांग को खारिज कर दिया और कहा, अडानी पावर से प्रदेश सरकार का कोई संबंध नहीं। इसके खिलाफ अडानी पावर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने कुछ समय पहले अडानी पावर के पक्ष में फैसला सुनाया। कहा कि प्रदेश सरकार 280 करोड़ अडानी पावर को वापस करें। सिंगल बैंच के फैसले को सरकार ने दी चुनौती सिंगल बैंच के इसी फैसले को प्रदेश सरकार ने डबल बैंच में चुनौती दी। प्रदेश सरकार ने अदालत में कहा कि ब्रैकल कंपनी ने फ्रॉड करके प्रोजेक्ट हासिल किया है। सरकार ने अदालत में कहा, हिमाचल गवर्नमेंट और अडानी पावर के बीच कभी भी कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ। सरकार ने ब्रैकल कंपनी के साथ जरूर एग्रीमेंट किया था। ऐसे में अडानी समूह अपफ्रंट प्रीमियम का हकदार नहीं है। अगर अपफ्रंट प्रीमियम बनता है तो वह ब्रैकल का बनता था। मगर ब्रैकल का फ्रॉड साबित होने के बाद यह कंपनी भी प्रीमियम की हकदार नहीं रही। पुराना है ब्रैकल और जंगी थोपन का विवाद ब्रैकल कंपनी और जंगी थोपन पावर प्रोजेक्ट का विवाद वर्षों पुराना है। वर्ष 2006 में राज्य सरकार ने जंगी थोपन प्रोजेक्ट का आवंटन ब्रेकल को किया था। 960 मेगावाट क्षमता के इस प्रोजेक्ट के लिए बिड में रिलायंस दूसरे स्थान पर थी। तत्कालीन धूमल सरकार को जब मालूम पड़ा कि कंपनी ने फर्जी दस्तावेज जमा किए है तो धूमल सरकार ने इसकी जांच का जिम्मा विजिलेंस को सौंपा। इसके बाद सत्ता परिवर्तन हुआ और पूर्व वीरभद्र सरकार ने जंगी थोपन प्रोजेक्ट अडानी को देने का निर्णय लिया। लेकिन जयराम सरकार ने कंपनी पर वित्तीय बिड में गलती का आरोप लगाते हुए अपफ्रंट मनी लौटाए बगैर यह प्रोजेक्ट सतलुज जल विद्युत निगम (SJVNL) को दे दिया। इसके बाद अडानी समूह हाईकोर्ट में अपफ्रंट मनी को लेकर लड़ाई लड़ता रहा। सिंगल बैंच में अडानी लड़ाई जीत गया। मगर डबल बैंच में हार गया। सरकार को करोड़ों की राजस्व हानि इस प्रोजेक्ट के कारण राज्य सरकार को करोड़ों रुपए की राजस्व हानि हुई है। यदि प्रोजेक्ट समय पर तैयार हो गया होता इससे सरकार को रॉयल्टी के तौर पर करोड़ों की राशि सरकारी खजाने में मिल गई होती। अनूप रत्न ने कहा, इस प्रोजेक्ट के निर्माण में देरी की वजह से 9 से 10 हजार करोड़ रुपए का सरकार को नुकसान हो चुका है।
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हिमाचल में धीमा पड़ा मानसून:अब तक नॉर्मल से 19% कम बारिश; प्रदेशभर में 42 सड़कें और 121 बिजली के ट्रॉसफॉर्मर बंद हिमाचल में मानसून की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ गई है। प्रदेश में मौजूदा मानसून सीजन में नॉर्मल से 19 प्रतिशत कम बारिश हुई है। 1 जून से 8 जुलाई तक 152.6 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, मगर इस बार 123.6 मिलीमीटर ही बारिश हुई। कांगड़ा, मंडी और शिमला को छोड़कर अन्य सभी जिलाें में नॉर्मल से कम बादल बरसे हैं। लाहौल स्पीति और सिरमौर जिला में सबसे कम बारिश हुई है। बिलासपुर जिला में नॉर्मल से 18 प्रतिशत कम बारिश हुई। चंबा जिले में भी नॉर्मल से 31 प्रतिशत कम, हमीरपुर में 21 प्रतिशत, किन्नौर में 47 प्रतिशत, कुल्लू में 17 प्रतिशत, लाहौल स्पीति में 55 प्रतिशत, सिरमौर में 52 प्रतिशत, सोलन में 16 प्रतिशत और ऊना जिला में नॉर्मल से 39 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इन जिलों में नॉर्मल से ज्यादा बारिश वहीं, कांगड़ा जिला में नॉर्मल से 2 प्रतिशत ज्यादा, मंडी में 8 प्रतिशत और शिमला में नॉर्मल की तुलना में 12 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई। 24 घंटे में नादौन में सबसे ज्यादा बारिश बीते 24 घंटे के दौरान हमीरपुर के नादौन में सबसे ज्यादा 34.5 मिलीमटर बारिश हुई है। भावानगर में 32.8 मिलीमीटर, नंगल डैम में 16.2 मिमी, कसौली में 15 मिमी, जोगेंद्रनगर में 10 मिमी और कोटखाई 8.1 मिमी बारिश हुई है। 15 जुलाई तक खराब रहेगा मौसम मौसम विभाग की माने तो आज और कल कुछे स्थानों पर बारिश का पूर्वानुमान है। मगर 11 और 12 जुलाई को प्रदेश के ज्यादातर भागों में बारिश का पूर्वानुमान है। प्रदेश में 15 जुलाई तक मौसम खराब बना रहेगा। बारिश के बाद 42 सड़कें बंद वहीं, पिछले कुछ दिनों और आज सुबह हुई बारिश के बाद प्रदेश में 42 से अधिक सड़कें बंद हैं। इनमें 35 सड़कें ऐसी हैं जो एक सप्ताह से बंद हैं। लोक निर्माण विभाग इन सड़कों को बहाल करने में जुटा हुआ है। इसी तरह प्रदेश में 121 बिजली के ट्रांसफॉर्मर भी बंद पड़े हैं।
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शिमला में छोटे-छोटे बच्चों के साथ सड़क पर वोकेश्नल-टीचर:5 दिन से सरकार नहीं ले रही सुध, सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को बाहर करने पर अड़े हिमाचल के वोकेश्नल टीचर 5 दिन से शिमला में हड़ताल पर है। इससे 1100 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में 80 हजार से ज्यादा छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। फिर भी सरकार इन्हें वार्ता को नहीं बुला रही। वहीं वोकेश्नल टीचर सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को बाहर नहीं करने तक हड़ताल पर डटे रहने की चेतावनी दे चुके हैं। हड़ताल पर गए वोकेश्नल टीचर हरियाणा की तर्ज पर उनकी सेवाएं विभाग के अधीन लाने की मांग कर रहे हैं। इनका आरोप है कि कंपनियां 10-11 सालों से उनका शोषण कर रही है। सरकार को भी उन्हें कमीशन के रूप में मोटी रकम देनी पड़ रही है। हरियाणा सरकार पहले ही इनकी सेवाओं को विभाग के अधीन ला चुका है। अब हिमाचल में भी यही मांग उठ रही है। वोकेश्नल टीचर शिमला के चौड़ा मैदान में खुले आसमान के नीचे पांच दिन से हड़ताल पर बैठे है। इनमें कई महिला टीचर ऐसी है जिनके साथ उनके छोटे छोटे बच्चे भी चौड़ा मैदान में मौजूद है। ऐसे में इन्हें खासकर रात के वक्त परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ टीचरों की तबीयत भी बिगड़ने लगी रही है, क्योंकि रात में तापमान काफी नीचे गिर जाता है। छोटे-छोटे बच्चों के साथ हड़ताल पर महिला टीचर वोकेश्नल टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी कुमार ने बताया कि पांच दिन से सरकार ने उनकी सुध नहीं ली। महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों के साथ हड़ताल पर डटी हुई है। उन्होंने बताया कि वोकेश्नल टीचर की एक ही मांग है। वह चाहते हैं कि सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को बाहर किया जाएगा। इससे सरकार पर एक रुपए का भी वित्तीय बोझ पड़ने वाला नहीं है। फिर भी अब तक सरकार ने उन्हें वार्ता को नहीं बुलाया। इससे वोकेश्नल टीचरों में सरकार के प्रति रोष पनपता जा रहा है। उन्होंने बताया कि जब तक कंपनियों को बाहर नहीं किया जाता तब तक टीचर काम पर नहीं लौटेंगे। वह आर पार की लड़ाई को तैयार है। 2174 टीचर 5 दिन से हड़ताल पर बता दें कि 2174 वोकेश्नल टीचर 5 दिन से शिमला के चौड़ा मैदान में हड़ताल पर बैठे हैं। प्रदेश के सरकारी हाई और सेकेंडरी स्कूलों में साल 2013 से वोकेश्नल सब्जेक्ट 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जा रहा है। इन पाठ्यक्रमों में 80 हजार से ज्यादा छात्र पंजीकृत है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने एक-दो नहीं बल्कि पूरी 17 कंपनियां पंजीकृत कर रखी है। दक्ष कामगार तैयार करने को वोकेश्नल पाठ्यक्रम सरकारी स्कूलों में वोकेश्नल टीचर केंद्र सरकार की स्कूलों में दक्ष कामगार तैयार करने की योजना के तहत रखे गए हैं। इनमें 90 प्रतिशत बजट केंद्र और 10 फीसदी बजट राज्य सरकार देती है।