हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने तीन विधानसभा उप चुनाव के लिए देर रात टिकटों का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने अपने वादे के अनुसार, तीनों सीटों पर निर्दलीय एवं पूर्व विधायकों को प्रत्याशी बनाया है। नालागढ़ से केएल ठाकुर, देहरा से होशियार सिंह और हमीरपुर से आशीष शर्मा बीजेपी के टिकट पर उप चुनाव लड़ेंगे। इनमें होशियार सिंह 2017 और 2022 में दो बार निर्दलीय विधायक जीत चुके हैं, जबकि 2012 में केएल ठाकुर भी एक बार बीजेपी से विधायक और दूसरी बार निर्दलीय चुने गए। 2022 में पार्टी ने इनका टिकट काटकर कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए लखविंदर राणा को टिकट दिया। इसके बाद केएल ठाकुर ने पार्टी से बगावत की और निर्दलीय चुनाव जीतकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे।वहीं हमीरपुर सीट से आशीष शर्मा पहली बार निर्दलीय विधायक चुने गए थे। इन्होंने बीते 23 मार्च को बीजेपी जॉइन की इन तीनों ने बीते 23 मार्च को ही दिल्ली में भाजपा जॉइन की थी। इनके रिजाइन करने की वजह से ही प्रदेश में तीन सीटों पर उप चुनाव की नौबत आई है। संबंधित क्षेत्र की जनता ने दिसंबर 2022 में ही इन्हें पांच साल के लिए चुनकर विधानसभा भेजा था। मगर इन्होंने 15 महीने में ही अपने पदों से इस्तीफे दे दिए। इस वजह से आई चुनाव की नौबत दरअसल, तीनों निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस के छह बागियों के साथ मिलकर राज्यसभा चुनाव में बीते 27 फरवरी को बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन को वोट दिया था। बीजेपी प्रत्याशी को वोट देने के बाद से सभी पूर्व विधायक एक महीने तक प्रदेश से बाहर रहे। इस दौरान इन्होंने भी अपना छोड़ने का निर्णय लिया और 22 मार्च को अचानक तीनों विधानसभा पहुंचे। यहां पर इन्होंने पहले विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा और बाद में स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया को इस्तीफे सौंपे। इसके बाद राजस्व मंत्री जगत नेगी और शिक्षा मंत्री ने स्पीकर के पास एक याचिका दायर की, जिसमें शंका जाहिर की गई कि हो सकता है कि इन पर इस्तीफा देने के लिए दबाव डाला गया। इसलिए इसकी जांच की जाए। इस वजह से इनके इस्तीफे स्वीकार नहीं हो पाए और मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। बीते तीन जून को स्पीकर ने इनके इस्तीफे स्वीकार किए और 9 जून को केंद्रीय चुनाव आयोग ने उप चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने तीन विधानसभा उप चुनाव के लिए देर रात टिकटों का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने अपने वादे के अनुसार, तीनों सीटों पर निर्दलीय एवं पूर्व विधायकों को प्रत्याशी बनाया है। नालागढ़ से केएल ठाकुर, देहरा से होशियार सिंह और हमीरपुर से आशीष शर्मा बीजेपी के टिकट पर उप चुनाव लड़ेंगे। इनमें होशियार सिंह 2017 और 2022 में दो बार निर्दलीय विधायक जीत चुके हैं, जबकि 2012 में केएल ठाकुर भी एक बार बीजेपी से विधायक और दूसरी बार निर्दलीय चुने गए। 2022 में पार्टी ने इनका टिकट काटकर कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए लखविंदर राणा को टिकट दिया। इसके बाद केएल ठाकुर ने पार्टी से बगावत की और निर्दलीय चुनाव जीतकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे।वहीं हमीरपुर सीट से आशीष शर्मा पहली बार निर्दलीय विधायक चुने गए थे। इन्होंने बीते 23 मार्च को बीजेपी जॉइन की इन तीनों ने बीते 23 मार्च को ही दिल्ली में भाजपा जॉइन की थी। इनके रिजाइन करने की वजह से ही प्रदेश में तीन सीटों पर उप चुनाव की नौबत आई है। संबंधित क्षेत्र की जनता ने दिसंबर 2022 में ही इन्हें पांच साल के लिए चुनकर विधानसभा भेजा था। मगर इन्होंने 15 महीने में ही अपने पदों से इस्तीफे दे दिए। इस वजह से आई चुनाव की नौबत दरअसल, तीनों निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस के छह बागियों के साथ मिलकर राज्यसभा चुनाव में बीते 27 फरवरी को बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन को वोट दिया था। बीजेपी प्रत्याशी को वोट देने के बाद से सभी पूर्व विधायक एक महीने तक प्रदेश से बाहर रहे। इस दौरान इन्होंने भी अपना छोड़ने का निर्णय लिया और 22 मार्च को अचानक तीनों विधानसभा पहुंचे। यहां पर इन्होंने पहले विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा और बाद में स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया को इस्तीफे सौंपे। इसके बाद राजस्व मंत्री जगत नेगी और शिक्षा मंत्री ने स्पीकर के पास एक याचिका दायर की, जिसमें शंका जाहिर की गई कि हो सकता है कि इन पर इस्तीफा देने के लिए दबाव डाला गया। इसलिए इसकी जांच की जाए। इस वजह से इनके इस्तीफे स्वीकार नहीं हो पाए और मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। बीते तीन जून को स्पीकर ने इनके इस्तीफे स्वीकार किए और 9 जून को केंद्रीय चुनाव आयोग ने उप चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल की टूरिज्म इंडस्ट्री पर मस्जिद विवाद भारी:ऑनलाइन बुकिंग कैंसिल; चिंता में पर्यटन कारोबारी, 20% से नीचे गिरी होटल में ऑक्युपेंसी
हिमाचल की टूरिज्म इंडस्ट्री पर मस्जिद विवाद भारी:ऑनलाइन बुकिंग कैंसिल; चिंता में पर्यटन कारोबारी, 20% से नीचे गिरी होटल में ऑक्युपेंसी हिमाचल प्रदेश में मस्जिद विवाद के बाद बिगड़े माहौल की वजह से पर्यटन कारोबारी चिंतित है। खासकर शिमला, नारकंडा, कुफरी के पर्यटन स्थलों पर इस वजह से पर्यटक नहीं पहुंच पा रहे। जिन पर्यटकों ने 10 से 15 दिन पहले ऑनलाइन होटल की एडवांस बुकिंग करवा रखी थी, वह मौजूदा माहौल को देखते हुए अपनी बुकिंग कैंसिल करवा रहे हैं। शिमला के बाद अब प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी आए दिन मस्जिद विवाद में प्रदर्शन हो रहे हैं। इसका असर मनाली, धर्मशाला, डलहौजी, कसौली इत्यादि पर्यटन स्थलों पर भी देखने को मिल सकता है। इसे देखते हुए पर्यटन व्यवसायी ने सरकार ने प्रदेश का आपसी सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। एडवांस बुकिंग कैंसिल: एमके सेठ शिमला होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहेंद्र कुमार सेठ ने बताया कि जो प्रोटेस्ट पिछले दिनों किया गया, इसका सीधा असर पर्यटन पर पड़ा है। होटल में लंबे वीकेंड पर एडवांस बुकिंग कैंसिल हुई है। होटल में पहले ही जुलाई से अभी तक न के बराबर ऑक्यूपेंसी थी। इस वीकेंड पर अच्छे टूरिस्ट आने की उम्मीद थी। मगर प्रोटेस्ट के चलते टूरिस्ट नहीं पहुंच रहा। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार इसका समाधान जल्द करेगी, क्योंकि शिमला एक पर्यटन नगरी के साथ साथ सैकड़ों लोगों की रोजी-रोटी का इंतजाम करता है। यदि इस माहौल को जल्द शांत नहीं किया गया तो इसका असर नए साल तक नजर आएगा। नेशनल TV पर लाठीचार्ज, वाटर कैनन देख घबराए पर्यटक: अश्वनी शिमला के होटेलियर अश्वनी सूद ने बताया कि जिस तरह से नेशनल टीवी में वाटर कैनन और लाठीचार्च दिखाया जा रहा है। उससे पर्यटक डरे व सहमे हुए है और शिमला आने से कतरा रहा है। इसकी मार सीधे तौर पर टूरिज्म इंडस्ट्री पर पड़ रही है। उन्होंने बताया कि 15 सितंबर तक 40 प्रतिशत से भी ज्यादा ऑक्युपेंसी हो जाती थी, लेकिन इस बार 20 प्रतिशत भी नहीं हो पाई। पूरे प्रदेश में होगा नुकसान : अनूप मनाली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप ठाकुर ने बताया कि यदि मस्जिद विवाद जल्द शांत नहीं किया गया तो इसका असर पूरे प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर देखने को मिलेगा और पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इस विवाद के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग प्रदेश आने से कतरा रहे हैं। 12 हजार करोड़ से ज्यादा का उद्योग बता दें कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 12 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का पर्यटन उद्योग का योगदान रहता है। राज्य में 4 लाख से ज्यादा परिवारों की रोजी-रोटी पर्यटन उद्योग पर निर्भर रहती है। प्रदेश की समृद्धि में सेब और टूरिज्म का सबसे बड़ा योगदान है। पर्यटकों के लिए पूरी तरह सेफ हिमाचल: CM मस्जिद विवाद में माहौल बिगड़ने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सर्वदलीय मीटिंग करके एक प्रस्ताव पास किया, जिसमें सभी दलों ने कहा, हिमाचल शांतिपूर्वक राज्य है। यहां हमेशा आपसी सद्भाव रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि आपसी भाईचारा बना रहे। प्रदेश टूरिज्म स्टेट है। हम यहां देश-विदेश के सभी पर्यटकों का स्वागत करते हैं।
हिमाचल में पेयजल घोटाले में एक्सईएन-SDO समेत 10 अधिकारी सस्पेंड:ठेकेदार ब्लैकलिस्ट, विजिलेंस जांच के लिए लेटर लिखा; बाइक-कार में ढोया था पानी
हिमाचल में पेयजल घोटाले में एक्सईएन-SDO समेत 10 अधिकारी सस्पेंड:ठेकेदार ब्लैकलिस्ट, विजिलेंस जांच के लिए लेटर लिखा; बाइक-कार में ढोया था पानी हिमाचल सरकार ने शुक्रवार को ठियोग में पेयजल सप्लाई घोटाले में 10 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। साथ ही पानी की सप्लाई करने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने के आदेश दिए। जल शक्ति विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डॉ. ओंकार चंद शर्मा ने सुप्रिंटेंडिंग इंजीनियर (SE) की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की। साथ ही विजिंलेंस के ADGP को डिटेल इंक्वायरी के लिए लेटर लिखा है। सस्पेंड किए गए अधिकारियों में मत्याना डिवीजन के एक्सईएन अशोक कुमार भोपाल, कसुम्प्टी डिवीजन के एक्सईएन बसंत सिंह, मत्याना SDO परनीत ठाकुर, कोटी SDO राकेश कुमार, वर्तमान में कोटगढ़ में तैनात SDO विवेक शर्मा, ठियोग के JE मस्त राम बराक्टा, लाफूघाटी के JE सुरेश कुमार, मत्याना के JE नीम चंद, रिटायर्ड JE सुदर्शन और धरेच फागू के JE सुनील कुमार शामिल हैं। पूर्व माकपा विधायक राकेश सिंघा ने ठियोग में 1 करोड़ 13 लाख रुपए का पानी लोगों को टैंकर से पिलाने के दावे को गलत बताया था। उन्होंने आरोप लगाया था, ‘पानी बाइक, ऑल्टो कार, के-10, होंडा सिटी कार और हॉर्टीकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो में ढोया गया। एक मोटर साइकिल पर 11 चक्कर में 22 हजार लीटर पानी ढोया गया। इसकी एवज में 23 हजार रुपए का भुगतान किया गया। शिमला में हार्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो जीप से 15 हजार लीटर पानी सप्लाई किया गया। इसके बदले 94 हजार की रकम ठेकेदार को दी गई।’ अधिकारियों के सस्पेंशन ऑर्डर…. राकेश सिंघा की 4 बड़ी बातें…. 1. ठेकेदार को पेमेंट की तो गबन दिखा राकेश सिंघा ने RTI की सूचना का हवाला देते कहा था कि ठियोग में जल शक्ति विभाग ने इस साल गर्मी के दौरान लोगों को पानी पिलाया है और जब इसकी पेमेंट ठेकेदार को की गई तो उसमें बड़ा गबन लग रहा है। उन्होंने मुख्य सचिव से इसकी जांच और उचित कार्रवाई की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने सचिवालय के घेराव की चेतावनी भी दी। 2. एक दिन में 1000 किलोमीटर वाहन की रनिंग दिखाई सिंघा ने कहा कि जल शक्ति विभाग ने बाइक पर भी लोगों को पानी पिलाया है। बिल लेने के लिए जब ठेकेदार ने बिल प्रोड्यूस किए तो बाइक, ऑल्टो कार, K-10, होंडा सिटी कार और हॉर्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो जैसी गाड़ियों के नंबर दिए गए। एक दिन में ही एक गाड़ी को 500 से 1000 किलोमीटर रनिंग दर्शाई गई, जो पहाड़ों में संभव ही नहीं है। 3. जहां सड़कें नहीं, वहां भी पानी की सप्लाई हर साल ठियोग में पानी की सप्लाई के लिए 10-12 लाख रुपए खर्च होते थे, लेकिन 2024 में यह आंकड़ा अचानक एक करोड़ के पार पहुंच गया। कई ऐसे वाहन नंबर भी दिखाए गए, जो अस्तित्व में ही नहीं हैं। यहां तक कि कुछ इलाकों में, जहां सड़कें तक नहीं हैं, वहां भी वाहनों से पानी की सप्लाई दिखाई गई। 4. एक महीने में ठेकेदार को पेमेंट का भुगतान किया
ठेकेदार को पानी की सप्लाई के पैसे का भुगतान एक महीने के भीतर कर दिया गया। अधिकारियों ने भी बिना जांच के बिल का भुगतान किया। ठियोग क्षेत्र में पानी की हर साल भारी किल्लत रहती है, लेकिन घोटाले के चलते लोगों को राहत नहीं मिल पाई। घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की जाए और इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए। विधायक ने कहा था- दाल में कुछ काला घोटाले के आरोपों पर ठियोग के कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने कहा था, भ्रष्टाचार व विकास कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। वह स्वयं गुणवत्ता की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। एक्सईएन और DC को इस पूरे मामले की जांच करने को कहा गया है। सरकार को इसकी जांच जल्द पूरा कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। प्रथम दृष्टि में मामले में दाल में काला नजर आ रहा है। जांच रिपोर्ट के बाद ही पूरे तथ्य सामने आएंगे। दोषियों को किसी भी स्तर पर छोड़ा नहीं जाएगा।
कुल्लू के खाइण में मनाया गया दियाली मेला:हिरण स्वांग नृत्य से हुआ मनोरंजन, मनु महाराज ने की थी शुरुआत
कुल्लू के खाइण में मनाया गया दियाली मेला:हिरण स्वांग नृत्य से हुआ मनोरंजन, मनु महाराज ने की थी शुरुआत हिमाचल प्रदेश कुल्लू जिला की शैंशर कोठी के खाइण गांव में दियाली मेले में अद्धभुत परम्परा का नजारा देखने को मिला। कुल्लू जिला में विभिन्न स्थानों पर पहाड़ी दियाली में अश्लील गाली गलौज व्यंग्यात्मक तरीके से होता है लेकिन शेंशर के दियाली (दीपावली) मेले में हॉर्न यानी हिरण स्वांग नृत्य से मनोरंजन हुआ। वहीं रातभर कुल्लू नाटी भी वाद्य यंत्रों की थाप होती रही। सुबह 4 बजे का आसपास खेत में घास जलाकर दियाली की परम्परा का निर्वहन किया गया। कुल्लू नाटी और हिरण स्वांग
दियाली मेले के दौरान रात भर कुल्लवी नाटी डाली गई, जिसमें स्थानीय लोगों ने भाग लिया। सुबह के समय खेत में घास जलाकर दियाली मनाई। जिसमें हिरण स्वांग का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। हिरण स्वांग में विभिन्न पात्रों ने मुखौटे लगाकर नृत्य किया। दर्शकों ने खूब मनोरंजन करने के साथ ही उक्त देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी लिया। मनु महाराज ने किया था दियाली का शुभारंभ
दियाली का शुभारंभ स्थानीय देवता मनु महाराज, माता शतरूपा व कशु नारायण के भव्य मिलन से हुआ। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मनु शतरूपा ने धरती पर सृष्टि का विस्तार महाप्रलय के बाद किया। यह 7वें मनु माने जाते हैं। इससे पहले भृगु ऋषि के पास मनु की उपाधि थी। क्या है हिरण स्वांग?
हरण लोकनाट्य हिमाचल के सर्वाधिक क्षेत्र में प्रदर्शित होता है। चम्बा में हरणेतर, किन्नौर में होरिंगफो, कुल्लू में हॉर्न भी कहते हैं। कुल्लू दशहरा में हिरण स्वांग नृत्य लंका दहन के दिन होता है। इसमें दो पक्षों का नृत्य और स्वांग होता है। नृत्य में तीन पात्र हरण, बूढ़ी और कान्हा चित्रा पट्टू डालकर हिरण बनते हैं और दाएं-बाएं चलकर नृत्य करते हैं। यह नृत्य 15 पौष, कुछ स्थानों पर माघी त्योहार, कई स्थानों पर होली तक रातभर आयोजित किया जाता है। हिरण खलियानों के बीच में धीरे-धीरे नाचती है। ढोल नगारा, काहल, रणसिंगा, शहनाई, बांसुरी और भाणा वाद्य यंत्रों के संगीत पर हरण, बूढ़ी और कान्हा बारह प्रकार के वशिष्ठ नृत्य करते हैं। यह नृत्य घर-घर जाकर खोली में भी किया जाता है। लोग उनको अनाज और पैसे भी भेंट करते हैं।