हिमाचल हाईकोर्ट का CM के ड्रीम प्रोजेक्ट को झटका:AU की जमीन टूरिज्म विलेज को देने पर रोक, 112 हेक्टेयर देने की थी तैयारी

हिमाचल हाईकोर्ट का CM के ड्रीम प्रोजेक्ट को झटका:AU की जमीन टूरिज्म विलेज को देने पर रोक, 112 हेक्टेयर देने की थी तैयारी

हिमाचल हाईकोर्ट ने एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी पालमपुर की 112 हेक्टेयर जमीन पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने पर रोक लगा दी है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने मंगलवार को एग्रीकल्चर टीचर्स एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात यह आदेश दिए। अदालत ने राज्य के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव कृषि, प्रधान सचिव पर्यटन व अन्यों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। याचिकाकर्ता संस्था के अनुसार, पर्यटन गांव बनाने के लिए एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की जमीन ट्रांसफर करना कानूनन गलत है। इस परियोजना के लिए राज्य सरकार के पास अन्य विकल्प मौजूद है। पालमपुर स्थित कृषि विश्वविद्यालय एक ऐतिहासिक संस्थान है। 1950 में लुधियाना यूनिवर्सिटी के केंद्र के तौर पर कांगड़ा में क्षेत्रीय केंद्र शुरू कांगड़ा में सबसे पहले 1950 के दशक में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के क्षेत्रीय केंद्र के रूप में यह संस्थान शुरू हुआ। जब कांगड़ा संयुक्त पंजाब का हिस्सा था। पंजाब के पहाड़ी क्षेत्रों को हिमाचल में मिलाने के बाद राज्य सरकार ने इसे पूर्ण विकसित विश्वविद्यालय बना दिया। 112 हैक्टेयर जमीन ट्रांसफर करने की तैयारी कृषि विश्वविद्यालय के पास शुरू में करीब 400 हेक्टेयर जमीन थी। समय के साथ विश्वविद्यालय की 125 हेक्टेयर जमीन विभिन्न सरकारी विभागों को आवंटित कर दी गई। अब यदि विश्वविद्यालय की 112 हेक्टेयर जमीन पर्यटन गांव परियोजना के लिए इस्तेमाल की जाती है तो यूनिवर्सिटी के विस्तार के लिए ज्यादा गुंजाइश नहीं बचेगी। शोध के लिए निर्धारित जमीन पर टूरिज्म विलेज न बनाया जाए प्रार्थी संस्था के अनुसार कृषि शोध के लिए निर्धारित जमीन का इस्तेमाल पर्यटन गांव बनाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस ने प्रस्तावित पर्यटन गांव बनाने के लिए अपनी 112 हेक्टेयर जमीन पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने के लिए अपनी सहमति पहले ही दे दी है। कर्मचारी-स्टूडेंट सब खिलाफ यूनिवर्सिटी के कर्मचारी संगठन और पालमपुर के कई अन्य संगठन कृषि विश्वविद्यालय की जमीन पर पर्यटन गांव बनाने का विरोध कर रहे हैं और इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार कृषि विश्वविद्यालय से ली गई जमीन पर पर्यटन गांव बनाने का प्रस्ताव कर रही है। CM सुक्खू के सपने को झटका कोर्ट के अंतरिम आदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। उन्होंने कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल के तौर पर विकसित करने का ऐलान किया है। मगर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के टीचर व छात्र संगठनों के अलावा कुछ स्थानीय लोग भी इसका विरोध कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस सरकार यूनिवर्सिटी की इस जमीन पर विभिन्न गतिविधियां शुरू करने की योजना बना रही थी। हिमाचल हाईकोर्ट ने एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी पालमपुर की 112 हेक्टेयर जमीन पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने पर रोक लगा दी है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने मंगलवार को एग्रीकल्चर टीचर्स एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात यह आदेश दिए। अदालत ने राज्य के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव कृषि, प्रधान सचिव पर्यटन व अन्यों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। याचिकाकर्ता संस्था के अनुसार, पर्यटन गांव बनाने के लिए एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की जमीन ट्रांसफर करना कानूनन गलत है। इस परियोजना के लिए राज्य सरकार के पास अन्य विकल्प मौजूद है। पालमपुर स्थित कृषि विश्वविद्यालय एक ऐतिहासिक संस्थान है। 1950 में लुधियाना यूनिवर्सिटी के केंद्र के तौर पर कांगड़ा में क्षेत्रीय केंद्र शुरू कांगड़ा में सबसे पहले 1950 के दशक में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के क्षेत्रीय केंद्र के रूप में यह संस्थान शुरू हुआ। जब कांगड़ा संयुक्त पंजाब का हिस्सा था। पंजाब के पहाड़ी क्षेत्रों को हिमाचल में मिलाने के बाद राज्य सरकार ने इसे पूर्ण विकसित विश्वविद्यालय बना दिया। 112 हैक्टेयर जमीन ट्रांसफर करने की तैयारी कृषि विश्वविद्यालय के पास शुरू में करीब 400 हेक्टेयर जमीन थी। समय के साथ विश्वविद्यालय की 125 हेक्टेयर जमीन विभिन्न सरकारी विभागों को आवंटित कर दी गई। अब यदि विश्वविद्यालय की 112 हेक्टेयर जमीन पर्यटन गांव परियोजना के लिए इस्तेमाल की जाती है तो यूनिवर्सिटी के विस्तार के लिए ज्यादा गुंजाइश नहीं बचेगी। शोध के लिए निर्धारित जमीन पर टूरिज्म विलेज न बनाया जाए प्रार्थी संस्था के अनुसार कृषि शोध के लिए निर्धारित जमीन का इस्तेमाल पर्यटन गांव बनाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस ने प्रस्तावित पर्यटन गांव बनाने के लिए अपनी 112 हेक्टेयर जमीन पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने के लिए अपनी सहमति पहले ही दे दी है। कर्मचारी-स्टूडेंट सब खिलाफ यूनिवर्सिटी के कर्मचारी संगठन और पालमपुर के कई अन्य संगठन कृषि विश्वविद्यालय की जमीन पर पर्यटन गांव बनाने का विरोध कर रहे हैं और इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार कृषि विश्वविद्यालय से ली गई जमीन पर पर्यटन गांव बनाने का प्रस्ताव कर रही है। CM सुक्खू के सपने को झटका कोर्ट के अंतरिम आदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। उन्होंने कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल के तौर पर विकसित करने का ऐलान किया है। मगर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के टीचर व छात्र संगठनों के अलावा कुछ स्थानीय लोग भी इसका विरोध कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस सरकार यूनिवर्सिटी की इस जमीन पर विभिन्न गतिविधियां शुरू करने की योजना बना रही थी।   हिमाचल | दैनिक भास्कर