हिमाचल हाईकोर्ट का CPS केस में एक और फैसला:मुख्य संसदीय सचिव की नियुक्ति के एक्ट को निरस्त किया; 2016 की याचिका पर आई जजमेंट

हिमाचल हाईकोर्ट का CPS केस में एक और फैसला:मुख्य संसदीय सचिव की नियुक्ति के एक्ट को निरस्त किया; 2016 की याचिका पर आई जजमेंट

हिमाचल हाईकोर्ट ने आज (बुधवार) 6 मुख्य संसदीय सचिव (CPS) मामले में तीसरी याचिका पर भी फैसला सुना दिया है। पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था की याचिका पर जजमेंट सुनाते हुए कोर्ट ने CPS की नियुक्ति के लिए बनाए गए एक्ट को असंवैधानिक बताया और CPS को पदों से हटाने के आदेश दिए। एडवोकेट रजनीश मनिकटाला ने बताया कि पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था ने साल 2016 में पूर्व वीरभद्र सरकार के कार्यकाल में CPS को चुनौती दी थी। इस पर आज अदालत ने फैसला सुनाया है। बता दें कि कल्पना नाम की एक महिला के अलावा BJP के 11 विधायकों और पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था ने CPS की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। कल्पना और बीजेपी के 11 विधायकों की याचिका पर कोर्ट बीते 13 नवंबर को आदेश सुना चुका है, जबकि पीपल फॉर रिस्पांन्सिबल गवर्नेंस संस्था की याचिका पर आज फैसला सुनाया है। 13 नवंबर को ही सीपीएस से सुविधाएं वापस ले चुकी सरकार रजनीश मनिकटाला ने कहा, कोर्ट ऑर्डर के अनुसार, CPS की नियुक्ति गलत है। इसलिए कोर्ट ने इन्हें पदों से हटाने के आदेश दिए है। हालांकि सभी CPS बीते 13 नवंबर के ऑर्डर के बाद ही हट गए हैं। सरकार ने इनसे गाड़ी, दफ्तर, स्टाफ जैसी सुविधाएं भी वापस ले ली है। इन्हें बनाया था CPS मुख्यमंत्री सुक्खू ने रोहड़ू के MLA एमएल ब्राक्टा, कुल्लू के सुंदर सिंह ठाकुर, अर्की के संजय अवस्थी, पालमपुर के आशीष बुटेल, ​दून के राम कुमार चौधरी और बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल को सीपीएस बनाया था। हिमाचल हाईकोर्ट ने आज (बुधवार) 6 मुख्य संसदीय सचिव (CPS) मामले में तीसरी याचिका पर भी फैसला सुना दिया है। पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था की याचिका पर जजमेंट सुनाते हुए कोर्ट ने CPS की नियुक्ति के लिए बनाए गए एक्ट को असंवैधानिक बताया और CPS को पदों से हटाने के आदेश दिए। एडवोकेट रजनीश मनिकटाला ने बताया कि पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था ने साल 2016 में पूर्व वीरभद्र सरकार के कार्यकाल में CPS को चुनौती दी थी। इस पर आज अदालत ने फैसला सुनाया है। बता दें कि कल्पना नाम की एक महिला के अलावा BJP के 11 विधायकों और पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था ने CPS की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। कल्पना और बीजेपी के 11 विधायकों की याचिका पर कोर्ट बीते 13 नवंबर को आदेश सुना चुका है, जबकि पीपल फॉर रिस्पांन्सिबल गवर्नेंस संस्था की याचिका पर आज फैसला सुनाया है। 13 नवंबर को ही सीपीएस से सुविधाएं वापस ले चुकी सरकार रजनीश मनिकटाला ने कहा, कोर्ट ऑर्डर के अनुसार, CPS की नियुक्ति गलत है। इसलिए कोर्ट ने इन्हें पदों से हटाने के आदेश दिए है। हालांकि सभी CPS बीते 13 नवंबर के ऑर्डर के बाद ही हट गए हैं। सरकार ने इनसे गाड़ी, दफ्तर, स्टाफ जैसी सुविधाएं भी वापस ले ली है। इन्हें बनाया था CPS मुख्यमंत्री सुक्खू ने रोहड़ू के MLA एमएल ब्राक्टा, कुल्लू के सुंदर सिंह ठाकुर, अर्की के संजय अवस्थी, पालमपुर के आशीष बुटेल, ​दून के राम कुमार चौधरी और बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल को सीपीएस बनाया था।   हिमाचल | दैनिक भास्कर