हिमाचल ‌‌BJP को नए साल में मिलेगा नया अध्यक्ष:मिशन-2027 के मद्देनजर होगा चयन; सतपाल सत्ती, बिंदल, विपिन परमार समेत 7 दावेदार दौड़ में

हिमाचल ‌‌BJP को नए साल में मिलेगा नया अध्यक्ष:मिशन-2027 के मद्देनजर होगा चयन; सतपाल सत्ती, बिंदल, विपिन परमार समेत 7 दावेदार दौड़ में

हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को नए साल में नया अध्यक्ष मिलना तय है। भाजपा ने मंडल से लेकर जिला कार्यकारिणी चुनाव के लिए इलेक्शन ऑफिसर नियुक्त कर दिए हैं। इसके साथ ही नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए चर्चाएं अभी से तेज हो गई हैं। फिलहाल 7 नाम चर्चा में हैं। प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में 2 पूर्व और मौजूदा प्रधान सत्तपाल सत्ती और राजीव बिंदल के अलावा विपिन सिंह परमार का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। ये तीनों सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। अगर इन पर सहमति नहीं बनती है तो पार्टी पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर के नाम पर भी सहमति बनाने की कोशिश कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि इन चार वरिष्ठ नेताओं के अलावा पार्टी इंदू गोस्वामी, त्रिलोक जम्वाल और फिर डॉ. सिकंदर को भी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंप सकती है। नेताओं ने अध्यक्ष के लिए लॉबिंग भी शुरू कर दी है। सत्तपाल सत्ती मजबूत दावेदार माने जा रहे प्रदेश अध्यक्ष की रेस में सत्तपाल सत्ती का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। सत्ती 9 साल तक प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्तमान में वह ऊना से तीसरी बार विधायक बने हैं। तेज तर्रार नेता सत्ती 2 बार चुनाव में निर्वाचित होकर अध्यक्ष बने थे, जबकि तीसरी पार उन्हें सेवा विस्तार दिया गया था। बिंदल की फिर से दावेदारी मौजूदा अध्यक्ष एवं 5 बार विधायक रह चुके राजीव बिंदल को भी पार्टी फिर से कमान सौंप सकती है। बिंदल जनवरी 2020 में पार्टी के अध्यक्ष चुने गए। मगर कोरोना काल में भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से उन्होंने 5 महीने के भीतर ही पद से इस्तीफा दिया। दिसंबर 2022 में वह विधानसभा चुनाव हार गए। इसके बाद पार्टी में अप्रैल 2023 में राजीव बिंदल को फिर से अध्यक्ष पद की कमान होगी। कांगड़ा के विपिन परमार मजबूत चेहरा प्रदेश की सत्ता की चाबी तय करने वाले सबसे बड़े कांगड़ा जिला से संबंध रखने वाले सुलह के विधायक विपिन सिंह परमार को भी अध्यक्ष का मजबूत चेहरा माना जा रहा है। परमार संगठन में विभिन्न पदों पर सेवाएं दे चुके हैं। पूर्व सरकार में वह स्वास्थ्य मंत्री के अलावा विधानसभा अध्यक्ष का दायित्व भी संभाल चुके हैं। ये 4 नाम पर अध्यक्ष पद की रेस में इन तीनों के अलावा पूर्व इंडस्ट्री मिनिस्टर बिक्रम ठाकुर, ​​​​​​जेपी नड्डा के करीबी त्रिलोक जम्वाल, राज्यसभा सांसद ​इंदू गोस्वामी और राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार का नाम पर खूब चर्चा में है। बिक्रम ठाकुर और इंदू गोस्वामी दोनों कांगड़ा जिला से संबंध रखते हैं। बिक्रम काफी तेज तर्रार नेता माने जाते हैं, वहीं इंदू गोस्वामी को प्रधानमंत्री मोदी का करीबी माना जाता है। इसलिए उन्हें भी दावेदार माना जा रहा है। राजपूत कोटे से भाजपा ने जयराम ठाकुर को नेता प्रतिपक्ष बना रखा है। ऐसे में मिशन 2027 को देखते हुए भाजपा दलित वोट साधने के लिए राज्यसभा सांसद डॉ.सिकंदर कुमार पर भी दांव खेल सकती हैं। नवंबर के अंत तक ब्लाक व जिला कार्यकारिणी का चुनाव: भारद्वाज प्रदेश में मंडल से लेकर जिला कार्यकारिणी चुनाव के लिए इलैक्शन ऑफिसर तैनात कर दिए गए है। प्रदेश भाजपा द्वारा नियुक्त चुनाव अधिकारी राजीव भारद्वाज ने बताया कि नवंबर के अंत तक बूथ, मंडल और जिला के चुनाव संपन्न करने का टारगेट है। जनवरी 2025 तक प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव भी करवा दिया जाएगा। ऐसे होगा अध्यक्ष का चुनाव बेशक, अध्यक्ष पद के चुनाव लोकतांत्रिक ढंग से करवाने के दावे किए जाते रहे है। मगर आज तक प्रदेश में पहली कभी भी अध्यक्ष वोटिंग से नहीं चुना गया, बल्कि हर बार पार्टी हाईकमान द्वारा नॉमिनेट किया जाता है। इस बार भी ऐसे ही सर्वसम्मति से अध्यक्ष को नॉमिनेट किया जा सकता है। प्रदेश में इससे पहले सदस्यता अभियान 31 अक्टूबर को समाप्त होने जा रहा है। पार्टी ने इस बार राज्य में 15 लाख से ज्यादा सदस्य बनाए हैं। हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को नए साल में नया अध्यक्ष मिलना तय है। भाजपा ने मंडल से लेकर जिला कार्यकारिणी चुनाव के लिए इलेक्शन ऑफिसर नियुक्त कर दिए हैं। इसके साथ ही नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए चर्चाएं अभी से तेज हो गई हैं। फिलहाल 7 नाम चर्चा में हैं। प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में 2 पूर्व और मौजूदा प्रधान सत्तपाल सत्ती और राजीव बिंदल के अलावा विपिन सिंह परमार का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। ये तीनों सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। अगर इन पर सहमति नहीं बनती है तो पार्टी पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर के नाम पर भी सहमति बनाने की कोशिश कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि इन चार वरिष्ठ नेताओं के अलावा पार्टी इंदू गोस्वामी, त्रिलोक जम्वाल और फिर डॉ. सिकंदर को भी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंप सकती है। नेताओं ने अध्यक्ष के लिए लॉबिंग भी शुरू कर दी है। सत्तपाल सत्ती मजबूत दावेदार माने जा रहे प्रदेश अध्यक्ष की रेस में सत्तपाल सत्ती का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। सत्ती 9 साल तक प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्तमान में वह ऊना से तीसरी बार विधायक बने हैं। तेज तर्रार नेता सत्ती 2 बार चुनाव में निर्वाचित होकर अध्यक्ष बने थे, जबकि तीसरी पार उन्हें सेवा विस्तार दिया गया था। बिंदल की फिर से दावेदारी मौजूदा अध्यक्ष एवं 5 बार विधायक रह चुके राजीव बिंदल को भी पार्टी फिर से कमान सौंप सकती है। बिंदल जनवरी 2020 में पार्टी के अध्यक्ष चुने गए। मगर कोरोना काल में भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से उन्होंने 5 महीने के भीतर ही पद से इस्तीफा दिया। दिसंबर 2022 में वह विधानसभा चुनाव हार गए। इसके बाद पार्टी में अप्रैल 2023 में राजीव बिंदल को फिर से अध्यक्ष पद की कमान होगी। कांगड़ा के विपिन परमार मजबूत चेहरा प्रदेश की सत्ता की चाबी तय करने वाले सबसे बड़े कांगड़ा जिला से संबंध रखने वाले सुलह के विधायक विपिन सिंह परमार को भी अध्यक्ष का मजबूत चेहरा माना जा रहा है। परमार संगठन में विभिन्न पदों पर सेवाएं दे चुके हैं। पूर्व सरकार में वह स्वास्थ्य मंत्री के अलावा विधानसभा अध्यक्ष का दायित्व भी संभाल चुके हैं। ये 4 नाम पर अध्यक्ष पद की रेस में इन तीनों के अलावा पूर्व इंडस्ट्री मिनिस्टर बिक्रम ठाकुर, ​​​​​​जेपी नड्डा के करीबी त्रिलोक जम्वाल, राज्यसभा सांसद ​इंदू गोस्वामी और राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार का नाम पर खूब चर्चा में है। बिक्रम ठाकुर और इंदू गोस्वामी दोनों कांगड़ा जिला से संबंध रखते हैं। बिक्रम काफी तेज तर्रार नेता माने जाते हैं, वहीं इंदू गोस्वामी को प्रधानमंत्री मोदी का करीबी माना जाता है। इसलिए उन्हें भी दावेदार माना जा रहा है। राजपूत कोटे से भाजपा ने जयराम ठाकुर को नेता प्रतिपक्ष बना रखा है। ऐसे में मिशन 2027 को देखते हुए भाजपा दलित वोट साधने के लिए राज्यसभा सांसद डॉ.सिकंदर कुमार पर भी दांव खेल सकती हैं। नवंबर के अंत तक ब्लाक व जिला कार्यकारिणी का चुनाव: भारद्वाज प्रदेश में मंडल से लेकर जिला कार्यकारिणी चुनाव के लिए इलैक्शन ऑफिसर तैनात कर दिए गए है। प्रदेश भाजपा द्वारा नियुक्त चुनाव अधिकारी राजीव भारद्वाज ने बताया कि नवंबर के अंत तक बूथ, मंडल और जिला के चुनाव संपन्न करने का टारगेट है। जनवरी 2025 तक प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव भी करवा दिया जाएगा। ऐसे होगा अध्यक्ष का चुनाव बेशक, अध्यक्ष पद के चुनाव लोकतांत्रिक ढंग से करवाने के दावे किए जाते रहे है। मगर आज तक प्रदेश में पहली कभी भी अध्यक्ष वोटिंग से नहीं चुना गया, बल्कि हर बार पार्टी हाईकमान द्वारा नॉमिनेट किया जाता है। इस बार भी ऐसे ही सर्वसम्मति से अध्यक्ष को नॉमिनेट किया जा सकता है। प्रदेश में इससे पहले सदस्यता अभियान 31 अक्टूबर को समाप्त होने जा रहा है। पार्टी ने इस बार राज्य में 15 लाख से ज्यादा सदस्य बनाए हैं।   हिमाचल | दैनिक भास्कर