हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को नए साल में नया अध्यक्ष मिलना तय है। भाजपा ने मंडल से लेकर जिला कार्यकारिणी चुनाव के लिए इलेक्शन ऑफिसर नियुक्त कर दिए हैं। इसके साथ ही नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए चर्चाएं अभी से तेज हो गई हैं। फिलहाल 7 नाम चर्चा में हैं। प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में 2 पूर्व और मौजूदा प्रधान सत्तपाल सत्ती और राजीव बिंदल के अलावा विपिन सिंह परमार का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। ये तीनों सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। अगर इन पर सहमति नहीं बनती है तो पार्टी पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर के नाम पर भी सहमति बनाने की कोशिश कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि इन चार वरिष्ठ नेताओं के अलावा पार्टी इंदू गोस्वामी, त्रिलोक जम्वाल और फिर डॉ. सिकंदर को भी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंप सकती है। नेताओं ने अध्यक्ष के लिए लॉबिंग भी शुरू कर दी है। सत्तपाल सत्ती मजबूत दावेदार माने जा रहे प्रदेश अध्यक्ष की रेस में सत्तपाल सत्ती का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। सत्ती 9 साल तक प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्तमान में वह ऊना से तीसरी बार विधायक बने हैं। तेज तर्रार नेता सत्ती 2 बार चुनाव में निर्वाचित होकर अध्यक्ष बने थे, जबकि तीसरी पार उन्हें सेवा विस्तार दिया गया था। बिंदल की फिर से दावेदारी मौजूदा अध्यक्ष एवं 5 बार विधायक रह चुके राजीव बिंदल को भी पार्टी फिर से कमान सौंप सकती है। बिंदल जनवरी 2020 में पार्टी के अध्यक्ष चुने गए। मगर कोरोना काल में भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से उन्होंने 5 महीने के भीतर ही पद से इस्तीफा दिया। दिसंबर 2022 में वह विधानसभा चुनाव हार गए। इसके बाद पार्टी में अप्रैल 2023 में राजीव बिंदल को फिर से अध्यक्ष पद की कमान होगी। कांगड़ा के विपिन परमार मजबूत चेहरा प्रदेश की सत्ता की चाबी तय करने वाले सबसे बड़े कांगड़ा जिला से संबंध रखने वाले सुलह के विधायक विपिन सिंह परमार को भी अध्यक्ष का मजबूत चेहरा माना जा रहा है। परमार संगठन में विभिन्न पदों पर सेवाएं दे चुके हैं। पूर्व सरकार में वह स्वास्थ्य मंत्री के अलावा विधानसभा अध्यक्ष का दायित्व भी संभाल चुके हैं। ये 4 नाम पर अध्यक्ष पद की रेस में इन तीनों के अलावा पूर्व इंडस्ट्री मिनिस्टर बिक्रम ठाकुर, जेपी नड्डा के करीबी त्रिलोक जम्वाल, राज्यसभा सांसद इंदू गोस्वामी और राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार का नाम पर खूब चर्चा में है। बिक्रम ठाकुर और इंदू गोस्वामी दोनों कांगड़ा जिला से संबंध रखते हैं। बिक्रम काफी तेज तर्रार नेता माने जाते हैं, वहीं इंदू गोस्वामी को प्रधानमंत्री मोदी का करीबी माना जाता है। इसलिए उन्हें भी दावेदार माना जा रहा है। राजपूत कोटे से भाजपा ने जयराम ठाकुर को नेता प्रतिपक्ष बना रखा है। ऐसे में मिशन 2027 को देखते हुए भाजपा दलित वोट साधने के लिए राज्यसभा सांसद डॉ.सिकंदर कुमार पर भी दांव खेल सकती हैं। नवंबर के अंत तक ब्लाक व जिला कार्यकारिणी का चुनाव: भारद्वाज प्रदेश में मंडल से लेकर जिला कार्यकारिणी चुनाव के लिए इलैक्शन ऑफिसर तैनात कर दिए गए है। प्रदेश भाजपा द्वारा नियुक्त चुनाव अधिकारी राजीव भारद्वाज ने बताया कि नवंबर के अंत तक बूथ, मंडल और जिला के चुनाव संपन्न करने का टारगेट है। जनवरी 2025 तक प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव भी करवा दिया जाएगा। ऐसे होगा अध्यक्ष का चुनाव बेशक, अध्यक्ष पद के चुनाव लोकतांत्रिक ढंग से करवाने के दावे किए जाते रहे है। मगर आज तक प्रदेश में पहली कभी भी अध्यक्ष वोटिंग से नहीं चुना गया, बल्कि हर बार पार्टी हाईकमान द्वारा नॉमिनेट किया जाता है। इस बार भी ऐसे ही सर्वसम्मति से अध्यक्ष को नॉमिनेट किया जा सकता है। प्रदेश में इससे पहले सदस्यता अभियान 31 अक्टूबर को समाप्त होने जा रहा है। पार्टी ने इस बार राज्य में 15 लाख से ज्यादा सदस्य बनाए हैं। हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को नए साल में नया अध्यक्ष मिलना तय है। भाजपा ने मंडल से लेकर जिला कार्यकारिणी चुनाव के लिए इलेक्शन ऑफिसर नियुक्त कर दिए हैं। इसके साथ ही नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए चर्चाएं अभी से तेज हो गई हैं। फिलहाल 7 नाम चर्चा में हैं। प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में 2 पूर्व और मौजूदा प्रधान सत्तपाल सत्ती और राजीव बिंदल के अलावा विपिन सिंह परमार का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। ये तीनों सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। अगर इन पर सहमति नहीं बनती है तो पार्टी पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर के नाम पर भी सहमति बनाने की कोशिश कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि इन चार वरिष्ठ नेताओं के अलावा पार्टी इंदू गोस्वामी, त्रिलोक जम्वाल और फिर डॉ. सिकंदर को भी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंप सकती है। नेताओं ने अध्यक्ष के लिए लॉबिंग भी शुरू कर दी है। सत्तपाल सत्ती मजबूत दावेदार माने जा रहे प्रदेश अध्यक्ष की रेस में सत्तपाल सत्ती का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। सत्ती 9 साल तक प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्तमान में वह ऊना से तीसरी बार विधायक बने हैं। तेज तर्रार नेता सत्ती 2 बार चुनाव में निर्वाचित होकर अध्यक्ष बने थे, जबकि तीसरी पार उन्हें सेवा विस्तार दिया गया था। बिंदल की फिर से दावेदारी मौजूदा अध्यक्ष एवं 5 बार विधायक रह चुके राजीव बिंदल को भी पार्टी फिर से कमान सौंप सकती है। बिंदल जनवरी 2020 में पार्टी के अध्यक्ष चुने गए। मगर कोरोना काल में भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से उन्होंने 5 महीने के भीतर ही पद से इस्तीफा दिया। दिसंबर 2022 में वह विधानसभा चुनाव हार गए। इसके बाद पार्टी में अप्रैल 2023 में राजीव बिंदल को फिर से अध्यक्ष पद की कमान होगी। कांगड़ा के विपिन परमार मजबूत चेहरा प्रदेश की सत्ता की चाबी तय करने वाले सबसे बड़े कांगड़ा जिला से संबंध रखने वाले सुलह के विधायक विपिन सिंह परमार को भी अध्यक्ष का मजबूत चेहरा माना जा रहा है। परमार संगठन में विभिन्न पदों पर सेवाएं दे चुके हैं। पूर्व सरकार में वह स्वास्थ्य मंत्री के अलावा विधानसभा अध्यक्ष का दायित्व भी संभाल चुके हैं। ये 4 नाम पर अध्यक्ष पद की रेस में इन तीनों के अलावा पूर्व इंडस्ट्री मिनिस्टर बिक्रम ठाकुर, जेपी नड्डा के करीबी त्रिलोक जम्वाल, राज्यसभा सांसद इंदू गोस्वामी और राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार का नाम पर खूब चर्चा में है। बिक्रम ठाकुर और इंदू गोस्वामी दोनों कांगड़ा जिला से संबंध रखते हैं। बिक्रम काफी तेज तर्रार नेता माने जाते हैं, वहीं इंदू गोस्वामी को प्रधानमंत्री मोदी का करीबी माना जाता है। इसलिए उन्हें भी दावेदार माना जा रहा है। राजपूत कोटे से भाजपा ने जयराम ठाकुर को नेता प्रतिपक्ष बना रखा है। ऐसे में मिशन 2027 को देखते हुए भाजपा दलित वोट साधने के लिए राज्यसभा सांसद डॉ.सिकंदर कुमार पर भी दांव खेल सकती हैं। नवंबर के अंत तक ब्लाक व जिला कार्यकारिणी का चुनाव: भारद्वाज प्रदेश में मंडल से लेकर जिला कार्यकारिणी चुनाव के लिए इलैक्शन ऑफिसर तैनात कर दिए गए है। प्रदेश भाजपा द्वारा नियुक्त चुनाव अधिकारी राजीव भारद्वाज ने बताया कि नवंबर के अंत तक बूथ, मंडल और जिला के चुनाव संपन्न करने का टारगेट है। जनवरी 2025 तक प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव भी करवा दिया जाएगा। ऐसे होगा अध्यक्ष का चुनाव बेशक, अध्यक्ष पद के चुनाव लोकतांत्रिक ढंग से करवाने के दावे किए जाते रहे है। मगर आज तक प्रदेश में पहली कभी भी अध्यक्ष वोटिंग से नहीं चुना गया, बल्कि हर बार पार्टी हाईकमान द्वारा नॉमिनेट किया जाता है। इस बार भी ऐसे ही सर्वसम्मति से अध्यक्ष को नॉमिनेट किया जा सकता है। प्रदेश में इससे पहले सदस्यता अभियान 31 अक्टूबर को समाप्त होने जा रहा है। पार्टी ने इस बार राज्य में 15 लाख से ज्यादा सदस्य बनाए हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल में 5 दिन बारिश के आसार:लोगों को गर्मी से मिलेगी राहत; मैदानी इलाकों में हीटवेव का येलो अलर्ट
हिमाचल में 5 दिन बारिश के आसार:लोगों को गर्मी से मिलेगी राहत; मैदानी इलाकों में हीटवेव का येलो अलर्ट हिमाचल के लोगों को जल्द भीषण गर्मी से राहत मिल सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। इससे पहाड़ों पर अगले 5 दिन बारिश के आसार है। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने कल से अगले चार दिन तक कुछेक स्थानों पर आंधी-तूफान का भी अलर्ट जारी किया है। प्रदेश के अधिक ऊंचे व मध्यम उंचाई वाले कुछेक क्षेत्रों में आज भी बारिश हो सकती है। मगर मैदानी जिले ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, सोलन और सिरमौर जिला के निचले इलाकों में आज भी हीटवेव चल सकती है। इन जिलों में आज हीटवेव को लेकर येलो अलर्ट दिया गया है। नेरी का पारा 43.9 डिग्री मैदानी इलाकों के लोग बीते 20 दिन से गर्मी से बेहाल है। हमीरपुर के नेरी का तापमान सर्वाधिक 43.9 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। ऊना का तापमान 43.6 डिग्री, बिलासपुर का 40.4 डिग्री, हमीरपुर 39.8 डिग्री, चंबा 38.8 डिग्री, धौलाकुंआ 39.8 डिग्री, बरठी 38.7 डिग्री, नाहन 37.7 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। प्रदेश के ज्यातार शहरों में नॉर्मल से अधिक प्रदेश के ज्यादातर शहरों का पारा नॉर्मल से 5 डिग्री सेल्सियस तक ज्यादा चल रहा है। नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 4.9 डिग्री का उछाल ऊना के तापमान में आया है। शिमला का पारा नॉर्मल से 2.3 डिग्री, सुंदनरगर 4.2 डिग्री, ऊना 4.9 डिग्री, नाहन 3.8 डिग्री, सोलन 1.9 डिग्री, बिलासपुर 3.1 डिग्री और हमीरपुर में सामान्य से 3.5 डिग्री तापमान अधिक चल रहा है।
शिमला में नेपाली व्यक्ति ने की पत्नी की हत्या:लाश के सड़ने पर बदबू से हुआ खुलासा, नेपाल भागने की फिराक में था आरोपी
शिमला में नेपाली व्यक्ति ने की पत्नी की हत्या:लाश के सड़ने पर बदबू से हुआ खुलासा, नेपाल भागने की फिराक में था आरोपी हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के कोटखाई में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की निर्ममता से हत्या कर दी। आरोपी शख्स ने शव को सेब के बगीचे में बने शेड में बंद करके तीन साल के बच्चे सहित फरार हो गया। घटना में हैरान करने वाली बात यह है कि महिला का शव तीन दिन तक घर में पड़ा रहा। महिला नेपाल मूल की थी और कोटखाई में एक बागवान के बगीचे में काम करने पति के साथ 2,3 महीने पहले ही आई थी। लोहे के औजार से सिर पर किया वार
पड़ोस में रहने वाले एक अन्य मजदूर ने बदबू आने पर इसकी सूचना बगीचा मालिक को दी। जिसके बाद उन्होंने इसकी सूचना कोटखाई पुलिस को दी और इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के चार घंटे के भीतर ही हत्यारे पति को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से मासूम बच्चे को भी बरामद कर लिया गया है। हत्यारे ने जमीन की खुदाई करने वाले जब्बल (लोहे का औजार) के वार से पत्नी को मौत के घाट उतारा है। महिला भी नेपाल की थी
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। मृतक महिला नेपाली मूल की है। मृतक महिला की पहचान धनमाया रोका (22) के रूप में हुई है, वहीं आरोपी का नाम रमेश रोका (25) है। जो रिश्ते में उसका पति लगता है। तीन दिन पहले दिया था हत्या को अंजाम
सूचना के अनुसार नेपाली मूल का रमेश कोटखाई के खनेटी में एक बागवान के सेब बगीचे में काम करता था। वह बागवान द्वारा बनाए गए शेड में पत्नी और तीन साल के बच्चे संग रह रहा था। तीन दिन पहले पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर बहस हुई और आरोपी रमेश ने जमीन खोदने वाले औजार से पत्नी के सिर पर हमला कर दिया। जिससे वह बुरी तरह लहूलुहान हो गई और उसने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। बच्चे को लेकर भागने की फिराक में था आरोपी
हत्या करने के बाद आरोपी ने साथ मे बने एक स्टोर में रजाई के नीचे शव को छिपा दिया और बच्चे को लेकर फरार हो गया। तीन दिन तक शव के कमरे में पड़े रहने से जब बदबू फैली तो शेड के समीप रहने वाले लोगों ने इसकी सूचना बागवान राजिंदर सिंह को दी। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचित किया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर फरार हत्यारे की तलाश शुरू की और चार घंटे के भीतर ही हत्यारे को शिमला के नारकंडा में गिरफ्तार कर लिया गया। वह बच्चे को लेकर एक भोजनालय में बैठा था। पुलिस के मुताबिक आरोपी बच्चे के साथ नेपाल भागने की फिराक में था। इससे पहले ही पुलिस ने उसे दबोच लिया। पुलिस ने बागवान की शिकायत पर मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
हिमाचल में आज बारिश और फ्लैश फ्लड का अलर्ट:मानसून सीजन में सामान्य से 42% कम बारिश, संकट में सेब की फसल
हिमाचल में आज बारिश और फ्लैश फ्लड का अलर्ट:मानसून सीजन में सामान्य से 42% कम बारिश, संकट में सेब की फसल हिमाचल प्रदेश में आज भारी बारिश और अचानक बाढ़ (फ्लैश फ्लड) का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग की ओर से जारी चेतावनी के बीच बीती रात कांगड़ा जिले में भारी बारिश हुई। मंडी और ऊना के कुछ इलाकों में भी बारिश हुई है। कांगड़ा में 151.8 मिमी और धर्मशाला में 136.6 मिमी बारिश हुई है। पालमपुर में 112.4 मिमी, नगरोटा सूरियां में 99.6 मिमी, धौलाकुंआ में 82.5 मिमी, जोगिंद्रनगर में 52.0 मिमी, गुलेड़ में 46.4 मिमी और सुंदरनगर में 44.7 मिमी बारिश हुई है। वहीं चेतावनी के बावजूद कुछ अन्य इलाकों में बारिश नहीं हुई है। इस बार मानसून की गति प्रदेश में प्रवेश के बाद से धीमी पड़ गई है। बार-बार अचानक बाढ़ और भारी बारिश की चेतावनी के बावजूद अच्छी बारिश नहीं हो रही है। प्रदेश में पूरे मानसून सीजन के दौरान सामान्य से 42 फीसदी कम बारिश हुई है। इसका असर सेब के साथ-साथ किसानों की नगदी फसलों पर भी पड़ रहा है। आज इन जिलों में चेतावनी मौसम विभाग ने आज मंडी, कांगड़ा और चंबा में भी अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की है। इस तरह मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया था। लेकिन पिछले 24 घंटों के दौरान कुछ जगहों पर ही हल्की बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार 28 मई तक राज्य में बारिश की संभावना है। 26 से 28 जुलाई तक भारी बारिश का पूर्वानुमान है। सभी जिलों में नॉर्मल से कम बरसात हिमाचल में एक भी जिला ऐसा नहीं है जहां नॉर्मल से ज्यादा बादल बरसे हों। चंबा, किन्नौर, लाहौल स्पीति, सिरमौर और ऊना जिला में तो 50 प्रतिशत से भी कम बारिश इस मानसून सीजन में हुई है। प्रदेश में एक जून से 23 जुलाई के बीच 275.4 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है। मगर इस बार 159.5 मिलीमीटर ही बादल बरसे है। लाहौल स्पीति जिला में तो नॉर्मल से 75 प्रतिशत, सिरमौर जिला में 58 प्रतिशत और चंबा में भी सामान्य से 54 प्रतिशत कम बादल बरसे हैं। 5500 करोड़ के सेब उद्योग पर संकट राज्य में बारिश की कमी के कारण 5500 करोड़ रुपये का सेब उद्योग खतरे में है। सेब के बगीचे विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ गए हैं। सूखे के कारण सेब का आकार ठीक नहीं हो पा रहा है। इससे उत्पादन में गिरावट आएगी। मिट्टी में पर्याप्त नमी न होने के कारण सेब के दाने फटने लगे हैं। इसी तरह किसानों की टमाटर, फूलगोभी, पत्तागोभी, शिमला मिर्च जैसी नगदी फसलें सूखे से प्रभावित हो रही हैं।