हेयर ट्रांसप्लांट करने वाली डॉक्टर बोली-मुझे कर्मों की सजा मिली:कानपुर जेल में 2 घंटे में 35 सवाल पूछे, कहा- भागते-भागते मेरी बेटियां बीमार हो गईं

हेयर ट्रांसप्लांट करने वाली डॉक्टर बोली-मुझे कर्मों की सजा मिली:कानपुर जेल में 2 घंटे में 35 सवाल पूछे, कहा- भागते-भागते मेरी बेटियां बीमार हो गईं

‘मेरे पति कार्डियक पेशेंट हैं, पुलिस से भाग-भागकर मेरे साथ दोनों बेटियां बीमार पड़ गईं। सास को तीन बार हार्ट अटैक पड़ा चुका है। पिता बीमार रहते हैं। नहीं पता मेरे बेटियों की परवरिश कैसे होगी। मैं मान रही हूं कि मुझसे गलती हुई। मुझे मेरे कर्मों की सजा मिल रही है।’ विवेचक से यह कहते-कहते कानपुर हेयर ट्रांसप्लांट डेथ केस की आरोपी डॉ. अनुष्का तिवारी रोने लगीं। जेल में 27 मई को जब जांचकर्ता (विवेचक) पूछताछ करने पहुंचे, तो डॉ. अनुष्का बेहद नर्वस रही। लेकिन, उसने हर एक सवाल का जवाब दिया। 2 इंजीनियरों की हेयर ट्रांसप्लांट ऑपरेशन से हुई मौत के बाद वह अपने पति के साथ 18 दिन तक फरार रही। पूछताछ में सामने आया कि 5 राज्यों में वह छिपती रही। 18 दिन बाद अनुष्का ने सीजेएम कोर्ट कानपुर में सरेंडर किया। विवेचक ने अनुष्का से 35 सवाल पूछे। पढ़िए डॉ. अनुष्का ने क्या-कुछ कहा… विवेचक : विनीत का हेयर ट्रांसप्लांट तुमने किया था?
अनुष्का : हां…मैंने ही विनीत का हेयर ट्रांसप्लांट किया था। विवेचक : ट्रांसप्लांट में ऐसी क्या गड़बड़ी हुई कि विनीत की मौत हो गई?
अनुष्का : सर, मैंने और मेरी टीम ने ट्रांसप्लांट के दौरान कोई कमी नहीं रखी थी। लेकिन, मना करने के बावजूद विनीत ने शराब पी ली थी। मुझे याद है कि जिस दिन होली जली थी, उस दिन (13 मार्च को) विनीत ने अपना हेयर ट्रांसप्लांट कराया था। वह एकदम ठीक हालत में अपने घर गया था। देर रात जब उसकी ज्यादा हालत बिगड़ी, तो मैं उसे हॉस्पिटल में एडमिट कराने के लिए बर्रा में उसके दोस्त के घर लेने गई थी। विवेचक : हेयर ट्रांसप्लांट कौन करता था?
अनुष्का : हेयर ट्रांसप्लांट मेरे क्लिनिक पर ही होता था। मेरे पास हेयर ट्रांसप्लांट करने वाली एक्सपर्ट की टीम थी। कोई स्थायी स्टाफ हेयर ट्रांसप्लांट करने वाला नहीं था। जब भी कोई केस आता, तब मैं कॉल करके टीम को बुला लेती और हेयर ट्रांसप्लांट कराती थी। विवेचक : क्या आपके पास हेयर ट्रांसप्लांट से संबंधित कोई डिग्री या डिप्लोमा है?
अनुष्का : मेरे पास हेयर ट्रांसप्लांट करने का सर्टिफिकेट है। विवेचक : सर्टिफिकेट कोर्स कहां से किया?
अनुष्का : अनुष्का सन्नाटे में चली गई और इसका जवाब नहीं दे सकी। विवेचक : आप कब से हेयर ट्रांसप्लांट कर रही हैं?
अनुष्का : मैं साल 2019 से हेयर ट्रांसप्लांट कर रही हूं। पहले मेरा क्लिनिक कल्याणपुर में ही दूसरी जगह था। काम अच्छा चलने के बाद मैंने स्कॉर्ट वर्ल्ड स्कूल केशवपुरम के पास आरपीएस प्लानेट सोसाइटी में ग्राउंड फ्लोर का फ्लैट खरीदकर उसमें अपना स्थायी रूप से क्लिनिक शिफ्ट कर लिया था। 6 महीने पहले ही नई जगह शिफ्ट हुए हैं। विवेचक : जब आपके पास हेयर ट्रांसप्लांट से जुड़ी डिग्री या डिप्लोमा नहीं तो ये काम क्यों शुरू किया?
अनुष्का : मैं कोई पहली डॉक्टर नहीं हूं, जो बगैर डिग्री या डिप्लोमा के हेयर ट्रांसप्लांट कर रही हूं। कानपुर के कई बड़े-बड़े अस्पतालों में बगैर डिग्री या डिप्लोमा के ही हेयर ट्रांसप्लांट का काम चल रहा है। विवेचक : एफआईआर दर्ज होने के बाद फरार क्यों हो गईं?
जवाब : मुझे मेरे वकील ने गुमराह किया, इस वजह से मैं पुलिस से भागती रही। अगर मुझे वकील गुमराह नहीं करता तो रिपोर्ट दर्ज होने के अगले दिन ही मैं पुलिस के सामने सरेंडर कर देती। आप लोग इतना सहयोग कर रहे हैं। लेकिन, वकील ने पुलिस को लेकर मेरे और मेरे पति के दिमाग में खौफ पैदा कर दिया था। इस वजह से हम लोग पुलिस से भाग रहे थे। वकील ने रुपए के लिए मुझे शुरू से ही गुमराह किया। विवेचक : फरार होने के बाद आप कहां-कहां रहीं?
जवाब : मेरा ज्यादातर समय पंजाब में ही बीता। बस केस के सिलसिले में लखनऊ, दिल्ली और वाराणसी आना-जाना हुआ था। इस दौरान हम लोग कई जगह रास्ते में होटल या रेस्टोरेंट में रुके थे। विवेचक : 2 मौत होने के बाद भी आप हेयर ट्रांसप्लांट करती रहीं, ये तो बड़ी लापरवाही है?
अनुष्का : पैसों के लालच में आकर मैं इस काम में लगी रही। मुझे लगा कि मेरी क्या गलती है? विनीत ने ही शराब पी ली थी, इस वजह से उसकी मौत हुई है। मयंक वाले केस में भी कुछ ऐसा ही हुआ होगा। इस वजह से हम लोग दोनों केस होने के बाद भी ऑपरेशन करते रहे। डॉक्टर ने कहा- अब दो बेटियों की देखभाल कौन करेगा?
जेल में पूछताछ के दौरान अनुष्का ने अपनी गलती स्वीकार की। उसे अब एहसास हो गया है कि उसकी गलती से ही दोनों लोगों की जान गई है। बोली- मेरी दो छोटी बेटियों का क्या होगा? वो मेरे बिना एक पल भी नहीं रह पाती हैं। अब ढाई साल और चार साल की बेटियां कैसे रहेंगी? अब तो मुझे लगता है कि मैं जिंदा जेल से बाहर नहीं आ पाऊंगी, जेल में ही मर जाऊंगी। यह सब कहते हुए अनुष्का फफक-फफक कर रोने लगी। आज कस्टडी रिमांड दाखिल करेगी पुलिस
DCP वेस्ट दिनेश त्रिपाठी ने बताया- जेल में पूछताछ की प्रक्रिया पूरी हो गई है। अब पूछताछ के आधार पर साक्ष्यों की बरामदगी के लिए 28 मई को कोर्ट से पुलिस कस्टडी रिमांड (पीसीआर) की अनुमति ली जाएगी। विवेचक ने 8 से 12 घंटे की पीसीआर मांगी है। जिससे अनुष्का को उसके क्लिनिक ले जाकर सबूत इकट्‌ठे किए जा सकें। उसके घर से दस्तावेज बरामद किया जा सकें। पीसीआर के दौरान पुलिस एक बार फिर से अनुष्का से पूछताछ करेगी। इसके बाद साक्ष्यों को बरामद करेगी। अब जानिए पूरा मामला- डॉ. अनुष्का तिवारी का कल्याणपुर में इंपायर क्लिनिक है। वहां 15 मार्च, 2025 को हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान इंजीनियर विनीत दुबे की मौत हो गई थी। मामला सुर्खियों में तब आया, जब विनीत दुबे की पत्नी ने सीएम पोर्टल पर शिकायत की। पुलिस अफसर एक्टिव हुए और 9 मई को डॉक्टर अनुष्का के खिलाफ रावतपुर थाने में FIR दर्ज की गई। इसके बाद डॉ. अनुष्का फरार हो गई। इसी बीच फर्रुखाबाद के इंजीनियर मयंक कटियार की भी मौत का मामला सामने आया। ट्रांसप्लांट के कुछ ही घंटों के बाद दोनों की तबीयत बिगड़ गई थी। दोनों का चेहरा सूज गया था और 24 घंटे में दोनों इंजीनियरों ने दम तोड़ दिया था। —————————— ये खबर भी पढ़ें : इंजीनियरों की जान लेने वाली डॉक्टर रातभर रोती रही, कानपुर जेल में सिर्फ दो रोटी खाई, पढ़िए 18 दिन कैसे पुलिस को चकमा दिया कानपुर में सिर पर बाल उगाने के नाम पर दो इंजीनियरों की जान लेने की आरोपी महिला डॉक्टर अनुष्का गिरफ्तार हो चुकी है। कोर्ट ने 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, डॉक्टर वह यूपी, बिहार, हरियाणा, दिल्ली और पंजाब में छिपती रही। फरारी के 18 दिनों में उसने सिर्फ मॉल, रेस्टोरेंट और होटलों के वाई-फाई का इस्तेमाल किया। पढ़िए पूरी खबर… ‘मेरे पति कार्डियक पेशेंट हैं, पुलिस से भाग-भागकर मेरे साथ दोनों बेटियां बीमार पड़ गईं। सास को तीन बार हार्ट अटैक पड़ा चुका है। पिता बीमार रहते हैं। नहीं पता मेरे बेटियों की परवरिश कैसे होगी। मैं मान रही हूं कि मुझसे गलती हुई। मुझे मेरे कर्मों की सजा मिल रही है।’ विवेचक से यह कहते-कहते कानपुर हेयर ट्रांसप्लांट डेथ केस की आरोपी डॉ. अनुष्का तिवारी रोने लगीं। जेल में 27 मई को जब जांचकर्ता (विवेचक) पूछताछ करने पहुंचे, तो डॉ. अनुष्का बेहद नर्वस रही। लेकिन, उसने हर एक सवाल का जवाब दिया। 2 इंजीनियरों की हेयर ट्रांसप्लांट ऑपरेशन से हुई मौत के बाद वह अपने पति के साथ 18 दिन तक फरार रही। पूछताछ में सामने आया कि 5 राज्यों में वह छिपती रही। 18 दिन बाद अनुष्का ने सीजेएम कोर्ट कानपुर में सरेंडर किया। विवेचक ने अनुष्का से 35 सवाल पूछे। पढ़िए डॉ. अनुष्का ने क्या-कुछ कहा… विवेचक : विनीत का हेयर ट्रांसप्लांट तुमने किया था?
अनुष्का : हां…मैंने ही विनीत का हेयर ट्रांसप्लांट किया था। विवेचक : ट्रांसप्लांट में ऐसी क्या गड़बड़ी हुई कि विनीत की मौत हो गई?
अनुष्का : सर, मैंने और मेरी टीम ने ट्रांसप्लांट के दौरान कोई कमी नहीं रखी थी। लेकिन, मना करने के बावजूद विनीत ने शराब पी ली थी। मुझे याद है कि जिस दिन होली जली थी, उस दिन (13 मार्च को) विनीत ने अपना हेयर ट्रांसप्लांट कराया था। वह एकदम ठीक हालत में अपने घर गया था। देर रात जब उसकी ज्यादा हालत बिगड़ी, तो मैं उसे हॉस्पिटल में एडमिट कराने के लिए बर्रा में उसके दोस्त के घर लेने गई थी। विवेचक : हेयर ट्रांसप्लांट कौन करता था?
अनुष्का : हेयर ट्रांसप्लांट मेरे क्लिनिक पर ही होता था। मेरे पास हेयर ट्रांसप्लांट करने वाली एक्सपर्ट की टीम थी। कोई स्थायी स्टाफ हेयर ट्रांसप्लांट करने वाला नहीं था। जब भी कोई केस आता, तब मैं कॉल करके टीम को बुला लेती और हेयर ट्रांसप्लांट कराती थी। विवेचक : क्या आपके पास हेयर ट्रांसप्लांट से संबंधित कोई डिग्री या डिप्लोमा है?
अनुष्का : मेरे पास हेयर ट्रांसप्लांट करने का सर्टिफिकेट है। विवेचक : सर्टिफिकेट कोर्स कहां से किया?
अनुष्का : अनुष्का सन्नाटे में चली गई और इसका जवाब नहीं दे सकी। विवेचक : आप कब से हेयर ट्रांसप्लांट कर रही हैं?
अनुष्का : मैं साल 2019 से हेयर ट्रांसप्लांट कर रही हूं। पहले मेरा क्लिनिक कल्याणपुर में ही दूसरी जगह था। काम अच्छा चलने के बाद मैंने स्कॉर्ट वर्ल्ड स्कूल केशवपुरम के पास आरपीएस प्लानेट सोसाइटी में ग्राउंड फ्लोर का फ्लैट खरीदकर उसमें अपना स्थायी रूप से क्लिनिक शिफ्ट कर लिया था। 6 महीने पहले ही नई जगह शिफ्ट हुए हैं। विवेचक : जब आपके पास हेयर ट्रांसप्लांट से जुड़ी डिग्री या डिप्लोमा नहीं तो ये काम क्यों शुरू किया?
अनुष्का : मैं कोई पहली डॉक्टर नहीं हूं, जो बगैर डिग्री या डिप्लोमा के हेयर ट्रांसप्लांट कर रही हूं। कानपुर के कई बड़े-बड़े अस्पतालों में बगैर डिग्री या डिप्लोमा के ही हेयर ट्रांसप्लांट का काम चल रहा है। विवेचक : एफआईआर दर्ज होने के बाद फरार क्यों हो गईं?
जवाब : मुझे मेरे वकील ने गुमराह किया, इस वजह से मैं पुलिस से भागती रही। अगर मुझे वकील गुमराह नहीं करता तो रिपोर्ट दर्ज होने के अगले दिन ही मैं पुलिस के सामने सरेंडर कर देती। आप लोग इतना सहयोग कर रहे हैं। लेकिन, वकील ने पुलिस को लेकर मेरे और मेरे पति के दिमाग में खौफ पैदा कर दिया था। इस वजह से हम लोग पुलिस से भाग रहे थे। वकील ने रुपए के लिए मुझे शुरू से ही गुमराह किया। विवेचक : फरार होने के बाद आप कहां-कहां रहीं?
जवाब : मेरा ज्यादातर समय पंजाब में ही बीता। बस केस के सिलसिले में लखनऊ, दिल्ली और वाराणसी आना-जाना हुआ था। इस दौरान हम लोग कई जगह रास्ते में होटल या रेस्टोरेंट में रुके थे। विवेचक : 2 मौत होने के बाद भी आप हेयर ट्रांसप्लांट करती रहीं, ये तो बड़ी लापरवाही है?
अनुष्का : पैसों के लालच में आकर मैं इस काम में लगी रही। मुझे लगा कि मेरी क्या गलती है? विनीत ने ही शराब पी ली थी, इस वजह से उसकी मौत हुई है। मयंक वाले केस में भी कुछ ऐसा ही हुआ होगा। इस वजह से हम लोग दोनों केस होने के बाद भी ऑपरेशन करते रहे। डॉक्टर ने कहा- अब दो बेटियों की देखभाल कौन करेगा?
जेल में पूछताछ के दौरान अनुष्का ने अपनी गलती स्वीकार की। उसे अब एहसास हो गया है कि उसकी गलती से ही दोनों लोगों की जान गई है। बोली- मेरी दो छोटी बेटियों का क्या होगा? वो मेरे बिना एक पल भी नहीं रह पाती हैं। अब ढाई साल और चार साल की बेटियां कैसे रहेंगी? अब तो मुझे लगता है कि मैं जिंदा जेल से बाहर नहीं आ पाऊंगी, जेल में ही मर जाऊंगी। यह सब कहते हुए अनुष्का फफक-फफक कर रोने लगी। आज कस्टडी रिमांड दाखिल करेगी पुलिस
DCP वेस्ट दिनेश त्रिपाठी ने बताया- जेल में पूछताछ की प्रक्रिया पूरी हो गई है। अब पूछताछ के आधार पर साक्ष्यों की बरामदगी के लिए 28 मई को कोर्ट से पुलिस कस्टडी रिमांड (पीसीआर) की अनुमति ली जाएगी। विवेचक ने 8 से 12 घंटे की पीसीआर मांगी है। जिससे अनुष्का को उसके क्लिनिक ले जाकर सबूत इकट्‌ठे किए जा सकें। उसके घर से दस्तावेज बरामद किया जा सकें। पीसीआर के दौरान पुलिस एक बार फिर से अनुष्का से पूछताछ करेगी। इसके बाद साक्ष्यों को बरामद करेगी। अब जानिए पूरा मामला- डॉ. अनुष्का तिवारी का कल्याणपुर में इंपायर क्लिनिक है। वहां 15 मार्च, 2025 को हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान इंजीनियर विनीत दुबे की मौत हो गई थी। मामला सुर्खियों में तब आया, जब विनीत दुबे की पत्नी ने सीएम पोर्टल पर शिकायत की। पुलिस अफसर एक्टिव हुए और 9 मई को डॉक्टर अनुष्का के खिलाफ रावतपुर थाने में FIR दर्ज की गई। इसके बाद डॉ. अनुष्का फरार हो गई। इसी बीच फर्रुखाबाद के इंजीनियर मयंक कटियार की भी मौत का मामला सामने आया। ट्रांसप्लांट के कुछ ही घंटों के बाद दोनों की तबीयत बिगड़ गई थी। दोनों का चेहरा सूज गया था और 24 घंटे में दोनों इंजीनियरों ने दम तोड़ दिया था। —————————— ये खबर भी पढ़ें : इंजीनियरों की जान लेने वाली डॉक्टर रातभर रोती रही, कानपुर जेल में सिर्फ दो रोटी खाई, पढ़िए 18 दिन कैसे पुलिस को चकमा दिया कानपुर में सिर पर बाल उगाने के नाम पर दो इंजीनियरों की जान लेने की आरोपी महिला डॉक्टर अनुष्का गिरफ्तार हो चुकी है। कोर्ट ने 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, डॉक्टर वह यूपी, बिहार, हरियाणा, दिल्ली और पंजाब में छिपती रही। फरारी के 18 दिनों में उसने सिर्फ मॉल, रेस्टोरेंट और होटलों के वाई-फाई का इस्तेमाल किया। पढ़िए पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर