2.40 करोड़ जमा करवाकर अदालत से मांगी जमानत:अमरूद बाग घोटाले का है आरोपी, 12 करोड़ फर्जी तरीके से किए थे हासिल, फैसला रिजर्व

2.40 करोड़ जमा करवाकर अदालत से मांगी जमानत:अमरूद बाग घोटाले का है आरोपी, 12 करोड़ फर्जी तरीके से किए थे हासिल, फैसला रिजर्व

पंजाब के मोहाली में हुए फर्जी अमरूद बाग घोटाले में नया ट्विस्ट में आ गया है। पांच दिन पहले विजिलेंस ने 12 करोड़ का फर्जी तरीके से मुआवजा लेने वाले आरोपी सुखेदव सिंह काबू किया था। अब आरोपी ने जेल की सलाखों से बचने के लिए जमानत अर्जी मोहाली जिला अदालत में दाखिल की है। आरोपी ने करीब दो कराेड़ 40 लाख 96 हजार के डीडी जमा करवा दिए हैं। इस रकम को अपनी तरफ बकाया बताया है। हालांकि अदालत ने फैसला रिजर्व रख लिया है। यह घोटाला साल 2016-17 में हुआ था। इस मामले में अब तक कुल 7 सरकारी कर्मचारी और 16 आम व्यक्ति गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वहीं आरोपियों द्वारा 86 करोड़ सरकारी खाते में जमा करवाए जा चुके हैं। इस आरोपी से की जाने वाली 12 करोड़ रुपए की रिकवरी के साथ मुआवजा रिकवरी 100 करोड़ रुपए हो जाएगी। फर्जी बगीचे की ऐसे रची कहानी मोहाली में एयरोट्रोपोलिस प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के दौरान फर्जी अमरूद के बाग होने का दावा करके अवैध रूप से अधिक मुआवजा लेने के इरादे से आरोपी सुखदेव सिंह ने गांव बाकरपुर में 3 कनाल 16 मरले जमीन खरीदी थी। इसके बाद, उसने गांव बाकरपुर के निवासी और मुख्य आरोपी भूपिंदर सिंह के साथ मिलकर इस अधिग्रहित जमीन पर पहले से अमरूद के पुराने बाग मौजूद होने की साजिश रची। उसने धोखाधड़ी से पेड़ों के मूल्यांकन के दौरान उन्हें तीन साल से अधिक पुराना और फल देने वाले पेड़ों की श्रेणी में योग्य साबित करने के लिए संबंधित बागवानी विकास अधिकारी से मिलीभगत की। फर्जी रजिस्ट्रर तक किया था तैयार सुखदेव सिंह और भूपिंदर सिंह के बीच एक समझौता था, जिसके तहत सुखदेव सिंह कर्मचारियों को रिश्वत देने सहित सभी खर्च वहन करेगा, जबकि भूपिंदर सिंह रिश्वत और अपने प्रभाव के जरिए भूमि अधिग्रहण कलेक्टर (एलएसी), ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) से धोखाधड़ी से प्राप्त मुआवजे की दो-तिहाई राशि अपने पास रखेगा। गांव बाकरपुर के असली खसरा गिरदावरी माल रजिस्टर (2016-2021) को नष्ट कर दिया गया, ताकि इस धोखाधड़ी का पता न चल सके और 2019 में एक नया फर्जी खसरा गिरदावरी रजिस्टर तैयार किया गया। भूपिंदर सिंह ने माल पटवारी बचित्तर सिंह के साथ मिलकर पक्के अमरूद के बाग मौजूद होने को सही साबित करने के लिए भूमि रिकॉर्ड में हेराफेरी की। इसके बाद सुखदेव सिंह और उसकी पत्नी हरबिंदर कौर ने धोखाधड़ी से गमाडा से क्रमशः 2,40,96,442 रुपये और 9,57,86,642 रुपए प्राप्त किए। पंजाब के मोहाली में हुए फर्जी अमरूद बाग घोटाले में नया ट्विस्ट में आ गया है। पांच दिन पहले विजिलेंस ने 12 करोड़ का फर्जी तरीके से मुआवजा लेने वाले आरोपी सुखेदव सिंह काबू किया था। अब आरोपी ने जेल की सलाखों से बचने के लिए जमानत अर्जी मोहाली जिला अदालत में दाखिल की है। आरोपी ने करीब दो कराेड़ 40 लाख 96 हजार के डीडी जमा करवा दिए हैं। इस रकम को अपनी तरफ बकाया बताया है। हालांकि अदालत ने फैसला रिजर्व रख लिया है। यह घोटाला साल 2016-17 में हुआ था। इस मामले में अब तक कुल 7 सरकारी कर्मचारी और 16 आम व्यक्ति गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वहीं आरोपियों द्वारा 86 करोड़ सरकारी खाते में जमा करवाए जा चुके हैं। इस आरोपी से की जाने वाली 12 करोड़ रुपए की रिकवरी के साथ मुआवजा रिकवरी 100 करोड़ रुपए हो जाएगी। फर्जी बगीचे की ऐसे रची कहानी मोहाली में एयरोट्रोपोलिस प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के दौरान फर्जी अमरूद के बाग होने का दावा करके अवैध रूप से अधिक मुआवजा लेने के इरादे से आरोपी सुखदेव सिंह ने गांव बाकरपुर में 3 कनाल 16 मरले जमीन खरीदी थी। इसके बाद, उसने गांव बाकरपुर के निवासी और मुख्य आरोपी भूपिंदर सिंह के साथ मिलकर इस अधिग्रहित जमीन पर पहले से अमरूद के पुराने बाग मौजूद होने की साजिश रची। उसने धोखाधड़ी से पेड़ों के मूल्यांकन के दौरान उन्हें तीन साल से अधिक पुराना और फल देने वाले पेड़ों की श्रेणी में योग्य साबित करने के लिए संबंधित बागवानी विकास अधिकारी से मिलीभगत की। फर्जी रजिस्ट्रर तक किया था तैयार सुखदेव सिंह और भूपिंदर सिंह के बीच एक समझौता था, जिसके तहत सुखदेव सिंह कर्मचारियों को रिश्वत देने सहित सभी खर्च वहन करेगा, जबकि भूपिंदर सिंह रिश्वत और अपने प्रभाव के जरिए भूमि अधिग्रहण कलेक्टर (एलएसी), ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) से धोखाधड़ी से प्राप्त मुआवजे की दो-तिहाई राशि अपने पास रखेगा। गांव बाकरपुर के असली खसरा गिरदावरी माल रजिस्टर (2016-2021) को नष्ट कर दिया गया, ताकि इस धोखाधड़ी का पता न चल सके और 2019 में एक नया फर्जी खसरा गिरदावरी रजिस्टर तैयार किया गया। भूपिंदर सिंह ने माल पटवारी बचित्तर सिंह के साथ मिलकर पक्के अमरूद के बाग मौजूद होने को सही साबित करने के लिए भूमि रिकॉर्ड में हेराफेरी की। इसके बाद सुखदेव सिंह और उसकी पत्नी हरबिंदर कौर ने धोखाधड़ी से गमाडा से क्रमशः 2,40,96,442 रुपये और 9,57,86,642 रुपए प्राप्त किए।   पंजाब | दैनिक भास्कर