जालंधर| थाना रामामंडी की पुलिस ने टैंकर चोरी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान रूपनगर के मोरिंडा निवासी अजय के रूप में हुई है। संतोषी नगर निवासी मोहिंदर पाल ने 8 नवंबर को थाना रामामंडी में टैंकर गाड़ी संतोषी नगर से चोरी होने की सूचना दी थी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की, जिसमें सामने आया कि मोरिंडा निवासी अजय ने इस वारदात को अंजाम दिया है। जाइंट सीपी ने बताया कि आरोपी को कोर्ट में पेशकर रिमांड पर लिया जाएगा। जालंधर| थाना रामामंडी की पुलिस ने टैंकर चोरी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान रूपनगर के मोरिंडा निवासी अजय के रूप में हुई है। संतोषी नगर निवासी मोहिंदर पाल ने 8 नवंबर को थाना रामामंडी में टैंकर गाड़ी संतोषी नगर से चोरी होने की सूचना दी थी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की, जिसमें सामने आया कि मोरिंडा निवासी अजय ने इस वारदात को अंजाम दिया है। जाइंट सीपी ने बताया कि आरोपी को कोर्ट में पेशकर रिमांड पर लिया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब 105Kg ड्रग मामले में एक और गिरफ्तारी:6 किलो हेरोइन के साथ तस्कर काबू; राजस्थान से लाया था नशे की खेप
पंजाब 105Kg ड्रग मामले में एक और गिरफ्तारी:6 किलो हेरोइन के साथ तस्कर काबू; राजस्थान से लाया था नशे की खेप पंजाब में अमृतसर के काउंटर इंटेलिजेंस विंग (सीआई) ने हाल ही में हुए 105 किलोग्राम हेरोइन तस्करी के मामले में जांच को आगे बढ़ाते हुए बड़ी कामयाबी हासिल की है। इस मामले के तार जोड़ते हुए सीआई ने कपूरथला निवासी लवप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया है। उसकी कार से 6 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में करोड़ों में बताई जा रही है। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि यह हेरोइन लवप्रीत सिंह ने हनुमानगढ़ राजस्थान से प्राप्त की थी और उसे एक अन्य ड्रग पेडलर नवजोत सिंह को सौंपना था। जिसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। यह मामला तब सामने आया था जब पंजाब पुलिस ने अमृतसर में 105 किलोग्राम हेरोइन के एक बड़े खेप को जब्त किया था। इस खेप के पकड़े जाने के बाद से ही पंजाब के काउंटर इंटेलिजेंस विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी गहराई से जांच शुरू कर दी थी। पकड़ी गई हेरोइन के बाद जांच के दौरान पुलिस ने ड्रग तस्करी से जुड़े अन्य लोगों की पहचान करना शुरू किया। इस सिलसिले में अमृतसर और पंजाब के अन्य इलाकों में कई संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। लवप्रीत सिंह की भूमिका काउंटर इंटेलिजेंस की टीम ने छानबीन के दौरान यह पता लगाया कि कपूरथला निवासी लवप्रीत सिंह भी इस ड्रग नेटवर्क का हिस्सा है। बताया जा रहा है कि लवप्रीत सिंह राजस्थान के हनुमानगढ़ से हेरोइन की खेप पंजाब लाया था। उसका काम हेरोइन को नवजोत सिंह तक पहुंचाना था, जो खुद भी इस गिरोह का सक्रिय सदस्य था। नवजोत सिंह को सीआई ने एक दिन पहले ही 105 किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार कर लिया था। लवप्रीत की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस को इस नेटवर्क के अन्य महत्वपूर्ण कड़ियों को उजागर करने में मदद मिली है। पुलिस की आगे की रणनीति पुलिस ने अमृतसर के स्पेशल स्टेट ऑपरेशंस सेल (SSOC) में इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले में गहन जांच जारी है। अधिकारियों का कहना है कि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है और इसके लिए अन्य राज्यों के पुलिस विभागों से भी सहयोग लिया जा रहा है। पंजाब पुलिस का यह भी मानना है कि यह ड्रग नेटवर्क राज्य के बाहर के कुछ बड़े तस्करों से भी जुड़ा हो सकता है।

अमृतसर निगम चुनाव में 80% नए चेहरे:भाजपा ने 75%, कांग्रेस ने 60% को मौका दिया, AAP सभी वार्डों में दे रही है टक्कर
अमृतसर निगम चुनाव में 80% नए चेहरे:भाजपा ने 75%, कांग्रेस ने 60% को मौका दिया, AAP सभी वार्डों में दे रही है टक्कर अमृतसर नगर निगम चुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा ने बड़ी संख्या में नए चेहरे मैदान में उतारे हैं। वहीं, सत्ता में आने के बाद आम आदमी पार्टी के लिए ये पहले नगर निगम चुनाव हैं और अमृतसर के सभी उम्मीदवार मैदान में हैं। साफ है कि 2022 पंजाब विधानसभा की तरह नगर निगम में 80 फीसदी से ज्यादा चेहरे नए होने वाले हैं। आम आदमी पार्टी इससे पहले भी नगर निगम चुनाव लड़ती रही है, लेकिन उनका कोई भी उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं था। लेकिन 2022 में सरकार बनने के बाद अमृतसर के मेयर करमजीत सिंह रिंटू ने पार्टी बदलकर आप का दामन थाम लिया और कई कांग्रेस और भाजपा विधायकों को भी अपने साथ ले गए। इसके बाद से कांग्रेस और भाजपा में पैदा हुए खालीपन को नए चेहरों ने भर दिया है। भाजपा और कांग्रेस ने सभी 85 वार्डों में अपने उम्मीदवार उतारे। जिसमें भाजपा ने 64 यानी 75 फीसदी नए उम्मीदवारों को टिकट दिया है। कांग्रेस ने 51 यानी 60 फीसदी नए चेहरे मैदान में उतारे हैं। कांग्रेस में परिवारवाद हावी इस साल अमृतसर में हुए नगर निगम चुनाव में एक बार फिर परिवारवाद हावी रहा। पूर्व विधायकों ने विरोध के बावजूद अपने रिश्तेदारों को टिकट बांटे। पूर्व विधायक सुनील दत्ती के भाई समीर दत्ता को वार्ड 62 और भाभी ममता दत्ता को वार्ड 61 से टिकट दिया गया है। इतना ही नहीं पूर्व विपक्षी नेता राज कंवलप्रीत सिंह लकी खुद वार्ड 14 से चुनाव लड़ रहे हैं और उनकी बेटी डॉ. शोभित कौर वार्ड 9 से मैदान में हैं। भाजपा तैयार कर रही है नई लाइन नगर निगम चुनाव में भाजपा भी खुद को मजबूत करने में जुटी है। भाजपा ने इन चुनावों में करीब 75 फीसदी नए चेहरे उतारे हैं। जबकि कई पुराने चेहरे और परिवार इन चुनावों से दूर हैं। पूर्व पार्षद अनुज सिक्का और उनकी पत्नी, अमन ऐरी, संजय खन्ना, प्रीति तनेजा आदि इन चुनावों से दूर हैं। इससे साफ है कि भाजपा दूसरी लाइन तैयार करने की कोशिश में है। नए चेहरों के साथ भाजपा अपने कैडर वोट को वापस लाने और मजबूत करने की कोशिश में है।

पाकिस्तान से डेढ़ साल बाद भारत लौटे मां-बेटे:कनाडा का सपना दिखाकर एजेंट ने अफगानिस्तान में छोड़ा, असम के रहने वाले
पाकिस्तान से डेढ़ साल बाद भारत लौटे मां-बेटे:कनाडा का सपना दिखाकर एजेंट ने अफगानिस्तान में छोड़ा, असम के रहने वाले असम की महिला वहीदा बेगम करीब डेढ़ साल तक पाकिस्तान की हिरासत में रहने के बाद आज अपने 11 साल के बेटे फैज खान के साथ भारत लौट आई। अटारी बॉर्डर के रास्ते भारत लौटी वहीदा भी भारत के चालाक एजेंटों का शिकार बन गई। उन्होंने उसे कनाडा के सपने दिखाए और उसे उसके बेटे के साथ अफगानिस्तान में छोड़ दिया। बेगम और उनके बेटे को वैध पासपोर्ट और वीजा की कमी के कारण नवंबर 2022 से क्वेटा जेल में रखा गया था। उनकी हिरासत के बारे में सबसे पहले असम के नागांव में वहीदा के परिवार को फोन कॉल के ज़रिए बताया गया। इसके बाद पाकिस्तान की एक अदालत से कानूनी नोटिस भेजा गया। पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के पास क्वेटा में उसके पहुंचने की परिस्थितियां स्पष्ट नहीं हैं। स्थानीय वकील संतोष कुमार सुमन के प्रयासों और पाकिस्तान के गृह मंत्रालय की भागीदारी के बाद उसकी रिहाई में तेजी लाई गई। 7 दिन दुबई में भी रुकी थी वहीदा असम की वहीदा बेगम ने भारत आने के बाद अपनी कहानी साझा करते हुए बताया कि उन्होंने और उनके बेटे ने दुबई में 7 दिन और कंधार में 7 दिन बिताए। उन्हें चमन सीमा पार करने के लिए मजबूर किया गया। जहां उन्हें पाकिस्तानी रेंजर्स ने गिरफ्तार कर लिया। गदानी जेल में स्थानांतरित होने से पहले उन्होंने क्वेटा जेल में लगभग 6 महीने बिताए। लैंडी जेल में रहते हुए उन्हें भारतीय वाणिज्य दूतावास तक पहुंच प्राप्त हुई। एजेंटों के जाल में फंसी वहीदा असम की वहीदा बेगम और उनके बेटे को एक ट्रैवल एजेंट ने धोखा दिया था। जिसके बाद वे अफगानिस्तान पहुंच गए और फिर उन्हें अफगान सुरक्षाकर्मियों ने पाकिस्तान की सीमा में धकेल दिया। जानकारी के मुताबिक वहीदा और उनके 11 साल के बेटे को जरूरी दस्तावेजों के अभाव में हिरासत में लिया गया था। भारत सरकार के प्रयासों और इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग की मदद से वहीदा करीब डेढ़ साल बाद वापस लौट रही हैं। तीन अन्य भारतीय भी हुए रिहा पाकिस्तान से छूटने वाली वहीदा व उनका बेटा अकेली नहीं है। वहीदा व उसके बेटे के साथ तीन अन्य भारतीय कैदियों को भी रिहा किया गया है। इनमें सूरज पाल, रमेश के अलावा कराची की मालिर जेल से छूटे शब्बीर अहमद डार्स का नाम भी शामिल है।