शिवराज द्रुपद |अमृतसर जलियांवाला बाग कांड शताब्दी वर्ष के संदर्भ में 20 करोड़ की लागत से बाग के नवीनीकरण के काम की पोल परत-दर-परत खुलती जा रही है। फिलहाल अब यहां पर शाम 7 बजे चलने वाला ‘शौर्य गाथा’ लेजर शो भी बंद हो गया है। यद्यपि लेजर शो बंद होने का कारण तकनीकी खामी बताया जा रहा है मगर बाग की लगातार सामने आ रही अनियमितताएं काम की क्वालिटी पर सवाल खड़े कर रहे हैं। 13 अप्रैल 1919 के दिन हुए जलियांवाला बाग कांड की शताब्दी वर्ष 2019 के संदर्भ में बाग को 20 करोड़ की लागत से सजाया-संवारा गया था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त 2021 को इसका वर्चुअल उद्घाटन किया था। इसके बाद कुछ ही दिन में इसमें हुए लकड़ी के काम की खामियां सामने आने लगीं। इसके बाद गैलरियों की छत टपकने, दीवारों के रंग उड़ने समेत अन्य विसंगतियां लगातार सामने आती रहीं। अभी हाल ही में यहां की गैलरियों के प्रोजेक्टर बंद होने और सफाई का मुद्दा भी सामने आया था। शिवराज द्रुपद |अमृतसर जलियांवाला बाग कांड शताब्दी वर्ष के संदर्भ में 20 करोड़ की लागत से बाग के नवीनीकरण के काम की पोल परत-दर-परत खुलती जा रही है। फिलहाल अब यहां पर शाम 7 बजे चलने वाला ‘शौर्य गाथा’ लेजर शो भी बंद हो गया है। यद्यपि लेजर शो बंद होने का कारण तकनीकी खामी बताया जा रहा है मगर बाग की लगातार सामने आ रही अनियमितताएं काम की क्वालिटी पर सवाल खड़े कर रहे हैं। 13 अप्रैल 1919 के दिन हुए जलियांवाला बाग कांड की शताब्दी वर्ष 2019 के संदर्भ में बाग को 20 करोड़ की लागत से सजाया-संवारा गया था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त 2021 को इसका वर्चुअल उद्घाटन किया था। इसके बाद कुछ ही दिन में इसमें हुए लकड़ी के काम की खामियां सामने आने लगीं। इसके बाद गैलरियों की छत टपकने, दीवारों के रंग उड़ने समेत अन्य विसंगतियां लगातार सामने आती रहीं। अभी हाल ही में यहां की गैलरियों के प्रोजेक्टर बंद होने और सफाई का मुद्दा भी सामने आया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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‘बिग बॉस’ से जुड़ा पंजाब का ट्राइडेंट ग्रुप:होम टेक्सटाइल ब्रांड के साथ रियलिटी शो का पहला टाई-अप, पद्मश्री गुप्ता बोले- पार्टनर के तौर पर दिखेंगे प्रीमियम होम डेकोर और लग्जरी टेक्सटाइल्स के अग्रणी ब्रांड माईट्राइडेंट ने भारत के सबसे प्रतिष्ठित रियलिटी शो “बिग बॉस” सीजन 18 के साथ होम डेकोर पार्टनर के रूप में अपने जुड़ाव की आधिकारिक घोषणा की है। इस बार बिग बॉस सीजन 18 में बिग बॉस के नए घर का पूरा लुक माईट्राइडेंट के प्रीमियम होम डेकोर प्रोडक्ट पोर्टफोलियो से लैस होगा। यह जानकारी देश के जाने-माने टेक्सटाइल ग्रुप ट्राइडेंट के संस्थापक पद्मश्री राजिंदर गुप्ता ने मीडिया को दी। माई ट्राइडेंट बिग बॉस के घर की पूरी सजावट को बढ़ाएगा राजिंदर गुप्ता ने कहा कि अपनी तरह की इस पहली साझेदारी में माई ट्राइडेंट की लग्जरी बेडिंग और होम टेक्सटाइल की एक्सक्लूसिव रेंज बिग बॉस के घर की पूरी सजावट को बढ़ाएगी, जिससे दर्शकों को शानदार लग्जरी और स्टाइल का नया लुक मिलेगा। बिग बॉस ने पहली बार किसी होम टेक्सटाइल ब्रांड के साथ साझेदारी की है, जिससे माई ट्राइडेंट को बिग बॉस के घर की आंतरिक सजावट को बदलने में प्रमुख भूमिका निभाने का मौका मिला है। माय ट्राइडेंट लिए एक ऐतिहासिक क्षण रियलिटी टीवी डेकोर में एक नया मानक बनाना यह नई साझेदारी माय ट्राइडेंट के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि यह भारत के सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले रियलिटी शो के दौरान सुर्खियों में रहेगा। पॉप कल्चर और मनोरंजन के पावरहाउस, “बिग बॉस” के साथ जुड़कर, माय ट्राइडेंट इस त्यौहारी सीजन में लाखों परिवारों के दिलों में अपनी जगह बना रहा है और उन्हें सही समय पर शामिल कर रहा है। माय ट्राइडेंट की चेयरपर्सन नेहा गुप्ता बेक्टर ने कहा, “हम पहली बार बिग बॉस के साथ साझेदारी करके बेहद उत्साहित हैं। विलासिता और आराम से गहराई से जुड़े एक ब्रांड के रूप में, यह सहयोग हमें यह उजागर करने का अवसर देता है कि हमारा प्रीमियम होम डेकोर कलेक्शन किसी भी स्थान को कैसे बढ़ा सकता है।
मीटिंग में निर्देश:सेवा केंद्रों की पेंडेंसी हर हाल में होनी चाहिए खत्म, हर सप्ताह की जाएगी समीक्षा
मीटिंग में निर्देश:सेवा केंद्रों की पेंडेंसी हर हाल में होनी चाहिए खत्म, हर सप्ताह की जाएगी समीक्षा भास्कर न्यूज | अमृतसर काम में कोताही करने वालों मुलाजिमों पर जिला प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। डीसी घनश्याम थोरी ने सभी विभागों के अधिकारियों की सोमवार को बैठक में स्पष्ट किया कि ऐसे मुलाजिमों की जवाबदेही तय होगी। सभी विभागों के अधिकारियों को अपने-अपने विभाग के काम में तेजी लाने के निर्देश देते हुए डीसी ने संबंधित तहसीलदारों को भी निर्देशित किया। उनका कहना है कि ऐसा देखा गया है कि जमाबंदी के काम में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने निर्देश दिए कि जमाबंदी के काम में तेजी लाई जाए। डीसी ने कहा कि सेवा केंद्रों की पेंडेंसी हर हाल में दूर होनी चाहिए। पेंडेंसी की हर सप्ताह समीक्षा की जाएगी और पेंडेंसी वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकारी दफ्तरों में लोगों का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए। डीसी का कहना है कि ओडीएफ योजना के तहत हरेक ब्लॉक में 20 शौचालय बनाने का निर्देश ब्लॉक एवं पंचायत अधिकारियों को दिया गया है। इस मौके पर एडीसी (ग्रामीण विकास) परमजीत कौर ने कहा कि जिले के 703 गांवों में शौचालयों का निर्माण किया जाना है, जिनमें से 57 शौचालयों का निर्माण हो चुका है तथा 646 पर काम चल रहा है। डीसी ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों एवं बैंक पदाधिकारियों से कहा कि सरफेसी मामलों में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को बैंकों के साथ तालमेल बैठा कर ऐसे मामलों के तहत किए गए कब्जों को बैंकों को हस्तांतरित करने को कहा। इस मौके पर एडीसी निकास कुमार, एडीसी ज्योति बाला, सहायक कमिश्नर सोनम, सहायक कमिश्नर (जनरल) गुरसिमरन कौर, एसडीएम अजनाला अरविंदर सिंह, एसडीएम बाबा बकाला साहिब रविंदर सिंह अरोड़ा, एसडीएम लोपोके अमनदीप कौर घुम्मन व अन्य अधिकारी मौजूद थे।
बिट्टू के बहाने पंजाब की 60% सिख आबादी पर नजर:बेअंत के पोते पगड़ीधारी सिख, 38% हिंदुओं की भी पसंद, सवाल-राज्यसभा में कहां से जाएंगे
बिट्टू के बहाने पंजाब की 60% सिख आबादी पर नजर:बेअंत के पोते पगड़ीधारी सिख, 38% हिंदुओं की भी पसंद, सवाल-राज्यसभा में कहां से जाएंगे पंजाब में BJP एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत पाई लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवनीत सिंह बिट्टू को अपनी कैबिनेट में शामिल कर एक बार फिर सिखों को साधने की कोशिश की है। बिट्टू लोकसभा चुनाव में लुधियाना सीट पर कांग्रेसी उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के सामने हार गए थे। पंजाब से आतंकवाद खत्म करने का श्रेय बिट्टू के दादा सरदार बेअंत सिंह को ही जाता है। बेअंत सिंह ने पंजाब का CM रहते हुए सुपर कॉप केपीएस गिल को आतंकियों के खात्मे के लिए फ्री हैंड दिया था। उनसे नाराज खालिस्तान समर्थकों ने 31 अगस्त 1995 को चंडीगढ़ में पंजाब सेक्रेटेरिएट के बाहर बम विस्फोट करके बेअंत सिंह की हत्या कर दी थी। उस धमाके में बेअंत सिंह के साथ 3 कमांडो समेत 17 लोगों की जान चली गई थी। राज्य में अमन-शांति स्थापित करने के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर देने वाले बेअंत संह और उनके परिवार को पंजाब के कुल 38.5% हिंदू पसंद करते रहे हैं। रवनीत बिट्टू को मंत्री बनाने का फायदा BJP को पंजाब में जल्दी होने वाले नगर निगम, पंचायत और पांच विधानसभा सीटों के उपचुनाव में मिल सकता है। रवनीत बिट्टू इस समय न तो लोकसभा सांसद हैं और न ही राज्यसभा के मेंबर। पंजाब विधानसभा में महज 2 विधायक होने के चलते BJP यहां से उन्हें राज्यसभा भेजने की पोजिशन में भी नहीं है। ऐसे में पार्टी उन्हें हरियाणा या किसी दूसरे स्टेट से राज्यसभा में भेज सकती है। हरियाणा में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा रोहतक सीट से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में उन्हें 15 दिन के अंदर अपनी राज्यसभा सीट खाली करनी होगी। हरियाणा में भाजपा की सरकार भी है। रवनीत बिट्टू को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल करके भाजपा की पंजाब में जिन 4 चीजों पर नजर है, आइए उन्हें वन-बाई-वन समझते समझते हैं। 1. पोते के बहाने दादा की लीगेसी को भुनाने की अप्रोच
रवनीत सिंह बिट्टू के परिवार का पंजाब में अलग सियासी रसूख है। उनके दादा स्व. बेअंत सिंह कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे। पंजाब में आतंकवाद खत्म करने की कीमत अपनी जान देकर चुकाने वाले बेअंत सिंह को पंजाबी, खासकर हिंदू बिरादरी आज भी याद करती है।भाजपा की कोशिश बिट्टू के बहाने उनके दादा की लीगेसी को भुनाने की है। इस बार भी लोकसभा चुनाव में रवनीत बिट्टू ने चुनाव प्रचार के दौरान अपने दादा बेअंत सिंह के फोटो होर्डंग्स और बैनर में लगाए थे। 2. 60% सिख आबादी पर नजर
पंजाब में 60% आबादी सिखों की है। बिट्टू पगड़ीधारी सिख हैं। उन्हें मंत्री बनाकर पार्टी इस आबादी के करीब जाने की कोशिश कर रही है। बिट्टू को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल करके BJP ने उन लोगों को जवाब देने की कोशिश की है जो उसे पंजाब विरोधी बताते हैं।पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि बिट्टू के मंत्री बनने से पंजाबियों में उसे लेकर सकारात्मक संदेश जाएगा। पार्टी की रणनीति सिख चेहरों को आगे रखते हुए ग्रामीण एरिया में पैठ बनाने की है। 3. सिख चेहरे की कमी पूरी, अकाली दल से आगे निकली पार्टी
पंजाब के अंदर BJP का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। इसी लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल को पीछे छोड़ते हुए भाजपा वोट शेयर के मामले में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 9% के आसपास था जो 2014 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 18.56% पर पहुंच गया। दूसरी तरफ 2019 के लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल का वोट शेयर 27.45% था, जो 2024 में गिरकर 13.42% रह गया। वोट शेयर के मामले में BJP से आगे सिर्फ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी रही। प्रत्याशियों की जमानत जब्त होने के मामले में भी भाजपा का प्रदर्शन अकाली दल के मुकाबले बेहतर रहा। अकाली दल के 13 में से 10 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। बठिंडा से हरसिमरत कौर बादल, फिरोजपुर से नरदेव सिंह बॉबी मान और अमृतसर से अनिल जोशी ही अपनी जमानत बचा पाए। इसके मुकाबले भाजपा के 13 में से सिर्फ 4 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई। इनमें खडूर साहिब के मंजीत सिंह मन्ना मियाविंड, बठिंडा से परमपाल कौर सिद्धू, संगरूर से अरविंद खन्ना और फतेहगढ़ साहिब से गेजाराम शामिल रहे। भाजपा पंजाब की 13 सीटों में से 3 सीटों पर तो दूसरे स्थान पर रही। इनमें लुधियाना, जालंधर और गुरदासपुर सीट शामिली है। पार्टी 6 सीटों-अमृतसर, आनंदपुर साहिब, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, होशियारपुर व पटियाला में तीसरे स्थान पर रही। इसके अलावा, नवजोत सिद्धू के पार्टी छोड़ जाने के बाद भाजपा के पास पंजाब में कोई सिख चेहरा नहीं बचा। BJP ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को साथ जोड़कर इस कमी को पूरा करना चाहा लेकिन बढ़ती उम्र के कारण कैप्टन सक्रिय राजनीति से लगभग किनारा कर चुके हैं। ऐसे में रवनीत बिट्टू के आने से पार्टी की सिख चेहरे की तलाश खत्म होती नजर आ रही है। 4. 2027 पर नजर, बिट्टू में देख रही फ्यूचर लीडरशिप
भाजपा बेशक इस लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई लेकिन उसका टारगेट 2027 में होने वाले राज्य विधानसभा के चुनाव है। इसकी शुरुआत पार्टी ने एक तरह से 2022 के विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद शुरू कर दी थी। अपना जनाधार बढ़ाने और रूरल एरिया में पैठ बनाने के लिए सिलसिलेवार ढंग से कांग्रेस और अकाली दल के बड़े चेहरों को पार्टी जॉइन करवाई गई। इनमें कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़, परनीत कौर, रवनीत सिंह बिट्टू, केवल सिंह ढिल्लों, सुशील रिंकू, अरविंद खन्ना, पूर्व कांग्रेसी सांसद संतोख चौधरी की पत्नी कर्मजीत कौर चौधरी, अकाली दल के पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका की बहू परमपाल कौर शामिल हैं। 2027 के विधानसभा चुनाव में तकरीबन ढाई साल पड़े हैं। रवनीत बिट्टू अभी जवान हैं। आनंदपुर साहिब और लुधियाना लोकसभा सीट से 3 बार कांग्रेस का सांसद रहने के अलावा वह पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान भी रहे हैं। भाजपा नेतृत्व को लगता है कि यदि उन्हें पार्टी की रीति-नीति के हिसाब से ढाल लिया जाए तो वह आने वाले कई बरसों तक पंजाब में पार्टी के लिए काम कर सकते हैं। पार्टी के बड़े चेहरे चुनाव हारे
भाजपा ने पहली बार पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। इनमें कुछ बड़े चेहरे भी थे। पार्टी एक भी सीट जीत नहीं पाई। होशियारपुर लोकसभा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश की पत्नी अनीता सोमप्रकाश तीसरे स्थान पर खिसक गईं। अमृतसर सीट पर पार्टी उम्मीदवार तरनजीत सिंह संधू और पटियाला सीट पर पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर भी तीसरे स्थान पर रहीं। ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी