<p style=”text-align: justify;”><strong>MP Colleges GST Dues:</strong> मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी (MP Medical Science University) के लिए 22 करोड़ की जीएसटी (GST) वसूली गले की फांस बन गई है. यूनिवर्सिटी ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स के नोटिस के बाद यह रकम तो चुका दी है लेकिन अब उसे प्रदेश भर के संबद्ध कॉलेजों (Affiliated College) से इस रकम की वसूली में पसीना आ रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी,जबलपुर द्वारा प्रदेश भर के सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज,डेंटल कॉलेज,बीएएमएस कॉलेज,नर्सिंग कॉलेज और पैरा मेडिकल कॉलेज को संबद्धता दी जाती है.विश्वविद्यालय द्वारा संबद्धता लेने वाले कॉलेजों से जीएसटी की राशि वसूलने में नरमी बरती गई, जिसके चलते 1 जुलाई 2017 से ही कई कॉलेजों का जीएसटी बकाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> यूनिवर्सिटी ने अपने खजाने से 22 करोड़ जमा किए</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जीएसटी को लेकर असमंजस और कॉलेज संचालकों के तर्क के चलते तत्कालीन मामलों में जीएसटी जमा कराने को लेकर सख्ती नहीं की गई. पूर्व में अधिकारियों की इस नरमी से अब विश्वविद्यालय पर कॉलेजों के बकाया जीएसटी का आर्थिक भार बढ़ गया है. यह बात सामने आ रही है कि कई कॉलेजों ने शुरुआत से ही जीएसटी नहीं दिया है. वहीं जीएसटी विभाग द्वारा पेनल्टी लगाने की चेतावनी के बाद यूनिवर्सिटी ने अपने खजाने से 22 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सभी कॉलेजों को नोटिस जारी किया जाएगा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ पुष्पराज सिंह बघेल ने एबीपी लाइव को बताया कि किस कॉलेज से कितनी राशि वसूली की जानी है? इसका आकलन के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है.फाइनेंस कंट्रोलर की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी 10 दिनों के भीतर जीएसटी से जुड़े बकाया भुगतान का आकलन करेगी. इसके बाद ही सभी कॉलेजों को नोटिस जारी किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कहा जा रहा है कि यूनिवर्सिटी द्वारा गठित कमेटी 1 जुलाई 2017 से लेकर अब तक प्रत्येक कॉलेज की ओर से दिए गए संबद्धता शुल्क की जांच करेगी, जिससे यह पता चल सकेगा कि किस कॉलेज ने नियमानुसार प्रति वर्ष संबद्धता शुल्क पर जीएसटी राशि का भुगतान किया है. बताया जा रहा है कि यूनिवर्सिटी से प्रदेशभर के करीब 450 कॉलेज और संस्थान संबद्ध हैं, जिनसे जीएसटी से जुड़ी करोड़ों रुपयों की राशि नहीं मिली है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”Ganga Dussehra 2024: गंगा दशहरा पर डीग में उमड़ा जैनसलाब, तीर्थराज विमल कुंड में भक्तों ने किया स्नान” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/deeg-devotees-took-holy-dip-in-teerthraj-vimal-kund-on-ganga-dussehra-2024-ann-2716587″ target=”_blank” rel=”noopener”>Ganga Dussehra 2024: गंगा दशहरा पर डीग में उमड़ा जैनसलाब, तीर्थराज विमल कुंड में भक्तों ने किया स्नान</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>MP Colleges GST Dues:</strong> मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी (MP Medical Science University) के लिए 22 करोड़ की जीएसटी (GST) वसूली गले की फांस बन गई है. यूनिवर्सिटी ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स के नोटिस के बाद यह रकम तो चुका दी है लेकिन अब उसे प्रदेश भर के संबद्ध कॉलेजों (Affiliated College) से इस रकम की वसूली में पसीना आ रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी,जबलपुर द्वारा प्रदेश भर के सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज,डेंटल कॉलेज,बीएएमएस कॉलेज,नर्सिंग कॉलेज और पैरा मेडिकल कॉलेज को संबद्धता दी जाती है.विश्वविद्यालय द्वारा संबद्धता लेने वाले कॉलेजों से जीएसटी की राशि वसूलने में नरमी बरती गई, जिसके चलते 1 जुलाई 2017 से ही कई कॉलेजों का जीएसटी बकाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> यूनिवर्सिटी ने अपने खजाने से 22 करोड़ जमा किए</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जीएसटी को लेकर असमंजस और कॉलेज संचालकों के तर्क के चलते तत्कालीन मामलों में जीएसटी जमा कराने को लेकर सख्ती नहीं की गई. पूर्व में अधिकारियों की इस नरमी से अब विश्वविद्यालय पर कॉलेजों के बकाया जीएसटी का आर्थिक भार बढ़ गया है. यह बात सामने आ रही है कि कई कॉलेजों ने शुरुआत से ही जीएसटी नहीं दिया है. वहीं जीएसटी विभाग द्वारा पेनल्टी लगाने की चेतावनी के बाद यूनिवर्सिटी ने अपने खजाने से 22 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सभी कॉलेजों को नोटिस जारी किया जाएगा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ पुष्पराज सिंह बघेल ने एबीपी लाइव को बताया कि किस कॉलेज से कितनी राशि वसूली की जानी है? इसका आकलन के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है.फाइनेंस कंट्रोलर की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी 10 दिनों के भीतर जीएसटी से जुड़े बकाया भुगतान का आकलन करेगी. इसके बाद ही सभी कॉलेजों को नोटिस जारी किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कहा जा रहा है कि यूनिवर्सिटी द्वारा गठित कमेटी 1 जुलाई 2017 से लेकर अब तक प्रत्येक कॉलेज की ओर से दिए गए संबद्धता शुल्क की जांच करेगी, जिससे यह पता चल सकेगा कि किस कॉलेज ने नियमानुसार प्रति वर्ष संबद्धता शुल्क पर जीएसटी राशि का भुगतान किया है. बताया जा रहा है कि यूनिवर्सिटी से प्रदेशभर के करीब 450 कॉलेज और संस्थान संबद्ध हैं, जिनसे जीएसटी से जुड़ी करोड़ों रुपयों की राशि नहीं मिली है.</p>
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