7वीं-8वीं की छात्राएं सिंदूर लगाकर स्कूल जाती हैं:6 महीने में ऑनर किलिंग के 8 केस; स्कूल छूटा, स्मार्टफोन बैन, जल्दी शादी

7वीं-8वीं की छात्राएं सिंदूर लगाकर स्कूल जाती हैं:6 महीने में ऑनर किलिंग के 8 केस; स्कूल छूटा, स्मार्टफोन बैन, जल्दी शादी

हरियाणा के जिन गांवों में ऑनर किलिंग होती है, वहां बाकी लड़कियों पर कभी न खत्म होने वाली बंदिशों का नया दौर शुरू हो जाता है। दैनिक भास्कर ने जब इन गांवों की पड़ताल की तो इन बच्चियों की पीड़ा साफ दिखी। कई पेरेंट्स स्कूल छुड़वा देते हैं। कई उनसे स्मार्टफोन छीनकर की-पैड वाला फोन दे देते हैं, ताकि सोशल मीडिया का इस्तेमाल न कर पाएं। उनका बाहर निकलना बंद कर दिया जाता है। अजनबी से मिलने-जुलने पर पाबंदी लगा दी जाती है। 8वीं की एक छात्रा कहती है- गलती किसी ने भी की हाे, पर भुगतना ताे हमें भी पड़ता है। हरियाणा में आए दिन कहीं न कहीं ऑनर किलिंग की कोई वारदात होती है। लेकिन, गिनी-चुनी घटनाएं ही सामने आती हैं। जुलाई के पहले हफ्ते में जींद में ऐसा केस हुआ था, पर न तो मीडिया को भनक लगी, न पुलिस को। गांव से भागकर एक जोड़े ने अंतर्जातीय विवाह कर लिया था। घरवालों को जैसे ही पता चला तो वे उस जोड़े को चंडीगढ़ से पकड़कर गांव लाए। दोनों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। रातोंरात अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। पूरे गांव ने इस पर चुप्पी साध ली। पिछले 6 महीने में ऑनर किलिंग के 8 केस सामने आ चुके हैं। केस-1 : सिंदूर लगाकर स्कूल जाने को मजबूर कई लड़कियां क्या हुआ था : कैथल के गांव क्योड़क में युवक-युवती ने 6 फरवरी, 2024 को लव मरीज कर ली। 19 जून की दोपहर नाबालिग भाई ने बहन काे मिलने बुलाया और गोली मारकर हत्या कर दी। फिर सोशल मीडिया पर लाइव आकर उसे मारने का कारण अंतर्जातीय विवाह बताया। असर क्या हुआ : 7वीं-8वीं की कई लड़कियां सिंदूर और लाल चूड़ा पहनकर स्कूल आने लगी हैं। परिजन कहते हैं- सिर्फ रिश्ता पक्का किया है। ससुराल 5 साल बाद भेजेंगे। उन्हें डर है कि कहीं बेटी गलत कदम न उठा ले। जब टीचरों ने उन्हें समझाने की कोशिश की तो कुछ समय बाद उन लड़कियों काे स्कूल भेजना ही बंद कर दिया। आगे पढ़ाने के लिए बेटियों काे घर से बाहर ही नहीं भेजते। टीचर बोले- हम भी मजबूर हैं, ज्यादा कुछ कर नहीं सकते। इस बार स्कूल का रिजल्ट भी अच्छा आया है। कोई बेटी फेल नहीं हुई। 75 में से 41 मेरिट में आई हैं। केस-2 : पढ़ाई के लिए बाहर भेजने से मना करने लगे पेरेंट्स क्या हुआ था : बालू गांव की 18 साल की युवती का हिसार के युवक से अफेयर था। 14 सितंबर, 2023 को युवती ने उसे गांव बुलाया। परिवार को भनक लगी तो उन्होंने चुन्नी से गला घोंटकर युवती की हत्या कर दी। दाह संस्कार भी कर दिया। पुलिस ने थाने के सिक्योरिटी एजेंट की शिकायत पर केस दर्ज करके आरोपी माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया। असर क्या हुआ : घटना के बाद गांव के लोग बेटियों को पढ़ाई के लिए बाहर भेजने पर ऐतराज करने लगे। उनके लिए स्पेशल पिंक बस चलवाई गई, जाे बेटियों काे सुबह लेकर जाती है और शाम काे वापस छोड़ देती है। बेटियों काे 20-25 किमी दूर कॉलेज में पढ़ने के लिए कैथल या कलायत जाना पड़ता है। इसे देखते हुए अब गांव में ही करीब 6.5 करोड़ की लागत से गर्ल्स कॉलेज बनाने की मंजूरी मिल गई। गांव की महिला सरपंच सोनिया खुद जेबीटी पास हैं। बताती हैं कि एक लड़की की घर में हत्या कर दी गई। इस वारदात से गांव के माहौल पर बहुत बुरा असर पड़ा है। केस-3 : पंचायत का फरमान, को-एजुकेशन में बच्ची न पढ़ाएं क्या हुआ था : 27 फरवरी काे यमुनानगर जिले के नाहरपुर गांव में एक 20 साल की लड़की की हत्या कर दी गई। घरवालों की मर्जी से शादी न करने पर पिता और ताऊ ने उसे मौत के घाट उतार दिया। युवती का गांव के युवक से अफेयर था। असर क्या हुआ : यहां जनवादी महिला समिति के जिला अफसरों ने दौरा किया तो पाया कि करीब 17 लड़कियों की पढ़ाई छुड़वा दी गई। उन्हें घर पर ही रहने काे बोल दिया गया। लड़कियों से बातचीत में पता चला कि अगर लड़की की दोस्ती के बारे में शिकायत मिलती है ताे उसकी शादी करवाने काे कह दिया जाता है। वारदात के बाद यहां पंचायत भी हुई और उसमें लड़कियों काे ज्यादा न पढ़ाने और जल्द शादी करने जैसे फरमान सुनाए गए। नाबालिग बेटियों के रिश्ते पक्के किए जा रहे हैं। लड़कियों को काे-एजुकेशन में पढ़ाने से साफ इनकार किया जा रहा है। इन परिवारों के लड़कों पर भी बुरा असर पड़ रहा है, या तो वे हिंसात्मक रूख अपना लेते हैं या फिर नशे की ओर बढ़ने लगते हैं। केस-4 : बाजार-हाट, सामाजिक समारोहों में भेजना बंद किया क्या हुआ था : गुरुग्राम पुलिस काे 18 साल की युवती की गुमशुदगी की शिकायत मिली। पता चला, युवती 31 जनवरी को किसी दोस्त के साथ चली गई थी। पुलिस ने युवती के घरवालों को बुलाकर उसे परिवार के हवाले कर दिया। 3 फरवरी को पिता, बड़े भाई और तीन बेटों ने युवती की गाड़ी में गला दबाकर हत्या कर दी। शव अरावली की पहाड़ियों में जला दिया। असर क्या हुआ : जब लड़कियों के कॉलेज के पास जाकर उनसे बात की तो नाम न छापने की शर्त पर ग्रेजुएशन कर रहीं लड़कियों ने बताया, वारदात के बाद अब हमें ऑटो से कॉलेज आना पड़ता है। माता-पिता ने स्कूटी की चाबी अपने पास रख ली है। पढ़ाई से संबंधित काेई स्टेशनरी चाहिए ताे भाई से मंगवानी पड़ती है। स्मार्टफोन भी वापस ले लिया है। छोटा की-पैड वाला फोन दे दिया है, ताकि सोशल मीडिया का इस्तेमाल न कर सकूं। समाजिक समारोह में जाने की मनाही है। गली में पौधों को पानी दे रही 11 साल की एक बच्ची बताती है कि अब उसे पड़ोस में दुकान से सामान तक लाने की मनाही है। घटना से पहले तक वह खुद अपनी सहेलियों के साथ बाजार भी चली जाती थी। ऑनर किलिंग कानून का ड्राफ्ट 14 साल से लंबित
जनवादी महिला समिति की राज्य अध्यक्ष सविता बताती हैं- करीब 20 साल से मैं ऑनर किलिंग के मामलों में बतौर एक्टिविस्ट काम कर रही हूं। इसे लेकर हमने 2010 में राष्ट्रीय स्तर पर एक विशेष कानून बनाने का ड्राफ्ट तैयार किया था। यह 14 साल से लंबित है। ड्राफ्ट बनाने वाली टीम में सुप्रीम कोर्ट के वकील व सेवानिवृत्त जज भी शामिल थे। तत्कालीन कानून मंत्री सदानंद गौड़ा काे ड्राफ्ट सौंपा गया, पर कुछ नहीं हुआ। कानूनी पक्ष- शादी में सामाजिक दखलंदाजी गलत : सीआर लॉ कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. राजवी जून कहते हैं- ऑनर किलिंग के लिए अलग से कानून नहीं है, पर धारा 14, 15 (1), 19 और 21 का यह साफ उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में कहा था कि शादी के मामले में सामाजिक दखलअंदाजी पूरी तरह से गैरकानूनी है। मनोवैज्ञानिक पक्ष- बच्चों से स्वस्थ संवाद होना जरूरी है : वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक प्रो. सोनिया मलिक बताती हैं कि माता-पिता और बच्चों में रोजाना स्वस्थ संवाद होना चाहिए। इसकी कमी से बच्चे बाहर प्यार पाने का जरिया खोजने लगते हैं। बच्चों की हर खैर-खबर रखें, लेकिन जासूसी ना करें। सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल सिखाएं। पंचायत का पक्ष- इसमें हमारी नहीं, परिजनों की गलती : सर्वखाफ पंचायत के प्रवक्ता कैप्टन जगबीर मलिक कहते हैं- ऑनर किलिंग में पंचायतों की कोई भूमिका नहीं है। परिवार अपने अहम और शान व सम्मान के लिए ऐसे गलत कदम उठाते हैं, जाे किसी भी तरह से जायज नहीं है। पंचायत ताे ऐसी हत्याओं की निंदा करती है। बच्चों को संस्कारी बनाएं। शिक्षिका ने जताया ऑनर किलिंग का खतरा; बरेली में 33 साल की शिक्षिका ने कहा था- मुस्लिमों में महिलाओं की इज्जत नहीं बरेली में 33 साल की शिक्षिका ने अब ऑनर किलिंग का खतरा जताया है। पीड़िता ने अपने परिवार और बहनोई से हत्या की आशंका जताई है। शिक्षिका ने पांच दिन पहले धर्म परिवर्तन करते हुए वीडियो बयान दिया था कि मुस्लिमों में महिलाओं की कोई इज्जत नहीं है। तीन तलाक और हलाला को लेकर भी पीड़िता ने बयान दिया था। पढ़ें पूरी खबर हरियाणा के जिन गांवों में ऑनर किलिंग होती है, वहां बाकी लड़कियों पर कभी न खत्म होने वाली बंदिशों का नया दौर शुरू हो जाता है। दैनिक भास्कर ने जब इन गांवों की पड़ताल की तो इन बच्चियों की पीड़ा साफ दिखी। कई पेरेंट्स स्कूल छुड़वा देते हैं। कई उनसे स्मार्टफोन छीनकर की-पैड वाला फोन दे देते हैं, ताकि सोशल मीडिया का इस्तेमाल न कर पाएं। उनका बाहर निकलना बंद कर दिया जाता है। अजनबी से मिलने-जुलने पर पाबंदी लगा दी जाती है। 8वीं की एक छात्रा कहती है- गलती किसी ने भी की हाे, पर भुगतना ताे हमें भी पड़ता है। हरियाणा में आए दिन कहीं न कहीं ऑनर किलिंग की कोई वारदात होती है। लेकिन, गिनी-चुनी घटनाएं ही सामने आती हैं। जुलाई के पहले हफ्ते में जींद में ऐसा केस हुआ था, पर न तो मीडिया को भनक लगी, न पुलिस को। गांव से भागकर एक जोड़े ने अंतर्जातीय विवाह कर लिया था। घरवालों को जैसे ही पता चला तो वे उस जोड़े को चंडीगढ़ से पकड़कर गांव लाए। दोनों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। रातोंरात अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। पूरे गांव ने इस पर चुप्पी साध ली। पिछले 6 महीने में ऑनर किलिंग के 8 केस सामने आ चुके हैं। केस-1 : सिंदूर लगाकर स्कूल जाने को मजबूर कई लड़कियां क्या हुआ था : कैथल के गांव क्योड़क में युवक-युवती ने 6 फरवरी, 2024 को लव मरीज कर ली। 19 जून की दोपहर नाबालिग भाई ने बहन काे मिलने बुलाया और गोली मारकर हत्या कर दी। फिर सोशल मीडिया पर लाइव आकर उसे मारने का कारण अंतर्जातीय विवाह बताया। असर क्या हुआ : 7वीं-8वीं की कई लड़कियां सिंदूर और लाल चूड़ा पहनकर स्कूल आने लगी हैं। परिजन कहते हैं- सिर्फ रिश्ता पक्का किया है। ससुराल 5 साल बाद भेजेंगे। उन्हें डर है कि कहीं बेटी गलत कदम न उठा ले। जब टीचरों ने उन्हें समझाने की कोशिश की तो कुछ समय बाद उन लड़कियों काे स्कूल भेजना ही बंद कर दिया। आगे पढ़ाने के लिए बेटियों काे घर से बाहर ही नहीं भेजते। टीचर बोले- हम भी मजबूर हैं, ज्यादा कुछ कर नहीं सकते। इस बार स्कूल का रिजल्ट भी अच्छा आया है। कोई बेटी फेल नहीं हुई। 75 में से 41 मेरिट में आई हैं। केस-2 : पढ़ाई के लिए बाहर भेजने से मना करने लगे पेरेंट्स क्या हुआ था : बालू गांव की 18 साल की युवती का हिसार के युवक से अफेयर था। 14 सितंबर, 2023 को युवती ने उसे गांव बुलाया। परिवार को भनक लगी तो उन्होंने चुन्नी से गला घोंटकर युवती की हत्या कर दी। दाह संस्कार भी कर दिया। पुलिस ने थाने के सिक्योरिटी एजेंट की शिकायत पर केस दर्ज करके आरोपी माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया। असर क्या हुआ : घटना के बाद गांव के लोग बेटियों को पढ़ाई के लिए बाहर भेजने पर ऐतराज करने लगे। उनके लिए स्पेशल पिंक बस चलवाई गई, जाे बेटियों काे सुबह लेकर जाती है और शाम काे वापस छोड़ देती है। बेटियों काे 20-25 किमी दूर कॉलेज में पढ़ने के लिए कैथल या कलायत जाना पड़ता है। इसे देखते हुए अब गांव में ही करीब 6.5 करोड़ की लागत से गर्ल्स कॉलेज बनाने की मंजूरी मिल गई। गांव की महिला सरपंच सोनिया खुद जेबीटी पास हैं। बताती हैं कि एक लड़की की घर में हत्या कर दी गई। इस वारदात से गांव के माहौल पर बहुत बुरा असर पड़ा है। केस-3 : पंचायत का फरमान, को-एजुकेशन में बच्ची न पढ़ाएं क्या हुआ था : 27 फरवरी काे यमुनानगर जिले के नाहरपुर गांव में एक 20 साल की लड़की की हत्या कर दी गई। घरवालों की मर्जी से शादी न करने पर पिता और ताऊ ने उसे मौत के घाट उतार दिया। युवती का गांव के युवक से अफेयर था। असर क्या हुआ : यहां जनवादी महिला समिति के जिला अफसरों ने दौरा किया तो पाया कि करीब 17 लड़कियों की पढ़ाई छुड़वा दी गई। उन्हें घर पर ही रहने काे बोल दिया गया। लड़कियों से बातचीत में पता चला कि अगर लड़की की दोस्ती के बारे में शिकायत मिलती है ताे उसकी शादी करवाने काे कह दिया जाता है। वारदात के बाद यहां पंचायत भी हुई और उसमें लड़कियों काे ज्यादा न पढ़ाने और जल्द शादी करने जैसे फरमान सुनाए गए। नाबालिग बेटियों के रिश्ते पक्के किए जा रहे हैं। लड़कियों को काे-एजुकेशन में पढ़ाने से साफ इनकार किया जा रहा है। इन परिवारों के लड़कों पर भी बुरा असर पड़ रहा है, या तो वे हिंसात्मक रूख अपना लेते हैं या फिर नशे की ओर बढ़ने लगते हैं। केस-4 : बाजार-हाट, सामाजिक समारोहों में भेजना बंद किया क्या हुआ था : गुरुग्राम पुलिस काे 18 साल की युवती की गुमशुदगी की शिकायत मिली। पता चला, युवती 31 जनवरी को किसी दोस्त के साथ चली गई थी। पुलिस ने युवती के घरवालों को बुलाकर उसे परिवार के हवाले कर दिया। 3 फरवरी को पिता, बड़े भाई और तीन बेटों ने युवती की गाड़ी में गला दबाकर हत्या कर दी। शव अरावली की पहाड़ियों में जला दिया। असर क्या हुआ : जब लड़कियों के कॉलेज के पास जाकर उनसे बात की तो नाम न छापने की शर्त पर ग्रेजुएशन कर रहीं लड़कियों ने बताया, वारदात के बाद अब हमें ऑटो से कॉलेज आना पड़ता है। माता-पिता ने स्कूटी की चाबी अपने पास रख ली है। पढ़ाई से संबंधित काेई स्टेशनरी चाहिए ताे भाई से मंगवानी पड़ती है। स्मार्टफोन भी वापस ले लिया है। छोटा की-पैड वाला फोन दे दिया है, ताकि सोशल मीडिया का इस्तेमाल न कर सकूं। समाजिक समारोह में जाने की मनाही है। गली में पौधों को पानी दे रही 11 साल की एक बच्ची बताती है कि अब उसे पड़ोस में दुकान से सामान तक लाने की मनाही है। घटना से पहले तक वह खुद अपनी सहेलियों के साथ बाजार भी चली जाती थी। ऑनर किलिंग कानून का ड्राफ्ट 14 साल से लंबित
जनवादी महिला समिति की राज्य अध्यक्ष सविता बताती हैं- करीब 20 साल से मैं ऑनर किलिंग के मामलों में बतौर एक्टिविस्ट काम कर रही हूं। इसे लेकर हमने 2010 में राष्ट्रीय स्तर पर एक विशेष कानून बनाने का ड्राफ्ट तैयार किया था। यह 14 साल से लंबित है। ड्राफ्ट बनाने वाली टीम में सुप्रीम कोर्ट के वकील व सेवानिवृत्त जज भी शामिल थे। तत्कालीन कानून मंत्री सदानंद गौड़ा काे ड्राफ्ट सौंपा गया, पर कुछ नहीं हुआ। कानूनी पक्ष- शादी में सामाजिक दखलंदाजी गलत : सीआर लॉ कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. राजवी जून कहते हैं- ऑनर किलिंग के लिए अलग से कानून नहीं है, पर धारा 14, 15 (1), 19 और 21 का यह साफ उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में कहा था कि शादी के मामले में सामाजिक दखलअंदाजी पूरी तरह से गैरकानूनी है। मनोवैज्ञानिक पक्ष- बच्चों से स्वस्थ संवाद होना जरूरी है : वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक प्रो. सोनिया मलिक बताती हैं कि माता-पिता और बच्चों में रोजाना स्वस्थ संवाद होना चाहिए। इसकी कमी से बच्चे बाहर प्यार पाने का जरिया खोजने लगते हैं। बच्चों की हर खैर-खबर रखें, लेकिन जासूसी ना करें। सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल सिखाएं। पंचायत का पक्ष- इसमें हमारी नहीं, परिजनों की गलती : सर्वखाफ पंचायत के प्रवक्ता कैप्टन जगबीर मलिक कहते हैं- ऑनर किलिंग में पंचायतों की कोई भूमिका नहीं है। परिवार अपने अहम और शान व सम्मान के लिए ऐसे गलत कदम उठाते हैं, जाे किसी भी तरह से जायज नहीं है। पंचायत ताे ऐसी हत्याओं की निंदा करती है। बच्चों को संस्कारी बनाएं। शिक्षिका ने जताया ऑनर किलिंग का खतरा; बरेली में 33 साल की शिक्षिका ने कहा था- मुस्लिमों में महिलाओं की इज्जत नहीं बरेली में 33 साल की शिक्षिका ने अब ऑनर किलिंग का खतरा जताया है। पीड़िता ने अपने परिवार और बहनोई से हत्या की आशंका जताई है। शिक्षिका ने पांच दिन पहले धर्म परिवर्तन करते हुए वीडियो बयान दिया था कि मुस्लिमों में महिलाओं की कोई इज्जत नहीं है। तीन तलाक और हलाला को लेकर भी पीड़िता ने बयान दिया था। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर