लुधियाना में एक ज्वेलर्स की दुकान पर काम करने वाले कर्मचारी ने हीरे से जड़ी 12 अंगूठियां चोरी कर ली और फरार हो गया। थाना डिवीजन नंबर 8 की पुलिस मामले की जांच में जुटी है। पुलिस को जानकारी देते हुए दुकान के मालिक श्याम सुंदर ने बताया कि 2 सितंबर को उन्होंने कर्मचारी विनय कुमार चौहान को बतौर सेल्समैन काम पर रखा था। उसने दो महीने में ही अपना काफी विश्वास बना लिया। 7 अक्तूबर को उसने उनसे बिल वाउचर लिया और हीरों के जेवर बेचने के लिए ले गया। उसने 8 अक्टूबर को आकर बताया कि उसने जेवर आर.एल अग्रवाल ज्वेलर्स, जोती चौकी जालंधर को बेच दिए हैं। 12 लेडी रिंग लेकर हुआ फरार श्याम सुंदर ने जब आर.एल ज्वेलर्स को फोन करके पैमेंट के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि आपके किसी भी वर्कर ने उन्हें कोई सामान नहीं बेचा। श्याम सुंदर ने तुरंत विनय कुमार को फोन किया। आरोपी विनय ने उसे कहा कि वह उनके पास दुकान पर बात करने आ रहा है, लेकिन विनय मौका देख फरार हो गया। कर्मचारी ने अपना मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ किया हुआ है। विनय हीरे से जड़ी सोने की 12 लेडीज अंगूठियां चोरी करके फरार हो गया। उधर, इस मामले में थाना डिवीजन नंबर 8 की एसएचओ बलविंदर कौर ने कहा कि चोर को दबोचने की पूरी कोशिश की जा रही है। सानू ज्वेलर्स के मालिक ने विनय कुमार की पुलिस वैरिफिकेशन भी नहीं करवाई। इस कारण उसकी तलाश करने में दिक्कत आ रही है। लोगों से अनुरोध है कि जब भी किसी कर्मी को दुकान या घर पर काम करने के लिए रखे तो उसकी पुलिस वैरिफिकेशन जरूर करवाए। लुधियाना में एक ज्वेलर्स की दुकान पर काम करने वाले कर्मचारी ने हीरे से जड़ी 12 अंगूठियां चोरी कर ली और फरार हो गया। थाना डिवीजन नंबर 8 की पुलिस मामले की जांच में जुटी है। पुलिस को जानकारी देते हुए दुकान के मालिक श्याम सुंदर ने बताया कि 2 सितंबर को उन्होंने कर्मचारी विनय कुमार चौहान को बतौर सेल्समैन काम पर रखा था। उसने दो महीने में ही अपना काफी विश्वास बना लिया। 7 अक्तूबर को उसने उनसे बिल वाउचर लिया और हीरों के जेवर बेचने के लिए ले गया। उसने 8 अक्टूबर को आकर बताया कि उसने जेवर आर.एल अग्रवाल ज्वेलर्स, जोती चौकी जालंधर को बेच दिए हैं। 12 लेडी रिंग लेकर हुआ फरार श्याम सुंदर ने जब आर.एल ज्वेलर्स को फोन करके पैमेंट के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि आपके किसी भी वर्कर ने उन्हें कोई सामान नहीं बेचा। श्याम सुंदर ने तुरंत विनय कुमार को फोन किया। आरोपी विनय ने उसे कहा कि वह उनके पास दुकान पर बात करने आ रहा है, लेकिन विनय मौका देख फरार हो गया। कर्मचारी ने अपना मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ किया हुआ है। विनय हीरे से जड़ी सोने की 12 लेडीज अंगूठियां चोरी करके फरार हो गया। उधर, इस मामले में थाना डिवीजन नंबर 8 की एसएचओ बलविंदर कौर ने कहा कि चोर को दबोचने की पूरी कोशिश की जा रही है। सानू ज्वेलर्स के मालिक ने विनय कुमार की पुलिस वैरिफिकेशन भी नहीं करवाई। इस कारण उसकी तलाश करने में दिक्कत आ रही है। लोगों से अनुरोध है कि जब भी किसी कर्मी को दुकान या घर पर काम करने के लिए रखे तो उसकी पुलिस वैरिफिकेशन जरूर करवाए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग उठी:SGPC- फिल्म इमरजेंसी पर लगे प्रतिबंध; सिखों के चरित्र को गलत तरीके से किया पेश
कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग उठी:SGPC- फिल्म इमरजेंसी पर लगे प्रतिबंध; सिखों के चरित्र को गलत तरीके से किया पेश हिमाचल प्रदेश की मंडी संसदीय सीट से BJP सांसद व एक्ट्रेस कंगना रनोट अपकमिंग मूवी इमरजेंसी की रिलीज पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने प्रतिबंध लगाए जाने की मांग उठा दी है। फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का रोल करने वाली कंगना रनोट के खिलाफ FIR भी दर्ज करने को कहा है। फिल्म 6 सितंबर को रिलीज होनी है। SGPC के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने आरोप लगाया है कि सिखों के चरित्र को गलत तरीके से चित्रित करने वाली फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर तत्काल प्रतिबंध लगना चाहिए। यह फिल्म सिख विरोधी और पंजाब विरोधी शब्दावली के कारण विवादों में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनोट द्वारा जानबूझकर सिखों का चरित्र हरण करने के इरादे से बनाई गई है। जिसे सिख समुदाय बर्दाश्त नहीं कर सकता। एडवोकेट धामी ने कहा कि यह 1984 के महान शहीदों के बारे में सिख विरोधी कहानी बनाकर देश का अपमान करने का घृणित कार्य है। उन्होंने कहा कि देश 1984 की सिख विरोधी क्रूरता को कभी नहीं भूल सकता और जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले को श्री अकाल तख्त साहिब ने राष्ट्रीय शहीद घोषित किया है, जबकि कंगना रनोट की फिल्म उनके चरित्र को मारने की कोशिश कर रही है। कंगना पर सिखों की भावनाओं को भड़काने के आरोप एडवोकेट धामी ने कहा कि कंगना रनोट अक्सर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली बातें करती रही हैं। सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है। सरकार को कंगना रनोट के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए। धामी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इमरजेंसी फिल्म के जारी ट्रेलर से साफ है कि इसमें जानबूझकर सिखों के चरित्र को आतंकवादी के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जो एक गहरी साजिश का हिस्सा है। सिख कार्यकर्ता पर आधारित फिल्म पर लगा था प्रतिबंध धामी ने कहा कि एक तरफ मानवाधिकारों की बात करने वाले सिख कार्यकर्ता भाई जसवंत सिंह खालड़ा के जीवन पर बनी फिल्म ‘पंजाब 95’ की रिलीज को 85 कट लगाने के बाद भी सेंसर बोर्ड की तरफ से मंजूर नहीं किया गया था। जबकि सिख समुदाय के बारे में गलत तथ्य पेश करने वाली इमरजेंसी फिल्म को रिलीज किया जा रहा है। ये दोहरे मापदंड देशहित में नहीं हैं, इसलिए सरकार को इस बारे में सोचने की जरूरत है। सेंसर बोर्ड में सिख सदस्य शामिल करने की मांग एडवोकेट धामी ने केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड में सिख सदस्यों को शामिल करने की मांग की है। सिख सदस्य की अनुपस्थिति के कारण ही एकतरफा फैसले लिए जा रहे हैं। SGPC ने कई बार अपनी आम बैठक में प्रस्ताव पारित कर मांग की है कि केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड में सिखों का एक प्रतिनिधि जरूर शामिल किया जाए, लेकिन दुख की बात है कि सरकार इस पर अमल नहीं कर रही है। फिल्म में दिखाया आतंकवाद का दौर, भिंडरांवाले का कैरेक्टर भी रखा कंगना ने कुछ दिन पहले इस फिल्म का ट्रेलर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। जिसमें पंजाब में 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर को भी दिखाया गया है। इसमें एक कैरेक्टर को जरनैल सिंह भिंडरांवाला भी बनाया गया है, जिसे कट्टरपंथी सिख संत के तौर पर देखते हैं। सर्बजीत खालसा का मानना है कि फिल्म में ब्लू स्टार ऑपरेशन को लेकर भी फिल्माया गया है, जो जरनैल सिंह भिंडरांवाला को खत्म करने के लिए ही चलाया गया था। 1975 में आंधी फिल्म पर लगा था बैन इससे पहले, 1975 में आंधी फिल्म को इमरजेंसी के दौरान इंदिरा गांधी सरकार ने बैन कर दिया था। फिल्म इमरजेंसी से कुछ वक्त पहले रिलीज हुई थी, जिसने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और कांग्रेस नेताओं की नींद उड़ा दी थी। फिल्म पर कांग्रेस पार्टी की इमेज खराब करने का आरोप लगा था। फिल्म पर बैन लगने के बाद, लीड एक्ट्रेस सुचित्रा सेन कभी किसी हिंदी फिल्म में नजर नहीं आईं। अफवाहें थीं कि यह फिल्म इंदिरा गांधी और उनके पूर्व पति के साथ रिश्ते पर बनी है, लेकिन सच्चाई सिर्फ इतनी थी कि सुचित्रा सेन ने आरती देवी का किरदार निभाया था, जिसकी लुक ही इंदिरा गांधी से प्रेरित थी। बाद में जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद 1977 में इसे रिलीज किया। पहले भी विवादों में रह चुकीं कंगना रनोट 1. किसान आंदोलन से जुड़ी टिप्पणी पर हो चुका केस कंगना भाजपा के विरोधी दलों और उनकी ओर से चलाए जाने वाले आंदोलनों पर तल्ख टिप्पणियां करती रही हैं। किसान आंदोलन के दौरान उन्होंने धरना देने वाली महिलाओं के बारे में कह दिया था कि ये लोग 100-100 रुपए लेकर धरने में आती हैं। इसे लेकर उनके खिलाफ पंजाब के कोर्ट में मानहानि का केस भी किया गया। इतना ही नहीं, बीते दिनों चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर CISF महिला कर्मी की तरफ से कंगना को किसान आंदोलन के लिए थप्पड़ जड़ दिया गया था। जिसके बाद विवाद काफी बढ़ गया था। 2. करण जौहर को बता चुकी मूवी माफिया कंगना रनोट फिल्मों के साथ-साथ कई सेलिब्रिटीज के साथ पंगे की वजह से चर्चा में रही हैं। वह बॉलीवुड इंडस्ट्री में चलने वाले नेपोटिज्म यानी भाई-भतीजावाद के खिलाफ खुलकर बोलती रही हैं। नेपो किड्स उनके निशाने पर रहे हैं और वह आउटसाइडर्स के लिए आवाज उठाती रही हैं। कंगना ने एक बार बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर और धर्मा प्रोडक्शन कंपनी के कर्ता-धर्ता करण जौहर के शो कॉफी विद करण में उनको मूवी माफिया और नेपोटिज्म का फ्लैग बियरर तक बता दिया था। कंगना ने कहा था कि करण जौहर केवल स्टार किड्स को प्रमोट करते हैं और छोटे शहरों से आने वाले कलाकारों को बॉलीवुड में टिकने नहीं देते। एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद भी कंगना ने बॉलीवुड के बड़े प्रोडक्शन हाउस के खिलाफ बयान दिए। नेपोटिज्म पर उनके बयान के बाद करण जौहर के साथ-साथ सलमान खान, आलिया भट्ट जैसे सितारे भी सवालों के घेरे में आ गए। महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी के गठबंधन वाली सरकार के दौरान मुंबई में कंगना रनोट का दफ्तर तोड़ने के बाद भी वह खूब चर्चा में रही थीं।
लुधियाना में डाइंग और डायरी यूनिटों पर पावरकॉम की कार्रवाई:2 महीने में 117 बिजली कनेक्शन काटे, 250 फैक्टरीज पर लटकी तलवार
लुधियाना में डाइंग और डायरी यूनिटों पर पावरकॉम की कार्रवाई:2 महीने में 117 बिजली कनेक्शन काटे, 250 फैक्टरीज पर लटकी तलवार पंजाब के लुधियाना में बुड्ढा दरिया को प्रदूषित करने वाली रंगाई इकाइयों के खिलाफ प्रदूषण बोर्ड ने अब कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रदूषण बोर्ड ने डाइंगों और डायरी यूनिटों की सूची तैयार कर पावरकॉम विभाग को भेज दी है, जिसमें बुड्ढा दरिया में जहरीला पानी या गोबर और मूत्र फेंकने वाली फैक्ट्रियों और डाइंग यूनिटों के नाम हैं। पिछले दो महीनों में अब तक पावरकॉम ने 117 बिजली कनेक्शन काटे हैं। इनमें कुछ ऐसे लोग हैं जिनके अस्थाई कनेक्शन काटे गए हैं और कई ऐसे भी हैं जिनके कनेक्शन अनिश्चित काल के लिए काटे गए हैं। डाइंग यूनिटों में मचा हड़कंप
पावर काम की इस कार्रवाई के बाद डाइंग यूनिटों में भी हड़कंप मचा है। डाइंग यूनिटों के मालिकों को लगातार पॉल्यूशन बोर्ड और जिला प्रशासन चेतावनी देता आ रहा है कि वह एसटीपी प्लांट का इस्तेमाल करें लेकिन बहुत कम डाइंग इंडस्ट्री के लोग एसटीपी का इस्तेमाल कर रहे है। 250 के कनेक्शन काटने अभी बाकी पावर काम के चीफ इंजीनियर जगदेव सिंह हांस ने कहा कि 250 के करीब ऐसी फैक्ट्रियां है जिन पर एक्शन लेने के लिए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड़ ने लिखकर दिया हुआ है। पॉल्यूशन बोर्ड द्वारा जिन फैक्ट्रियों या डायरी संचालकों की सूची दी गई है उन पर एक्शन लिया जा रहा है। पिछले 2 महीने में 117 लोगों के कनैक्शन काटे जा चुके है। अधिकतर यह वही फैक्ट्रियां है जो बुड्ढा दरिया को दूषित कर रही है। आने वाले दिनों में भी कार्रवाई जारी रहेगी। पावर काम पिक एडं चूज पालिसी पर कर रहा काम- डाइंग एसोसिएशन के प्रधान कमल चौहान उधर, डाइंग एसोसिएशन के प्रधान कमल चौहान ने कहा कि पावर काम विभाग द्वारा जो कार्रवाई की जा रही है वह उन फैक्ट्रियों पर हो रही है वातावरण को दूषित कर रहे है। इस तरह के लोगों पर एक्शन होना भी लाजमी बनता है। लेकिन पावर काम विभाग पिक एडं चूज पालिसी के साथ काम कर रहा है। कई फैक्ट्रियों पर एकदम से कार्रवाई हो रही है जबकि कइयों को सिर्फ नोटिस भेजे गए है लेकिन अभी भी वहां कोई एक्शन नहीं हुआ। पावर काम को पॉल्यूशन बोर्ड की सिफारिश मुताबिक काम करना चाहिए।