पंजाब में पुराने वार्ड विभाजन से होंगे नगर निगम चुनाव:सरकार ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र, पार्टी चिन्हों पर होंगे इलेक्शन

पंजाब में पुराने वार्ड विभाजन से होंगे नगर निगम चुनाव:सरकार ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र, पार्टी चिन्हों पर होंगे इलेक्शन

पंजाब में नगर निगम और नगर परिषद के चुनाव पुराने वार्ड विभाजन से ही होंगे। चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है। इसके लिए पंजाब सरकार ने राज्य चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। अब चुनाव आयोग को यह तय करना है कि चुनाव कब करवाने हैं। यह जानकारी पंजाब के स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए दी। उन्होंने बताया कि यह चुनाव पार्टी चिन्हों पर होंगे। उन्होंने स्थानीय निकाय विभाग से कहा है कि वे दिसंबर के अंत तक चुनाव करवाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यह चुनाव शहरी क्षेत्रों में होंगे। वहीं, पुराने वार्ड विभाजन के अनुसार ही चुनाव होंगे। क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया था। उसमें इस संबंध में आदेश दिए गए हैं। शहीदी जोड़ मेले से पहले चुनाव करवाने की तैयारी यह चुनाव प्रक्रिया सरकार दिसंबर में होने वाले फतेहगढ़ साहिब के शहीदी जोड़ मेले से पहले करवाने की तैयारी में है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार लगातार चुनाव करवाने की तैयारी में जुट गई थी। साथ ही निगमों व नगर काउंसिलों के डेवलपमेंट कार्य करवाए जा रहे हैं। ताकि लोगों को सीधा जोड़ा जा सकें। इसके अलावा शहरी एरिया के लोगों को साधने के लिए आम आदमी पार्टी ने अपने स्टेट प्रधान को बदल दिया है। अब हिंदू चेहरा और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा को प्रधान बनाया है। जबकि वर्किंग प्रेसिडेंट की जिम्मेदारी बटाला के विधायक शेरी कलसी को सौंपी गई है। हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चला मामला पंजाब में 5 नगर निगम और 44 नगर परिषद के चुनाव को लेकर लंबी जंग चली। यह लड़ाई पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गई। 11 नवंबर को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को कुल 10 सप्ताह में चुनाव करवाने को कहा था। शीर्ष अदालत ने 15 दिनों में चुनाव की नोटिफिकेशन और अगले 8 हफ्तों में चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए थे। ​​​राज्य सरकार की तरफ से 6 नवंबर को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। उस आदेश में हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को अवमानना का नोटिस जारी करते हुए 10 दिन में चुनाव की नोटिफिकेशन जारी करने के आदेश दिए थे। साथ ही कहा था कि अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन पर 50 हजार जुर्माना लगेगा, साथ ही अवमानना का केस चलेगा। वहीं, 21 नवंबर को सरकार ने हाईकोर्ट में बताया था कि 25 नवंबर तक चुनाव की नोटिफिकेशन जारी कर दी जाएगी। इसके बाद उच्च अदालत ने केस का निटपारा कर दिया था। पंजाब में नगर निगम और नगर परिषद के चुनाव पुराने वार्ड विभाजन से ही होंगे। चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है। इसके लिए पंजाब सरकार ने राज्य चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। अब चुनाव आयोग को यह तय करना है कि चुनाव कब करवाने हैं। यह जानकारी पंजाब के स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए दी। उन्होंने बताया कि यह चुनाव पार्टी चिन्हों पर होंगे। उन्होंने स्थानीय निकाय विभाग से कहा है कि वे दिसंबर के अंत तक चुनाव करवाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यह चुनाव शहरी क्षेत्रों में होंगे। वहीं, पुराने वार्ड विभाजन के अनुसार ही चुनाव होंगे। क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया था। उसमें इस संबंध में आदेश दिए गए हैं। शहीदी जोड़ मेले से पहले चुनाव करवाने की तैयारी यह चुनाव प्रक्रिया सरकार दिसंबर में होने वाले फतेहगढ़ साहिब के शहीदी जोड़ मेले से पहले करवाने की तैयारी में है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार लगातार चुनाव करवाने की तैयारी में जुट गई थी। साथ ही निगमों व नगर काउंसिलों के डेवलपमेंट कार्य करवाए जा रहे हैं। ताकि लोगों को सीधा जोड़ा जा सकें। इसके अलावा शहरी एरिया के लोगों को साधने के लिए आम आदमी पार्टी ने अपने स्टेट प्रधान को बदल दिया है। अब हिंदू चेहरा और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा को प्रधान बनाया है। जबकि वर्किंग प्रेसिडेंट की जिम्मेदारी बटाला के विधायक शेरी कलसी को सौंपी गई है। हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चला मामला पंजाब में 5 नगर निगम और 44 नगर परिषद के चुनाव को लेकर लंबी जंग चली। यह लड़ाई पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गई। 11 नवंबर को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को कुल 10 सप्ताह में चुनाव करवाने को कहा था। शीर्ष अदालत ने 15 दिनों में चुनाव की नोटिफिकेशन और अगले 8 हफ्तों में चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए थे। ​​​राज्य सरकार की तरफ से 6 नवंबर को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। उस आदेश में हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को अवमानना का नोटिस जारी करते हुए 10 दिन में चुनाव की नोटिफिकेशन जारी करने के आदेश दिए थे। साथ ही कहा था कि अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन पर 50 हजार जुर्माना लगेगा, साथ ही अवमानना का केस चलेगा। वहीं, 21 नवंबर को सरकार ने हाईकोर्ट में बताया था कि 25 नवंबर तक चुनाव की नोटिफिकेशन जारी कर दी जाएगी। इसके बाद उच्च अदालत ने केस का निटपारा कर दिया था।   पंजाब | दैनिक भास्कर