यमुनानगर में निर्माणाधीन मकान की छत डालते समय शटरिंग खिसक गई। जिसके नीचे दबने से दो मजदूरों की मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल है। हादसा पानी के रिसाव के कारण मिट्टी धंसने से हुआ है। हादसा ममीदी गांव का है। मृतकों की पहचान महेश पांडे और हितकारी लाल के नाम से हुई, दोनों गांधीनगर के रहने वाले हैं। जबकि अरविंद मिश्रा निवासी जोड़ियां गुरुद्वारा घायल है। जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पानी के रिसाव के कारण धंसी मिट्टी फर्कपुर थाना प्रभारी जनक राज ने बताया कि ममीदी गांव में प्रवीण कुमार के मकान का निर्माण चल रहा है। पानी का रिसाव होने के कारण शटरिंग की बलियां नीचे बैठ गई। जिससे शटरिंग खिसक गई। उन्होंने कहा कि मृतकों के परिजनों को सूचना दे दी है। कल पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया जाएगा। प्रत्यक्ष दर्शी बोले-ठेकेदार की गलती प्रत्यक्ष दर्शी मोहनलाल ने कहा कि ठेकेदार की गलती है। क्योंकि भूमि बहुत अधिक नरम थी और पानी का रिसाव अधिक होने के कारण जमीन बैठ गई। दो मासूम लोगों की जान चली गई। यमुनानगर में निर्माणाधीन मकान की छत डालते समय शटरिंग खिसक गई। जिसके नीचे दबने से दो मजदूरों की मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल है। हादसा पानी के रिसाव के कारण मिट्टी धंसने से हुआ है। हादसा ममीदी गांव का है। मृतकों की पहचान महेश पांडे और हितकारी लाल के नाम से हुई, दोनों गांधीनगर के रहने वाले हैं। जबकि अरविंद मिश्रा निवासी जोड़ियां गुरुद्वारा घायल है। जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पानी के रिसाव के कारण धंसी मिट्टी फर्कपुर थाना प्रभारी जनक राज ने बताया कि ममीदी गांव में प्रवीण कुमार के मकान का निर्माण चल रहा है। पानी का रिसाव होने के कारण शटरिंग की बलियां नीचे बैठ गई। जिससे शटरिंग खिसक गई। उन्होंने कहा कि मृतकों के परिजनों को सूचना दे दी है। कल पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया जाएगा। प्रत्यक्ष दर्शी बोले-ठेकेदार की गलती प्रत्यक्ष दर्शी मोहनलाल ने कहा कि ठेकेदार की गलती है। क्योंकि भूमि बहुत अधिक नरम थी और पानी का रिसाव अधिक होने के कारण जमीन बैठ गई। दो मासूम लोगों की जान चली गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हांसी में पेड़ से टकराई कार, महिला समेत 4 घायल:भिवानी-जींद रोड पर अचानक अनियंत्रित हुई; बाबा व साथी की हालत गंभीर
हांसी में पेड़ से टकराई कार, महिला समेत 4 घायल:भिवानी-जींद रोड पर अचानक अनियंत्रित हुई; बाबा व साथी की हालत गंभीर हरियाणा के हिसार के हांसी के बांस में एक कार असंतुलित होकर दीवार से टकरा गई। हादसे में कार में सवार चार व्कोयक्ति घायल हो गए। घायलों में से दो की हालत गंभीर है और उनको हिसार अस्पताल में रेफर किया गया है। पुलिस को हादसे की सूचना के बाद छानबीन में लगी है। मदनहेडी गांव निवासी साहिल ने बताया कि आज सुबह 10 बजे के क़रीब वह और उसकी दादी मुन्नी सोहाया में किसी बाबा से मिलने जा रहें थे। वह मदनहेडी बस स्टैंड पर बस का इंतजार कर रहें थे। तभी वहां पर उसी के गांव का निवासी बाबा बरसाईं नाथ और सोनू अपनी कार लेकर मदनहेड़ी बस स्टैंड पर पहुंचे। उन्होंने उनको खड़ा कर देख कार रोक ली। साहिल और उसकी दादी मुन्नी को कार में बैठा लिया। साहिल ने बताया कि कार बिल्कुल सही चल रहीं थी। जैसे ही वह बास गांव के नजदीक पहुंचे तो उनकी गाडी असंतुलित होकर पेड़ से टकरा गई। साहिल ने बताया कि गाडी के आगे न तो कोई पशु आया और न ही कोई दूसरी गाडी रोड़ पर थी। अचानक से उनकी कार असंतुलित हुई और रोड़ के किनारे पेड़ से टकरा गई। हादसे में कार में सवार सभी लोग घायल हो गए। साहिल ने बताया कि कार में मौजूद बाबा बरसाई नाथ और उसके साथी सोनू को गहरी चोट आई हैं। उनको हांसी के नागरिक अस्पताल से हिसार रेफर कर दिया। साहिल और उसकी दादी मुन्नी को हांसी के नागरिक अस्पताल में भर्ती किया गया है।
हरियाणा में 5 युवतियां ब्रह्मकुमारी बनीं:MA, एमटैक, ITI डिप्लोमा होल्डर; 16 साल की लड़की भी दुल्हन की तरह सजकर वैरागन हुई
हरियाणा में 5 युवतियां ब्रह्मकुमारी बनीं:MA, एमटैक, ITI डिप्लोमा होल्डर; 16 साल की लड़की भी दुल्हन की तरह सजकर वैरागन हुई हरियाणा में 5 युवतियां एक साथ जीवन से सन्यास लेकर ब्रह्मकुमारी बन गई हैं। ये लड़कियां एमए, एमटेक और ITI डिप्लोमा होल्डर जैसी उच्च शिक्षित हैं। सभी युवतियों ने सिरसा में शिवलिंग पर वरमाला डालकर जीवन भगवान की सेवा में समर्पित करने का प्रण ले लिया। वहीं, जींद में एक 16 साल की लड़की जैन वैरागन बन गई। वह 10वीं तक पढ़ी है, लेकिन 2 साल से अपने घर में ही वैरागियों की तरह जीवन जी रही थी। पिता ने भी बेटी के फैसले का समर्थन किया। लड़की का नाम काशवी जैन है। उसे फतेहाबाद के रतिया में दुल्हन की तरह सजाकर साध्वी शिवा की शिष्या बनाया गया। रतिया में हुआ तिलक रस्म समारोह
जानकारी के अनुसार, रविवार को रतिया में साध्वी शिवा की शिष्या वैरागन बनीं काशवी जैन का तिलक रस्म समारोह मनाया गया। इसके लिए उन्हें दुल्हन की तरह सजाया गया था। उनकी तिलक रस्म बबीता जिंदल और अनीता जैन ने पूरी कराई। साथ ही साध्वी शिवा ने तिलक लगाकर काशवी को आशीर्वाद दिया। अब 2 फरवरी 2025 को दिल्ली में काशवी का दीक्षा समारोह होगा। इसके बाद वह पूरी तरह भौतिक दुनिया से नाता तोड़ अध्यात्म की दुनिया में बढ़ेंगी और प्राणी जगत के कल्याण के काम करेंगी। काशवी बोलीं- बचपन से जैन दीक्षा अंगीकार करने का मन था
काशवी के पिता अमित जैन सरकारी विभाग में कार्यरत हैं। वहीं, उनकी मां सीमा एक गृहिणी हैं। पिता का कहना है उनकी पुत्री काशवी जैन दीक्षा के लिए पिछले 2 साल से वैरागन की तरह रह रही है। अक्सर वह जैन समाज के कार्यक्रम में भाग लेती थी। वहीं से उसके मन में जैन धर्म के प्रति अगाध आस्था होती चली गई। काशवी का एक भाई और एक बहन है। अपनी नई शुरुआत के बारे में काशवी का कहना है कि बचपन से ही उनका जैन दीक्षा अंगीकार करने का मन था। अब उनकी इच्छा पूरी हो रही है। इसके लिए उन्होंने जैन साध्वी शिवा के चरणों में वैरागन का मार्ग अपनाया है। सिरसा में 5 युवतियां ब्रह्मकुमारी बनीं
इधर, सिरसा शहर के हिसार रोड पर स्थित ब्रह्मकुमारीज आनंद सरोवर में अयोजित प्रभु समर्पण समारोह में हरियाणा की 4 और उत्तर प्रदेश की एक युवती ने सांसारिक बंधनों को त्याग कर ब्रह्मकुमारीज का जीवन अपना लिया। रविवार को हुए इस आयोजन में पांचों युवतियों ने शिवलिंग पर वरमाला डालकर अपना जीवन मानव सेवा और प्रभु को समर्पित करने का वचन लिया। साध्वी बनीं हरियाणा के रोहतक जिले की रहने वाली रुहानी BA तक पढ़ी हैं। वहीं, रोहतक की ही सुनीता ने बीकॉम और अंजू ने 12वीं तक पढ़ाई की है। अंजू के पास ITI डिप्लोमा भी है। इसके अलावा सिरसा की रहने वाली धन वर्षा ने एमटेक किया है। वहीं, UP कि जिले हापुड़ में तिलकवा गांव की रहने वाली सिद्धि MA पास हैं। वह पंजाब के मानसा जिला के कस्बे झुनीर में पहले से ही ब्रह्मचारी आश्रम में कार्यरत हैं। रुहानी बोलीं- आश्रम में ध्यान लगाने से लाभ मिला
रुहानी का कहना है कि वह शुरू से अध्यात्म की ओर जाना चाहती थीं। पढ़ाई के साथ-साथ वह आश्रम भी जाया करती थीं। उन्होंने बताया कि उनकी आंखों में थोड़ी समस्या हुई थी। इलाज भी कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने आश्रम में ध्यान लगाया, जिससे उनके जीवन पर गहरा असर हुआ। धीरे-धीरे आंखों की समस्या भी दूर हो गई। 5 साल में पूरी होती है ब्रह्मकुमारी बनने की प्रक्रिया
संस्था की अंतरराष्ट्रीय संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी सुदेश दीदी का कहना है कि ब्रह्मकुमारी बनने के लिए संस्था की एक प्रक्रिया तय है, जो सभी पर लागू होती है। इच्छुक साधक को राजयोग मेडिटेशन कोर्स के लिए 6 माह तक नियमित सत्संग व राजयोग ध्यान के अभ्यास के बाद केंद्र प्रभारी दीदी द्वारा सेवा केंद्र पर रहने की अनुमति दी जाती है। 5 साल तक सेवा केंद्र में रहने के दौरान संस्थान की दिनचर्या और गाइडलाइन का पालन करना होता है। इस दौरान बहनों का आचरण, चाल-चलन, स्वभाव और व्यवहार परखा जाता है। इसके बाद ट्रायल के लिए मुख्यालय शांतिवन के लिए माता-पिता को अनुमति पत्र भेजा जाता है। तपस्या का मार्ग धारण करना साधारण बात नहीं
सुदेश दीदी ने कहा कि आजीवन ब्रह्मचर्य, त्याग और तपस्या के मार्ग को धारण करना साधारण बात नहीं हैं। छोटी उम्र में बड़ा निर्णय कर समाज के लिए उदाहरण बनकर जीवन जीना मानव जीवन की शान है। उन्होंने बहनों को अपना शुभ आशीष देते हुए सदा इस मार्ग पर मजबूती से चलने की प्रेरणा दी।
हरियाणा में 9 साल के 2 बच्चों की मौत:तालाब में नहाते वक्त डूबे; पशुओं को पानी पिलाने लाए ग्रामीणों ने लाशें निकालीं
हरियाणा में 9 साल के 2 बच्चों की मौत:तालाब में नहाते वक्त डूबे; पशुओं को पानी पिलाने लाए ग्रामीणों ने लाशें निकालीं हरियाणा के भिवानी में 2 बच्चों की तालाब में डूबने से मौत हो गई। वे गर्मी से निजात पाने के लिए तालाब में नहाने के लिए गए थे। जब लोगों ने उन्हें तालाब में डूबते देखा तो फौरन बाहर निकाला और हिसार के अस्पताल में लाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। यह घटना भिवानी के बवानी खेड़ा के अंतर्गत गांव रतेरा में घटित हुई है। इसमें एक तीसरी लड़की के भी डूबने की आशंका जताई जा रही है, लेकिन इसकी अब तक पुष्टि नहीं हो पाई है। तालाब में खुदाई का काम चल रहा था
ग्रामीणों के अनुसार, रतेरा गांव के 2 बच्चे विराट और लकी (दोनों की उम्र लगभग 9 साल) मंगलवार को घर से निकले थे। वे दोनों साथ में गांव के ही तालाब में नहाने के लिए चले गए। बताया जाता है गांव के तालाब में खुदाई का काम चल रहा था। इस वजह से तालाब में कहीं ऊंचा तो कहीं गड्ढ़े हो गए हैं। इनमें पानी भरा हुआ था तो अंदाजा लगाना मुश्किल था कि कहां गड्ढा है और कहां समतल। दोनों बच्चे दोपहर लगभग 3 बजे घर से निकले थे। जब काफी देर तक बच्चे घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने उन्हें तलाशना शुरू कर दिया। हालांकि, उनका कहीं अता-पता नहीं चला। पशुपालकों ने निकाले शव
इधर, तालाब पर कुछ पशुपालक अपने पशुओं को पानी पिलाने के लिए पहुंचे। उन्होंने देखा कि पानी में कुछ तैर रहा था। उन्होंने तालाब में घुसकर देखा तो सिर दिखाई दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने बड़ी मशक्कत के बाद दोनों बच्चों को बाहर निकाला और हिसार के निजी अस्पताल ले गए। लोग विराट को हिसार के आधार अस्पताल और लकी को जिंदल हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे। वहां दोनों को मृत घोषित कर दिया गया। वहां से अब बच्चों के शवों को सरकारी अस्पताल ले जाया जाएगा, जहां उनका पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। बताया जाता है कि विराट के पिता का कुछ साल पहले ही देहांत हो चुका है। ये 2 भाई और एक बहन थे, जिनमें विराट की मृत्यु हो गई। वहीं, लकी अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसकी एक एक बहन है। मृतक दोनों बच्चे तीसरी कक्षा में पढ़ते थे।