हिमाचल प्रदेश में ऊंची चोटियों पर गिरे बर्फ के फाहे:मैदानी क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी को तरसे लोग, 3 दिन साफ रहेगा मौसम

हिमाचल प्रदेश में ऊंची चोटियों पर गिरे बर्फ के फाहे:मैदानी क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी को तरसे लोग, 3 दिन साफ रहेगा मौसम

हिमाचल प्रदेश में इस विंटर सीजन में मौसम लोगों को सता रहा है। आधा हिमाचल बारिश की बूंद के लिए तरस गया है। प्रदेश की ऊंची चोटियों पर हल्के हल्के हिमपात का सिलसिला भले ही जारी है, लेकिन प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में बारिश की बूंद तक नही गिरी है। खासकर हिमाचल के मध्य व मैदानी इलाकों में इस विंटर सीजन में बारिश नही हुई है। जिससे प्रदेश में सूखे जैसे हालात बने हुए है। सामान्य से 98 % कम बरसे बादल मौसम विभाग (IMD) की माने तो इस बार पूरे विंटर सीजन नॉर्मल से कम बारिश-बर्फबारी होगी। प्रदेश से मानसून विदा होने के बाद (1 अक्टूबर से 3 दिसंबर) से अभी तक सामान्य से 98 प्रतिशत कम बादल बरसे है। इससे हालात पहले ही सूखे की वजह से खराब हो गए है। अब विंटर सीजन में संकेत अच्छे नहीं मिल रहे है। इस विंटर सीजन में कोल्ड वेव के दिनों में भी 10 से 20 प्रतिशत की कमी आएगी। यानी सर्दियों में कड़ाके की ठंड पड़ने के कम आसार है। कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर और आसपास के कुछ हिस्सों को छोड़कर बाकी हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होगी। 6 जिलों में 64 दिन से पानी की बूंद तक नहीं बरसी हिमाचल में इस बार बारिश नहीं हो रही। प्रदेश के 6 जिले ऐसे हैं, जहां 64 दिन से पानी की एक बूंद तक नहीं गिरी और 6 अन्य जिलों में भी नाममात्र की बूंदाबांदी हुई है। नवंबर महीने में लाहौल स्फीति को छोड़कर अन्य 11 जिलों में एक भी बूंद पानी की नहीं बरसी वेस्टर्न डिस्टरबेंस दोबारा होगा एक्टिव मौसम विज्ञान द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार आज से अगले तीन दिन तक मौसम साफ हो रहेगा। मगर 8 दिसंबर को वेस्टर्न डिस्टरबेंस दोबारा एक्टिव होगा। ऊंचे पहाड़ों पर इस दौरान पूरे प्रदेश में बर्फबारी हो सकती है। हिमाचल प्रदेश की ऊंची चोटियों पर हल्का हिमपात हो चुका है। रोहतांग दर्रा, बारालाचा, कुंजम और शिंकुला दरें में दो इंच तक ताजा हिमपात हुआ। इससे लाहौल स्फीति के ऊंचे क्षेत्रों की सड़कें खतरनाक हो गई है। हिमाचल प्रदेश में इस विंटर सीजन में मौसम लोगों को सता रहा है। आधा हिमाचल बारिश की बूंद के लिए तरस गया है। प्रदेश की ऊंची चोटियों पर हल्के हल्के हिमपात का सिलसिला भले ही जारी है, लेकिन प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में बारिश की बूंद तक नही गिरी है। खासकर हिमाचल के मध्य व मैदानी इलाकों में इस विंटर सीजन में बारिश नही हुई है। जिससे प्रदेश में सूखे जैसे हालात बने हुए है। सामान्य से 98 % कम बरसे बादल मौसम विभाग (IMD) की माने तो इस बार पूरे विंटर सीजन नॉर्मल से कम बारिश-बर्फबारी होगी। प्रदेश से मानसून विदा होने के बाद (1 अक्टूबर से 3 दिसंबर) से अभी तक सामान्य से 98 प्रतिशत कम बादल बरसे है। इससे हालात पहले ही सूखे की वजह से खराब हो गए है। अब विंटर सीजन में संकेत अच्छे नहीं मिल रहे है। इस विंटर सीजन में कोल्ड वेव के दिनों में भी 10 से 20 प्रतिशत की कमी आएगी। यानी सर्दियों में कड़ाके की ठंड पड़ने के कम आसार है। कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर और आसपास के कुछ हिस्सों को छोड़कर बाकी हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होगी। 6 जिलों में 64 दिन से पानी की बूंद तक नहीं बरसी हिमाचल में इस बार बारिश नहीं हो रही। प्रदेश के 6 जिले ऐसे हैं, जहां 64 दिन से पानी की एक बूंद तक नहीं गिरी और 6 अन्य जिलों में भी नाममात्र की बूंदाबांदी हुई है। नवंबर महीने में लाहौल स्फीति को छोड़कर अन्य 11 जिलों में एक भी बूंद पानी की नहीं बरसी वेस्टर्न डिस्टरबेंस दोबारा होगा एक्टिव मौसम विज्ञान द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार आज से अगले तीन दिन तक मौसम साफ हो रहेगा। मगर 8 दिसंबर को वेस्टर्न डिस्टरबेंस दोबारा एक्टिव होगा। ऊंचे पहाड़ों पर इस दौरान पूरे प्रदेश में बर्फबारी हो सकती है। हिमाचल प्रदेश की ऊंची चोटियों पर हल्का हिमपात हो चुका है। रोहतांग दर्रा, बारालाचा, कुंजम और शिंकुला दरें में दो इंच तक ताजा हिमपात हुआ। इससे लाहौल स्फीति के ऊंचे क्षेत्रों की सड़कें खतरनाक हो गई है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर