रोहतक पहुंचे पूर्व कृषि मंत्री ओपी धनखड़ ने किसानों के दिल्ली कूच को लेकर बयान दिया है। धनखड़ ने कहा कि शांति पूर्वक अपनी बात रखने का सबको अधिकार है। यह अधिकार हमारे संविधान ने दिया हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछली बार किसानों ने जो दिल्ली बॉर्डर पर जमावड़ा किया, उससे सोनीपत और बहादुरगढ़ के लोग परेशान रहे। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के किसानों के आंदोलन को जायज़ बताने पर धनखड़ ने कहा कि आंदोलन जब होता है कोई अपेक्षा होती है। सरकार सब की मां बाप होती है- धनखड़ उन्होंने कि कर्मचारी अपने वेतन और मजदूर अपनी मजदूरी बढ़ाने के लिए आंदोलन करते है। किसान अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए आंदोलन करते है। सरकार सब की मां बाप होती है, सरकार से अपनी बात मंगवाना होता है। धनखड़ ने कह कि हुड्डा साहेब को अपने नजरिए से बाहर आना चाहिए। हरियाणा में जो भी फसल है। सरकार उसे MSP पर खरीदने का काम करती है। उन्होंने कहा कि गेहूं धान,बाजार,सरसों, सूरजमुखी,तिलहन खरीदने का इंतजाम सरकार ने किया है। यहां तक सब्जियों पर भी भावांतर योजना से लाभ दिया जाता है रोहतक पहुंचे पूर्व कृषि मंत्री ओपी धनखड़ ने किसानों के दिल्ली कूच को लेकर बयान दिया है। धनखड़ ने कहा कि शांति पूर्वक अपनी बात रखने का सबको अधिकार है। यह अधिकार हमारे संविधान ने दिया हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछली बार किसानों ने जो दिल्ली बॉर्डर पर जमावड़ा किया, उससे सोनीपत और बहादुरगढ़ के लोग परेशान रहे। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के किसानों के आंदोलन को जायज़ बताने पर धनखड़ ने कहा कि आंदोलन जब होता है कोई अपेक्षा होती है। सरकार सब की मां बाप होती है- धनखड़ उन्होंने कि कर्मचारी अपने वेतन और मजदूर अपनी मजदूरी बढ़ाने के लिए आंदोलन करते है। किसान अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए आंदोलन करते है। सरकार सब की मां बाप होती है, सरकार से अपनी बात मंगवाना होता है। धनखड़ ने कह कि हुड्डा साहेब को अपने नजरिए से बाहर आना चाहिए। हरियाणा में जो भी फसल है। सरकार उसे MSP पर खरीदने का काम करती है। उन्होंने कहा कि गेहूं धान,बाजार,सरसों, सूरजमुखी,तिलहन खरीदने का इंतजाम सरकार ने किया है। यहां तक सब्जियों पर भी भावांतर योजना से लाभ दिया जाता है हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में 3 हार के कांग्रेस के 3 बहाने:किसी नेता ने जिम्मेदारी नहीं ली; BJP की जीत के कारण गिनाए, इस बार EVM जिम्मेदार
हरियाणा में 3 हार के कांग्रेस के 3 बहाने:किसी नेता ने जिम्मेदारी नहीं ली; BJP की जीत के कारण गिनाए, इस बार EVM जिम्मेदार हरियाणा में कांग्रेस लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव हार गई है। इस बार पार्टी को 37 सीटें मिलीं, जबकि भाजपा ने 48 सीटें जीतकर प्रदेश में बहुमत हासिल किया है। इस हार के बाद कांग्रेस ने EVM को भाजपा की जीत का जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, अपनी हार की समीक्षा ही नहीं की। यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने प्रदेश में भाजपा की जीत में खामियां बताकर अपने खराब प्रदर्शन को ढंकने की कोशिश की है। इससे पहले साल 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने भाजपा की जीत के ही कारण गिनाए। पार्टी ने खुद की कमियां नहीं बताईं और न ही किसी नेता ने हार की जिम्मेदारी ली। राजनीति के जानकार मानते हैं कि प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के लगातार सत्ता से बाहर रहने का कारण भी यही है। वह हार के कारणों को जानकर उन पर काम करने के बजाय भाजपा की जीत के कारण गिनाने लगते हैं। इससे पार्टी नेताओं की अपनी खामियां छिप जाती हैं, और अगले चुनाव के लिए पार्टी कोई बेहतर प्लेटफॉर्म नहीं बना पाती। टर्म बाई टर्म जानिए, कांग्रेस ने हार के क्या कारण बताए… 2014 : मोदी लहर में जीती भाजपा
हरियाणा में साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी सरकार गंवाई। उसी साल देश में लोकसभा चुनाव भी हुए थे, जिनमें मोदी लहर के दम पर भाजपा ने केंद्र में अपनी सरकार बनाई। इसी के कुछ समय बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव भी हुए, जिनमें भाजपा ने मोदी के नेतृत्व में ही वोट मांगे। इस चुनाव में भाजपा ने हरियाणा में 47 सीटें जीतीं और पहली बार बहुमत की सरकार बनाई। जबकि, कांग्रेस को साल 2014 में 14 सीटों पर जीत मिली। जब इस हार की समीक्षा की गई तो पार्टी नेताओं ने देश में प्रधानमंत्री मोदी की लहर को भाजपा की जीत का कारण बताया। जबकि, किसी भी नेता ने अपनी हार की जिम्मेदारी नहीं ली। 2019 : भाजपा को पुलवामा अटैक का फायदा मिला
कांग्रेस ने 2014 की अंदरुनी गलतियों को भुलाकर 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ा। इस बार पार्टी के अंदर गुटबाजी हुई। पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा का एक गुट बन गया और कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला व किरण चौधरी का एक गुट बन गया। इनके समर्थक अप्रत्यक्ष रूप से एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे, और इसका लाभ भाजपा उठा ले गई। इस चुनाव में भी भाजपा के खिलाफ हवा थी, फिर भी भाजपा 41 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी और जन नायक जनता पार्टी (JJP) से गठबंधन कर दूसरी बार सरकार बना ली। वहीं, कांग्रेस को 31 सीटें मिलीं। इस हार का समीक्षा में कांग्रेस ने नया बहाना लगाया। पार्टी नेताओं ने कहा कि 2019 की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले का भाजपा ने फायदा उठाया है। शहीदों के नाम पर भाजपा ने वोट मांगे, जिससे उन्हें सहानुभूति वोट मिला है। कांग्रेस ने इस हार की जिम्मेदारी लिए बगैर इसे ऐसे ही छोड़ दिया। 2024 : EVM में गड़बड़ी कर भाजपा जीती
10 साल की एंटीइनकंबेंसी के बावजूद भाजपा ने 2024 का चुनाव भी अकेले लड़ा। इस चुनाव में कांग्रेस भी अकेले चुनावी मैदान में उतरी। शुरुआत से ही प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में माहौल रहा। हर तरफ लोग कांग्रेस को ही वोट देने और सरकार बदलने की बात करते नजर आए। भाजपा इस चुनाव में हर पॉइंट पर बैकफुट पर थी, लेकिन भाजपा ने इस बार भी कांग्रेस की अंदरुनी कलह का फायदा उठाया। इस बार भी कांग्रेस के अंदर गुट बने रहे। हुड्डा गुट ने अधिपत्य दिखाते हुए हरियाणा की ज्यादातर सीटों पर टिकट अपने चहेतों को दिलवाए। वहीं, दूसरी तरफ कुमारी सैलजा अपने समर्थकों को टिकट दिलाने की जुगत में लगी रहीं। इसी बीच चुनाव प्रचार में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर कुछ बयानबाजी भी की जिससे दोनों के समर्थक नाराज हुए। इस कलह ने आम वोटर पर भी असर डाला और भाजपा ने इसका फायदा उठाते हुए कांग्रेस की हवा को अपने पाले में कर लिया। जब नतीजा आया तो कांग्रेस पूरी हवा होने के बावजूद 37 सीटों पर सिमट गई, जबकि भाजपा 48 सीटें जीतकर तीसरी बार बहुमत की सरकार बनाने में कामयाब रही। जब इस हार की समीक्षा की बात उठी तो पूर्व CM हुड्डा समेत कई नेताओं ने EVM में गड़बड़ी को जिम्मेदार बताया। कहा कि चुनाव के दौरान EVM में गड़बड़ी कर भाजपा जीती है। 10 साल, 3 प्रदेशाध्यक्ष… पर संगठन तक नहीं बना पाए
हरियाणा में कांग्रेस का 10 साल से संगठन नहीं बना है। हालांकि, प्रदेशाध्यक्ष के तौर पर 3 अध्यक्ष आ चुके हैं। इनमें अशोक तंवर, कुमारी सैलजा से लेकर उदयभान तक शामिल हैं। गुटबाजी के चलते आज तक कांग्रेस अपने जिलाध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष भी तय नहीं कर पाई है। लोकसभा चुनाव से पहले हाईकमान को सूची भेजी गई थी, लेकिन आज तक हाईकमान इसे जारी करने की हिम्मत नहीं दिखा पाया है। संगठन न होने के चलते कांग्रेस के बस्ते पकड़ने वालों तक की कमी रही। हरियाणा में हार पर क्या-क्या बोले कांग्रेस नेता… 1. प्रदेश अध्यक्ष बोले- खास EVM , जिनकी बैटरी 99% चार्ज थी
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने हार के बाद कहा कि हमारे पास 20 शिकायतें आईं, जिनमें 7 लिखित हैं। उन्होंने कहा कि मतगणना के दिन कुछ खास EVM थीं, जिनकी बैटरी 99% चार्ज दिखा रही थी। इनसे BJP को ज्यादा वोट मिले। मतगणना के बाद बैटरी इतनी चार्ज नहीं रह सकती। हमारे संदेह का यह सबसे बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि बाकी जो सामान्य EVM थी, उनकी बैटरी 60 से 70% थी। उसमें BJP नहीं जीत रही थी। इस बारे में हमने आयोग को बता दिया है। हमने कहा है कि जिन मशीनों की शिकायत की गई है, उन्हें जांच पूरी होने तक सील किया जाए। आयोग ने हमें जांच का भरोसा दिया है। 2. गोगी बोले- हरियाणा में हुड्डा कांग्रेस की हार हुई
करनाल की असंध सीट से 2306 वोटों से हारे शमशेर गोगी ने कहा कि एक बिरादरी की सरकार नहीं बनती। सबको साथ लेकर चलना पड़ता है। अब हरियाणा कांग्रेस में बदलाव की जरूरत है। अगर शीर्ष नेतृत्व ने हार के कारणों की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई तो वह सारी बातें रखेंगे। शमशेर गोगी ने कहा कि हरियाणा में हुड्डा कांग्रेस की हार हुई है, कांग्रेस की नहीं। 3. परविंदर परी बोले- कांग्रेस कैंडिडेट को हराने का काम किया
अंबाला कैंट से हारे परविंदर परी ने कहा कि एक ही छत के नीचे रहने वाले नेता, जो 6 बार चुनाव हारते हैं, उसके बाद कांग्रेस पार्टी उन्हें टिकट देती है। बीडी गैंग यानी भूपेंद्र-दीपेंद्र हुड्डा गैंग ने कई सीटों पर बागी प्रत्याशियों को उतार कांग्रेस कैंडिडेट को हराने का काम किया। चुनाव हारना और चुनाव हराना दोनों में फर्क होता है। पार्टी ने ही बागी उम्मीदवार को कैंडिडेट उतार कर हमें अपनी पूरी मंशा के तहत हराया है। हमें लगता है कि सैलजा सही टाइम पर आतीं तो आज चुनाव के नतीजे कुछ और होते। 4. सैलजा बोलीं- तालमेल नहीं रखा गया
कुमारी सैलजा ने कहा कि पार्टी को राज्य में सींचा नहीं गया, तालमेल नहीं रखा गया, कौन से लोग थे जो सबको साथ लेकर चलने के जिम्मेदार थे? ये भी बातें हैं। राज्य में क्या संदेश गया है। किस लिए लोग कांग्रेस की सरकार बनाते हुए पीछे हट गए? ये सब बातें देखनी पड़ेंगी।
राज्यसभा चुनाव से पहले खट्टर से मिले कुलदीप बिश्नोई:7 महीने बाद साथ दिखे; पूर्व CM भजनलाल पर बयान से थी नाराजगी
राज्यसभा चुनाव से पहले खट्टर से मिले कुलदीप बिश्नोई:7 महीने बाद साथ दिखे; पूर्व CM भजनलाल पर बयान से थी नाराजगी हरियाणा के पूर्व CM भजनलाल पर बयान से पैदा हुए मनमुटाव के 7 महीने बाद कुलदीप बिश्नोई और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर एक साथ दिखाई दिए हैं। पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई ने दिल्ली में खट्टर से मुलाकात की। इस मुलाकात को राज्यसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। इससे एक दिन पहले कुलदीप दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से भी मिले थे। दरअसल, खट्टर की सिफारिश पर भाजपा पहले पूर्व विधायक किरण चौधरी को राज्यसभा भेज चुकी है। यही वजह है कि कुलदीप ने केंद्रीय गृहमंत्री के बाद अब खट्टर से भी मुलाकात की है। प्रदेश में BJP के विधायक ज्यादा होने की वजह से यह सीट भाजपा के खाते में जानी तय है। बता दें कि अंतिम बार खट्टर और कुलदीप एक साथ लोकसभा चुनाव में आदमपुर की रैली के दौरान मंच पर दिखाई दिए थे। इसके बाद बिश्नोई परिवार का कोई सदस्य मनोहर लाल खट्टर के साथ नजर नहीं आया। खट्टर ने पूर्व CM भजनलाल का नाम लिए बिना 100 रुपए रिश्वत वाला किस्सा सुनाया था। हालांकि, बाद में बिश्नोई समाज की नाराजगी देख मनोहर लाल ने अपने बयान पर खेद प्रकट किया था और कहा था इसे किसी व्यक्ति से न जोड़ा जाए। यह बात सिर्फ भ्रष्टाचार को लेकर कही गई थी। फिर कुलदीप बिश्नोई ने भी एक इंटरव्यू में कहा कि खट्टर के बयान की वजह से लोकसभा चुनाव में BJP का नुकसान हुआ। कुलदीप ने यह भी कहा था कि उन्होंने पूरा किस्सा नहीं सुनाया। खट्टर और कुलदीप के वह बयान, जिनसे रिश्तों में खटास आई… खट्टर ने कहा था- नेता ने कहा, 100 रुपए देकर काम करा लेता, 200 क्यों बर्बाद किए
केंद्रीय मंत्री खट्टर 10 अप्रैल 2024 को भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार रणजीत चौटाला के लिए प्रचार करने हिसार आए थे। कैमरी गांव में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए खट्टर ने मंच से कुछ किस्से सुनाए जो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्रियों से जुड़े थे। खट्टर ने कहा- मैं आपको एक पुराना किस्सा बता रहा हूं। हालांकि, मैं इसमें शामिल नेता का नाम नहीं बताऊंगा। उसी इलाके (हिसार जिले) का एक व्यक्ति चंडीगढ़ में उनके नेता के पास गया और शिकायत की कि गांव के पटवारी ने फर्द (भूमि रिकॉर्ड की नकल) जारी करने के लिए उससे 100 रुपए की रिश्वत ली है। खट्टर के मुताबिक, इस पर नेता ने उस व्यक्ति से पूछा कि चंडीगढ़ आने में आपका कितना खर्च हुआ? तो व्यक्ति ने कहा कि चंडीगढ़ आने में उसे 200 रुपए खर्च हुए और 2 दिन भी बर्बाद हुए। यह सुनने के बाद नेता ने उस व्यक्ति को डांटते हुए कहा कि जब कम पैसे देकर अपना काम करवा लिया तो चंडीगढ़ आने के लिए 200 रुपए क्यों बर्बाद किए? इस कहानी को पूरा करते हुए खट्टर ने आगे कहा कि पहले हरियाणा के नेताओं की मानसिकता ऐसी ही थी। बिश्नोई परिवार का मानना है कि जिस नेता की कहानी खट्टर ने सुनाई, वह पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल थे। इसी बात को लेकर बिश्नोई परिवार नाराज है। कुलदीप बिश्नोई ने कहा था- चौधरी साहब ने जेब से 400 रुपए दिए थे
इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि खट्टर के बयान का काफी असर हुआ। जबरदस्त नुकसान हुआ। हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में सबसे ज्यादा और पूरे हरियाणा में इसका असर देखने को मिला। भजनलाल के समर्थकों में गुस्सा था। मैंने बार-बार सोशल मीडिया के माध्यम से समझाने का प्रयास भी किया। मैंने माफ कर दिया कि इसे गलत मत समझो। मगर लोगों में जबरदस्त गुस्सा था और आज भी है। कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि खट्टर साहब ने पूरा किस्सा नहीं सुनाया। किस्से का अंत सुनाना चाहिए था। कुलदीप बिश्नोई ने पूरे किस्सा सुनाते हुए कहा कि चौधरी भजनलाल की मजाक करने की आदत थी। जो लोग गए थे उन्हें मजाक में कहा था। मगर सच्चाई अलग है और वह रिकॉर्ड में भी है कि रावत खेड़ा के बिश्नोई थे। चौधरी साहब ने उन्हें 200 के बजाय 400 रुपए जेब से निकाल के दिए और उस पटवारी को भी सस्पेंड किया, जिसने रुपए मांगे। चौधरी भजनलाल जननेता और जनप्रिय नेता थे और जनमुख्यमंत्री थे। वह गलत काम नहीं कर सकते थे। आदमपुर सीट: लोकसभा में पिछड़ी भाजपा, विधानसभा में भी हार
57 साल से भजनलाल परिवार का अभेद किला कहे जाने वाले आदमपुर में पहले लोकसभा चुनाव और बाद में विधानसभा में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। भजनलाल 1968 में पहली बार इस सीट से विधायक बने थे। तब से लेकर अब तक हुए सभी चुनावों में भजनलाल परिवार आदमपुर से जीतता आया था। मगर इस बार विधानसभा चुनाव में उनका 57 साल पुराना किला ढह गया। दिवंगत भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई भाजपा में हैं और उनके बेटे भव्य बिश्नोई 2022 के उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर यहां से विधायक चुने गए थे। इसके बाद हिसार से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार रणजीत चौटाला को आदमपुर में सिर्फ 53156 वोट मिले। जबकि, कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी 59544 वोट पाने में कामयाब रहे। जयप्रकाश जेपी ने आदमपुर में 6384 वोटों से बढ़त हासिल की थी। वहीं. 2024 के विधानसभा चुनाव में भव्य बिश्नोई कांग्रेस के चंद्रप्रकाश से 1260 वोटों से हार गए थे। अब मनोहर लाल से मुलाकात के मायने
1. राज्यसभा चुनाव : हरियाणा में राज्यसभा की एक खाली सीट है। इसे भरने के लिए 10 दिसंबर तक नामांकन प्रक्रिया चलेगी। 20 दिसंबर को वोटिंग होगी। ऐसे में 12 दिन पहले केंद्रीय नेताओं से मुलाकात के दौर को राज्यसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, आदमपुर में चुनाव हारने के बाद से ही कुलदीप बिश्नोई पूरी तरह से बैकफुट पर हैं। 2. बिश्नोई समाज में दोबारा पैठ बनाना : राज्यसभा में जाकर वह अपने समाज में दोबारा पैठ बनाना चाह रहे हैं। आदमपुर में मिली हार के बाद अब उन्हें अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक पद से हटा दिया गया है। वहीं, बिश्नोई रत्न भी वापस ले लिया है। इस वक्त महासभा में विवाद चल रहा है। ऐसे में कुलदीप राजनीतिक ताकत हासिल कर समाज में दोबारा पैठ बनाना चाहते हैं। भव्य के चुनाव के दौरान बनवाए पोस्टर से खट्टर के फोटो गायब थे… मनोहर लाल से दूरी का कुलदीप को नुकसान
1. आदमपुर में हार : पूर्व सीएम मनोहर लाल ही बिश्नोई परिवार को भाजपा में लेकर आए थे। इसके बाद उपचुनाव में भव्य को जितवाने के लिए पूरी ताकत झोंकी और आदमपुर से जीत दिलवाई। मगर, हिसार से लोकसभा का टिकट न मिलने पर कुलदीप नाराज हो गए। कुलदीप ने पोस्टरों व बैनरों से खट्टर के फोटो छपवाने बंद कर दिए। इसका नुकसान यह हुआ कि आदमपुर में बिश्नोई परिवार को हार का सामना करना पड़ा। 2. राज्यसभा की दौड़ से बाहर : मनोहर लाल से दूरी के बाद किरण चौधरी की भाजपा में एंट्री हुई। खट्टर ही किरण चौधरी को पार्टी में लेकर आए। इसी दौरान कुलदीप खट्टर से दूरी बनाए रहे और किरण को राज्यसभा का टिकट मिल गया। इतना ही नहीं बेटी श्रुति चौधरी विधानसभा जीत गईं और मंत्रिपद भी मिल गया।
सोनीपत में ससुर-दामाद की हादसे में मौत, साली घायल:तीनों बाइक पर रोहतक जा रहे थे; रॉन्ग साइड केंटर ने मारी टक्कर
सोनीपत में ससुर-दामाद की हादसे में मौत, साली घायल:तीनों बाइक पर रोहतक जा रहे थे; रॉन्ग साइड केंटर ने मारी टक्कर हरियाणा के सोनीपत में रोड हादसे में एक व्यक्ति और उसके दामाद की दर्दनाक मौत हो गई। एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। तीनों गोहाना से बाइक पर रोहतक जा रहे थे। रास्ते में एक रॉन्ग साइड केंटर ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। पुलिस ने घायल महिला के बयान पर केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। ‘शिव कॉलोनी, रोहतक की रहने वाल गीता ने पुलिस को बताया कि उसका जीजा संदीप (सोनू) निवासी बलराज नगर गोहाना और मेरे पिता जयभगवान निवासी मोई हुड्डा हाल सूर्या कालोनी गली नंबर- 4 रोहतक मोटरसाइकिल पर सवार होकर गोहाना से रोहतक जा रहे थे। बाइक को उसका जीजा संदीप चला रहा था। वह भी बाइक पर थी। रात को 8:30 बजे के करीब वे गांव भैंसवान से रूखी के बीच बल्हारा होटल के सामने पहुंचे तो रॉन्ग साइड आए एक केंटर ने बाइक को टक्कर मार दी। उसने बताया कि केंटर की सीधी टक्कर लगने से उसके जीजा संदीप व उसके पिता जयभगवान नीचे रोड पर गिर गए। दोनों को हादसे में गंभीर चोट लगी। राहगीरों ने दोनों को इलाज के लिए गोहाना के नागरिक अस्पताल में भेजा। डॉक्टर ने जांच के बाद संदीप को मृत घोषित कर दिया। उसके पिता व उसको (गीता) गंभीर हालत में रोहतक PGIMS रेफर कर दिया। वे जयभगवान को लेकर रोहतक पीजीआई पहुंचे, लेकिन वहां पहुंचने तक उसके पिता की भी मौत हो चुकी थी। गीता ने पुलिस को बताया कि ये हादसा कैंटर ड्राइवर की लापरवाही से हुआ है। वह केंटर को रोहतक की तरफ से रॉन्ग साइड में बड़ी ही तेज गति से चला रहा था। उसको भी हादसे में चोटें आई हैं। उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। भैंसवान पुलिस चौकी के ASI दिनेश के अनुसार रात को गोहाना के अस्पताल से सूचना मिली थी कि गीता व उसके पिता जयभगवान निवासी मोई RSA में घायल होकर आए हैं। इनके साथ संदीप नाम का व्यक्ति मृत हालत में है। गीता व जयभगवान को रेफर किया गया है। वह PGI रोहतक पहुंचा, जहां ट्रामा सेंटर में दाखिल गीता ने हादसे को लेकर जानकारी दी। पुलिस ने केंटर चालक के खिलाफ धारा 281,125A,106 BNS में केस दर्ज कर लिया है।