गैंगस्टर लॉरेंस के पंजाब पुलिस की कस्टडी में हुए टीवी इंटरव्यू मामले की (10 दिसंबर) को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने अपनी सील बंद रिपोर्ट अदालत को सौंपी। वहीं, इस दौरान अदालत ने पूछा कि, क्या इस मामले में DSP तक के अधिकारियों की भूमिका सामने आई है? हाईकोर्ट ने सवाल किया कि, क्या एसएसपी या किसी अन्य अधिकारी की भूमिका पता नहीं था? इस पर स्पेशल डीजीपी प्रबोध कुमार ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। वहीं, हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले के वित्तीय पहलुओं की जांच जरूरत पड़ने पर ईडी द्वारा करवाई जा सकती है। जांच में सहयेाग कर सकती है ईडी इस पर केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि इस मामले में एक नई एफआईआर दर्ज होने के बाद ईडी जांच कर सकती है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि अगर एफआईआर पहले ही दर्ज है, तो ईडी जांच में सहयोग कर सकती है। इस पर डीजीपी प्रबोध कुमार ने कहा कि पहले से दर्ज एफआईआर में इस संबंधी धाराएं जोड़ी जा सकती हैं। जिस पर केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि जरूरत पड़ी तो सहयोग देंगे। गृह विभाग का हलफनामा किया रद्द सुनवाई के दौरान गृह विभाग के अंडर सेक्रेटरी ने हलफनामा दायर करके कहा कि कहा इस इंटरव्यू के जिम्मेदार अफसरों पर पंजाब सरकार के खिलाफ ने कार्रवाई की है। जिसे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया। साथ ही कहा कि हमें गृह विभाग के सचिव या मुख्य सचिव का हलफनामा चाहिए। किसी और अधिकारी का हलफनामा नहीं चाहिए। हाईकोर्ट ने अब गृह विभाग के सचिव या मुख्य सचिव को हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए है। अब इस मामले की सुनवाई सोमवार को होगी। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च 2023 को ब्रॉडकास्ट हुआ था। इसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रैंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था, इसलिए उसे मरवाया। SIT रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने CIA की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर लेता है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। इन अधिकारियों पर पुलिस ने कार्रवाई की पंजाब पुलिस की तरफ से पहले इंटरव्यू के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं। इसमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं। जबकि दूसरे इंटरव्यू की जांच राजस्थान पुलिस कर रही हैं। गैंगस्टर के 2 इंटरव्यू वायरल हुए थे। SIT की रिपोर्ट के मुताबिक पहला इंटरव्यू 3 और 4 सितंबर 2023 को हुआ है। लॉरेंस उस समय पंजाब में CIA खरड़ में रखा गया था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जयपुर स्थित सेंट्रल जेल में हुआ है। पंजाब के DGP ने खारिज किया था दावा गैंगस्टर लॉरेंस के इंटरव्यू जारी होने के बाद पंजाब पुलिस पर सवाल उठे थे। इसके बाद पंजाब के DGP गौरव यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि इंटरव्यू बठिंडा या पंजाब की किसी भी जेल से नहीं हुआ है। DGP ने लॉरेंस की 2 तस्वीरें दिखाते हुए कहा था- जब लॉरेंस को बठिंडा जेल लाया गया तो उसके बाल कटे थे और दाढ़ी-मूछ नहीं थी। गैंगस्टर लॉरेंस के पंजाब पुलिस की कस्टडी में हुए टीवी इंटरव्यू मामले की (10 दिसंबर) को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने अपनी सील बंद रिपोर्ट अदालत को सौंपी। वहीं, इस दौरान अदालत ने पूछा कि, क्या इस मामले में DSP तक के अधिकारियों की भूमिका सामने आई है? हाईकोर्ट ने सवाल किया कि, क्या एसएसपी या किसी अन्य अधिकारी की भूमिका पता नहीं था? इस पर स्पेशल डीजीपी प्रबोध कुमार ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। वहीं, हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले के वित्तीय पहलुओं की जांच जरूरत पड़ने पर ईडी द्वारा करवाई जा सकती है। जांच में सहयेाग कर सकती है ईडी इस पर केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि इस मामले में एक नई एफआईआर दर्ज होने के बाद ईडी जांच कर सकती है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि अगर एफआईआर पहले ही दर्ज है, तो ईडी जांच में सहयोग कर सकती है। इस पर डीजीपी प्रबोध कुमार ने कहा कि पहले से दर्ज एफआईआर में इस संबंधी धाराएं जोड़ी जा सकती हैं। जिस पर केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि जरूरत पड़ी तो सहयोग देंगे। गृह विभाग का हलफनामा किया रद्द सुनवाई के दौरान गृह विभाग के अंडर सेक्रेटरी ने हलफनामा दायर करके कहा कि कहा इस इंटरव्यू के जिम्मेदार अफसरों पर पंजाब सरकार के खिलाफ ने कार्रवाई की है। जिसे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया। साथ ही कहा कि हमें गृह विभाग के सचिव या मुख्य सचिव का हलफनामा चाहिए। किसी और अधिकारी का हलफनामा नहीं चाहिए। हाईकोर्ट ने अब गृह विभाग के सचिव या मुख्य सचिव को हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए है। अब इस मामले की सुनवाई सोमवार को होगी। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च 2023 को ब्रॉडकास्ट हुआ था। इसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रैंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था, इसलिए उसे मरवाया। SIT रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने CIA की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर लेता है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। इन अधिकारियों पर पुलिस ने कार्रवाई की पंजाब पुलिस की तरफ से पहले इंटरव्यू के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं। इसमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं। जबकि दूसरे इंटरव्यू की जांच राजस्थान पुलिस कर रही हैं। गैंगस्टर के 2 इंटरव्यू वायरल हुए थे। SIT की रिपोर्ट के मुताबिक पहला इंटरव्यू 3 और 4 सितंबर 2023 को हुआ है। लॉरेंस उस समय पंजाब में CIA खरड़ में रखा गया था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जयपुर स्थित सेंट्रल जेल में हुआ है। पंजाब के DGP ने खारिज किया था दावा गैंगस्टर लॉरेंस के इंटरव्यू जारी होने के बाद पंजाब पुलिस पर सवाल उठे थे। इसके बाद पंजाब के DGP गौरव यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि इंटरव्यू बठिंडा या पंजाब की किसी भी जेल से नहीं हुआ है। DGP ने लॉरेंस की 2 तस्वीरें दिखाते हुए कहा था- जब लॉरेंस को बठिंडा जेल लाया गया तो उसके बाल कटे थे और दाढ़ी-मूछ नहीं थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में सांसद का कोई स्थायी पता नहीं:कार्यालय का उद्घाटन होने में लगेगा समय, समस्याओं के समाधान के लिए करना होगा इंतजार
लुधियाना में सांसद का कोई स्थायी पता नहीं:कार्यालय का उद्घाटन होने में लगेगा समय, समस्याओं के समाधान के लिए करना होगा इंतजार पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और लुधियाना के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग अभी तक अपने कार्यालय का उद्घाटन नहीं कर पाए हैं। न ही वड़िंग ने लोगों के साथ कोई सार्वजनिक नंबर साझा किया है, जिस पर लोगों की समस्याओं का समाधान हो सके या फिर वे सीधे सांसद से बात कर सकें। 25 दिन पहले वड़िंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि वे जुलाई के पहले सप्ताह में अपना कार्यालय लोगों के लिए खोल देंगे, लेकिन अभी तक वड़िंग के कार्यालय का आधिकारिक उद्घाटन नहीं हुआ है। कार्यालय बनकर तैयार है, लेकिन लोकसभा चुनाव जीतने के 44 दिन बाद भी वड़िंग कार्यालय में बैठ नहीं पा रहे हैं। शहर के लोगों को अगर अपनी समस्याएं अपने सांसद को बतानी हैं या उनसे मिलना है तो लोगों को और इंतजार करना पड़ सकता है, क्योंकि पंजाब के प्रधान होने के नाते वड़िंग अब विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों में जुट जाएंगे। 4 सीटों पर होने हैं उपचुनाव कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते वडिंग पहले जालंधर उपचुनाव में व्यस्त थे। उपचुनाव हारने के बाद वडिंग अब गिद्दड़बाहा, बरनाला, होशियारपुर और गुरदासपुर विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में व्यस्त हैं। लुधियाना में नहीं गिद्दड़बाहा में वडिंग की दिलचस्पी अभी दो दिन पहले ही वडिंग ने गिद्दड़बाहा में लोगों से मुलाकात की थी और मुलाकात की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए थे। अब लुधियाना में चर्चा है कि वडिंग लुधियाना से चुनाव जीत गए हैं, लेकिन उनका मन अभी भी गिद्दड़बाहा में ही है। लुधियाना के आम लोग अगर अपने सांसद से मिलना चाहते हैं तो उन्हें न तो उनके दफ्तर का पता पता है और न ही उनके घर का। लोगों को अब समझ में नहीं आ रहा है कि वे अपना काम करवाने के लिए कहां जाएं। कार्यालय प्रभारी को भी नहीं पता उद्घाटन कब होगा दैनिक भास्कर ने राजा वडिंग के कार्यालय का दौरा किया तो वहां जगसीर नामक युवक मिला। उसने बताया कि वह कार्यालय का प्रभारी है। जब उससे पूछा गया कि सांसद का कार्यालय कब शुरू होगा तो उसने कहा कि वह आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कह सकता। लेकिन जल्द ही जब सांसद शहर आएंगे तो वह बता पाएंगे कि कार्यालय का उद्घाटन कब होगा। चुनाव के दौरान फोन उठाने और काम करने का किया था वादा बता दें कि वड़िंग ने लोकसभा चुनाव में शहर के लोगों से वादा किया था कि जीतने के बाद वह लोगों के फोन उठाएंगे और उनके काम भी करेंगे। इस संबंध में उन्होंने शहर में विज्ञापन बोर्ड भी लगाए थे। इसका कारण यह था कि विरोधी तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी रवनीत सिंह बिट्टू पर तंज कस रहे थे कि 10 साल तक सांसद रहने के बावजूद बिट्टू ने किसी कार्यकर्ता या आम आदमी का फोन नहीं उठाया। वडिंग के चुनाव जीतने के बाद एक बार फिर शहर के लोगों की स्थिति वही हो गई है कि लोग अपने सांसद को देखने के लिए तरस रहे हैं। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बिट्टू कई बार वडिंग को बाहरी प्रत्याशी बताकर उन पर तंज कस चुके हैं। पढ़ें कौन हैं अमरिंदर सिंह राजा वडिंग वडिंग गिद्दड़बाहा से विधायक रह चुके हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में वडिंग ने शिअद उम्मीदवार हरदीप सिंह डिंपी को 1349 वोटों से हराया था। लुधियाना में उनका मुकाबला कांग्रेस के मौजूदा सांसद रवनीत बिट्टू से था। लोकसभा चुनाव में वडिंग को 3,22,224 वोट मिले थे, उनकी जीत का अंतर 20,942 वोट रहा था। सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि वडिंग अपनी पत्नी अमृता को गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतार सकते हैं। वड़िंग का राजनीतिक करियर अमरिंदर सिंह राजा वाड़िंग ने साल 2000 में पहली बार राजनीति में कदम रखा। उन्हें युवा कांग्रेस का श्री मुक्तसर साहिब ब्लॉक अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद उन्होंने पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की और 2005 में उन्हें युवा कांग्रेस का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया। वर्ष 2008 में उन्हें पंजाब युवा कांग्रेस का उपाध्यक्ष चुना गया और 2009 में उन्हें युवा कांग्रेस का महासचिव बनाया गया। राजा वाड़िंग ने साल 2012 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था। उन्होंने मनप्रीत बादल को हराया और विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2014 में उन्हें युवा कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। वहीं फिलहाल राजा वड़िंग प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, और लुधियाना लोकसभा सीट से सांसद हैं।
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