कपूरथला की सब-डिवीजन सुलतानपुर लोधी के गांव सद्दूवाल निवासी कैंसर पीड़ित एक महिला के बैंक खाते से साइबर ठग ने 7.95 लाख रुपए गायब कर दिए। पीड़िता ने बताया कि साइबर ठग ने बिना ओटीपी लिए ही उसके खाते से पैसे निकाले हैं। हालांकि बैंक को शिकायत देने के बाद बैंक कर्मियों ने खाता फ्रिज कर दिया। जिसके बाद 1 लाख 95 हज़ार वापस भी आ गए। वहीं महिला की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने बैंक स्टेटमेंट कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। कई बार में निकाले गए रुपए गांव सद्दूवाल निवासी महिला लवप्रीत कौर के पति जगजीत सिंह सोनी (पूर्व मेंबर पंचायत) ने बताया कि उसकी पत्नी लवप्रीत कौर कैंसर की मरीज है। जिसका उपचार फरीदकोट से चल रहा है। दोनों के जॉइंट खाते में उन्होंने उसके उपचार के लिए पैसे रखे हुए थे। उन्होंने बताया कि 9 तारीख को सुबह लगभग 10 बजे उसके मोबाइल पर बैंक खाते से 2 लाख रूपए निकलने का मैसेज आया। इसके बाद एक और मैसेज 2 लाख निकलने का आया। ऐसे कई मैसेज आते गए। उसने देखा कि उनके खाते से 7 लाख 95 हज़ार रूपए किसी ने निकाल लिए हैं। खाते से इतनी बड़ी रकम कैसे निकल गई तो उसको चिंता हुई और उसने तुरंत बैंक में जाकर कर्मियों से बात की तो लगा किसी ने उनका बैंक खाता हैक कर लिया है। बैंक अधिकारियों ने खाता कराया फ्रिज जगजीत सिंह की शिकायत पर बैंक अधिकारिओ ने तुरंत कार्रवाई करते हुए खाते को फ्रिज करवाया और 1.95 लाख रूपए जो कि अभी तक प्रोसेस में थे, वह वापस आ गए। पीड़ित ने यह भी बताया कि उसके मोबाइल पर ट्रांजेक्शन को लेकर कोई ओटीपी भी नहीं आया। फिर भी उसके खाते से पैसे निकल गए। बैंक कर्मियों ने बताया कि खाताधारक ने ठग द्वारा कोई भेजा गया लिंक क्लिक किया होगा। जिस कारण उनके खाते से पैसे निकले हैं। लेकिन शिकायतकर्ता किसी भी लिंक के आने की पुष्टि नहीं कर रहा है। साइबर थाना SHO मनदीप कौर ने बताया कि पीड़ित की शिकायत के बाद बैंक खाते की स्टेटमेंट कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने दावा किया है कि जल्द ही साइबर ठग को काबू कर लिया जाएगा। कपूरथला की सब-डिवीजन सुलतानपुर लोधी के गांव सद्दूवाल निवासी कैंसर पीड़ित एक महिला के बैंक खाते से साइबर ठग ने 7.95 लाख रुपए गायब कर दिए। पीड़िता ने बताया कि साइबर ठग ने बिना ओटीपी लिए ही उसके खाते से पैसे निकाले हैं। हालांकि बैंक को शिकायत देने के बाद बैंक कर्मियों ने खाता फ्रिज कर दिया। जिसके बाद 1 लाख 95 हज़ार वापस भी आ गए। वहीं महिला की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने बैंक स्टेटमेंट कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। कई बार में निकाले गए रुपए गांव सद्दूवाल निवासी महिला लवप्रीत कौर के पति जगजीत सिंह सोनी (पूर्व मेंबर पंचायत) ने बताया कि उसकी पत्नी लवप्रीत कौर कैंसर की मरीज है। जिसका उपचार फरीदकोट से चल रहा है। दोनों के जॉइंट खाते में उन्होंने उसके उपचार के लिए पैसे रखे हुए थे। उन्होंने बताया कि 9 तारीख को सुबह लगभग 10 बजे उसके मोबाइल पर बैंक खाते से 2 लाख रूपए निकलने का मैसेज आया। इसके बाद एक और मैसेज 2 लाख निकलने का आया। ऐसे कई मैसेज आते गए। उसने देखा कि उनके खाते से 7 लाख 95 हज़ार रूपए किसी ने निकाल लिए हैं। खाते से इतनी बड़ी रकम कैसे निकल गई तो उसको चिंता हुई और उसने तुरंत बैंक में जाकर कर्मियों से बात की तो लगा किसी ने उनका बैंक खाता हैक कर लिया है। बैंक अधिकारियों ने खाता कराया फ्रिज जगजीत सिंह की शिकायत पर बैंक अधिकारिओ ने तुरंत कार्रवाई करते हुए खाते को फ्रिज करवाया और 1.95 लाख रूपए जो कि अभी तक प्रोसेस में थे, वह वापस आ गए। पीड़ित ने यह भी बताया कि उसके मोबाइल पर ट्रांजेक्शन को लेकर कोई ओटीपी भी नहीं आया। फिर भी उसके खाते से पैसे निकल गए। बैंक कर्मियों ने बताया कि खाताधारक ने ठग द्वारा कोई भेजा गया लिंक क्लिक किया होगा। जिस कारण उनके खाते से पैसे निकले हैं। लेकिन शिकायतकर्ता किसी भी लिंक के आने की पुष्टि नहीं कर रहा है। साइबर थाना SHO मनदीप कौर ने बताया कि पीड़ित की शिकायत के बाद बैंक खाते की स्टेटमेंट कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने दावा किया है कि जल्द ही साइबर ठग को काबू कर लिया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में NHAI के प्रोजेक्टों में देरी का मामला:HC में आज सरकार देगी जवाब, जमीन अधिग्रहण में देरी की वजह बताएगी पंजाब में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट जमीन अधिग्रहण की वजह से लटक रहे हैं। इस वजह से NHAI को दिक्कत उठानी पड़ रही है। इसी मामले की आज (शुक्रवार) को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। जहां पर पंजाब सरकार की तरफ से हलफनामा दायर कर प्रोजेक्ट में हो रही देरी की वजह बताई जाएगी। क्योंकि यह दिक्कत गत एक साल से आ रही है। हालांकि NHAI ने साफ किया है जमीन के करोड़ों रुपए जमा करवाने के बाद भी अभी तक कब्जा नहीं मिला है। इस वजह से कांट्रेक्ट तक कैंसिल करने पड़ रहे हैं। इन प्रोजेक्टों पर पड़ा था असर NHAI ने अपनी याचिका में भारत माला परियोजना के तहत मेमदपुर (अंबाला) -बनूड़, आईटी सिटी चौक बनूड़ से खरड़ चंडीगढ़ एक्सप्रेस वे के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को चुनौती दी थी। कोर्ट में यह भी बताया गया कि भूमि न मिलने से दिल्ली कटरा एक्सप्रेस वे, लुधियाना-रूपनगर से खरड़ हाईवे व लुधियाना बठिंडा हाईवे का काम भी लंबित है। NHAI ने हाईकोर्ट में बताया कि अदालत के आदेश के बाद भी उसे अभी तक जमीन का कब्जा नहीं दिलाया जा रहा है। 10 राष्ट्रीय राजमार्ग प्रोजेक्टों में 80 फीसदी जमीन का कब्जा अभी तक नहीं मिला है। इसके चलते ही 34193 करोड़ की लागत से के 897 किलोमीटर दूरी वाली राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना लटकी है। जबकि 13190 करोड़ की लागत वाले 391 के प्रोजेक्टों का काम भी अधर में । वहीं, जमीन न मिलने से उन्हें कुछ कांट्रेक्टर रदद करने पड़े है। ठेकेदारों को एक फीसदी भुगतान करना पड़ा है। वहीं, जमीन के लिए 4104 करोड़ रुपए जमा करवाने के बाद जमीन का कब्जा नहीं मिला है। अक्तूबर में हाईकोर्ट के यह थे आदेश हाईकोर्ट ने गत वर्ष अक्तूबर में आदेश दिया था कि एनएचएआई संबंधित अधिकारी को अधूरी लंबित परियोजनाओं की सूची उपलब्ध करवाएं । साथ ही मुख्य सचिव सक्षम प्राधिकारी को एक सप्ताह के भीतर आदेश कार्रवाई करने के निर्देश जारी करें। वहीं, दो महीने के भीतर बाधा मुक्त कब्जा NHAI को दिलाया जाए।
स्मृति ईरानी को हराने वाले किशोरी लाल लुधियाना पहुंचे:बोले- पंजाब के हिंदू-सिखों में नाखून-मांस का रिश्ता; BJP को श्रीराम ने सजा दी
स्मृति ईरानी को हराने वाले किशोरी लाल लुधियाना पहुंचे:बोले- पंजाब के हिंदू-सिखों में नाखून-मांस का रिश्ता; BJP को श्रीराम ने सजा दी उत्तर प्रदेश की चर्चित लोकसभा सीटों में से एक अमेठी जीतकर रविवार को पंजाब के लुधियाना पहुंचे कांग्रेस के नव-निर्वाचित सांसद किशोरी लाल शर्मा का यहां जोरदार स्वागत हुआ। उनके स्वागत के लिए जिला कांग्रेस के प्रधान संजय तलवाड़ और पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण उनके निवास स्थान शिवाजी नगर पहुंचे थे। किशोरी लाल गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं। उन्होंने अमेठी के चुनाव में BJP की कद्दावर नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को 1,67,196 वोटों से हराया है। एक बड़ी लड़ाई जीतकर पहली बार जब किशोरी लाल अपने गृह जिला लुधियाना में पहुंचे तो यहां उनके पारिवारिक सदस्यों ने उनका मुंह मीठा करवाया। किशोरी लाल करीब 40 साल से गांधी परिवार के साथ हैं। उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी लुधियाना से अमेठी ले गए थे। तब वह यूथ कांग्रेस में थे। किशोरी लाल ने अपना ज्यादातर जीवन अमेठी में ही बिताया है, जबकि उनका परिवार अब भी लुधियाना में ही रहता है। अब जब वह लुधियाना पहुंचे तो दैनिक भास्कर ने उनसे पार्टी के फैसलों, जीत का अनुभव, BJP कैंडिडेट की हार, आदि के बारे में बातचीत की। यहां पढ़िए सांसद किशोरी लाल शर्मा से हुई विस्तृत बातचीत के अंश… सवाल: लुधियाना के होकर अमेठी से चुनाव लड़े। कैसा रहा अनुभव?
जवाब : अमेठी का चुनाव बहुत अच्छा रहा। वहां की जनता ने खुद अपने कंधों पर जिम्मेदारी लेकर चुनाव लड़ा। मेरे चुनाव प्रचार के लिए दिन कम थे। 3 मई को टिकट घोषित हुई और 18 मई को चुनाव प्रचार बंद होना था। 20 मई को वहां चुनाव था। मैंने अपनी जिंदगी के 40 साल वहां के लोगों को दिए हैं, तो लोगों के लिए मैं नया नहीं था। पंजाब के लोगों के लिए मैं नया हो सकता हूं। सवाल: कांग्रेस को पूरे देश में 99 सीटें मिली हैं। इन्हें कांग्रेस की सीटें मानते हैं या I.N.D.I.A. की?
जवाब : अब 3 और लोगों ने कांग्रेस जॉइन कर ली है। अब कुल 102 सीटें हो गई हैं। ये सभी सीटें कांग्रेस की पक्की थीं। जहां हम महागठबंधन का हिस्सा थे, वहां हमें 6 सीटें मिली हैं। इसी तरह देश के कई राज्यों से सीटें मिली हैं। सवाल: भाजपा को इस बार लोकसभा चुनाव में पिछली बार के मुकाबले 63 सीटों का घाटा हुआ है। इसका क्या कारण है?
जवाब : उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा मुद्दा लावारिस पशुओं का था। ये पशु लोगों के खेतों को खराब कर देते थे। महंगाई और बेरोजगारी खास मुद्दे थे। भाजपा ने भगवान श्रीराम के नाम से लोगों को वहां बहकाना चाहा। UP का मतदाता बहुत समझदार है। लोग जानते थे कि मंदिर का निर्माण कोर्ट के आदेश पर हो रहा है। लोगों को यह भी पता था कि 4 शंकराचार्य हैं, वे मंदिर की मेन पूजा में नहीं थे। देश के राष्ट्रपति पूजा में नहीं थे। यदि राजनीतिक तौर पर देखा जाए तो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का होना जरूरी था। यदि धार्मिक दृष्टि से देखें तो चारों शंकराचार्यों का पूजा में होना जरूरी था। मैं कहूंगा कि एक तरह भगवान श्रीराम ने भाजपा को सजा दी है। सवाल: उत्तर प्रदेश में मिली हार के बाद लगता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भाजपा हटा सकती है?
जवाब : भाजपा की उत्तर प्रदेश में हुई हार की नैतिक जिम्मेदारी पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बनती है। मोदी 400 सीटों का दावा कर रहे थे। योगी जी की तो बाद की बात है। सवाल: राहुल गांधी को रायबरेली सीट रखनी चाहिए या वायनाड?
जवाब : मैं चाहूंगा कि राहुल जी को रायबरेली सीट रखनी चाहिए। क्योंकि, इस सीट पर मैंने काफी काम किया है। सवाल: अमेठी में स्मृति ईरानी की हार का कारण क्या रहा?
जवाब : अमेठी की जनता स्मृति ईरानी से खुश नहीं थी। लोग बदलाव चाहते थे तो लोगों ने मुझे बदलाव के रूप में चुना है। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान मैंने स्मृति ईरानी की किसी स्टेटमेंट का जवाब नहीं दिया। अब चुनाव जीत गए हैं, फिर भी उनके बारे में हम कुछ नहीं कहेंगे। सवाल: भाजपा के केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू पहले बंदी सिखों की रिहाई का विरोध करते थे, अब इससे इनकार कर रहे हैं?
जवाब : ये सवाल रवनीत बिट्टू का है तो जवाब भी वहीं देंगे। मैं एक बात जरूर कहूंगा कि पंजाब में हिंदू और सिखों का रिश्ता नाखून और मांस वाला है। इसे कोई जुदा नहीं कर सकता। सवाल: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को पंजाब में विरोधी कांग्रेस जोड़ो यात्रा कह रहे थे। इस पर क्या कहेंगे?
जवाब : भारत जोड़ो यात्रा का कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं था। भारत में जो नफरत फैलाई गई थी, उसे हटाने और लोगों के दिलों को आपस में जोड़ने की यात्रा थी। सवाल: लुधियाना में राजा वड़िंग ने चुनाव लड़ा है। बेशक वह जीत गए, लेकिन गुटबाजी अब भी शहर में है। क्या राहुल गांधी तक रिपोर्ट्स पहुंच रही है?
जवाब : लुधियाना में जो पार्टी के इंचार्ज हैं, वह इस चीज को देखेंगे। हर चुनाव के बाद एक विश्लेषण होता है, जिसमें उम्मीदवार अपनी रिपोर्ट देगा, जिला प्रधान अपनी रिपोर्ट देगा। सभी रिपोर्ट्स को देखकर जो कांग्रेस हाईकमान के सचिव हैं वह भी मंथन करेंगे। इसके बाद हाईकमान फैसला लेगी। सवाल: भाजपा ने सरकार तो बना ली, लेकिन गठजोड़ पार्टियों के सांसदों को कोई मंत्रिमंडल खास नहीं मिला। इसे कैसे देखते हैं?
जवाब : गठजोड़ के नेताओं को अब सोचना है, क्योंकि उन्हीं की बैसाखी से सरकार चल रही है। अगर उन्हें महत्त्व नहीं मिलेगा तो वे वहीं जाएंगे, जहां उन्हें महत्व मिलेगा। सवाल: क्या अब भी I.N.D.I.A. की NDA गठजोड़ पार्टियों से बातचीत चल रही है?
जवाब : ये मेरा प्रश्न नहीं है। मैं तो कांग्रेस का एक छोटा सा सिपाही हूं। I.N.D.I.A. के जो घटक दल हैं, इस बारे में वहीं कुछ कह सकते हैं। सवाल: पिछले 10 साल से कांग्रेस का ग्राफ काफी गिरा था। अब एक बार फिर कांग्रेस उठ रही है। इसका क्या कारण है?
जवाब : कांग्रेस का अब ग्राफ लगातार बढ़ेगा, क्योंकि लोग अब इन तमाम पार्टियों को आजमा कर हार चुके हैं। बेशक प्रशासन और आम लोगों सभी को पता है कि कांग्रेस ही देश को चलाना जानती है। कांग्रेस सभी को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है।
अकाली दल के उपाध्यक्ष अनिल जोशी ने इस्तीफा दिया:नीतियों पर उठाए सवाल; लिखा- धर्म और सांप्रदायिक एजेंडे में उलझी है पार्टी
अकाली दल के उपाध्यक्ष अनिल जोशी ने इस्तीफा दिया:नीतियों पर उठाए सवाल; लिखा- धर्म और सांप्रदायिक एजेंडे में उलझी है पार्टी शिरोमणि अकाली दल (SAD) के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। जोशी ने इस्तीफे में पार्टी की मौजूदा नीतियों और कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। अकाली दल के वाइस प्रेसीडेंट और अमृतसर नॉर्थ से उम्मीदवार रहे अनिल जोशी ने अपना इस्तीफा पार्टी कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ को भेजा है। इस्तीफे में अकाली दल की कार्य शैली पर सवाल उठाए हैं। उनके इस्तीफा की प्रमुख बातें: जोशी ने अपने इस्तीफे में कहा कि पिछले कुछ समय से पार्टी ने असली मुद्दों को उठाना बंद कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी केवल सांप्रदायिक राजनीति और धर्म आधारित एजेंडे तक सिमट गई है। उन्होंने लिखा- ऐसा लगता है कि शिरोमणि अकाली दल केवल धर्म और सांप्रदायिक एजेंडे में शामिल है। मैं इस सांप्रदायिक राजनीति में अपने लिए कोई जगह नहीं देखता। जोशी ने पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की कार्यशैली पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद पार्टी की स्थिति और ज्यादा खराब हो गई है। सुखबीर सिंह बादल को भी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। अनिल जोशी के इस्तीफे ने शिरोमणि अकाली दल की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पार्टी पहले से ही कमजोर स्थिति में है और हाल ही में कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। जोशी जैसे वरिष्ठ नेता का इस्तीफा पार्टी के लिए एक और झटका साबित हो सकता है। अनिल जोशी का राजनीतिक सफर अनिल जोशी पंजाब के अमृतसर उत्तरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं। भाजपा में रहते हुए वे लोकल बॉडी मिनिस्टर भी रहे। उन्होंने भाजपा के नेता के तौर पर अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था और राज्य में पार्टी के मजबूत स्तंभों में से एक माने जाते थे। कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के साथ खड़े होने के कारण उन्होंने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोला था, जिसके बाद वह 2021 में एसएडी में शामिल हुए।