हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और लाहौल स्पीति जिला की ऊंची चोटियों पर ताजा बर्फबारी के बाद अटल टनल रोहतांग टूरिस्टों के लिए बंद कर दी गई है। मनाली पहुंच रहे टूरिस्ट को सोलंग नाला तक जाने की इजाजत दी जा रही है। यहां से आगे सड़क फिसलन की वजह से खतरनाक बनी हुई है। रोहतांग टनल तक केवल आपात स्थिति में ही फोर बॉय फोर व्हीकल के साथ ही पुलिस शासन इजाजत दे रहा है। बता दें कि ऊंचे पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद बड़ी संख्या में टूरिस्ट पहाड़ों का रुख करने लगे है। इससे बीती शाम को भी अटल टनल के नॉर्थ और साउथ पोर्टल पर भयंकर ट्रैफिक जाम लग गया और 1000 से ज्यादा वाहन फंस गए थे। पुलिस ने इन्हें देर रात तक सुरक्षित रेस्क्यू किया। आज ऊंची चोटियों पर दोबारा हल्की बर्फबारी हुई। इसके बाद सड़क पर सफर और भी खतरनाक हो गया है। इसे देखते हुए अटल टनल को बंद करना पड़ा है। पुलिस लाउड स्पीकर लगाकर टूरिस्टों को एडवाइजरी जारी कर रही है और ऊंचे क्षेत्रों में नहीं जाने की अपील कर रही है, क्योंकि वाहनों के फिसलने का खतरा बढ़ गया है। इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। हिमपात के चलते रोहतांग टनल को बंद किया: DC DC कुल्लू तोरुल एस रवीश ने बताया कि हिमपात के चलते अटल टनल सैलानियों के लिए फिलहाल बंद कर दी गई है। सोलंग नाला तक सैलानियों को भेजा जा रहा है। सभी वाहनों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। उन्होंने सैलानियों से अपील की कि खराब मौसम के चलते ऊंचाई वाले इलाकों का रुख बिल्कुल भी न करें। माल रोड पर बर्फबारी मनाली माल रोड पर आज दोपहर बाद दोबारा बर्फ के फाहें गिरे। इसके बीच पर्यटकों ने खूब मौज मस्ती की। मनाली माल रोड़ क्रिसमस के पूरी सजाया गया है। माल रोड में चहल कदमी कर रहे पर्यटक एकाएक शुरू हुई बर्फबारी के बीच मस्ती करते नजर आए। पुलिस प्रशासन के साथ 4X4 टीम भी टूरिस्टों के रेस्क्यू में मदद कर रहे है। हिमालयन एक्ट्रीम वर्ल्ड टूर एंड ट्रैवल के सोनू ठाकुर ने बताया कि उन्होंने बीती रात को रोहतांग टनल में फंसे 800 से ज्यादा वाहन देर रात तक रेस्क्यू किए। शेष वाहन आज सुबह रेस्क्यू किए गए। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और लाहौल स्पीति जिला की ऊंची चोटियों पर ताजा बर्फबारी के बाद अटल टनल रोहतांग टूरिस्टों के लिए बंद कर दी गई है। मनाली पहुंच रहे टूरिस्ट को सोलंग नाला तक जाने की इजाजत दी जा रही है। यहां से आगे सड़क फिसलन की वजह से खतरनाक बनी हुई है। रोहतांग टनल तक केवल आपात स्थिति में ही फोर बॉय फोर व्हीकल के साथ ही पुलिस शासन इजाजत दे रहा है। बता दें कि ऊंचे पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद बड़ी संख्या में टूरिस्ट पहाड़ों का रुख करने लगे है। इससे बीती शाम को भी अटल टनल के नॉर्थ और साउथ पोर्टल पर भयंकर ट्रैफिक जाम लग गया और 1000 से ज्यादा वाहन फंस गए थे। पुलिस ने इन्हें देर रात तक सुरक्षित रेस्क्यू किया। आज ऊंची चोटियों पर दोबारा हल्की बर्फबारी हुई। इसके बाद सड़क पर सफर और भी खतरनाक हो गया है। इसे देखते हुए अटल टनल को बंद करना पड़ा है। पुलिस लाउड स्पीकर लगाकर टूरिस्टों को एडवाइजरी जारी कर रही है और ऊंचे क्षेत्रों में नहीं जाने की अपील कर रही है, क्योंकि वाहनों के फिसलने का खतरा बढ़ गया है। इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। हिमपात के चलते रोहतांग टनल को बंद किया: DC DC कुल्लू तोरुल एस रवीश ने बताया कि हिमपात के चलते अटल टनल सैलानियों के लिए फिलहाल बंद कर दी गई है। सोलंग नाला तक सैलानियों को भेजा जा रहा है। सभी वाहनों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। उन्होंने सैलानियों से अपील की कि खराब मौसम के चलते ऊंचाई वाले इलाकों का रुख बिल्कुल भी न करें। माल रोड पर बर्फबारी मनाली माल रोड पर आज दोपहर बाद दोबारा बर्फ के फाहें गिरे। इसके बीच पर्यटकों ने खूब मौज मस्ती की। मनाली माल रोड़ क्रिसमस के पूरी सजाया गया है। माल रोड में चहल कदमी कर रहे पर्यटक एकाएक शुरू हुई बर्फबारी के बीच मस्ती करते नजर आए। पुलिस प्रशासन के साथ 4X4 टीम भी टूरिस्टों के रेस्क्यू में मदद कर रहे है। हिमालयन एक्ट्रीम वर्ल्ड टूर एंड ट्रैवल के सोनू ठाकुर ने बताया कि उन्होंने बीती रात को रोहतांग टनल में फंसे 800 से ज्यादा वाहन देर रात तक रेस्क्यू किए। शेष वाहन आज सुबह रेस्क्यू किए गए। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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कांगड़ा सहकारी बैंक भर्ती में वक्त:हमीरपुर में बोले चेयरमैन कुलदीप पठानिया, एनपीए में सुधार होने पर भरे जाएंगे खाली पद
कांगड़ा सहकारी बैंक भर्ती में वक्त:हमीरपुर में बोले चेयरमैन कुलदीप पठानिया, एनपीए में सुधार होने पर भरे जाएंगे खाली पद शुक्रवार को हमीरपुर में कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के चेयरमैन कुलदीप पठानिया एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक में खाली पदों को भरने के लिए अभी वक्त लगेगा। उन्होंने कहा कि नई भर्तियां की प्रक्रिया तब शुरू नहीं हो पाएगी, जब तक एनपीए की स्थिति में सुधार नहीं होता। चेयरमैन कुलदीप पठानिया ने बताया कि खाली पद तो काफी ज्यादा हैं और नई भर्तियां होनी हैं। लेकिन इनकी स्थिति का पता अभी बहुत जल्दी चलने वाला नहीं है। डिफाल्टरों के खिलाफ होगी कार्रवाई पत्रकारों को संबोधित करते हुए पठानिया ने कहा कि बैंक की ओर से एक अरब 98 करोड़ रुपए इकट्ठा किया गया है। जो डिफाल्टर बड़े स्तर के हैं, उनके खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई की जा रही है। कई मामले न्यायालय में चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने अध्यक्ष पद ज्वाइन किया था तो बैंक का एनपीए 34 फीसदी था। जबकि नेट प्रॉफिट 16 फीसदी। एक साल के भीतर यह बढ़कर 22 फीसदी और नेट प्रॉफिट 6.6 फीसदी पहुंच गया है। 31 मार्च को डाटा इकट्ठा किया जाना था, लेकिन चुनाव आ जाने के कारण इसे अब इकट्ठा किया जा रहा है। बढ़ाई गई ऋण राशि उन्होंने बताया कि पहले आरबीआई की ओर से पावर स्नैच कर ली गईं थी। जिस कारण 25 लाख रुपए से ऊपर लोन नहीं दिया जा सकता था। अब यह बहाल हो चुकी हैं। बैंक की ओर से ऋण की राशि को भी बढ़ा दिया गया है। बैंक की ओर से वन टाइम सेटलमेंट ऋण के बारे में आरबीआई से परमिशन होती है, उसके बाद ही गाइडलाइन के तहत इसका कार्य होता है। इसमें 2017 की कट आउट रखी गई थी। उसके बाद के लोन माफ किए जाने थे। इस दौरान ब्याज को माफ किया जा सकता है। लेकिन मूल ऋण की वसूली तो करनी ही पड़ती है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुमन भारती भी मौजूद थे। दोनों नेताओं ने सुजानपुर और बड़सर के विधानसभा उप चुनावों को लेकर कहा कि सुजानपुर में धनबल की हार हुई है। जबकि बड़सर में शायद प्रत्याशी के ऐलान में देरी और भीतरघात भी कारण बना हो, इसकी समीक्षा होगी।
हिमाचल के मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब:8.50 लाख श्रद्धालु नवा चुके शीश, आज भी सुबह 4 बजे से मंदिरों में लंबी-लंबी कतारे
हिमाचल के मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब:8.50 लाख श्रद्धालु नवा चुके शीश, आज भी सुबह 4 बजे से मंदिरों में लंबी-लंबी कतारे हिमाचल के मंदिरों में नवरात्र पर आस्था का सैलाब उमड़ आया है। शारदीय नवरात्र पर 5 शक्तिपीठों समेत 10 बड़े मंदिरों में 8.50 लाख से ज्यादा श्रद्धालु अपना शीश नवा चुके हैं। आज व कल श्रद्धालुओं की संख्या में और इजाफा होगा। मां के मंदिरों में सुबह 5 बजे से ही श्रद्धालुओं की लंबी लंबी लाइनें लगी हुई है। श्रद्धालु लाइनों में लगकर पूजा के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। हिमाचल के अलावा पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली से भी बड़ी संख्या में धार्मिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। शिमला के कालीबाड़ी में पश्चिम बंगाल से भी काफी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इससे देवभूमि हिमाचल में मां के सभी मंदिरों में एक हफ्ते से उत्सव जैसा माहौल है। इन मंदिरों में ज्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे श्रद्धालुओं की सबसे ज्यादा भीड़ बिलासपुर के नयना देवी मंदिर, कांगड़ा के ज्वालाजी मंदिर, सिरमौर के माता बाला सुंदरी मंदिर, कांगड़ा के ब्रजेश्वरी, चामुंडा देवी और ऊना के चिंतपूर्णी मंदिर में उमड़ा है। प्रदेश के सभी शक्तिपीठों और मंदिरों को नवरात्र के लिए आकर्षक ढंग से सजाया गया है। क्यों मशहूर है हिमाचल के शक्तिपीठ… नैना देवी में गिरे थे माता सती के नेत्र बिलासपुर जिला स्थित मां नैना देवी का मंदिर देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि यहां माता सती की आंख गिरी थी। इसके बाद से यह स्थान शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध हो गया। यहां पर भी सालभर भक्तों का आना लगा रहता है। ज्वालाजी 51 शक्तिपीठों में से 1 शक्ति पीठ कांगड़ा स्थित मां ज्वालाजी का मंदिर भी देश के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है। कहा जाता है कि यहां भगवती सती की जीभ भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से कट कर गिरी थी। मंदिर में भगवती के दर्शन नवज्योति रूपों में होते हैं। उत्तर भारत की प्रसिद्ध नौ देवियों के दर्शन के दौरान चौथा दर्शन मां ज्वाला जी का ही होता है। मां चिंतपूर्णी मंदिर में गिरे थे मां के पांव ऊना के मशहूर धार्मिक स्थलों में से एक मां चिंतपूर्णी का मंदिर छिन्नमस्तिका के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि यहां मां सती के पांव गिरे थे। माता चिंतपूर्णी मंदिर ट्रस्ट में नवरात्र पर दर्शनों के लिए पर्ची सिस्टम लागू रहेगा। इसके लिए मंदिर ट्रस्ट ने काउंटर स्थापित किए हैं। चामुंडा मंदिर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हिमाचल की एक और मशहूर शक्तिपीठ मां चामुंडा देवी का मंदिर कांगड़ा के पालमपुर में स्थित है। यह मंदिर धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में काफी विकसित है। नवरात्र पर यहां विशेष पूजा की जाती है। सुबह के समय यहां सप्तचंडी का पाठ किया जाता है। बृजेश्वरी मंदिर में गिरा था मां सती का बायां वक्षस्थल बृजेश्वरी देवी मंदिर को कांगड़ा देवी के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर भी सालभर भक्तों का तांता लगा रहता है। नवरात्र पर्व पर यहां मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि यहां मां सती का बांया वक्ष गिरा था, इसलिए यह स्थान मां बृजेश्वरी के नाम से प्रसिद्ध हो गया। इन मंदिरों में भक्त खुले दिल से चढ़ावा चढ़ाते हैं। भले ही सोना-चांदी की कीमतें आसमान छू रही हों। कालीबाड़ी मंदिर में भी खास इंतजाम शिमला के मशहूर कालीबाड़ी मंदिर में भी नवरात्र के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। यहां न केवल स्थानीय लोग बल्कि देशभर से आने वाले धार्मिक पर्यटक नवरात्रि पर पूजा करने पहुंचते हैं। खासकर पश्चिम बंगाल के पर्यटक कालीबाड़ी में नवरात्रि पर पूजा अर्चना करते हैं। नवरात्र पर सभी शक्तिपीठों व मां के मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था के भी खास इंतजाम किए गए है। सभी मंदिरों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात है। यही नहीं सभी शक्तिपीठों में श्रद्धालुओं के आने जाने के लिए अतिरिक्त बसे चलाई गई है।
हिमाचल के बागवानों को झटका:अब छोटा व दागी सेब MIS योजना में नहीं खरीदेगी सरकार; बागवान भड़के, आंदोलन की दी चेतावनी
हिमाचल के बागवानों को झटका:अब छोटा व दागी सेब MIS योजना में नहीं खरीदेगी सरकार; बागवान भड़के, आंदोलन की दी चेतावनी हिमाचल में कुदरत की मार झेल रहे सेब बागवानों को कांग्रेस सरकार ने बड़ा झटका दिया है। आर्थिक सुधारों में जुटी सरकार ने मंडी मध्यस्थता योजना (MIS) के तहत सेब की खरीद के लिए कई शर्तें लगाई है। MIS के तहत सेब खरीद को उद्यान कार्ड अनिवार्य किया गया है। इसी तरह पक्षी का खाया हुआ, दागी सेब, स्कैब ग्रस्त, इथरल स्प्रे किया हुआ सेब और 51 मिलीमीटर से कम डाया वाला सेब भी सरकार ने नहीं खरीदने का निर्णय लिया है। बता दें कि राज्य सरकार हर साल MIS योजना के तहत सरकारी उपक्रम हॉर्टिकल्चर प्रोसेसिंग मार्केटिंग कमेटी (HPMC) और हिमफेड के माध्यम से निम्न क्वालिटी का सेब खरीदती है। सरकार द्वारा लगाई शर्तें बागवानों से धोखा, करेंगे आंदोलन: सोहन सरकार ने इस बार MIS के लिए 12 रुपए प्रति किलो रेट निर्धारित किया है। मगर सरकार ने बीच सीजन में ऐसी शर्तें लगाई है, जिससे बागवान भड़क उठे हैं। हिमाचल सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन ठाकुर ने बताया कि MIS योजना निम्न क्वालिटी के सेब की खरीद के लिए शुरू की गई थी। अब सरकार ने जिस तरह की शर्तें थोपी वो बागवानों से धोखा है। इसके विरोध में आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिस तरह का सेब सरकार खरीदना चाह रही है, उसका रेट कम से कम 25 रुपए होना चाहिए। एक तरफ सरकार ने MIS का रेट पिछले साल वाला ही रखा है, दूसरी तरफ MIS योजना पर नई नई शर्तें लगाई जा रही है। बागवान अब उद्यान कार्ड बनाए, या सेब तोड़ेंगे: बिष्ट प्रोग्रेसिव ग्रोअर एसोसिएशन (PGA) के अध्यक्ष लोकेंद्र बिष्ट ने बताया कि सरकार ने बीच सीजन में उद्यान कार्ड बनाने की शर्त लगाई है। इसे बनाने में कई दिन लग जाते है। अब बागवान उद्यान कार्ड बनाएगा या फिर सेब तोड़ेगा। उन्होंने कहा, यदि ये शर्त लगानी है तो अगले सीजन के लिए अनिवार्य किया जाए। उन्होंने बताया कि MIS के तहत ओलों से दागी सेब और छोटे साइज का फ्रूट नहीं लेने का फैसला बागवानों से धोखा है। सरकार ने पहले MIS के तहत रेट कम रखा है। अब नई नई शर्तें थोपी जा रही है। प्रदेश में इस बार किसानों की 50 प्रतिशत से ज्यादा फसल खराब हो चुकी है। इससे बागवानों को करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है। 2022 मे 72 हजार मीट्रिक टन सेब खरीदा हिमाचल सरकार ने 2023 में MIS के तहत लगभग 52 हजार मीट्रिक टन और 2022 में रिकॉर्ड 72 हजार मीट्रिक टन सेब खरीदा था। इस योजना के तहत खरीदे गए सेब से सरकारी उपक्रम HPMC जूस तैयार करता है। यह योजना निम्न क्वालिटी सेब खरीदने के लिए ही शुरू की गई थी।