संभल, काशी, कानपुर के बाद अब मुरादाबाद में 44 साल से बंद गौरीशंकर मंदिर खुलवाया है। सोमवार को प्रशासन ने खुदाई कराई तो शिवलिंग, नंदी और हनुमानजी की प्रतिमाएं मिलीं। प्रतिमाएं खंडित हैं। बातचीत में सामने आया कि 1980 के दंगे में इस मंदिर के पुजारी की हत्या कर दी गई थी। तभी प्रतिमाओं को भीड़ ने खंडित कर दिया था। इसके बाद से मंदिर बंद कर दिया गया। पुजारी के पोते ने 7 दिन पहले मुरादाबाद DM अनुज सिंह के कार्यालय में एप्लिकेशन दी थी कि मंदिर को दोबारा खोला जाना चाहिए। पुलिस-प्रशासन की टीम ने 3 दिन पहले नागफनी एरिया में झब्बू का नाला मोहल्ला में पहुंची। यहीं पर मंदिर है। स्पॉट पर देखा गया कि मंदिर के गर्भ गृह को दंगे के बाद दीवार बनाकर बंद किया गया। सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच इन दीवारों को तोड़ा गया। इसके बाद मंदिर का स्वरूप दिखने लगा। अब मंदिर की 2 तस्वीर देखिए… झब्बू का नाला एरिया मुस्लिम बहुल है। सुबह प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे तो करीब 11 बजे आसपास के लोग भी जुट गए। इसके बाद मिट्टी खोदकर बाहर निकाली जाने लगी। दोपहर करीब 12 बजे यहां उप जिलाधिकारी सदर राम मोहन मीना, नगर निगम के सहायक अभियंता रईस अहमद, 2 थाने का फोर्स पहुंच गए। DM अनुज भी मंदिर पर आ गए। करीब 1.30 बजे मंदिर की दीवार पर हनुमान की प्रतिमा दिखने लगी। जमीन पर शिवलिंग का स्थान बना हुआ है। मगर शिवलिंग गायब है। पास में नंदी बैठे हैं। दीवार पर कुछ और भी प्रतिमाएं उभरी हैं, मगर वह खंडित हैं। अब यहां प्रतिमाओं को सुरक्षित करके उनकी पूजा की व्यवस्था की जाएगी। इस मंदिर को खोलने के लिए पिछले दिनों लोगों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन भी किया। इसके बाद DM अनुज ने मंदिर को लेकर उप जिलाधिकारी राम मोहन मीना से रिपोर्ट मांगी थी। उपजिलाधिकारी ने 27 दिसंबर को मंदिर से जुड़े लोगों से जानकारी जुटाई। पाया गया कि मोहिनी नाम की किन्नर मंदिर की सफाई करती थी। कुछ दीवार अवैध रूप से बनाए जाने की बात सामने आई। जिससे मंदिर तक आना मुश्किल हो गया। इसके बाद ही दीवार को तुड़वा दिया गया है। अब प्रतिमाओं की सफाई का काम चल रहा है। मौके पर भारी पुलिस बल भी मौजूद है। उपजिलाधिकारी ने बताया कि ये मूर्तियां कितनी पुरानी हैं, ये अभी स्पष्ट नहीं है। लोगों की अलग-अलग राय सामने आई है। मंदिर की व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने के बाद शासन को भी रिपोर्ट भेजी जाएगी। सेवाराम ने कहा- परदादा की दंगे में हुई थी हत्या सेवा राम के मुताबिक उनके परदादा भीमसेन ही मंदिर की देखभाल और पूजा पाठ भी करते थे। लेकिन 1980 के दंगे में दूसरे समुदाय के लोगों की भीड़ ने भीमसेन की हत्या कर दी। उनकी लाश भी नहीं मिली। बताया जाता है कि उन्मादी भीड़ ने पुजारी भीमसेन की हत्या करने के बाद उनकी लाश को आग में झोंक दिया था। इस घटना के बाद भीमसेन का बाकी बचा परिवार लाइनपार इलाके में आकर बस गया था। इसके बाद से मंदिर भी बंद हो गया। धीरे-धीरे मंदिर की मूर्तियां भी गायब हो गईं। सेवाराम ने डीएम से शिकायत की है कि जब भी वो इस मंदिर को खोलने जाते हैं तो दूसरे समुदाय के लोग मंदिर के कपाट नहीं खोलने देते। कपाट खोलने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी जाती है। ……….. ये भी पढ़ें : बरसाना में पैर रखने की जगह नहीं: हनुमानगढ़ी हाउस फुल; विश्वनाथ मंदिर में 1km लाइन; श्रद्धालु बोले- धक्के खा रहे 2024 के आखिरी दिनों में यूपी के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई है। काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए 1 किलोमीटर लंबी लाइन लगी है। मथुरा के बरसाना में राधा-रानी के दर्शन के लिए भी जबरदस्त भीड़ उमड़ी है। गलियां फुल हैं। अयोध्या में रामलला का आशीर्वाद लेने के लिए डेढ़ लाख श्रद्धालु पहुंचे हैं। हनुमानगढ़ी में ऐसी भीड़ है कि 3-4 घंटे लाइन में लगने के बाद श्रद्धालु दर्शन कर पा रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर… संभल, काशी, कानपुर के बाद अब मुरादाबाद में 44 साल से बंद गौरीशंकर मंदिर खुलवाया है। सोमवार को प्रशासन ने खुदाई कराई तो शिवलिंग, नंदी और हनुमानजी की प्रतिमाएं मिलीं। प्रतिमाएं खंडित हैं। बातचीत में सामने आया कि 1980 के दंगे में इस मंदिर के पुजारी की हत्या कर दी गई थी। तभी प्रतिमाओं को भीड़ ने खंडित कर दिया था। इसके बाद से मंदिर बंद कर दिया गया। पुजारी के पोते ने 7 दिन पहले मुरादाबाद DM अनुज सिंह के कार्यालय में एप्लिकेशन दी थी कि मंदिर को दोबारा खोला जाना चाहिए। पुलिस-प्रशासन की टीम ने 3 दिन पहले नागफनी एरिया में झब्बू का नाला मोहल्ला में पहुंची। यहीं पर मंदिर है। स्पॉट पर देखा गया कि मंदिर के गर्भ गृह को दंगे के बाद दीवार बनाकर बंद किया गया। सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच इन दीवारों को तोड़ा गया। इसके बाद मंदिर का स्वरूप दिखने लगा। अब मंदिर की 2 तस्वीर देखिए… झब्बू का नाला एरिया मुस्लिम बहुल है। सुबह प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे तो करीब 11 बजे आसपास के लोग भी जुट गए। इसके बाद मिट्टी खोदकर बाहर निकाली जाने लगी। दोपहर करीब 12 बजे यहां उप जिलाधिकारी सदर राम मोहन मीना, नगर निगम के सहायक अभियंता रईस अहमद, 2 थाने का फोर्स पहुंच गए। DM अनुज भी मंदिर पर आ गए। करीब 1.30 बजे मंदिर की दीवार पर हनुमान की प्रतिमा दिखने लगी। जमीन पर शिवलिंग का स्थान बना हुआ है। मगर शिवलिंग गायब है। पास में नंदी बैठे हैं। दीवार पर कुछ और भी प्रतिमाएं उभरी हैं, मगर वह खंडित हैं। अब यहां प्रतिमाओं को सुरक्षित करके उनकी पूजा की व्यवस्था की जाएगी। इस मंदिर को खोलने के लिए पिछले दिनों लोगों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन भी किया। इसके बाद DM अनुज ने मंदिर को लेकर उप जिलाधिकारी राम मोहन मीना से रिपोर्ट मांगी थी। उपजिलाधिकारी ने 27 दिसंबर को मंदिर से जुड़े लोगों से जानकारी जुटाई। पाया गया कि मोहिनी नाम की किन्नर मंदिर की सफाई करती थी। कुछ दीवार अवैध रूप से बनाए जाने की बात सामने आई। जिससे मंदिर तक आना मुश्किल हो गया। इसके बाद ही दीवार को तुड़वा दिया गया है। अब प्रतिमाओं की सफाई का काम चल रहा है। मौके पर भारी पुलिस बल भी मौजूद है। उपजिलाधिकारी ने बताया कि ये मूर्तियां कितनी पुरानी हैं, ये अभी स्पष्ट नहीं है। लोगों की अलग-अलग राय सामने आई है। मंदिर की व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने के बाद शासन को भी रिपोर्ट भेजी जाएगी। सेवाराम ने कहा- परदादा की दंगे में हुई थी हत्या सेवा राम के मुताबिक उनके परदादा भीमसेन ही मंदिर की देखभाल और पूजा पाठ भी करते थे। लेकिन 1980 के दंगे में दूसरे समुदाय के लोगों की भीड़ ने भीमसेन की हत्या कर दी। उनकी लाश भी नहीं मिली। बताया जाता है कि उन्मादी भीड़ ने पुजारी भीमसेन की हत्या करने के बाद उनकी लाश को आग में झोंक दिया था। इस घटना के बाद भीमसेन का बाकी बचा परिवार लाइनपार इलाके में आकर बस गया था। इसके बाद से मंदिर भी बंद हो गया। धीरे-धीरे मंदिर की मूर्तियां भी गायब हो गईं। सेवाराम ने डीएम से शिकायत की है कि जब भी वो इस मंदिर को खोलने जाते हैं तो दूसरे समुदाय के लोग मंदिर के कपाट नहीं खोलने देते। कपाट खोलने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी जाती है। ……….. ये भी पढ़ें : बरसाना में पैर रखने की जगह नहीं: हनुमानगढ़ी हाउस फुल; 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हरियाणा चुनाव तारीख़ बदलने पर फ़ैसला नहीं:आयोग का BJP को झटका; पहले कांग्रेस समेत बाकी दलों से भी चर्चा होगी
हरियाणा चुनाव तारीख़ बदलने पर फ़ैसला नहीं:आयोग का BJP को झटका; पहले कांग्रेस समेत बाकी दलों से भी चर्चा होगी हरियाणा विधानसभा चुनाव की तिथि में बदलाव की मांग ने जोर पकड़ लिया है, लेकिन चुनाव आयोग इस पर कोई भी अंतिम फैसला लेने से पहले राज्य के अन्य दलों से भी राय लेने की तैयारी कर रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही वह इस मुद्दे पर अन्य राजनीतिक दलों से भी चर्चा करेगा। विधानसभा चुनाव की तिथि में बदलाव की इस मांग ने उस समय जोर पकड़ लिया, जब भाजपा ने मतदान की तिथि से पहले और बाद में छुट्टियों का हवाला देते हुए चुनाव आयोग के समक्ष बदलाव की मांग रखी। भाजपा का तर्क था कि लंबी छुट्टियों के कारण लोग घूमने जा सकते हैं। ऐसे में मतदान प्रतिशत कम हो सकता है। इनेलो ने भी इसका समर्थन किया। आयोग सभी दलों की सहमति होने पर ही कार्यक्रम में बदलाव पर आगे बढ़ेगा। सूत्रों की मानें तो आयोग भी इन दलों से सहमत है, लेकिन वह इस मुद्दे पर राज्य के अन्य दलों की राय भी जानना चाहता है। अगर सभी दल इस पर सहमत होते हैं, तो बदलाव किया जा सकता है। जहां तक कम मतदान का सवाल है, तो इसका असर सभी दलों पर पड़ेगा। भाजपा, इनेलो और बिश्नोई महासभा की तारीख बदलने की मांग 1. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली
25 अक्टूबर को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने चुनाव आयोग को लेटर भेजा था। जिसमें उन्होंने लिखा कि 28 और 29 सितंबर को शनिवार-रविवार है। 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी, जबकि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती की छुट्टी है। इतनी लंबी छुट्टियों में वोटर बाहर घूमने निकल जाएंगे। इससे वोटिंग कम हो सकती है। बड़ौली ने लेटर में यह भी बताया कि 2 अक्टूबर को राजस्थान में मुकाम धाम में आसोज का मेला शुरू होगा। यह बिश्नोई समाज का बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है। इस मेले में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली से लोग पहुंचते हैं। हरियाणा में बिश्नोई समाज की जनसंख्या अधिक है। इसका असर भी वोटिंग पर हो सकता है। 2. INLD के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला
इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर 1 अक्टूबर को होने वाले मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने की BJP की मांग का समर्थन किया। उन्होंने लेटर में लिखा कि लोग आमतौर पर वीकेंड पर छुट्टियों पर जाते हैं, इसलिए यह निश्चित रूप से मतदान को प्रभावित करेगा। मत प्रतिशत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और मतदान प्रतिशत में 15 से 20 प्रतिशत की कमी होने की संभावना है। इसके अलावा चुनाव के लिए कर्मचारियों के प्रशिक्षण के साथ-साथ चुनाव की तैयारी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। हरियाणा में मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने और मतदान प्रतिशत को अधिकतम करने के लिए मतदान की तारीख/दिन को एक या दो सप्ताह तक आगे बढ़ाया जाए। 3. अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा ने भी मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनाव की तारीख बदलने के लिए लेटर लिखा। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया ने कहा कि एक अक्टूबर को राजस्थान के बीकानेर में बड़े मेले का आयोजन होगा। इसमें बिश्नोई समाज के काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में चुनाव की डेट बदली जाए। राजस्थान के बीकानेर में मुकाम धाम स्थित है, जहां आसोज अमावस्या पर मेला लगता है। इस बार आसोज अमावस्या एक अक्टूबर को रात 9.39 बजे शुरू होगी और 3 अक्टूबर को 12:18 बजे समाप्त होगी। चुनाव की तारीख बदलने के विरोध में कांग्रेस-जेजेपी 1. हरियाणा कांग्रेस बोली- BJP को हार का डर
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हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और JJP नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि प्रदेश में समय से पहले मतदान की घोषणा होने से भाजपा बुरी तरह से घबरा गई है और इसी के चलते बीजेपी मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग के दरबार में पहुंची। भाजपा को इस चुनाव में हार का डर स्पष्ट सता रहा है, क्योंकि अब भाजपा का जनाधार प्रदेश में गिर चुका है और इसके चलते वह 20 सीट भी नहीं जीत पा रही। उन्होंने कहा कि हमें नहीं लगता कि मतदान की तारीख घोषित करने के बाद बीजेपी के इस पत्र पर आयोग विचार करेगा। बिश्नोई समाज का 11 विधानसभा क्षेत्रों में असर
बिश्नोई समाज की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक भिवानी, हिसार, सिरसा और फतेहाबाद जिलों में बिश्नोई बाहुल्य गांव हैं। इनका असर करीब 11 विधानसभा क्षेत्रों में है। जिनमें करीब डेढ़ लाख वोट हैं। इसमें आदमपुर, उकलाना, नलवा, हिसार, बरवाला, फतेहाबाद, टोहाना, सिरसा, डबवाली, ऐलनाबाद, लोहारू विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
‘चकबंदी अधिकारी कर रहा सेक्शुअल हैरेसमेंट’:महिला लेखपाल बोली- घूरते रहते हैं, बिना किसी काम पास आते हैं; आयुक्त ने जांच के आदेश दिए
‘चकबंदी अधिकारी कर रहा सेक्शुअल हैरेसमेंट’:महिला लेखपाल बोली- घूरते रहते हैं, बिना किसी काम पास आते हैं; आयुक्त ने जांच के आदेश दिए चकबंदी विभाग में एक सीओ पर साथ काम करने वाली महिला ने सेक्शुअल हैरसमेंट का आरोप लगाया है। पीड़ित महिला ने उत्तर प्रदेश चकबंदी आयुक्त को लिखित रूप में शिकायत भी की है। पीड़िता ने इस मामले की जानकारी अपने संघ के पदाधिकारियों को भी दी है। बाराबंकी जिले के भदरास में तैनात चकबंदी लेखपाल श्वेता मिश्रा ने सहायक चकबंदी अधिकारी प्रदीप कुमार चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने चकबंदी और राहत आयुक्त से मिलकर प्रदीप कुमार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। मामले में आयुक्त ने बाराबंकी डीएम को जांच के आदेश दिए हैं। श्वेता मिश्रा ने ने बताया कि प्रदीप कुमार चौधरी लगातार शोषण कर रहे हैं। बिना किसी काम के बार-बार उनके पास आते हैं। वाशरूम जाने पर अन्य कर्मचारियों से उनके बारे में पूछताछ करते हैं। अनर्गल बातें करते हैं और कार्यस्थल पर उन्हें हमेशा घूरते रहते हैं। पहले भी की थी शिकायत
पीड़िता ने पहले भी मौखिक रूप से शिकायत तत्कालीन अपर निदेशक चकबंदी तरुण कुमार मिश्र से की थी। इसके बाद उनका ट्रांसफर चकबंदी निदेशालय में कर दिया गया। हालांकि ट्रांसफर कैंसिल होने के बाद उन्हें उसी सर्किल में तैनात कर दिया गया, जहां आरोपी प्रदीप चौधरी कार्यरत हैं। श्वेता ने आयुक्त से अनुरोध किया है कि उनकी रक्षा करते हुए प्रदीप कुमार चौधरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्हें उनके प्रभाव क्षेत्र से दूर किया जाए। श्वेता ने अपनी नारी अस्मिता और सम्मान की रक्षा की अपील की है। धमकी देने का भी लगाया आरोप
श्वेता मिश्रा ने कहा कि प्रदीप चौधरी धमकाते रहते हैं। प्रदीप कहते हैं कि तुम चाहे जहां शिकायत कर लो मैं किसी डीएम या कमिश्नर से नहीं डरता। इन धमकियों और उत्पीड़न के कारण मैं मानसिक रूप से परेशान हूं। इससे उनके कार्य पर भी गलत प्रभाव पड़ रहा है। चकबंदी कर्मचारी संघ को दी जानकारी
श्वेता मिश्रा ने इस मामले की जानकारी चकबंदी निदेशालय मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ के महामंत्री अरशद अब्बासी और अध्यक्ष राजकुमार सिंह को भी दी। उन्होंने चकबंदी निदेशालय ने सहायक चकबंदी अधिकारी (ACO) प्रदीप कुमार चौधरी के खिलाफ गंभीर आरोपों को लेकर सख्त कदम उठाने की मांग की है। संघ ने आयुक्त से सख्त कार्रवाई की मांग की मामले को गंभीरता से लेते हुए चकबंदी निदेशालय मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजकुमार सिंह और महामंत्री अरशद अब्बासी ने गुरुवार को आयुक्त भानु गोस्वामी से मुलाकात की। राजकुमार सिंह ने कहा कि श्वेता मिश्रा की शिकायत उनके साहस को दर्शाती है। यह घटना कुत्सित मानसिकता का परिचायक है और अधीनस्थ महिला कर्मचारियों के प्रति ऐसा रवैया अक्षम्य अपराध की श्रेणी में आता है। श्वेता के साहस की हम सराहना करते हैं कि उन्होंने बिना डरे आगे आकर लिखित शिकायत दी। पूरा संगठन उनके साथ खड़ा रहेगा। आयुक्त ने डीएम बाराबंकी को जांच का निर्देश दिया महिला की शिकायत के बाद राहत आयुक्त भानु गोस्वामी ने बाराबंकी के जिलाधिकारी से तुरन्त बात की। उन्होंने इस मामले में जांच के बाद सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। आयुक्त ने कहा कि इस तरह के लोगों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। निष्पक्ष जांच कर संबंधित आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आरोप को निराधार बताया आरोपी प्रदीप कुमार चौधरी ने आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि श्वेता की लापरवाही की वजह से उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। अपनी जवाबदेही से बचने के लिए वो गलत आरोप लगा रही हैं। उन्होंने कहा आयुक्त ने डीएम से बात कर जांच कमेटी बनाई है। जो जांच के बाद सामने आ जाएगा।