हरियाणा में करनाल के नीलोखेड़ी की महात्मा गांधी कॉलोनी में एक पुरानी रंजिश के कारण दो परिवारों के बीच हिंसक झगड़ा हो गया। मामला तब भड़क गया जब कल शाम करीब 5 बजे पड़ोसी अमित उर्फ बंटू ने धमकी दी कि वह पड़ोसी परिवार को गोली मारकर खत्म कर देगा। इसी दौरान शोर सुनकर घर के सदस्य बाहर आए और विवाद इतना बढ़ा कि चाकू, गंडासी और सरिये से हमला कर दिया गया। इस हमले में दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पीड़ित परिवार ने मामले की शिकायत पुलिस को की। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बचाने आए तो चाकुओं से हमला कर दिया पीड़ित रीना देवी ने बताया कि कुछ महीने पहले उनके बेटे मुकेश और पड़ोसी रोहताश की बेटी राधा के बीच विवाद हुआ था, जिसमें दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया था। इसी रंजिश के कारण उनके पड़ोसी अमित, दिलबाग, सैन्टी, रोहताश, दिनदयाल, ममता और गोरखी ने मिलकर कल शाम को उनके परिवार पर हमला किया। रीना देवी के पति सुरेश और ससुर श्यामलाल पर चाकुओं से वार किया गया। कमर और सिर पर वार, बचाने आए परिजनों को भी पीटा रीना ने आगे शिकायत में बताया कि अमित ने सुरेश की कमर पर चाकू से हमला किया, जबकि दिलबाग ने श्यामलाल के सिर, पेट और मुंह पर चाकुओं से वार किया। सैन्टी के पास छोटी गंडासी थी, जबकि दिनदयाल सरिया लेकर आया था। गिरने के बाद भी आरोपियों ने हमला करना जारी रखा। ममता, किरणा और गोरखी ने भी लाठी-डंडों से पीटा। इसके बाद आरोपी घर में घुस गए और ईंट-पत्थर बरसाए। वे मुकेश को ढूंढ रहे थे। प्राइवेट गाड़ी से पहुंचाया अस्पताल, गंभीर हालत में रेफर हमले के बाद परिजन शोर मचाने लगे, जिसे सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। गंभीर हालत में सुरेश और श्यामलाल को सरकारी अस्पताल निलोखेड़ी लाया गया, जहां से उन्हें कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज, करनाल रेफर किया गया। सुरेश को बाद में PGI रोहतक भेजा गया, जबकि श्यामलाल करनाल में उपचाराधीन हैं। डॉक्टर ने बताया ‘अनफिट’, बयान नहीं दर्ज हो सके घायल श्यामलाल और सुरेश के बयान लेने के लिए पुलिस अस्पताल पहुंची, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें बयान देने के लिए ‘अनफिट’ घोषित कर दिया। सुरेश की एमएलआर में एक गंभीर चोट दर्ज की गई है, जिसके लिए सर्जरी की जरूरत बताई गई है। श्यामलाल की एमएलआर में कुल 8 चोटों का जिक्र है, जिनमें तेज और कुंद हथियारों से लगी चोटें शामिल हैं। पुलिस ने किया मामला दर्ज, आरोपी फरार बुटाना थाना के जांच अधिकारी संदीप ने बताया कि पुलिस ने रीना देवी के बयान और एमएलआर के आधार पर अमित उर्फ बंटू, दिलबाग, सैन्टी, रोहताश, दिनदयाल, ममता, किरणा और गोरखी के खिलाफ धारा 191(3), 190, 115(2), 118(1), 109(1), 333, 351(3) BNS के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है, लेकिन सभी फरार हैं। मामले की जांच जारी है। हरियाणा में करनाल के नीलोखेड़ी की महात्मा गांधी कॉलोनी में एक पुरानी रंजिश के कारण दो परिवारों के बीच हिंसक झगड़ा हो गया। मामला तब भड़क गया जब कल शाम करीब 5 बजे पड़ोसी अमित उर्फ बंटू ने धमकी दी कि वह पड़ोसी परिवार को गोली मारकर खत्म कर देगा। इसी दौरान शोर सुनकर घर के सदस्य बाहर आए और विवाद इतना बढ़ा कि चाकू, गंडासी और सरिये से हमला कर दिया गया। इस हमले में दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पीड़ित परिवार ने मामले की शिकायत पुलिस को की। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बचाने आए तो चाकुओं से हमला कर दिया पीड़ित रीना देवी ने बताया कि कुछ महीने पहले उनके बेटे मुकेश और पड़ोसी रोहताश की बेटी राधा के बीच विवाद हुआ था, जिसमें दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया था। इसी रंजिश के कारण उनके पड़ोसी अमित, दिलबाग, सैन्टी, रोहताश, दिनदयाल, ममता और गोरखी ने मिलकर कल शाम को उनके परिवार पर हमला किया। रीना देवी के पति सुरेश और ससुर श्यामलाल पर चाकुओं से वार किया गया। कमर और सिर पर वार, बचाने आए परिजनों को भी पीटा रीना ने आगे शिकायत में बताया कि अमित ने सुरेश की कमर पर चाकू से हमला किया, जबकि दिलबाग ने श्यामलाल के सिर, पेट और मुंह पर चाकुओं से वार किया। सैन्टी के पास छोटी गंडासी थी, जबकि दिनदयाल सरिया लेकर आया था। गिरने के बाद भी आरोपियों ने हमला करना जारी रखा। ममता, किरणा और गोरखी ने भी लाठी-डंडों से पीटा। इसके बाद आरोपी घर में घुस गए और ईंट-पत्थर बरसाए। वे मुकेश को ढूंढ रहे थे। प्राइवेट गाड़ी से पहुंचाया अस्पताल, गंभीर हालत में रेफर हमले के बाद परिजन शोर मचाने लगे, जिसे सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। गंभीर हालत में सुरेश और श्यामलाल को सरकारी अस्पताल निलोखेड़ी लाया गया, जहां से उन्हें कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज, करनाल रेफर किया गया। सुरेश को बाद में PGI रोहतक भेजा गया, जबकि श्यामलाल करनाल में उपचाराधीन हैं। डॉक्टर ने बताया ‘अनफिट’, बयान नहीं दर्ज हो सके घायल श्यामलाल और सुरेश के बयान लेने के लिए पुलिस अस्पताल पहुंची, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें बयान देने के लिए ‘अनफिट’ घोषित कर दिया। सुरेश की एमएलआर में एक गंभीर चोट दर्ज की गई है, जिसके लिए सर्जरी की जरूरत बताई गई है। श्यामलाल की एमएलआर में कुल 8 चोटों का जिक्र है, जिनमें तेज और कुंद हथियारों से लगी चोटें शामिल हैं। पुलिस ने किया मामला दर्ज, आरोपी फरार बुटाना थाना के जांच अधिकारी संदीप ने बताया कि पुलिस ने रीना देवी के बयान और एमएलआर के आधार पर अमित उर्फ बंटू, दिलबाग, सैन्टी, रोहताश, दिनदयाल, ममता, किरणा और गोरखी के खिलाफ धारा 191(3), 190, 115(2), 118(1), 109(1), 333, 351(3) BNS के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है, लेकिन सभी फरार हैं। मामले की जांच जारी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा में आचार संहिता लागू:भर्तियों का क्या होगा, क्या मंत्री सरकारी गाड़ी इस्तेमाल कर सकेंगे, ऐसे 11 महत्वपूर्ण सवालों के जवाब पढ़िए
हरियाणा में आचार संहिता लागू:भर्तियों का क्या होगा, क्या मंत्री सरकारी गाड़ी इस्तेमाल कर सकेंगे, ऐसे 11 महत्वपूर्ण सवालों के जवाब पढ़िए हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। इसी के साथ इन राज्यों में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई। मुख्य सचिव ने इसकी आधिकारिक घोषणा भी कर दी गई है। इस दौरान ज्यादातर सरकारी कामों पर अस्थाई रोक लगी रहेगी। ये वो काम होते हैं, जिनसे सरकार को फायदा होने का अंदेशा होता है। हरियाणा में राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के लिए इस चुनाव में 17 अगस्त से 29 सितंबर तक कुल 44 दिन मिलेंगे। 2019 में 21 सितंबर को आचार संहिता लागू हुई थी। पिछली बार 2019 में 21 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी। इस हिसाब से 2019 में उम्मीदवारों को प्रचार के लिए एक महीना मिला था, लेकिन इस बार अगस्त में आचार संहिता लगी है और अक्टूबर में वोटिंग होने के कारण डेढ़ महीने का समय मिल रहा है। ऐसे में आम लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। मसलन- हरियाणा में सरकारी भर्तियां क्या होती रहेंगी, अगर कोई सड़क आधी बनी है तो क्या काम रुक जाएगा, क्या ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जैसे डॉक्यूमेंट बनने भी बंद हो जाएंगे?। सबसे पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव का शेड्यूल जानिए… आचार संहिता से जुड़े 11 सवाल और उनके जवाब… सवाल 1 : आज से राज्य में लागू हुई आदर्श आचार संहिता होती क्या है?
जवाब : स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम बनाए हैं, जिसे आचार संहिता कहते हैं। चुनाव के समय राजनीतिक दलों और सभी प्रत्याशियों को इसका पालन करना होता है। आचार संहिता के तहत बताया जाता है कि राजनीतिक दलों और कैंडिडेट को चुनाव के दौरान क्या करना है और क्या नहीं करना है। आचार संहिता की सबसे खास बात ये है कि ये नियम किसी कानून के जरिए नहीं बल्कि राजनीतिक पार्टियों की आपसी सहमति से बनाए गए हैं। आदर्श आचार संहिता की वजह से चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों और सत्ताधारी दलों के कामकाज और उनके व्यवहार पर नजर रखना संभव होता है। सवाल 2: विधानसभा चुनाव में आचार संहिता कब से कब तक लागू रहेगी?
जवाब : चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो जाती है। ये आचार संहिता इलेक्शन की पूरी प्रक्रिया खत्म होने तक जारी रहती है। विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान 16 अगस्त को किया गया। इसी दिन से आचार संहिता लागू हो गई। चुनाव प्रक्रिया पूरी होते ही आचार संहिता खत्म हो जाती है। सवाल 3: आचार संहिता के दौरान कौन से काम रुक जाते हैं और कौन से चालू रहते हैं?
जवाब : आदर्श आचार संहिता की वजह से इन कामों पर रोक लग जाती है… सवाल 4: हरियाणा में 50 हजार से ज्यादा सरकारी पदों पर जारी भर्तियों और अन्य स्कीम और कामों का क्या होगा, जिसकी घोषणा सरकार कर चुकी है?
जवाब : हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने 50 हजार भर्तियों का वादा किया है। इनमें से 34 हजार पदों पर भर्ती हो गई है। बाकी पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया जारी है। जो भर्ती प्रक्रिया चल रही है, उस पर कोई रोक नहीं लगेगी, लेकिन मुख्यमंत्री या कोई मंत्री नियुक्ति पत्र अपने हाथों से नहीं दे पाएंगे। आचार संहिता लागू होने के बाद नई भर्तियों निकलती है तो यह चुनाव आयोग को देखना पड़ेगा कि भर्ती अभी क्यों निकाली जा रही है। इस भर्ती के देरी से निकलने की क्या वजहें हैं। अगर इसका उचित जवाब नहीं मिलता है तो यह माना जाएगा कि जान बूझकर देरी की गई है। सवाल 5: आचार संहिता लागू होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस, आवासीय और कास्ट सर्टिफिकेट बनाना संभव है या नहीं?
जवाब : हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी पंकज अग्रवाल का कहना है कि चुनाव आचार संहिता के नाम पर जरूरी काम नहीं रोके जा सकते हैं। पहले चल रहे विकास कार्यों को भी बंद नहीं किया जा सकता है। राशन कार्ड में संशोधन, ड्राइविंग लाइसेंस आदि बनाए जाते रहेंगे। जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र बनाने और जमीनों की रजिस्ट्री जैसे काम करने पर कोई रोक नहीं लगती है। सवाल 6: आचार संहिता लागू होने के बाद सड़क बनाने या ठीक करवाने की इजाजत होती है या नहीं?
जवाब : चुनाव आयोग के मुताबिक विधायक, मंत्री या कैंडिडेट आचार संहिता लागू होने के बाद कोई आर्थिक सहायता या उससे संबंधित कोई वादा नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा आचार संहिता लागू होने के बाद किसी परियोजना अथवा योजना का शिलान्यास नहीं किया जा सकता है। सड़क बनवाने, पीने के पानी को लेकर काम शुरू करवाना तो दूर, वादा तक नहीं कर सकते हैं। जो काम पहले से चल रहा है वो आचार संहिता की वजह से बाधित नहीं होगा। सवाल 7: आचार संहिता लागू होने के बाद अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग कैसे होती है?
जवाब : आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी की ट्रांसफर पोस्टिंग सरकार नहीं कर सकती है। ट्रांसफर कराना बेहद जरूरी हो गया हो तब भी सरकार बिना चुनाव आयोग की सहमति के ये फैसला नहीं ले सकती है। इस दौरान राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त जरूरत के हिसाब से अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग कर सकते हैं। सवाल 9: क्या आचार संहिता लागू होने पर कोई मंत्री सरकारी खर्चे पर इलेक्शन रैली कर सकते हैं?
जवाबः आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी खर्च पर मंत्री इलेक्शन रैली नहीं कर सकते हैं। इस दौरान मंत्री सरकारी वाहनों का इस्तेमाल भी सिर्फ अपने निवास से ऑफिस तक जाने के लिए कर सकते हैं। चुनावी रैलियों और यात्राओं के लिए इनका इस्तेमाल नहीं हो सकता। सवाल 10: क्या आचार संहिता के दौरान मंत्री अपने आधिकारिक दौरे के समय चुनाव प्रचार कर सकते हैं?
जवाब : नहीं, आचार संहिता लागू होने के बाद मंत्री अपने आधिकारिक दौरे के समय चुनाव प्रचार नहीं कर सकते हैं। यहां तक की चुनाव प्रचार के लिए सरकारी गाड़ियों, विमानों या किसी दूसरे सुविधाओं का भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। सवाल 11 : क्या शराब के ठेकों, तेंदू की पत्तियों के टेंडर की नीलामी की जा सकती है?
जवाब : नहीं, इस तरह के किसी टेंडर की नीलामी नहीं की जा सकती है। सरकार जरूरी होने पर आचार संहिता से पहले ही कोई तत्कालीन व्यवस्था कर सकती है। इसके अलावा नगर निगम, नगर पंचायत, नगर क्षेत्र समिति राजस्व संग्रहण का काम जारी रख सकती है।
हरियाणा के CM का कांग्रेस पर हमला:नायब सैनी बोले- कांग्रेसी नेता महसूस कर रहे घुटन, हुड्डा ने नेताओं को किया खत्म
हरियाणा के CM का कांग्रेस पर हमला:नायब सैनी बोले- कांग्रेसी नेता महसूस कर रहे घुटन, हुड्डा ने नेताओं को किया खत्म हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोला और कहा कि कांग्रेस पार्टी के भीतर बड़े नेता घुटन महसूस कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं को खत्म करने की साजिश रच रहे हैं, जिस कारण पार्टी के प्रमुख नेता तंग आकर पार्टी छोड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री सैनी ने कांग्रेस पार्टी के मौजूदा हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिस तरह राहुल गांधी को राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च करने की कोशिश की जा रही है, उसी तरह हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने बेटे को राजनीतिक मंच पर उतारने में जुटे हैं। पार्टी में वंशवाद की राजनीति के चलते असल में काम करने वाले नेताओं को दरकिनार किया जा रहा है। उन्होंने किरण चौधरी का उदाहरण देते हुए कहा कि बंसीलाल परिवार की किरण चौधरी, जिन्होंने हरियाणा में काफी योगदान दिया है। उन्हें भी पार्टी में उचित सम्मान नहीं मिल रहा था। इसलिए उन्होंने मजबूरन कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि किरण चौधरी जैसी समर्पित नेता का पार्टी से जाना कांग्रेस के अंदरूनी हालत को बयां करता है। अभय चौटाला ने सबसे पहले विपक्ष को एकजुट होने की बात कही थी
सीएम नायब सैनी ने कहा कि इनेलो नेता अभय चौटाला ने सबसे पहले विपक्ष को एक मंच पर लाने की पहल की थी। इसी के परिणामस्वरूप सभी नेता एकजुट हो गए और कांग्रेस के पक्ष में वोट डलवाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक गरीब के बेटे को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी, लेकिन कुछ लोगों ने इस गरीब के बेटे को हराने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए बड़ी चुनौती थी, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार किया और जनता की सेवा में लगे रहे। नीरज चौपड़ा को दी बधाई
सीएम नायब सैनी ने नीरज चोपड़ा को टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि नीरज चोपड़ा ने पूरे देश का नाम रोशन किया है। उनकी इस उपलब्धि पर हर भारतीय गर्व महसूस कर रहा है। मुख्यमंत्री ने नीरज चोपड़ा की कड़ी मेहनत और समर्पण की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी इस सफलता से युवाओं को प्रेरणा मिलेगी और खेलों में आगे बढ़ने का हौसला मिलेगा।
करनाल में ड्राइवर के अपहरणकर्ताओं का ट्रैक रिकॉर्ड आया सामने:तीनों क्रिमिनल बैकग्राउंड के अपराधी, आरोपी पुलिसकर्मी पर भी दहेज प्रताड़ाना के आरोप
करनाल में ड्राइवर के अपहरणकर्ताओं का ट्रैक रिकॉर्ड आया सामने:तीनों क्रिमिनल बैकग्राउंड के अपराधी, आरोपी पुलिसकर्मी पर भी दहेज प्रताड़ाना के आरोप हरियाणा में करनाल के गांव नरूखेड़ी के संदीप नरवाल का अपहरण करने वाले तीनों बदमाशों की ट्रेक रिकॉर्ड भी सामने आया है। तीनों ही बदमाश क्रिमिनल बैकग्राउंड के है। हरियाणा पुलिस में हवलदार आरोपी नरेंद्र की भाभी ने उसके दहेज प्रताड़ना के आरोप लगाए हुए है और मामला भी दर्ज करवाया हुआ। वहीं आरोपी सुरेंद्र लूट और डकैती के केसों में पीओ घोषित है। अक्षय लड़ाई झगड़ों के मामलों में लिप्त है। पुलिस ने तीनों आरोपियों को तीन दिन के रिमांड पर लिया हुआ है, लेकिन पहले दिन के रिमांड में ऐसा कुछ सामने नहीं आया है कि इन बदमाशों का संबंध किसी बड़े गैंग से हो। अब पुलिस बरामद हुए हथियारों का सोर्स जाने के लिए पूछताछ में जुटी है। आरोपियों को कल तीन दिन के रिमांड के बाद अदालत में पेश किया जाएगा। कार में अपहरण और फिरौती की मांग गौरतलब है कि शनिवार को गांव नरूखेड़ी में दिनदहाड़े तीन बदमाशों ने बस चालक संदीप नरवाल को कार में खींचकर अगवा कर लिया। संदीप इस समय अवकाश पर था। बदमाशों ने अपहरण के बाद संदीप के मोबाइल से उसके पिता को वीडियो कॉल कर दो करोड़ रुपये की फिरौती मांगी। बातचीत में बाद में रकम घटाकर 80 लाख रुपए कर दी गई। करनाल पुलिस को सूचना मिलते ही बदमाशों का पीछा शुरू किया गया। नौ घंटे के अंदर गोहाना के पास बिचपड़ी गांव में बदमाशों की कार पलट गई, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और अगले दिन कोर्ट में पेश कर तीन दिन के रिमांड पर लिया था। सुरेंद्र लूट का आरोपी, हवलदार पर दहेज प्रताड़ना का केस सीआईए-2 के इंचार्ज इंस्पेक्टर प्रवीण शर्मा के मुताबिक, मुख्य आरोपी सुरेंद्र सोनीपत के हलालपुर गांव का रहने वाला है। उसके खिलाफ लूट, डकैती और आर्म्स एक्ट के छह मुकदमे दर्ज हैं। वह लूट के मामले में भगोड़ा था। दूसरा आरोपी अक्षय पर लड़ाई-झगड़े का मामला दर्ज है। तीसरा आरोपी नरेंद्र हरियाणा पुलिस का हवलदार है, जिस पर उसकी भाभी ने दहेज प्रताड़ना का मुकदमा किया हुआ है। कार अक्षय की थी, जिसका उपयोग वारदात में किया गया। किसी बड़े गैंग से नहीं जुड़े हैं आरोपी शुरूआती जांच में बदमाशों के किसी बड़े गैंग से जुड़े होने के सबूत नहीं मिले हैं। अपहरण के पीछे फिरौती वसूलने की साजिश का ही मकसद था। फिलहाल पुलिस उनसे हथियार सप्लाई और अन्य संदिग्ध संबंधों को लेकर पूछताछ कर रही है।