हिमाचल प्रदेश की स्टील इंडस्ट्री ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखकर बिजली शुल्क में राहत की मांग की है। स्टील इंडस्ट्री एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि उनका उद्योग राज्य को सालाना 1,000 करोड़ रुपए से अधिक का टैक्स देता है, लेकिन महंगी बिजली दरों से उद्योग की स्थिति खराब होती जा रही है। एसोसिएशन के अध्यक्ष मेघराज गर्ग और अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि पिछले 20 वर्षों से स्टील इंडस्ट्री राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। यह क्षेत्र हिमाचली और गैर-हिमाचली मिलाकर करीब 1 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है। उद्योग जीएसटी, एजीटी और अन्य करों के रूप में राज्य के खजाने में बड़ा योगदान दे रहा है। स्टील उद्योग के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे उद्योग के सामाजिक-आर्थिक योगदान को देखते हुए बिजली शुल्क में संशोधन करें। उनका कहना है कि यह निर्णय न केवल हजारों परिवारों का भविष्य सुरक्षित करेगा, बल्कि हिमाचल प्रदेश की छवि को एक निवेशक-अनुकूल राज्य के रूप में भी मजबूत करेगा। हिमाचल प्रदेश की स्टील इंडस्ट्री ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखकर बिजली शुल्क में राहत की मांग की है। स्टील इंडस्ट्री एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि उनका उद्योग राज्य को सालाना 1,000 करोड़ रुपए से अधिक का टैक्स देता है, लेकिन महंगी बिजली दरों से उद्योग की स्थिति खराब होती जा रही है। एसोसिएशन के अध्यक्ष मेघराज गर्ग और अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि पिछले 20 वर्षों से स्टील इंडस्ट्री राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। यह क्षेत्र हिमाचली और गैर-हिमाचली मिलाकर करीब 1 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है। उद्योग जीएसटी, एजीटी और अन्य करों के रूप में राज्य के खजाने में बड़ा योगदान दे रहा है। स्टील उद्योग के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे उद्योग के सामाजिक-आर्थिक योगदान को देखते हुए बिजली शुल्क में संशोधन करें। उनका कहना है कि यह निर्णय न केवल हजारों परिवारों का भविष्य सुरक्षित करेगा, बल्कि हिमाचल प्रदेश की छवि को एक निवेशक-अनुकूल राज्य के रूप में भी मजबूत करेगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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