अमृतसर| खिलचियां के गांव वडाला खुर्द में पंचायती चुनाव में हुए झगड़े की रंजिश में कांग्रेस के वर्करों ने घर के बाहर आकर आप वर्करों पर पिस्तौल और राइफल से ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी। जिसके बाद आप वर्कर ने अपने लाइसेंसी दौनाली से जवाबी हमले में गोलियां चलानी शुरू की तो आरोपी भाग गए। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और 12 खौल राइफल के बरामद हुए। यह घटना 15 जनवरी की शाम 6.45 बजे की है। पुलिस ने इस मामले में 4 हमलावरों को काबू कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान हरप्रीत कौर, जसरीत कौर निवासी वडाला खुर्द, मनबीर सिंह और महावीर निवासी तरनतारन के रूप में हुई है। जबकि जगजीत सिंह और तीन अज्ञात युवक इसमें शामिल हैं। पुलिस को दी शिकायत में जरनैल सिंह ने बताया कि वह अपने घर में मौजूद था। आरोपी उसके घर के बाहर आए और गाली देते हुए हथियार से गोलियां चलाने लगे। अपना और अपने परिवार का बचाव करते हुए अपने लाइसेंसी हथियार से जवाबी फायरिंग की। जिसके बाद आरोपी भाग गए। पुलिस ने बताया कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया हैं। अमृतसर| खिलचियां के गांव वडाला खुर्द में पंचायती चुनाव में हुए झगड़े की रंजिश में कांग्रेस के वर्करों ने घर के बाहर आकर आप वर्करों पर पिस्तौल और राइफल से ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी। जिसके बाद आप वर्कर ने अपने लाइसेंसी दौनाली से जवाबी हमले में गोलियां चलानी शुरू की तो आरोपी भाग गए। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और 12 खौल राइफल के बरामद हुए। यह घटना 15 जनवरी की शाम 6.45 बजे की है। पुलिस ने इस मामले में 4 हमलावरों को काबू कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान हरप्रीत कौर, जसरीत कौर निवासी वडाला खुर्द, मनबीर सिंह और महावीर निवासी तरनतारन के रूप में हुई है। जबकि जगजीत सिंह और तीन अज्ञात युवक इसमें शामिल हैं। पुलिस को दी शिकायत में जरनैल सिंह ने बताया कि वह अपने घर में मौजूद था। आरोपी उसके घर के बाहर आए और गाली देते हुए हथियार से गोलियां चलाने लगे। अपना और अपने परिवार का बचाव करते हुए अपने लाइसेंसी हथियार से जवाबी फायरिंग की। जिसके बाद आरोपी भाग गए। पुलिस ने बताया कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना पहुंचेंगे आज उत्तराखंड के सीएम:भाजपा कैंडिडेट बिट्टू के लिए वोट मांगे पुष्कर धामी, मीडिया से होंगे रुबरु
लुधियाना पहुंचेंगे आज उत्तराखंड के सीएम:भाजपा कैंडिडेट बिट्टू के लिए वोट मांगे पुष्कर धामी, मीडिया से होंगे रुबरु उत्तराखंड के CM मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज शाम लुधियाना पहुंच रहे हैं। वह भाजपा के प्रत्याशी सांसद रवनीत सिंह बिट्टू का पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे। मुख्यमंत्री धामी आज शाम करीब 5 बजे फिरोजपुर रोड स्थित एक निजी रेस्तरां प्रेस कॉन्फ्रेंस में करेंगे। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी भाजपा की उपलब्दियां गिनवाएंगे। धामी के आने से पहले कड़े सुरक्षा प्रबंध प्रशासन द्वारा किए गए है। धामी ने 23 मार्च 2022 को बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली थी। पढ़ें कौन है पुष्कर धामी
पुष्कर धामी 2002 से 2008 तक उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता युवा मोर्चा रह चुके हैं। इससे पहले विशेष कार्याधिकारी मुख्यमंत्री उत्तराखंड (2001-2002 ) में रहे है। पुष्कर सिंह धामी का जन्म जनपद पिथौरागढ़ की ग्राम सभा टुण्डी, तहसील डीडीहाट, उत्तराखंड में हुआ है। वह एक साधारण परिवार से आते हैं। उनकी शिक्षा सरकारी स्कूल में हुई है। पुष्कर धामी विधानसभा सीट खटीमा से (2012- 2017 ) और 2017 से 20022 तक विधायक रह चुके है। पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के सीएम हैं। राजनीतिक सफर
1994-1995 में विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ली।
2001 तत्कालीन मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के ओएसडी भी रहे।
2005 – भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष रहे।
2010-12 तक शहरी अनुश्रवण परिषद उपाध्यक्ष
2012- विधायक बने
2013 -भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष
2017- दूसरी बार विधायक बने
2022- उत्तराखंड के सीएम बने।
पंजाब में अकाली दल की कोर कमेटी भंग:अकाल तख्त में पेशी से पहले सुखबीर बादल का फैसला; बागियों को बाहर निकालने की तैयारी
पंजाब में अकाली दल की कोर कमेटी भंग:अकाल तख्त में पेशी से पहले सुखबीर बादल का फैसला; बागियों को बाहर निकालने की तैयारी पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने अचानक कोर कमेटी भंग कर दी है। इस बारे में अकाली दल के सोशल मीडिया अकाउंट से एक लाइन की पोस्ट डाली गई है। पिछले 2 विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद अकाली दल में बगावत हो रही है। इसके खिलाफ बागी गुट सिखों के सर्वोच्च तख्त श्री अकाल तख्त साहिब पर माफीनामा भी दे चुका है। जिसके बाद अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को पेश होने के लिए कहा है। सुखबीर बादल को प्रधान बनाए रखने का विरोध करने वालों में शामिल प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सुरजीत रखड़ा और सिकंदर सिंह मलूका कोर कमेटी के मेंबर थे। बागी गुट के चरणजीत बराड़ ने कहा कि सिर्फ कोर कमेटी ही क्यों भंग की गई। अगर पार्टी संगठन का नए सिरे से संगठन बनाना है तो फिर बागी विंग भंग क्यों नहीं किए गए। अकाली दल के प्रवक्ता एडवोकेट अर्शदीप सिंह कलेर ने कहा कि यह एक रूटीन प्रोसेस है। शिरोमणि अकाली दल (बादल) की पोस्ट… सीनियर नेताओं के साथ मीटिंग के बाद लिया फैसला
कोर कमेटी भंग होने के बाद अकाली दल के प्रवक्ता डॉक्टर दलजीत चीमा ने कहा कि वर्किंग कमेटी ने प्रधान सुखबीर बादल को पार्टी संगठन को नए सिरे से बनाने के अधिकार दे दिए हैं। इस संबंध में पार्टी प्रधान ने सीनियर नेताओं के साथ चंडीगढ़ में मीटिंग की। जिसके बाद कोर कमेटी भंग करने का फैसला लिया गया। इसे तुरंत दोबारा बना लिया जाएगा। इस दौरान पंजाब में होने वाले विधानसभा उपचुनावों पर भी चर्चा की गई। इस मीटिंग में हरजिंदर सिंह धामी, बलविंदर सिंह भूंदड़, महेश इंदर सिंह ग्रेवाल, दलजीत चीमा, परमजीत सरना, इकबाल सिंह झूंदा और हरचरण सिंह बैंस मौजूद रहे। लोकसभा चुनाव में एक सीट जीत पाई पार्टी
पंजाब में हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी ने भाजपा से गठबंधन तोड़कर 13 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा था, लेकिन बठिंडा सीट को छोड़कर पार्टी किसी भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई थी। बठिंडा से भी बादल परिवार की बहू हरसिमरत कौर चुनाव जीतीं थी। इसके बाद से ही पार्टी में बगावत शुरू हो गईथी। पार्टी नेताओं का साफ कहना था कि लोकसभा चुनाव में अकेले जाना गलती थी। अगर भाजपा के साथ चुनाव में जाते तो पार्टी को जीत मिल सकती थी। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में अकाली दल दो सीटें जीतने में कामयाब रहा था। हालांकि उस समय प्रदेश में सरकार कांग्रेस की थी। सुखबीर के करीबी चरणजीत सिंह के बागी तेवर
जैसे ही लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने चुनाव नतीजों की समीक्षा करने के लिए मीटिंग बुलाई थी तो उससे पहले अकाली दल के अंदर चल रही बगावत सामने आ गई थी। किसी समय में सुखबीर बादल के करीबियों में शामिल चरणजीत सिंह ने उनके प्रधान पद से इस्तीफे की मांग कर डाली थी। हालांकि उस समय सीनियर नेताओं का कहना था कि पार्टी के मंच पर उन्हें यह बात रखनी चाहिए। इसके बाद यह खाई बढ़ती चली गई। जालंधर उपचुनाव में फूट आई सामने
इसके बाद जालंधर वेस्ट के उपचुनाव की बारी थी। इस दौरान शिरोमणि अकाली दल ने उम्मीदवार के नाम की सिफारिश करने के लिए तीन मेंबरों की कमेटी गठित की है। कमेटी में बीबी जागीर कौर, जत्थेदार गुर प्रताप सिंह बडाला व डॉ. सुखविंदर सिंह सुखी शामिल थे। कमेटी को उपचुनाव के लिए सारी मुहिम की निगरानी की कमान दी गई। उनकी तरफ से सुरजीत कौर को उम्मीदवार ऐलान किया गया, लेकिन पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने इस फैसले को गलत बताया। साथ ही उक्त सीट पर बसपा के उम्मीदवार बिंदर लाखा को समर्थन दे दिया, लेकिन अकाली दल की उम्मीदवार चुनावी मैदान से नहीं हटी। उन्होंने अकाली दल के निशान पर चुनाव लड़ा। हालांकि पार्टी को इस चुनाव में करारी हार मिली। अगर बसपा और अकाली दल के दोनों उम्मीदवारों के मत मिला दिए जाएं तो यह दो हजार से अधिक नहीं थे। उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई थी। श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर माफीनामा सौंपा था
1 जुलाई को अकाली दल का बागी गुट अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा था। यहां उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के आगे पेश होकर माफीनामा दिया। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों पर माफी मांगी गई है। जिसमें डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई है। वहीं IPS अधिकारी सुमेध सैनी को DGP बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई है। इसके बाद अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को तलब किया था।