शामली में कग्गा गैंग के चार बदमाशों का एनकाउंटर करने वाले यूपी एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार बुधवार को शहीद हो गए। वे एक जांबाज इंस्पेक्टर थे। उनकी शहादत से एसटीएफ ही नहीं, बल्कि पूरे पुलिस विभाग को बड़ा झटका लगा है। इंस्पेक्टर सुनील कुमार ददुआ, ठोकिया, दुजाना एनकाउंटर में शामिल रह चुके थे। सिर्फ इतना ही नहीं, डकैत उमर केवट एनकाउंटर में उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिला था। वे मेरठ के इंचौली इलाके के मसूरी गांव में रहते थे। गांव के लोगों ने बताया, उनके पिता चरण सिंह का देहांत हो चुका है। मां अतरकली 80 साल की हैं। बड़े भाई अनिल कुमार गांव में ही रहकर खेती करते हैं। सुनील की शादी मुनेश से हुई। उनके बेटे मोनू उर्फ मंजीत और बेटी नेहा की शादी हो चुकी है। परिवार गुरुग्राम में मौजूद हैं। सुनील कुमार का पोस्टमॉर्टम हो चुका है। बॉडी को गांव लाया जा रहा है, यहीं पर आज उनका अंतिम संस्कार होगा। दैनिक भास्कर ने किसान के बेटे के यूपी STF के सुपर कॉप बनने की कहानी पर बातचीत की… शुरुआती जिंदगी पढ़िए किसान बनाना चाहते थे, वर्दी से अट्रैक्ट होकर पुलिस में शामिल हुए
गांव के लोगों ने बताया- सुनील कुमार पढ़ने में होशियार थे। पढ़ाई करते और पिता के साथ खेती-बाड़ी में हाथ बंटाते थे। पूरा परिवार सरल स्वभाव का है। वह पहले किसान ही बनना चाहते थे, मगर बाद में पुलिस की वर्दी से प्रभावित हुए। 8वीं तक पढ़ाई गांव के स्कूल से की। फिर मवाना के स्कूल में पढ़ाई करने लगे। वहीं से ग्रेजुएशन किया। भतीजे ने कहा- वह 20 दिन में 1 बार घर आते थे
घर पर हमारी मुलाकात सुनील के भतीजे अजीत कुमार से हुई। वह कहते हैं- सुनील चाचा कबड्डी के अच्छे खिलाड़ी थे। 6 महीने पहले उनके बेटे मंजीत को बेटा हुआ। सुनील बाबा बने थे। वो अपने काम के लिए इतना ज्यादा समर्पित थे कि उनका ऑफिस सिर्फ 23 Km दूर था, 40 मिनट की दूरी थी। मगर 20 दिन में 1 बार ही घर आते थे। अब पुलिस विभाग में करियर पढ़िए… 1990 में सिपाही बने, 7 साल बाद हरियाणा में कमांडो कोर्स किया
सुनील कुमार 1 सितंबर, 1990 को यूपी पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। STF का गठन होने के बाद उन्होंने 1997 में मानेसर हरियाणा में कमांडो कोर्स किया था। सुनील का 7 अगस्त 2002 को हेड कॉन्स्टेबल के पद पर प्रमोशन हुआ। 13 मार्च, 2008 को फतेहपुर में ओप्रकाश उर्फ उमर केवट के एनकाउंटर में अदम्य साहस दिखाने के लिए सुनील कुमार को 16 सितंबर, 2011 में आउट आफ टर्न प्रमोशन देकर हेड कॉन्स्टेबल से प्लाटून कमांडर पर प्रमोट किया गया। इसके बाद 1 जनवरी, 2009 में भी स्पेशल टास्क फोर्स में आ गए। फिर 22 अप्रैल, 2020 को दलनायक के पद पर प्रमोट किया गया। 16 साल से वह एसटीएफ का हिस्सा थे। साल 2030 में सुनील का रिटायरमेंट होने वाला था। STF में आने के बाद कई बड़े एनकाउंटर में अहम भूमिका रही… रिटायर्ड IPS बोले- जिगर वाले थे इंस्पेक्टर सुनील
2007 में STF को ददुआ और ठोकिया को मारने का टारगेट मिला। चित्रकूट के जंगल में इन डाकुओं की लोकेशन ट्रेस करना मुश्किल होता था। STF की जिस टीम को यह जिम्मा मिला, उसे लीड IPS अमिताभ यश कर रहे थे। टीम में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। रिटायर्ड IPS राजेश पांडेय कहते हैं- सुनील एनकाउंटर की प्रैक्टिकल क्राफ्टिंग में एक्सपर्ट थे। सामने से अटैक कौन करेगा? पीछे से कैसे घेरेंगे। वो इस स्ट्रेटजी पर बहुत तेज वर्किंग करते थे। वो काफी जिगर वाला थे और ज्यादातर एनकाउंटर में आगे ही रहते थे। जब से एसटीएफ को AK-47 मिली, तब से वह बदमाशों के खिलाफ और अग्रेसिव रहते थे। उसका एक ही उद्देश्य होता था- अपराधियों का सफाया। ददुआ एनकाउंटर में अमिताभ यश के साथ रहे इंस्पेक्टर सुनील
22 जुलाई, 2007 को चित्रकूट के बीहड़ों में तेज बारिश हो रही थी। ददुआ की जंगल में घेराबंदी करके उसको मार गिराया गया। इंस्पेक्टर सुनील इसमें भी आगे-आगे ही रहे। इस मुठभेड़ के बाद एनकाउंटर करने वाली टीम पर हमला हुआ। एसटीएफ के 16 जवानों की टीम वापस लौट रही थी। कोलुहा जंगल के पास एसटीएफ की गाड़ी एक दलदल में फंस गई। रात का वक्त था, अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया अपने 40 डाकुओं के गैंग के साथ उस गाड़ी के पास पहुंच गया। गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। ठोकिया को लगा सब मारे गए और वो वहां से चला गया। इस हमले में पुलिस के 6 जवान और एक मुखबिर मारा गया। 7 जवान बुरी तरह घायल हो गए। इसके बाद यूपी STF को ठोकिया को मारने का टास्क दिया गया। सुनील को उस समय बहुत गुस्सा आया। अपने शहीद सिपाहियों का बदला लेने के लिए पूरी टीम के साथ वे ठोकिया की सर्चिंग में लग गए। सुनील लगातार लोकेशन ट्रेस करते रहे। सफलता मिली अगस्त, 2008 में। पुलिस को जानकारी लगी कि ठोकिया 20 लोगों के गैंग के साथ चित्रकूट के कर्वी इलाके में बड़ी घटना को अंजाम देने वाला है। पुलिस ने सिलखोरी के जंगल में ठोकिया को घेर लिया। शाम 7 बजे दोनों तरफ से गोलीबारी शुरू हो गई। लगातार 7 घंटे यानी रात ढाई बजे तक यह मुठभेड़ चली। ठोकिया मारा गया। शामली एनकाउंटर के बाद सवाल उठ रहे हैं कि सुनील कुमार बुलेट प्रूफ जैकेट क्यों नहीं पहने थे? रिटायर्ड IPS राजेश पांडेय ने इसके कारण बताए… बुलेट प्रूफ जैकेट कैरी करने का समय नहीं मिला
इंस्पेक्टर सुनील कुमार की शहादत पर रिटायर्ड IPS राजेश पांडेय ने कहा- वह कमांडो कोर्स कर चुके थे। 16 साल से STF में थे। वह जिगर वाले अधिकारी थे। मेरे साथ कई एनकाउंटर में सुनील रहे। एक सवाल उठ रहा है कि इंस्पेक्टर सुनील कुमार बुलेट प्रूफ जैकेट क्यों नहीं पहने थे? इस पर राजेश पांडेय कहते हैं कि ये चूक जरूर है, लेकिन कई बार अपराधी की टिप मिलने के बाद अधिकारी के पास इतना समय नहीं होता कि वह देख सके कि क्या-क्या अपने साथ कैरी किया है। टिपिकल सिचुएशन होती है। इन अपराधियों को गिरफ्तार किया
30 मई, 2024: 50 हजार के इनामी राहुल उर्फ रामबाबू को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया।
10 जनवरी, 2024: आईएसआई एजेंट तहसीम उर्फ मोटा को मुजफ्फरनगर से पकड़ा। वह शामली के मोमीनपुरा का रहने वाला था।
15 सितंबर, 2023: 50 हजार के इनामी सन्नी काकरान और शूटर रवि कुमार को मेरठ में मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया।
13 सितंबर, 2022: पुलिस कस्टडी से फरार 50 हजार के इनामी नजाकत उर्फ पप्पू को गिरफ्तार किया।
14 जनवरी, 2022: 50 हजार के इनामी बदमाश दीपक चौधरी को मथुरा के वृंदावन से पकड़ा। दीपक मेरठ का रहने वाला था।
18 अक्टूबर, 2021: 50 हजार के इनामी नवीन उर्फ छोटू को गौतमबुद्धनगर से पकड़ा। उस पर सोनीपत, पानीपत और यूपी में रंगदारी, हत्या के केस थे।
13 अगस्त, 2021: डकैती और लूट करने वाले एक लाख के इनामी आस मोहम्मद उर्फ आसू उर्फ लंबू उर्फ खालिद को मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार किया।
18 नवंबर, 2020: 50 हजार के इनामी कपिल उर्फ सर्रा को राजस्थान के करौली से गिरफ्तार किया।
20 जुलाई, 2020: मथुरा में बैंक डकैती करने वाले संदीप उर्फ सम्राट को मेरठ में मुठभेड़ के बाद पकड़ा। उस पर 50 हजार का इनाम था। सुनील कुमार को मिले पुरस्कार ——————– 4 बदमाशों का एनकाउंटर करने वाले STF इंस्पेक्टर शहीद:शामली में गोली लगने से छलनी हो गया था लिवर, 50 लाख और नौकरी का ऐलान यूपी STF के इंस्पेक्टर सुनील कुमार बुधवार को शहीद हो गए। सोमवार (20 जनवरी) की रात सुनील कुमार और उनकी टीम ने शामली में कग्गा गैंग के 4 बदमाशों का एनकाउंटर किया था। मुठभेड़ में इंस्पेक्टर के पेट में दो गोली लगी थी। पढ़ें पूरी खबर शामली में कग्गा गैंग के चार बदमाशों का एनकाउंटर करने वाले यूपी एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार बुधवार को शहीद हो गए। वे एक जांबाज इंस्पेक्टर थे। उनकी शहादत से एसटीएफ ही नहीं, बल्कि पूरे पुलिस विभाग को बड़ा झटका लगा है। इंस्पेक्टर सुनील कुमार ददुआ, ठोकिया, दुजाना एनकाउंटर में शामिल रह चुके थे। सिर्फ इतना ही नहीं, डकैत उमर केवट एनकाउंटर में उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिला था। वे मेरठ के इंचौली इलाके के मसूरी गांव में रहते थे। गांव के लोगों ने बताया, उनके पिता चरण सिंह का देहांत हो चुका है। मां अतरकली 80 साल की हैं। बड़े भाई अनिल कुमार गांव में ही रहकर खेती करते हैं। सुनील की शादी मुनेश से हुई। उनके बेटे मोनू उर्फ मंजीत और बेटी नेहा की शादी हो चुकी है। परिवार गुरुग्राम में मौजूद हैं। सुनील कुमार का पोस्टमॉर्टम हो चुका है। बॉडी को गांव लाया जा रहा है, यहीं पर आज उनका अंतिम संस्कार होगा। दैनिक भास्कर ने किसान के बेटे के यूपी STF के सुपर कॉप बनने की कहानी पर बातचीत की… शुरुआती जिंदगी पढ़िए किसान बनाना चाहते थे, वर्दी से अट्रैक्ट होकर पुलिस में शामिल हुए
गांव के लोगों ने बताया- सुनील कुमार पढ़ने में होशियार थे। पढ़ाई करते और पिता के साथ खेती-बाड़ी में हाथ बंटाते थे। पूरा परिवार सरल स्वभाव का है। वह पहले किसान ही बनना चाहते थे, मगर बाद में पुलिस की वर्दी से प्रभावित हुए। 8वीं तक पढ़ाई गांव के स्कूल से की। फिर मवाना के स्कूल में पढ़ाई करने लगे। वहीं से ग्रेजुएशन किया। भतीजे ने कहा- वह 20 दिन में 1 बार घर आते थे
घर पर हमारी मुलाकात सुनील के भतीजे अजीत कुमार से हुई। वह कहते हैं- सुनील चाचा कबड्डी के अच्छे खिलाड़ी थे। 6 महीने पहले उनके बेटे मंजीत को बेटा हुआ। सुनील बाबा बने थे। वो अपने काम के लिए इतना ज्यादा समर्पित थे कि उनका ऑफिस सिर्फ 23 Km दूर था, 40 मिनट की दूरी थी। मगर 20 दिन में 1 बार ही घर आते थे। अब पुलिस विभाग में करियर पढ़िए… 1990 में सिपाही बने, 7 साल बाद हरियाणा में कमांडो कोर्स किया
सुनील कुमार 1 सितंबर, 1990 को यूपी पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। STF का गठन होने के बाद उन्होंने 1997 में मानेसर हरियाणा में कमांडो कोर्स किया था। सुनील का 7 अगस्त 2002 को हेड कॉन्स्टेबल के पद पर प्रमोशन हुआ। 13 मार्च, 2008 को फतेहपुर में ओप्रकाश उर्फ उमर केवट के एनकाउंटर में अदम्य साहस दिखाने के लिए सुनील कुमार को 16 सितंबर, 2011 में आउट आफ टर्न प्रमोशन देकर हेड कॉन्स्टेबल से प्लाटून कमांडर पर प्रमोट किया गया। इसके बाद 1 जनवरी, 2009 में भी स्पेशल टास्क फोर्स में आ गए। फिर 22 अप्रैल, 2020 को दलनायक के पद पर प्रमोट किया गया। 16 साल से वह एसटीएफ का हिस्सा थे। साल 2030 में सुनील का रिटायरमेंट होने वाला था। STF में आने के बाद कई बड़े एनकाउंटर में अहम भूमिका रही… रिटायर्ड IPS बोले- जिगर वाले थे इंस्पेक्टर सुनील
2007 में STF को ददुआ और ठोकिया को मारने का टारगेट मिला। चित्रकूट के जंगल में इन डाकुओं की लोकेशन ट्रेस करना मुश्किल होता था। STF की जिस टीम को यह जिम्मा मिला, उसे लीड IPS अमिताभ यश कर रहे थे। टीम में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। रिटायर्ड IPS राजेश पांडेय कहते हैं- सुनील एनकाउंटर की प्रैक्टिकल क्राफ्टिंग में एक्सपर्ट थे। सामने से अटैक कौन करेगा? पीछे से कैसे घेरेंगे। वो इस स्ट्रेटजी पर बहुत तेज वर्किंग करते थे। वो काफी जिगर वाला थे और ज्यादातर एनकाउंटर में आगे ही रहते थे। जब से एसटीएफ को AK-47 मिली, तब से वह बदमाशों के खिलाफ और अग्रेसिव रहते थे। उसका एक ही उद्देश्य होता था- अपराधियों का सफाया। ददुआ एनकाउंटर में अमिताभ यश के साथ रहे इंस्पेक्टर सुनील
22 जुलाई, 2007 को चित्रकूट के बीहड़ों में तेज बारिश हो रही थी। ददुआ की जंगल में घेराबंदी करके उसको मार गिराया गया। इंस्पेक्टर सुनील इसमें भी आगे-आगे ही रहे। इस मुठभेड़ के बाद एनकाउंटर करने वाली टीम पर हमला हुआ। एसटीएफ के 16 जवानों की टीम वापस लौट रही थी। कोलुहा जंगल के पास एसटीएफ की गाड़ी एक दलदल में फंस गई। रात का वक्त था, अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया अपने 40 डाकुओं के गैंग के साथ उस गाड़ी के पास पहुंच गया। गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। ठोकिया को लगा सब मारे गए और वो वहां से चला गया। इस हमले में पुलिस के 6 जवान और एक मुखबिर मारा गया। 7 जवान बुरी तरह घायल हो गए। इसके बाद यूपी STF को ठोकिया को मारने का टास्क दिया गया। सुनील को उस समय बहुत गुस्सा आया। अपने शहीद सिपाहियों का बदला लेने के लिए पूरी टीम के साथ वे ठोकिया की सर्चिंग में लग गए। सुनील लगातार लोकेशन ट्रेस करते रहे। सफलता मिली अगस्त, 2008 में। पुलिस को जानकारी लगी कि ठोकिया 20 लोगों के गैंग के साथ चित्रकूट के कर्वी इलाके में बड़ी घटना को अंजाम देने वाला है। पुलिस ने सिलखोरी के जंगल में ठोकिया को घेर लिया। शाम 7 बजे दोनों तरफ से गोलीबारी शुरू हो गई। लगातार 7 घंटे यानी रात ढाई बजे तक यह मुठभेड़ चली। ठोकिया मारा गया। शामली एनकाउंटर के बाद सवाल उठ रहे हैं कि सुनील कुमार बुलेट प्रूफ जैकेट क्यों नहीं पहने थे? रिटायर्ड IPS राजेश पांडेय ने इसके कारण बताए… बुलेट प्रूफ जैकेट कैरी करने का समय नहीं मिला
इंस्पेक्टर सुनील कुमार की शहादत पर रिटायर्ड IPS राजेश पांडेय ने कहा- वह कमांडो कोर्स कर चुके थे। 16 साल से STF में थे। वह जिगर वाले अधिकारी थे। मेरे साथ कई एनकाउंटर में सुनील रहे। एक सवाल उठ रहा है कि इंस्पेक्टर सुनील कुमार बुलेट प्रूफ जैकेट क्यों नहीं पहने थे? इस पर राजेश पांडेय कहते हैं कि ये चूक जरूर है, लेकिन कई बार अपराधी की टिप मिलने के बाद अधिकारी के पास इतना समय नहीं होता कि वह देख सके कि क्या-क्या अपने साथ कैरी किया है। टिपिकल सिचुएशन होती है। इन अपराधियों को गिरफ्तार किया
30 मई, 2024: 50 हजार के इनामी राहुल उर्फ रामबाबू को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया।
10 जनवरी, 2024: आईएसआई एजेंट तहसीम उर्फ मोटा को मुजफ्फरनगर से पकड़ा। वह शामली के मोमीनपुरा का रहने वाला था।
15 सितंबर, 2023: 50 हजार के इनामी सन्नी काकरान और शूटर रवि कुमार को मेरठ में मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया।
13 सितंबर, 2022: पुलिस कस्टडी से फरार 50 हजार के इनामी नजाकत उर्फ पप्पू को गिरफ्तार किया।
14 जनवरी, 2022: 50 हजार के इनामी बदमाश दीपक चौधरी को मथुरा के वृंदावन से पकड़ा। दीपक मेरठ का रहने वाला था।
18 अक्टूबर, 2021: 50 हजार के इनामी नवीन उर्फ छोटू को गौतमबुद्धनगर से पकड़ा। उस पर सोनीपत, पानीपत और यूपी में रंगदारी, हत्या के केस थे।
13 अगस्त, 2021: डकैती और लूट करने वाले एक लाख के इनामी आस मोहम्मद उर्फ आसू उर्फ लंबू उर्फ खालिद को मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार किया।
18 नवंबर, 2020: 50 हजार के इनामी कपिल उर्फ सर्रा को राजस्थान के करौली से गिरफ्तार किया।
20 जुलाई, 2020: मथुरा में बैंक डकैती करने वाले संदीप उर्फ सम्राट को मेरठ में मुठभेड़ के बाद पकड़ा। उस पर 50 हजार का इनाम था। सुनील कुमार को मिले पुरस्कार ——————– 4 बदमाशों का एनकाउंटर करने वाले STF इंस्पेक्टर शहीद:शामली में गोली लगने से छलनी हो गया था लिवर, 50 लाख और नौकरी का ऐलान यूपी STF के इंस्पेक्टर सुनील कुमार बुधवार को शहीद हो गए। सोमवार (20 जनवरी) की रात सुनील कुमार और उनकी टीम ने शामली में कग्गा गैंग के 4 बदमाशों का एनकाउंटर किया था। मुठभेड़ में इंस्पेक्टर के पेट में दो गोली लगी थी। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर