मर्डर–यौन शोषण केस में कैद काट रहे राम रहीम ने मंगलवार को डेरा सच्चा सौदा के हेडक्वार्टर सिरसा आकर सबको चौंका दिया। इससे पहले वह हर बार पैरोल या फरलो मिलते ही सीधे UP के बागपत चला जाता था। डेरा मैनेजमेंट का तर्क है कि राम रहीम की हर बार सिरसा जाने देने की मांग रहती थी। मगर, सरकार परमिशन नहीं देती थी। चर्चा यह भी है कि राम रहीम यहां सिर्फ 10 ही दिन रह पाएगा। उसके बाद 20 दिन फिर यूपी के बागपत आश्रम जाना होगा। हालांकि इस बार राम रहीम ने ऐसी क्या वजह बताई कि साढ़े 7 साल में मिली 12वीं पैरोल में सरकार को उसे परमिशन देनी पड़ी, सब इसे जानना चाहते हैं। दैनिक भास्कर ने डेरे के करीबियों से बात की तो इसमें डेरे की अरबों की प्रॉपर्टी और डेरा मैनेजमेंट-परिवार के विवाद जैसी 4 वजहें सामने आई हैं। राम रहीम के सिरसा डेरे आने की 4 वजहें… 1. श्रद्धालुओं के बीच विश्वास कायम करने की कोशिश
राम रहीम को साढ़े 7 साल में 12वीं बार पैरोल या फरलो मिली। इससे पहले पिछली 11 बार वह उत्तर प्रदेश के बागपत में रहा। डेरे के करीबी सोर्स बताते हैं कि इससे डेरे के श्रद्धालुओं में नाराजगी थी। उनका सिरसा स्थित शाह सतनाम धाम से ज्यादा लगाव रहा है। श्रद्धालुओं के बीच इस बात को लेकर चर्चा थी कि अगर मर्डर–यौन शोषण जैसे संगीन केसों में उम्रकैद के बावजूद बार–बार पैरोल या फरलो मिल रही है तो फिर सिरसा आने से राम रहीम को कौन सी ताकत रोक रही है। कहीं ऐसा तो नहीं कि वह खुद ही यहां से दूरी बना रहा है। इसकी भनक राम रहीम तक भी पहुंची। श्रद्धालुओं का आधार न खिसक जाए, इसलिए सिरसा आकर राम रहीम ने मैसेज देने की कोशिश की कि उसकी तो सिरसा आने की इच्छा ही रहती थी लेकिन सरकार परमिशन नहीं देती थी। 2. डेरे की अरबों की प्रॉपर्टी, सारे कागजात सिरसा हेडक्वार्टर में
साल 2017 में हरियाणा सरकार ने डेरे की प्रॉपर्टी की डिटेल तैयार की थी। जिसमें कहा गया कि डेरा सच्चा सौदा सिरसा की प्रॉपर्टी 1,453 करोड़ है। यह रिपोर्ट पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सौंपी गई थी। जिसमें यह भी कहा गया कि पूरे प्रदेश में डेरे की 1600 करोड़ की प्रॉपर्टी है। सरकार ने यह भी कहा था कि इनकी कीमत इससे डेढ़ गुना ज्यादा हो सकती है। हरियाणा के अलावा राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब में भी डेरे की प्रॉपर्टी है। डेरे के पास सिरसा-नाथूसरी चौपटा-भादरा रोड पर 900 एकड़ से ज्यादा बेशकीमती जमीन है। इसके अलावा फाइव स्टार होटल, एक सिनेमा हॉल, एक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल, 8 शैक्षणिक संस्थान, एक शॉपिंग मॉल, एक क्रिकेट स्टेडियम, आलीशान घर और 30 औद्योगिक इकाइयां हैं। डेरे की गद्दी पर बैठे व्यक्ति के अधीन ही यह प्रॉपर्टी रहती है। इनकी पूरी देखरेख–कागजात वगैरह सब सिरसा हेडक्वार्टर से ही रहते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि प्रॉपर्टी को लेकर किसी तरह का कोई इश्यू तो नहीं। इसको लेकर पहले जैसी स्थिति है या नहीं, इस पर राम रहीम डेरा मैनेजमेंट कमेटी से बात कर सकता है। 3. डेरे पर अधिकार को लेकर परिवार, मैनेजमेंट और हनीप्रीत का विवाद
राम रहीम के जेल जाने के बाद डेरे के संचालन को लेकर भी विवाद रहा। इसके 3 ग्रुप बन गए। जिसमें पहला ग्रुप डेरा मैनेजमेंट कमेटी, दूसरा राम रहीम का परिवार और तीसरा राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत का था। डेरा कमेटी से विवाद के बाद राम रहीम का परिवार विदेश चला गया। राम रहीम की दोनों बेटियां अमरप्रीत व चरणप्रीत कौर पहले ही लंदन चली गईं थी। 2 साल पहले बेटा जसमीत भी परिवार समेत लंदन चला गया। उस वक्त यह चर्चा रही कि राम रहीम के जेल जाने के बाद उनका डेरे के संचालन को लेकर हनीप्रीत से विवाद हुआ। उस दौरान यह भी चर्चा सामने आई कि राम रहीम के जेल जाने पर डेरा सच्चा सौदा के नाम पर चंदा यानी परमार्थ जुटाया जा रहा है। परिवार ने इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी स्पष्टीकरण जारी किया था कि उनके नाम का दुरुपयोग किया जा रहा है। हालांकि परिवार के विदेश जाने के बाद डेरे में हनीप्रीत की दखलअंदाजी बढ़ गई। जिस वजह से मैनेजमेंट कमेटी से विवाद हो रहा था। चूंकि हनीप्रीत राम रहीम की सबसे करीबी है, इस वजह से मैनेजमेंट कमेटी के भीतर भी अविश्वास पैदा हो रहा था। इसे देखते हुए राम रहीम ने जेल से कई चिट्ठियां लिखकर कहा था कि मैं ही गुरू हूं लेकिन डेरा कमेटी सीधे उनसे बात करने की इच्छुक थी। बागपत आश्रम में यह आसानी से संभव नहीं हो पा रहा था। ऐसे में सिरसा आकर राम रहीम इस मुद्दे को हमेशा के लिए सुलझाना चाहता है। 4. दिल्ली चुनाव से मेल खाती पैरोल की टाइमिंग, BJP 27 साल से सत्ता से बाहर
राम रहीम की पैरोल की टाइमिंग दिल्ली विधानसभा चुनाव से भी जोड़ी जा रही है। दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग होनी है। चूंकि हरियाणा में BJP की सरकार है तो विपक्षी आरोप लगाते हैं कि राम रहीम को भाजपा की मदद के लिए ही चुनाव से पहले पैरोल दी जाती है। दिल्ली में भाजपा 27 साल से सत्ता से बाहर है। दिल्ली की सियासत के जानकार मानते हैं कि हरियाणा से सटी दिल्ली की करीब 10 सीटों पर राम रहीम का असर हो सकता है। ऐसी सूरत में इसका फायदा भाजपा को हो सकता है। इससे पहले उसे राजस्थान और हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले पैरोल मिली तो दोनों जगह पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। राम रहीम को 2 केस में उम्रकैद, तीसरे में बरी हुआ लेकिन केस सुप्रीम कोर्ट पहुंचा 1. साध्वियों का यौन शोषण में उम्रकैद
राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को 2 साध्वियों के यौन शोषण केस में दोषी ठहराया गया था। इसके बाद 27 अगस्त 2017 को उसे गिरफ्तार किया गया। इस केस में 28 अगस्त 2017 को उसे 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। जिसके बाद से वह रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। 2. पत्रकार की हत्या में उम्रकैद
इसके बाद उसे 11 जनवरी 2019 को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया और 17 जनवरी 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। रामचंद्र छत्रपति ने डेरे में साध्वियों के यौन शोषण को लेकर तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी को भेजी चिट्ठी को अपने अखबार में छापा था। 3. डेरा मैनेजर हत्याकांड में बरी, याचिका सुप्रीम कोर्ट पहुंची
उसे 2021 में रणजीत सिंह हत्याकांड में भी दोषी ठहराते हुए उम्रकैद दी गई थी। पिछले साल 28 मई को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में उसे बरी कर दिया था। मगर, इसके बाद CBI ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। जिस पर राम रहीम को नोटिस भी जारी हो चुका है। इसमें CBI ने दावा किया था कि डेरे में साध्वियों के यौन शोषण को लेकर जो चिट्ठी लीक की गई, वह रणजीत ने ही अपनी बहन से लिखवाई थी। जिसके बाद रणजीत ने डेरे के मैनेजर का पद छोड़ दिया था। मर्डर–यौन शोषण केस में कैद काट रहे राम रहीम ने मंगलवार को डेरा सच्चा सौदा के हेडक्वार्टर सिरसा आकर सबको चौंका दिया। इससे पहले वह हर बार पैरोल या फरलो मिलते ही सीधे UP के बागपत चला जाता था। डेरा मैनेजमेंट का तर्क है कि राम रहीम की हर बार सिरसा जाने देने की मांग रहती थी। मगर, सरकार परमिशन नहीं देती थी। चर्चा यह भी है कि राम रहीम यहां सिर्फ 10 ही दिन रह पाएगा। उसके बाद 20 दिन फिर यूपी के बागपत आश्रम जाना होगा। हालांकि इस बार राम रहीम ने ऐसी क्या वजह बताई कि साढ़े 7 साल में मिली 12वीं पैरोल में सरकार को उसे परमिशन देनी पड़ी, सब इसे जानना चाहते हैं। दैनिक भास्कर ने डेरे के करीबियों से बात की तो इसमें डेरे की अरबों की प्रॉपर्टी और डेरा मैनेजमेंट-परिवार के विवाद जैसी 4 वजहें सामने आई हैं। राम रहीम के सिरसा डेरे आने की 4 वजहें… 1. श्रद्धालुओं के बीच विश्वास कायम करने की कोशिश
राम रहीम को साढ़े 7 साल में 12वीं बार पैरोल या फरलो मिली। इससे पहले पिछली 11 बार वह उत्तर प्रदेश के बागपत में रहा। डेरे के करीबी सोर्स बताते हैं कि इससे डेरे के श्रद्धालुओं में नाराजगी थी। उनका सिरसा स्थित शाह सतनाम धाम से ज्यादा लगाव रहा है। श्रद्धालुओं के बीच इस बात को लेकर चर्चा थी कि अगर मर्डर–यौन शोषण जैसे संगीन केसों में उम्रकैद के बावजूद बार–बार पैरोल या फरलो मिल रही है तो फिर सिरसा आने से राम रहीम को कौन सी ताकत रोक रही है। कहीं ऐसा तो नहीं कि वह खुद ही यहां से दूरी बना रहा है। इसकी भनक राम रहीम तक भी पहुंची। श्रद्धालुओं का आधार न खिसक जाए, इसलिए सिरसा आकर राम रहीम ने मैसेज देने की कोशिश की कि उसकी तो सिरसा आने की इच्छा ही रहती थी लेकिन सरकार परमिशन नहीं देती थी। 2. डेरे की अरबों की प्रॉपर्टी, सारे कागजात सिरसा हेडक्वार्टर में
साल 2017 में हरियाणा सरकार ने डेरे की प्रॉपर्टी की डिटेल तैयार की थी। जिसमें कहा गया कि डेरा सच्चा सौदा सिरसा की प्रॉपर्टी 1,453 करोड़ है। यह रिपोर्ट पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सौंपी गई थी। जिसमें यह भी कहा गया कि पूरे प्रदेश में डेरे की 1600 करोड़ की प्रॉपर्टी है। सरकार ने यह भी कहा था कि इनकी कीमत इससे डेढ़ गुना ज्यादा हो सकती है। हरियाणा के अलावा राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब में भी डेरे की प्रॉपर्टी है। डेरे के पास सिरसा-नाथूसरी चौपटा-भादरा रोड पर 900 एकड़ से ज्यादा बेशकीमती जमीन है। इसके अलावा फाइव स्टार होटल, एक सिनेमा हॉल, एक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल, 8 शैक्षणिक संस्थान, एक शॉपिंग मॉल, एक क्रिकेट स्टेडियम, आलीशान घर और 30 औद्योगिक इकाइयां हैं। डेरे की गद्दी पर बैठे व्यक्ति के अधीन ही यह प्रॉपर्टी रहती है। इनकी पूरी देखरेख–कागजात वगैरह सब सिरसा हेडक्वार्टर से ही रहते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि प्रॉपर्टी को लेकर किसी तरह का कोई इश्यू तो नहीं। इसको लेकर पहले जैसी स्थिति है या नहीं, इस पर राम रहीम डेरा मैनेजमेंट कमेटी से बात कर सकता है। 3. डेरे पर अधिकार को लेकर परिवार, मैनेजमेंट और हनीप्रीत का विवाद
राम रहीम के जेल जाने के बाद डेरे के संचालन को लेकर भी विवाद रहा। इसके 3 ग्रुप बन गए। जिसमें पहला ग्रुप डेरा मैनेजमेंट कमेटी, दूसरा राम रहीम का परिवार और तीसरा राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत का था। डेरा कमेटी से विवाद के बाद राम रहीम का परिवार विदेश चला गया। राम रहीम की दोनों बेटियां अमरप्रीत व चरणप्रीत कौर पहले ही लंदन चली गईं थी। 2 साल पहले बेटा जसमीत भी परिवार समेत लंदन चला गया। उस वक्त यह चर्चा रही कि राम रहीम के जेल जाने के बाद उनका डेरे के संचालन को लेकर हनीप्रीत से विवाद हुआ। उस दौरान यह भी चर्चा सामने आई कि राम रहीम के जेल जाने पर डेरा सच्चा सौदा के नाम पर चंदा यानी परमार्थ जुटाया जा रहा है। परिवार ने इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी स्पष्टीकरण जारी किया था कि उनके नाम का दुरुपयोग किया जा रहा है। हालांकि परिवार के विदेश जाने के बाद डेरे में हनीप्रीत की दखलअंदाजी बढ़ गई। जिस वजह से मैनेजमेंट कमेटी से विवाद हो रहा था। चूंकि हनीप्रीत राम रहीम की सबसे करीबी है, इस वजह से मैनेजमेंट कमेटी के भीतर भी अविश्वास पैदा हो रहा था। इसे देखते हुए राम रहीम ने जेल से कई चिट्ठियां लिखकर कहा था कि मैं ही गुरू हूं लेकिन डेरा कमेटी सीधे उनसे बात करने की इच्छुक थी। बागपत आश्रम में यह आसानी से संभव नहीं हो पा रहा था। ऐसे में सिरसा आकर राम रहीम इस मुद्दे को हमेशा के लिए सुलझाना चाहता है। 4. दिल्ली चुनाव से मेल खाती पैरोल की टाइमिंग, BJP 27 साल से सत्ता से बाहर
राम रहीम की पैरोल की टाइमिंग दिल्ली विधानसभा चुनाव से भी जोड़ी जा रही है। दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग होनी है। चूंकि हरियाणा में BJP की सरकार है तो विपक्षी आरोप लगाते हैं कि राम रहीम को भाजपा की मदद के लिए ही चुनाव से पहले पैरोल दी जाती है। दिल्ली में भाजपा 27 साल से सत्ता से बाहर है। दिल्ली की सियासत के जानकार मानते हैं कि हरियाणा से सटी दिल्ली की करीब 10 सीटों पर राम रहीम का असर हो सकता है। ऐसी सूरत में इसका फायदा भाजपा को हो सकता है। इससे पहले उसे राजस्थान और हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले पैरोल मिली तो दोनों जगह पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। राम रहीम को 2 केस में उम्रकैद, तीसरे में बरी हुआ लेकिन केस सुप्रीम कोर्ट पहुंचा 1. साध्वियों का यौन शोषण में उम्रकैद
राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को 2 साध्वियों के यौन शोषण केस में दोषी ठहराया गया था। इसके बाद 27 अगस्त 2017 को उसे गिरफ्तार किया गया। इस केस में 28 अगस्त 2017 को उसे 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। जिसके बाद से वह रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। 2. पत्रकार की हत्या में उम्रकैद
इसके बाद उसे 11 जनवरी 2019 को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया और 17 जनवरी 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। रामचंद्र छत्रपति ने डेरे में साध्वियों के यौन शोषण को लेकर तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी को भेजी चिट्ठी को अपने अखबार में छापा था। 3. डेरा मैनेजर हत्याकांड में बरी, याचिका सुप्रीम कोर्ट पहुंची
उसे 2021 में रणजीत सिंह हत्याकांड में भी दोषी ठहराते हुए उम्रकैद दी गई थी। पिछले साल 28 मई को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में उसे बरी कर दिया था। मगर, इसके बाद CBI ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। जिस पर राम रहीम को नोटिस भी जारी हो चुका है। इसमें CBI ने दावा किया था कि डेरे में साध्वियों के यौन शोषण को लेकर जो चिट्ठी लीक की गई, वह रणजीत ने ही अपनी बहन से लिखवाई थी। जिसके बाद रणजीत ने डेरे के मैनेजर का पद छोड़ दिया था। पंजाब | दैनिक भास्कर