जालंधर | शहर में लूट की वारदातें आम हो गई हैं। शनिवार को काकी पिंड के पास पूर्व पार्षद के दफ्तर के बाहर एक्टिवा पर पति के साथ जा रही महिला की बालियां लूटकर लुटेरे फरार हो गए। घटना के वक्त महिला एक्टिवा से गिरते-गिरते बची। महिला के पति ने पीछा कर लुटेरों को पकड़ने की कोशिश भी की, लेकिन वे हाथ नहीं लगे। लूट की शिकायत दकोहा चौकी को दी गई है। चौहकां कलां निवासी सुरिंदर पाल ने बताया कि पत्नी प्रवीण कौर के साथ किसी काम से पूर्व पार्षद के पास आए थे। जैसे ही वापस जाने लगे तो बाइक पर आए दो लुटेरों ने चलती एक्टिवा पर कान से बालियां झपट लीं। जालंधर | शहर में लूट की वारदातें आम हो गई हैं। शनिवार को काकी पिंड के पास पूर्व पार्षद के दफ्तर के बाहर एक्टिवा पर पति के साथ जा रही महिला की बालियां लूटकर लुटेरे फरार हो गए। घटना के वक्त महिला एक्टिवा से गिरते-गिरते बची। महिला के पति ने पीछा कर लुटेरों को पकड़ने की कोशिश भी की, लेकिन वे हाथ नहीं लगे। लूट की शिकायत दकोहा चौकी को दी गई है। चौहकां कलां निवासी सुरिंदर पाल ने बताया कि पत्नी प्रवीण कौर के साथ किसी काम से पूर्व पार्षद के पास आए थे। जैसे ही वापस जाने लगे तो बाइक पर आए दो लुटेरों ने चलती एक्टिवा पर कान से बालियां झपट लीं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़-कालका में किसान आंदोलन के चलते 15 ट्रेनें रद्द:वंदे भारत समेत 3 अंबाला तक शॉर्ट टर्मिनेट; दिल्ली जाने वाले रास्ते डायवर्ट हरियाणा और पंजाब में किसान आंदोलन के कारण रेलवे विभाग ने चंडीगढ़ और कालका से चलने वाली तीन शताब्दी ट्रेनों समेत 15 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। इसके अलावा, वंदे भारत सहित तीन ट्रेनों को अंबाला तक सीमित किया गया है। नॉर्दर्न रेलवे ने 158 ट्रेनों को पूरी तरह रद्द और 50 ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट किया है। चंडीगढ़ से रद्द की गई ट्रेनें 12011-12 कालका-दिल्ली शताब्दी 12005-06 कालका-दिल्ली शताब्दी 12045-46 चंडीगढ़-दिल्ली शताब्दी 12527-28 रामनगर-चंडीगढ़ 14332 कालका-दिल्ली 14795-96 कालका-भिवानी 12411-12 चंडीगढ़-अमृतसर 54569-70 कालका-अंबाला पैसेंजर अंबाला तक सीमित की गई ट्रेनें 12231 लखनऊ-चंडीगढ़ 12057-58 न्यू दिल्ली-अंदौरा जनशताब्दी 20977-78 अजमेर-चंडीगढ़ वंदे भारत दिल्ली के लिए डायवर्ट किए गए रास्ते अंबाला में किसान संगठनों के प्रदर्शन को देखते हुए कई रूट डायवर्ट किए गए हैं। चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाले वाहन: पंचकूला से रामगढ़, शहजादपुर, मुलाना, यमुनानगर, रादौर, लाडवा, इंद्री, करनाल, पानीपत, सोनीपत के रास्ते। दिल्ली से चंडीगढ़ आने वाले वाहन: पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, शाहबाद, साहा, शहजादपुर, रामगढ़ होते हुए पंचकूला के रास्ते। अंबाला से चंडीगढ़ आने वाले वाहन: अंबाला छावनी से साहा, शहजादपुर, रामगढ़ होते हुए पंचकूला के रास्ते। पुलिस का रूट डायवर्ट प्लान किसानों की 30 दिसंबर को पंजाब बंद की कॉल के मद्देनजर, अंबाला पुलिस ने रूट डायवर्ट प्लान जारी किया है। किसी भी असुविधा में नागरिक डायल 112 पर संपर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। यह कदम आंदोलन के कारण संभावित ट्रैफिक जाम और असुविधा से बचने के लिए उठाया गया है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा से पहले अपने रूट और ट्रेनों की स्थिति की जानकारी ले लें।

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खन्ना में दिन दहाड़े बैंक में डकैती:नकाबपोश बदमाश मात्र दो मिनट में लूटकर ले गए 15 लाख, गनमैन से हाथापाई, फायरिंग खन्ना के नजदीकी गांव बगली कलां में दिन दहाड़े बैंक में डाका डाला गया। मोटरसाइकिल सवार तीन डकैत पिस्तौल की नोंक पर दो मिनट में करीब 15 लाख रुपए लूटकर फरार हो गए। इसका वीडियो भी सामने आया है। घटना के बाद पुलिस जांच में जुट गई। जानकारी के अनुसार, आज दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर मोटरसाइकिल पर सवार तीन नकाबपोश बैंक के बाहर आकर रुकते हैं। इसके बाद बैंक के अंदर जाते ही गनमैन जब उन्हें नकाब नीचे करने को कहता है तो तीनों डकैत अपने पिस्तौल तान लेते हैं। एक गोली चलाता है तो स्टाफ काउंटर छोड़कर छिप जाता है। जिसके बाद बदमाश गनमैन की बंदूक छीन लेते हैं और काउंटर से करीब 15 लाख रुपए लेकर फरार हो जाते हैं। बदमाश पूरी वारदात को को मात्र 2 मिनट में अंजाम देते हैं। जिसके बाद बीजा की तरफ फरार हो जाते हैं। बताया जाता है कि जब डकैत गनमैन की बंदूक लेकर भागते हैं तो पीछे ही गनमैन दौड़ता है। बैंक के बाहर भी एक गोली चलाई जाती है और थोड़ी दूर बंदूक फेंक दी जाती है।

मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार दिल्ली निगम बोध घाट पर:केंद्र ने राजघाट की मांग ठुकराई, सुखबीर बादल बोले- ऐसा अनादर समझ से परे
मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार दिल्ली निगम बोध घाट पर:केंद्र ने राजघाट की मांग ठुकराई, सुखबीर बादल बोले- ऐसा अनादर समझ से परे देश के पहले सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर केंद्र सरकार के फैसले का पंजाब के राजनीतिक दलों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार ने राजघाट के पास स्मारक बनाने और वहीं उनका अंतिम संस्कार करने की मांग की थी। यह मांग देश की परंपरा और पुराने रीति-रिवाजों के अनुरूप थी। हालांकि केंद्र सरकार ने इस मांग को खारिज कर दिया है। सरकार के इस फैसले के चलते अब डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार 28 दिसंबर को सुबह 11:45 बजे निगम बोध घाट के सामान्य श्मशान घाट पर किया जाएगा। इस फैसले से कई राजनीतिक और सामाजिक हलकों में नाराजगी और आश्चर्य है। सिख राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सरकार का यह कदम सिख समुदाय के साथ अन्याय जैसा है। आलोचकों का आरोप है कि भाजपा सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह जैसे सम्मानित नेता के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया है। अकाली दल प्रधान सुखबीर ने जताया विरोध अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि ये फैसला चौंकाने वाला और अविश्वसनीय है। यह अत्यंत निंदनीय है कि केंद्र सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह जी के परिवार की उस अनुरोध को ठुकरा दिया, जिसमें उन्होंने देश के इस महान नेता के अंतिम संस्कार और अंतिम क्रियाकर्म के लिए एक ऐतिहासिक और उपयुक्त स्मारक बनाने की जगह मांगी थी। यह स्थान राजघाट होना चाहिए था। यह पुरानी प्रथा और परंपरा के अनुरूप होता जो पहले से चली आ रही है। यह समझ से परे है कि सरकार इस महान नेता के प्रति ऐसा असम्मान क्यों दिखा रही है, जो सिख समुदाय के पहले और एकमात्र व्यक्ति थे जिन्होंने प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचने का गौरव प्राप्त किया। कांग्रेस पार्टी से राजनीतिक मतभेद ना रखे सरकार सुखबीर बादल ने कहा कि यह विश्वास करना मुश्किल हो रहा है। भाजपा सरकार की पक्षपातपूर्ण नीति इस स्तर तक जा सकती है। जहां वह डॉ. मनमोहन सिंह के वैश्विक कद को पूरी तरह नजरअंदाज कर रही है, जो न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में आदर और सम्मान के पात्र हैं। डॉ. मनमोहन सिंह जी ने देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊंचाईयों तक पहुंचाया। कांग्रेस पार्टी से राजनीतिक मतभेद अपनी जगह हैं, लेकिन डॉ. मनमोहन सिंह जी को हमेशा राजनीति और पार्टी सीमाओं से परे देखा गया है। वह पूरे राष्ट्र के हैं। डॉ. मनमोहन हमेशा पंजाब के मुद्दों पर संवेदनशील रहे सुखबीर बादल ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह ने शिरोमणि अकाली दल के साथ सिख और पंजाब से जुड़े मुद्दों पर बड़ी संवेदनशीलता और करुणा दिखाई। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से व्यक्तिगत रूप से अपील करते हैं कि इस निंदनीय फैसले को बदला जाए। सुखजिंदर रंधावा- सिख समुदाय को सौतेले जैसा महसूस करवाया कांग्रेस सांसद व पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा- डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार और कांग्रेस पार्टी ने भारतीय सरकार से राजघाट के पास एक स्मारक बनाने के लिए स्थान देने की मांग की थी। लेकिन सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह के महान कद और पुरानी परंपरा को नजरअंदाज करते हुए सिख समुदाय को सौतेले जैसा महसूस करवाया है। यह फैसला सिख समुदाय में असंतोष और निराशा पैदा कर सकता है। डॉ. दलजीत चीमा- भारत सरकार का निर्णय दुखद पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंहके परिवार की उस मांग को अस्वीकार करना, जिसमें उनके अंतिम संस्कार के लिए एक सम्मानजनक स्थल और स्मारक के निर्माण की बात थी, भारत सरकार का यह निर्णय अत्यंत दुखद है। सिख समुदाय से आने वाले पहले और एकमात्र प्रधानमंत्री के रूप में उनकी विरासत अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करना कि अल्पसंख्यकों को सम्मान और मूल्यवान महसूस हो, हमारा नैतिक और राष्ट्रीय कर्तव्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह है कि इस निर्णय पर पुनर्विचार करें और राजघाट या अन्य समान रूप से सम्मानजनक स्थल पर डॉ. साहिब के अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए स्थान आवंटित करने के निर्देश जारी करें।