महाकुंभ में महाशिवरात्रि पर खगोलीय महासंयोग:7 ग्रह एक लाइन में करेंगे अद्भुत परेड, 350 साल बाद दिखेगा ऐसा नजारा

महाकुंभ में महाशिवरात्रि पर खगोलीय महासंयोग:7 ग्रह एक लाइन में करेंगे अद्भुत परेड, 350 साल बाद दिखेगा ऐसा नजारा

महाकुंभ का अंतिम स्नान महाशिवरात्रि पर एक दुर्लभ खगोलीय घटना का साक्षी बन रहा है। आसमान में 7 ग्रह-बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून एक सीधी रेखा में परेड करेंगे। इन्हें नग्न आंखों से भी देखा जा सकता है। ज्योतिष के विद्वान हरिकृष्ण शुक्ला के मुताबिक, ग्रहों का यह महासंयोग 350 सालों बाद होगा, जो शुभ संकेत लेकर आया है। इसके चुंबकीय प्रभाव से ग्रहों की नकारात्मकता कम हो जाएगी। विश्व में शांति, सद्भाव और खुशहाली आएगी। हालांकि, खगोल शास्त्री इस खगोलीय घटना को सोलर सिस्टम की सामान्य घटना भी मानते हैं। महाकुंभ नगर में हमने ज्योतिषाचार्यों से बात की। क्या होती है प्लेनेट परेड? कैसे पॉजिटिव एनर्जी रिलीज होगी? ज्योतिष के मुताबिक इसके क्या कुछ प्रभाव पड़ेंगे? चलिए जानते हैं… महाकुंभ में मौजूद ज्योतिषाचार्य के मुताबिक- महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त 26 फरवरी की सुबह 11.08 बजे चतुर्दशी तिथि से 27 फरवरी की सुबह 8.54 बजे तक है। इस दौरान जो खगोलीय घटना घटित होगी, उसमें सूर्य-शनि योग विश्व मे लाएगा सकारात्मक परिवर्तन लाएगा। अमावस्या जैसा ग्रह का महासंयोग ज्योतिर्विद आचार्य हरिकृष्ण शुक्ला ने बताया- प्रयागराज में सूर्य-चंद्रमा मकर राशि में थे। कुंभ राशि में शनि थे, वृषभ राशि में गुरु थे, इस कारण प्रयागराज में महाकुंभ का संयोग बना। महाकुंभ 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ हुआ। 26 फरवरी को महाकुंभ का अंतिम स्नान पर्व है। महाशिवरात्रि पर अमावस्या स्तर के ग्रह बलवान हैं। इस दिन कुंभ राशि में चंद्रमा, बुध, सूर्य, शनि जबकि मीन राशि में शुक्र और राहु हैं। वृषभ राशि में जुपिटर है, मिथुन राशि में मंगल है। हमारे जितने निगेटिव ग्रह हैं, वे इन शुभ राशियों में हैं। विश्वभर में पड़ेगा पॉजिटिव इफेक्ट आचार्य हरिकृष्ण शुक्ला बताते हैं- 26 फरवरी यानि महाशिवरात्रि को ब्रह्मांड में यह ग्रह एलाइनमेंट (संरेखण) हो रहा हैं। साल 2019 के बाद शनि के प्रकोप के कारण कोरोना जैसी महामारी फैली। करोड़ों लोगों की मौत हुई, ढाई से 3 साल तक यह पीरियड चला। इसके बाद रूस और युक्रेन के बीच युद्ध छिड़ा। चारों तरफ मातम, आकस्मिक दुर्घटनाएं और मौते हुईं। इसके बाद महाकुंभ आया, जिसमे अबतक 65 करोड़ लोग स्नान कर चुके है। यह कुंभ खगोलीय परिवर्तन के बिना संभव नहीं है। कहीं न कहीं प्रयागराज में जो ग्रहों का प्रभाव है, महाकुंभ के रूप में इसका असर पूरे विश्व पर पड़ा है। अब इन ग्रहों का प्रभाव महाशिवरात्रि को हो रहा है। हमारे गुरु जो वृषभ राशि में हैं, वह उच्च बलवती हो रहे हैं। दुनिया में सकारात्मक परिवर्तन होने जा रहा है। ज्योतिर्विद हरिकृष्ण शुक्ला ने बताया कि सूर्य-शनि योग के कारण पूरे विश्व में एक सकारात्मक परिवर्तन होने जा रहा है। सुख, समृद्धि और शांति के योग बन रहे हैं। 5 वर्षों से पूरा विश्व अशांत था। इस नए ग्रह ऑर्डर के कारण अब रूस और यूक्रेन का युद्ध भी 30 मार्च तक खत्म हो जाएगा। पूरा विश्व एक नई दिशा की ओर बढ़ेगा, मार्च तक पूरे विश्व में सकारात्मकता और शांति आएगी, नकारात्मकता हटेगी। कारण ये है कि यही ग्रह जीवन में सुख-शांति छीन लेते हैं, यही ग्रह सुख-समृद्धि और शांति देते हैं। 26 फरवरी को 7 ग्रह एक लाइन में दिखेंगे। महाकुंभ में पूरी दुनिया से आने वाले लाखों श्रद्धालु सकारात्मक लेकर अपने घर लौटेंगे। क्या होता है प्लेनेट परेड खगोलशास्त्री डॉ. रवि किरण ने बताया- सभी ग्रह हमारे सौरमंडल में सूर्य के चारों तरफ घूमते रहते हैं। जब कुछ ग्रह एक सीधी लाइन में नजर आते हैं, तो इसे प्लेनेट परेड या प्लेनेटरी अलाइनमेंट कहते हैं। सोलर सिस्टम में 8 ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं। पृथ्वी भी सूर्य का चक्कर लगाती है। यह ग्रह हमेशा एक-दूसरे से अलाइन होते हैं। सोलर सिस्टम में ग्रह इसके चारों ओर सर्किल शेप में चक्कर लगाते रहते हैं। ग्रह एक–दूसरे से दूर होते हैं। इन ग्रहों का चक्कर लगाने का समय भी अलग-अलग होता है। ऐसे में जब सभी ग्रह सूरज का चक्कर लगाते हुए एक सीधी लाइन में आ जाते हैं तो उसे प्लेनेट परेड कहते हैं। ज्योतिर्विद हरिकृष्ण शुक्ला ने कहा, ग्रह सामान्यत: एक लाइन में 4 से 5 साल में अलाइन होते रहते हैं। इस बार वृषभ राशि में गुरु हैं, कुंभ राशि में सूर्य और शनि हैं, यह दुर्लभ संयोग सैकड़ों साल बाद आता है। इस दिन अमृत स्नान जैसा महासंयोग होने से महाकुंभ में स्नान से सभी कष्ट दूर होते हैं। इसके अलावा मां गंगा के साथ भगवान शिव का भी आशीर्वाद मिलता है।, महाकुंभ स्नान से पाप मिट जाते हैं। कुंडली में मौजूद पितृदोष भी दूर हो जाते हैं। कैसे दिखेगी दुर्लभ खगोलीय घटना? खगोलशास्त्री डॉ. सुरूर के मुताबिक- मौसम साफ रहने पर इन ग्रहों को नग्न आंखों से भी देखा जा सकता है। इनमें शुक्र, मंगल, गुरु और शनि को रात के अंधेरे में बिना टेलिस्कोप की मदद से सामान्य आंखों से भी देख सकते हैं। इन्हें देखने का सबसे बढ़िया समय सूर्यास्त के 45 मिनट बाद का होगा। हालांकि, नेपच्यून और यूरेनस को देखने के लिए टेलिस्कोप की मदद लेनी पड़ेगी। शुक्र ग्रह सबसे ज्यादा चमकता हुआ दिखेगा। मंगल दूर से देखने पर लाल रंग के बिंदु जैसा दिखाई देगा। शनि धुंधले बिंदु जैसा और गुरु सफेद बिंदु की तरह दूर से दिखाई देगा। ……………………………….. यह खबर भी पढ़ें महाकुंभ में अक्षय कुमार-कैटरीना कैफ ने डुबकी लगाई: बेटी राशा के साथ रवीना टंडन भी पहुंचीं, हर-हर गंगे…भजन गाया महाकुंभ का आज 43वां दिन है। मेला खत्म होने में 2 दिन और बचे हैं। आज बॉलीवुड एक्टर-एक्ट्रेस का जमावड़ा है। अक्षय कुमार, कैटरीना कैफ, रवीना टंडन ने संगम में स्नान किया। कैटरीना अपनी सास तो रवीना अपनी बेटी राशा के साथ पहुंचीं। पढ़ें पूरी खबर… महाकुंभ का अंतिम स्नान महाशिवरात्रि पर एक दुर्लभ खगोलीय घटना का साक्षी बन रहा है। आसमान में 7 ग्रह-बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून एक सीधी रेखा में परेड करेंगे। इन्हें नग्न आंखों से भी देखा जा सकता है। ज्योतिष के विद्वान हरिकृष्ण शुक्ला के मुताबिक, ग्रहों का यह महासंयोग 350 सालों बाद होगा, जो शुभ संकेत लेकर आया है। इसके चुंबकीय प्रभाव से ग्रहों की नकारात्मकता कम हो जाएगी। विश्व में शांति, सद्भाव और खुशहाली आएगी। हालांकि, खगोल शास्त्री इस खगोलीय घटना को सोलर सिस्टम की सामान्य घटना भी मानते हैं। महाकुंभ नगर में हमने ज्योतिषाचार्यों से बात की। क्या होती है प्लेनेट परेड? कैसे पॉजिटिव एनर्जी रिलीज होगी? ज्योतिष के मुताबिक इसके क्या कुछ प्रभाव पड़ेंगे? चलिए जानते हैं… महाकुंभ में मौजूद ज्योतिषाचार्य के मुताबिक- महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त 26 फरवरी की सुबह 11.08 बजे चतुर्दशी तिथि से 27 फरवरी की सुबह 8.54 बजे तक है। इस दौरान जो खगोलीय घटना घटित होगी, उसमें सूर्य-शनि योग विश्व मे लाएगा सकारात्मक परिवर्तन लाएगा। अमावस्या जैसा ग्रह का महासंयोग ज्योतिर्विद आचार्य हरिकृष्ण शुक्ला ने बताया- प्रयागराज में सूर्य-चंद्रमा मकर राशि में थे। कुंभ राशि में शनि थे, वृषभ राशि में गुरु थे, इस कारण प्रयागराज में महाकुंभ का संयोग बना। महाकुंभ 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ हुआ। 26 फरवरी को महाकुंभ का अंतिम स्नान पर्व है। महाशिवरात्रि पर अमावस्या स्तर के ग्रह बलवान हैं। इस दिन कुंभ राशि में चंद्रमा, बुध, सूर्य, शनि जबकि मीन राशि में शुक्र और राहु हैं। वृषभ राशि में जुपिटर है, मिथुन राशि में मंगल है। हमारे जितने निगेटिव ग्रह हैं, वे इन शुभ राशियों में हैं। विश्वभर में पड़ेगा पॉजिटिव इफेक्ट आचार्य हरिकृष्ण शुक्ला बताते हैं- 26 फरवरी यानि महाशिवरात्रि को ब्रह्मांड में यह ग्रह एलाइनमेंट (संरेखण) हो रहा हैं। साल 2019 के बाद शनि के प्रकोप के कारण कोरोना जैसी महामारी फैली। करोड़ों लोगों की मौत हुई, ढाई से 3 साल तक यह पीरियड चला। इसके बाद रूस और युक्रेन के बीच युद्ध छिड़ा। चारों तरफ मातम, आकस्मिक दुर्घटनाएं और मौते हुईं। इसके बाद महाकुंभ आया, जिसमे अबतक 65 करोड़ लोग स्नान कर चुके है। यह कुंभ खगोलीय परिवर्तन के बिना संभव नहीं है। कहीं न कहीं प्रयागराज में जो ग्रहों का प्रभाव है, महाकुंभ के रूप में इसका असर पूरे विश्व पर पड़ा है। अब इन ग्रहों का प्रभाव महाशिवरात्रि को हो रहा है। हमारे गुरु जो वृषभ राशि में हैं, वह उच्च बलवती हो रहे हैं। दुनिया में सकारात्मक परिवर्तन होने जा रहा है। ज्योतिर्विद हरिकृष्ण शुक्ला ने बताया कि सूर्य-शनि योग के कारण पूरे विश्व में एक सकारात्मक परिवर्तन होने जा रहा है। सुख, समृद्धि और शांति के योग बन रहे हैं। 5 वर्षों से पूरा विश्व अशांत था। इस नए ग्रह ऑर्डर के कारण अब रूस और यूक्रेन का युद्ध भी 30 मार्च तक खत्म हो जाएगा। पूरा विश्व एक नई दिशा की ओर बढ़ेगा, मार्च तक पूरे विश्व में सकारात्मकता और शांति आएगी, नकारात्मकता हटेगी। कारण ये है कि यही ग्रह जीवन में सुख-शांति छीन लेते हैं, यही ग्रह सुख-समृद्धि और शांति देते हैं। 26 फरवरी को 7 ग्रह एक लाइन में दिखेंगे। महाकुंभ में पूरी दुनिया से आने वाले लाखों श्रद्धालु सकारात्मक लेकर अपने घर लौटेंगे। क्या होता है प्लेनेट परेड खगोलशास्त्री डॉ. रवि किरण ने बताया- सभी ग्रह हमारे सौरमंडल में सूर्य के चारों तरफ घूमते रहते हैं। जब कुछ ग्रह एक सीधी लाइन में नजर आते हैं, तो इसे प्लेनेट परेड या प्लेनेटरी अलाइनमेंट कहते हैं। सोलर सिस्टम में 8 ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं। पृथ्वी भी सूर्य का चक्कर लगाती है। यह ग्रह हमेशा एक-दूसरे से अलाइन होते हैं। सोलर सिस्टम में ग्रह इसके चारों ओर सर्किल शेप में चक्कर लगाते रहते हैं। ग्रह एक–दूसरे से दूर होते हैं। इन ग्रहों का चक्कर लगाने का समय भी अलग-अलग होता है। ऐसे में जब सभी ग्रह सूरज का चक्कर लगाते हुए एक सीधी लाइन में आ जाते हैं तो उसे प्लेनेट परेड कहते हैं। ज्योतिर्विद हरिकृष्ण शुक्ला ने कहा, ग्रह सामान्यत: एक लाइन में 4 से 5 साल में अलाइन होते रहते हैं। इस बार वृषभ राशि में गुरु हैं, कुंभ राशि में सूर्य और शनि हैं, यह दुर्लभ संयोग सैकड़ों साल बाद आता है। इस दिन अमृत स्नान जैसा महासंयोग होने से महाकुंभ में स्नान से सभी कष्ट दूर होते हैं। इसके अलावा मां गंगा के साथ भगवान शिव का भी आशीर्वाद मिलता है।, महाकुंभ स्नान से पाप मिट जाते हैं। कुंडली में मौजूद पितृदोष भी दूर हो जाते हैं। कैसे दिखेगी दुर्लभ खगोलीय घटना? खगोलशास्त्री डॉ. सुरूर के मुताबिक- मौसम साफ रहने पर इन ग्रहों को नग्न आंखों से भी देखा जा सकता है। इनमें शुक्र, मंगल, गुरु और शनि को रात के अंधेरे में बिना टेलिस्कोप की मदद से सामान्य आंखों से भी देख सकते हैं। इन्हें देखने का सबसे बढ़िया समय सूर्यास्त के 45 मिनट बाद का होगा। हालांकि, नेपच्यून और यूरेनस को देखने के लिए टेलिस्कोप की मदद लेनी पड़ेगी। शुक्र ग्रह सबसे ज्यादा चमकता हुआ दिखेगा। मंगल दूर से देखने पर लाल रंग के बिंदु जैसा दिखाई देगा। शनि धुंधले बिंदु जैसा और गुरु सफेद बिंदु की तरह दूर से दिखाई देगा। ……………………………….. यह खबर भी पढ़ें महाकुंभ में अक्षय कुमार-कैटरीना कैफ ने डुबकी लगाई: बेटी राशा के साथ रवीना टंडन भी पहुंचीं, हर-हर गंगे…भजन गाया महाकुंभ का आज 43वां दिन है। मेला खत्म होने में 2 दिन और बचे हैं। आज बॉलीवुड एक्टर-एक्ट्रेस का जमावड़ा है। अक्षय कुमार, कैटरीना कैफ, रवीना टंडन ने संगम में स्नान किया। कैटरीना अपनी सास तो रवीना अपनी बेटी राशा के साथ पहुंचीं। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर