रेवाड़ी में ओलावृष्टि से 60 गांवों में फसलें बर्बाद:गेहूं और सरसों में 70 प्रतिशत तक नुकसान; किसान बोले- जल्द गिरदावरी हो

रेवाड़ी में ओलावृष्टि से 60 गांवों में फसलें बर्बाद:गेहूं और सरसों में 70 प्रतिशत तक नुकसान; किसान बोले- जल्द गिरदावरी हो

हरियाणा के रेवाड़ी में शुक्रवार देर रात हुई ओलावृष्टि के कारण 60 से अधिक गांवों में फसलें बर्बाद हो गई। गेहूं व सरसों की फसलों को 70 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। कृषि विभाग की ओर से आज फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला जा सकता है, जिस पर किसान अपने नुकसान संबंधी रिपोर्ट दर्ज करवा सकेंगे। रेवाड़ी के बावल, कुंड व खोल ब्लॉक के गांवों में ओलावृष्टि से ज्यादा नुकसान हुआा है। किसानों के अनुसार ढाणी शोभा, भालखी माजरा, टींट, खोरी, हरजीपुर, गोलियाका, सुलखा, बेरवाल, बधराना, भाड़ावास, नंदरामपुर बास, लाधूवास, जड़थल, भूथला, आसियाकी, पांचौर, रालियावास, नांगल जमालपुर, अहरोद में जमकर ओलावृष्टि हुई है। सरसों की टूटी टहनियां ओलावृष्टि के कारण पककर तैयार हो चुकी सरसों की फसल की टहनियां टूट गई है। किसानों के अनुसार अब तो फसल पर पूरा खर्चा लग चुका था, केवल उनकी मेहनत का फल मिलना बाकी है। इस बार पाले की मार से किसान की फसलें बचीं तो ओलावृष्टि ने चौपट कर दी। जल्द गिरदावरी और मुआवजे की मांग भारतीय किसान यूनियन चढूनी के प्रधान समय सिंह ने ओलावृष्टि से प्रभावित क्षेत्र में जल्द गिरदावरी करवा मुआवजे की मांग रखी है। समय सिंह ने कहा कि बीमा कंपनियां नुकसान दिखाने में भी आनाकानी करती हैं। बिना फसल बीमा वाले किसानों को भी जल्द मुआवजा देकर राहत देनी चाहिए। 72 घंटे में करवाएं पोर्टल पर अपडेट ओलावृष्टि से प्रभावित किसान फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 72 घंटे के दौरान अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। उसके बाद बीमा कंपनी और कृषि विभाग के अधिकारी नुकसान का जायजा लेने के लिए पहुंचेंगे। नुकसान के आकलन में खराबे की प्रतिशत के आधार पर किसानों को मुआवजा राशि मिलेगी। हरियाणा के रेवाड़ी में शुक्रवार देर रात हुई ओलावृष्टि के कारण 60 से अधिक गांवों में फसलें बर्बाद हो गई। गेहूं व सरसों की फसलों को 70 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। कृषि विभाग की ओर से आज फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला जा सकता है, जिस पर किसान अपने नुकसान संबंधी रिपोर्ट दर्ज करवा सकेंगे। रेवाड़ी के बावल, कुंड व खोल ब्लॉक के गांवों में ओलावृष्टि से ज्यादा नुकसान हुआा है। किसानों के अनुसार ढाणी शोभा, भालखी माजरा, टींट, खोरी, हरजीपुर, गोलियाका, सुलखा, बेरवाल, बधराना, भाड़ावास, नंदरामपुर बास, लाधूवास, जड़थल, भूथला, आसियाकी, पांचौर, रालियावास, नांगल जमालपुर, अहरोद में जमकर ओलावृष्टि हुई है। सरसों की टूटी टहनियां ओलावृष्टि के कारण पककर तैयार हो चुकी सरसों की फसल की टहनियां टूट गई है। किसानों के अनुसार अब तो फसल पर पूरा खर्चा लग चुका था, केवल उनकी मेहनत का फल मिलना बाकी है। इस बार पाले की मार से किसान की फसलें बचीं तो ओलावृष्टि ने चौपट कर दी। जल्द गिरदावरी और मुआवजे की मांग भारतीय किसान यूनियन चढूनी के प्रधान समय सिंह ने ओलावृष्टि से प्रभावित क्षेत्र में जल्द गिरदावरी करवा मुआवजे की मांग रखी है। समय सिंह ने कहा कि बीमा कंपनियां नुकसान दिखाने में भी आनाकानी करती हैं। बिना फसल बीमा वाले किसानों को भी जल्द मुआवजा देकर राहत देनी चाहिए। 72 घंटे में करवाएं पोर्टल पर अपडेट ओलावृष्टि से प्रभावित किसान फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 72 घंटे के दौरान अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। उसके बाद बीमा कंपनी और कृषि विभाग के अधिकारी नुकसान का जायजा लेने के लिए पहुंचेंगे। नुकसान के आकलन में खराबे की प्रतिशत के आधार पर किसानों को मुआवजा राशि मिलेगी।   हरियाणा | दैनिक भास्कर