हरियाणा के चरखी दादरी में हाल ही में जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक से कृषि मंत्री द्वारा शिकायतकर्ता वकील को बाहर करने का मामला गरमाता जा रहा है। वकील ने कानूनी लड़ाई लड़ने के साथ-साथ सामाजिक संगठनों व खाप पंचायतों को एकजुट करने की तैयारी कर ली है। वकील का कहना है कि वह एक प्रतिष्ठित परिवार से है। उसके दादा स्वतंत्रता सेनानी थे व पेप्सू में मंत्री रहे हैं। उन्हें गुंडा कहना सहन नहीं है और वे मंत्री श्याम सिंह राणा के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ेंगे। विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग बता दे कि बीते मंगलवार को चरखी दादरी में आयोजित कष्ट निवारण समिति की बैठक से ओवरलोडिंग की शिकायत करने वाले वकील संजीव तक्षक को बाहर निकाल दिया गया था। जिसके बाद से मामला गरमाया हुआ है। वकील ने कृषि मंत्री को मानहानि का लीगल नोटिस भेजने के साथ प्रधान मंत्री कार्यालय, सीएम कार्यालय व विधानसभा में पत्र भेजकर मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने व सदस्यता रद्द करने की मांग की है। उनके दादा मंत्री रहे,गुंडा कहना सहन नहीं
वकील संजीव तक्षक का कहना है कि वे एक प्रतिष्ठित परिवार से हैं। उनके दादा स्वर्गीय निहाल सिंह तक्षक एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। इसके अलावा वे संयुक्त पंजाब (PEPSU) में शिक्षा, स्वास्थ्य और वित्त मंत्री रहे। उनके दादा संविधान सभा के सदस्य भी थे। उनके परिवार ने लोगों के लिए समाज के लिए काम किया है। वे भी बीते करीब 15 सालों से सोशल वेलफेयर के काम में लगे हुए है। वे लंबे समय से ओवरलोडिंग के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। कष्ट निवारण समिति की बैठक में लगातार उन्होंने मुद्दा उठाया है। इसके अलावा धरना प्रदर्शन भी किए है लेकिन अभी तक समाधान नहीं हुआ है। उनके साथ इस प्रकार का बर्ताव करना और भरी सभा से गुंडा कहकर बाहर निकालना उन्हें सहन नहीं हैं। यदि उनके साथ ही इस प्रकार का व्यवहार किया जाएगा तो आम शिकायतकर्ता तो अपनी शिकायत करने से भी कतराएगा। इसलिए वे पीछे नहीं हटेंगे।
सामाजिक संगठनों-खाप पंचायतों का लेंगे सहारा
वकील ने कहा कि कानूनी लड़ाई के साथ-साथ वे सामाजिक संगठनों व खाप पंचायतों के सहयोग से लड़ाई लड़ेंगे। जरूरत पड़ी तो राज्य स्तर पर बार एसोसिएशन का सहारा लेंगे। उन्होंने कहा कि ओवरलोडिंग का मामला उनका व्यक्तिगत मामला नहीं है और ये दादरी की भलाई और क्षेत्र से जुड़ा है। इसके बावजूद इस प्रकार से बेइज्जत करके बाहर निकालना जायज नहीं है और ये लोकतंत्र व कानून की हत्या है। इसे वे बर्दाश्त नहीं करेंगे और मंत्री को उनकी गलती का एहसास कराएंगे। ये था मामला..
बता दे कि 15 अप्रैल को दादरी में जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक आयोजित की गई। जिसके अध्यक्षता करने और परिवादों की सुनवाई करने के लिए हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा पहुंचे थे। उनके समक्ष पूर्व निर्धारित 15 परिवाद रखे गए जिनमें से 6 का समाधान किया गया, 4 का शीघ्र समाधान करने के लिए समय दिया गया जबकि 5 मामले अगली बैठक के लिए पेंडिंग रखे गए। इन पूर्व निर्धारित 15 मामलों में से परिवाद नंबर 1 और परिवाद नंबर 2 मे शिकायतकर्ता वकील शीतल साहू और संजीव तक्षक थे। दोनों मामले व्यक्तिगत ना होकर जिले की टूटी सड़कें, खस्ताहाल पुल, नेशनल हाईवे टूटने, ओवरलोडिंग आदि से जुड़े हुए थे और इन पर काफी बहस भी हुई। परिवाद नंबर दो में शिकायतकर्ता बार-बार यह कहता रहा कि वह लंबे समय से और हर बैठक में ओवरलोडिंग व अवैध खनन का मुद्दा उठाता रहा है लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हुआ। मंत्री ने जब संबंधित अधिकारियों से इसका जवाब मांगा तो बैठक मे मौजूद अधिकारी ने कहा कि जिले में नाके लगाए गए है, लगातार वाहनों की चेकिंग हो रही है और कार्रवाई की जा रही है। जिसके बाद वकील ने कहा कि यदि नाके लगाकर कार्रवाई की जा रही है तो मैं बीती रात के ही विडियो दिखा देता हूं जिसमें अनेक ओवरलोडिंग ट्रक जा रहे हैं। वकील ने कहा कि कोई कार्रवाई नहीं की जा रही केवल खानापूर्ति की जा रही है। इस दौरान काफी सवाल जवाब हुए और माहौल गरमा गया। वकील ने कहा कि ऊपर तक पूरा सिस्टम सेट है। या तो आपको मेरी बात समझ नहीं आ रही, या आपके बस की बात नहीं या फिर आप करना नहीं चाहते। जिसके बात मंत्री ने कहा कि जो आपकी मर्जी। इस बीच डीसी व एसपी ने वकील को मर्यादा में रहकर बात करने की नसीहत दी और कहा कि सदन की गरिमा बनाए रखे। इस बीच मंत्री ने कहा कि बाहर करो इसे, तू गुंडा है क्या। वकील कहता रहा कि ये तरीका सही नहीं है सुरक्षाकर्मियों ने बैठक से बाहर कर दिया। जिससे आहत वकील ने मंत्री को मानहानि का नोटिस भिजवाया है और प्रधानमंत्री कार्यालय, सीएम कार्यालय, विधानसभा पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है। हरियाणा के चरखी दादरी में हाल ही में जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक से कृषि मंत्री द्वारा शिकायतकर्ता वकील को बाहर करने का मामला गरमाता जा रहा है। वकील ने कानूनी लड़ाई लड़ने के साथ-साथ सामाजिक संगठनों व खाप पंचायतों को एकजुट करने की तैयारी कर ली है। वकील का कहना है कि वह एक प्रतिष्ठित परिवार से है। उसके दादा स्वतंत्रता सेनानी थे व पेप्सू में मंत्री रहे हैं। उन्हें गुंडा कहना सहन नहीं है और वे मंत्री श्याम सिंह राणा के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ेंगे। विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग बता दे कि बीते मंगलवार को चरखी दादरी में आयोजित कष्ट निवारण समिति की बैठक से ओवरलोडिंग की शिकायत करने वाले वकील संजीव तक्षक को बाहर निकाल दिया गया था। जिसके बाद से मामला गरमाया हुआ है। वकील ने कृषि मंत्री को मानहानि का लीगल नोटिस भेजने के साथ प्रधान मंत्री कार्यालय, सीएम कार्यालय व विधानसभा में पत्र भेजकर मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने व सदस्यता रद्द करने की मांग की है। उनके दादा मंत्री रहे,गुंडा कहना सहन नहीं
वकील संजीव तक्षक का कहना है कि वे एक प्रतिष्ठित परिवार से हैं। उनके दादा स्वर्गीय निहाल सिंह तक्षक एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। इसके अलावा वे संयुक्त पंजाब (PEPSU) में शिक्षा, स्वास्थ्य और वित्त मंत्री रहे। उनके दादा संविधान सभा के सदस्य भी थे। उनके परिवार ने लोगों के लिए समाज के लिए काम किया है। वे भी बीते करीब 15 सालों से सोशल वेलफेयर के काम में लगे हुए है। वे लंबे समय से ओवरलोडिंग के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। कष्ट निवारण समिति की बैठक में लगातार उन्होंने मुद्दा उठाया है। इसके अलावा धरना प्रदर्शन भी किए है लेकिन अभी तक समाधान नहीं हुआ है। उनके साथ इस प्रकार का बर्ताव करना और भरी सभा से गुंडा कहकर बाहर निकालना उन्हें सहन नहीं हैं। यदि उनके साथ ही इस प्रकार का व्यवहार किया जाएगा तो आम शिकायतकर्ता तो अपनी शिकायत करने से भी कतराएगा। इसलिए वे पीछे नहीं हटेंगे।
सामाजिक संगठनों-खाप पंचायतों का लेंगे सहारा
वकील ने कहा कि कानूनी लड़ाई के साथ-साथ वे सामाजिक संगठनों व खाप पंचायतों के सहयोग से लड़ाई लड़ेंगे। जरूरत पड़ी तो राज्य स्तर पर बार एसोसिएशन का सहारा लेंगे। उन्होंने कहा कि ओवरलोडिंग का मामला उनका व्यक्तिगत मामला नहीं है और ये दादरी की भलाई और क्षेत्र से जुड़ा है। इसके बावजूद इस प्रकार से बेइज्जत करके बाहर निकालना जायज नहीं है और ये लोकतंत्र व कानून की हत्या है। इसे वे बर्दाश्त नहीं करेंगे और मंत्री को उनकी गलती का एहसास कराएंगे। ये था मामला..
बता दे कि 15 अप्रैल को दादरी में जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक आयोजित की गई। जिसके अध्यक्षता करने और परिवादों की सुनवाई करने के लिए हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा पहुंचे थे। उनके समक्ष पूर्व निर्धारित 15 परिवाद रखे गए जिनमें से 6 का समाधान किया गया, 4 का शीघ्र समाधान करने के लिए समय दिया गया जबकि 5 मामले अगली बैठक के लिए पेंडिंग रखे गए। इन पूर्व निर्धारित 15 मामलों में से परिवाद नंबर 1 और परिवाद नंबर 2 मे शिकायतकर्ता वकील शीतल साहू और संजीव तक्षक थे। दोनों मामले व्यक्तिगत ना होकर जिले की टूटी सड़कें, खस्ताहाल पुल, नेशनल हाईवे टूटने, ओवरलोडिंग आदि से जुड़े हुए थे और इन पर काफी बहस भी हुई। परिवाद नंबर दो में शिकायतकर्ता बार-बार यह कहता रहा कि वह लंबे समय से और हर बैठक में ओवरलोडिंग व अवैध खनन का मुद्दा उठाता रहा है लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हुआ। मंत्री ने जब संबंधित अधिकारियों से इसका जवाब मांगा तो बैठक मे मौजूद अधिकारी ने कहा कि जिले में नाके लगाए गए है, लगातार वाहनों की चेकिंग हो रही है और कार्रवाई की जा रही है। जिसके बाद वकील ने कहा कि यदि नाके लगाकर कार्रवाई की जा रही है तो मैं बीती रात के ही विडियो दिखा देता हूं जिसमें अनेक ओवरलोडिंग ट्रक जा रहे हैं। वकील ने कहा कि कोई कार्रवाई नहीं की जा रही केवल खानापूर्ति की जा रही है। इस दौरान काफी सवाल जवाब हुए और माहौल गरमा गया। वकील ने कहा कि ऊपर तक पूरा सिस्टम सेट है। या तो आपको मेरी बात समझ नहीं आ रही, या आपके बस की बात नहीं या फिर आप करना नहीं चाहते। जिसके बात मंत्री ने कहा कि जो आपकी मर्जी। इस बीच डीसी व एसपी ने वकील को मर्यादा में रहकर बात करने की नसीहत दी और कहा कि सदन की गरिमा बनाए रखे। इस बीच मंत्री ने कहा कि बाहर करो इसे, तू गुंडा है क्या। वकील कहता रहा कि ये तरीका सही नहीं है सुरक्षाकर्मियों ने बैठक से बाहर कर दिया। जिससे आहत वकील ने मंत्री को मानहानि का नोटिस भिजवाया है और प्रधानमंत्री कार्यालय, सीएम कार्यालय, विधानसभा पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
