करनाल में बड़ा गांव के नजदीक घीड़ रोड पर एक रिनॉल्ट ट्राइबर कार में अचानक आग लग गई। जिससे कार लोगों में अफरा तफरी मच गई। ड्राइवर ने कार को साइड में रोका और सभी को सुरक्षित बाहर निकाला। तीनों ही घीड़ गांव के रहने वाले बताए जा रहे है। तीनों लोगों के कार से बाहर आते ही पूरी आग ने पूरी गाड़ी को अपनी चपेट में ले लिया। घटना की सूचना के बाद पुलिस व फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंच गई और फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक गाड़ी पूरी तरह से जल चुकी थी। प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, कार में सवार तीनों लोग घीड़ से करनाल की तरफ जा रहे थे। जैसे ही उनकी कार घीड़ रोड पर बड़ा गांव देवी मंदिर के पास पहुंची तो अचानक आग लग गई। कार से धुआं निकलते देख मची अफरा तफरी बताया जा रहा है कि पहले ड्राइवर को गाड़ी के इंजन से धुआं निकलता दिखाई दिया। ड्राइवर ने साइड में खड़ा कर दिया और झट से बाहर निकल गए। उसके कुछ मिनट बाद ही गाड़ी धूं धूं करके जलने लगी। ड्राइवर अनुज का कहना है कि घीड़ से करनाल जा रहे थे। धुआं निकलता देखा तो साइड में गाड़ी खड़ी कर दी थी और उसके बाद आग लग गई। फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने एक घंटे बाद आकर आग पर काबू पाया गया है। ईआरवी इंचार्ज शमशेर सिंह ने बताया कि गाड़ी में आग लगने की सूचना मिली थी। हमारी टीम मौके पर पहुंच गई थी। फायर ब्रिगेड को सूचना दे दी थी। तीनों सवारी सुरक्षित है। करनाल में बड़ा गांव के नजदीक घीड़ रोड पर एक रिनॉल्ट ट्राइबर कार में अचानक आग लग गई। जिससे कार लोगों में अफरा तफरी मच गई। ड्राइवर ने कार को साइड में रोका और सभी को सुरक्षित बाहर निकाला। तीनों ही घीड़ गांव के रहने वाले बताए जा रहे है। तीनों लोगों के कार से बाहर आते ही पूरी आग ने पूरी गाड़ी को अपनी चपेट में ले लिया। घटना की सूचना के बाद पुलिस व फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंच गई और फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक गाड़ी पूरी तरह से जल चुकी थी। प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, कार में सवार तीनों लोग घीड़ से करनाल की तरफ जा रहे थे। जैसे ही उनकी कार घीड़ रोड पर बड़ा गांव देवी मंदिर के पास पहुंची तो अचानक आग लग गई। कार से धुआं निकलते देख मची अफरा तफरी बताया जा रहा है कि पहले ड्राइवर को गाड़ी के इंजन से धुआं निकलता दिखाई दिया। ड्राइवर ने साइड में खड़ा कर दिया और झट से बाहर निकल गए। उसके कुछ मिनट बाद ही गाड़ी धूं धूं करके जलने लगी। ड्राइवर अनुज का कहना है कि घीड़ से करनाल जा रहे थे। धुआं निकलता देखा तो साइड में गाड़ी खड़ी कर दी थी और उसके बाद आग लग गई। फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने एक घंटे बाद आकर आग पर काबू पाया गया है। ईआरवी इंचार्ज शमशेर सिंह ने बताया कि गाड़ी में आग लगने की सूचना मिली थी। हमारी टीम मौके पर पहुंच गई थी। फायर ब्रिगेड को सूचना दे दी थी। तीनों सवारी सुरक्षित है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में स्टिल्ट प्लस 4 मंजिला बिल्डिंग से रोक हटी:सरकार ने नए सेक्टरों पर शर्त लगा छूट दी; पहले बन चुकी ऐसी इमारतों का ऑडिट होगा
हरियाणा में स्टिल्ट प्लस 4 मंजिला बिल्डिंग से रोक हटी:सरकार ने नए सेक्टरों पर शर्त लगा छूट दी; पहले बन चुकी ऐसी इमारतों का ऑडिट होगा हरियाणा सरकार ने स्टिल्ट प्लस चार मंजिल निर्माण को मंजूरी दे दी है। नगर एवं ग्राम नियोजन विकास मंत्री जेपी दलाल ने यह ऐलान करते हुए कहा कि राव कमेटी की रिपोर्ट पर सरकार ने यह फैसला किया है। हालांकि इसके लिए सरकार की ओर से कुछ नियम एवं शर्तों को भी शामिल किया है। जो भी इनको पूरा करेगा, उसको ही स्टिल्ट प्लस चार मंजिला भवन निर्माण बनाने की इजाजत दी जाएगी। जेपी दलाल ने कहा कि सेक्टरों में जो पहले अवैध तरीके से 4 मंजिला भवन बनाए जा चुके हैं, उसको ढहाया नहीं जाएगा। हरियाणा के नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि स्टिल्ट +4 मंजिलों के निर्माण की अनुमति उन कालोनियों, सेक्टरों में आवासीय भूखंडों के लिए दी जाएगी, जिनका ले आउट प्लान प्रति प्लाट चार आवासीय इकाइयों के साथ अप्रूव है। एस +4 मंजिलों के निर्माण की अनुमति पहले से ही लाइसेंस प्राप्त DDJAY कॉलोनी में भी दी जाएगी, यदि प्रति प्लाट चार आवासीय इकाइयों के लिए संशोधित हो। इसके अलावा निर्माण की अनुमति उन कॉलोनियां, सेक्टरों में भी दी जा सकती है, जिनका ले आउट प्लान प्रति प्लॉट 3 आवासीय इकाइयों के साथ मंजूर हैं, लेकिन केवल ऐसे आवासीय भूखंडों के लिए जो 10 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़क से सुगम्य हैं। ये भवन होंगे अवैध जिन भवनों में 1.8 मीटर का साइड सेट बैक नहीं छोड़ा होगा, उन्हें अवैध माना जाएगा। इसके अलावा भवन के आसपास रहने वाले लोगों की मंजूरी भी लेना जरूरी होगा, यदि वह परमिशन नहीं देंगे तो ऐसे भवनों को भी अवैध माना जाएगा। दलाल ने बताया कि 250 वर्ग मीटर से अधिक माप वाले भूखंडों के लिए PDR की दरें नियम से बढ़ाई जाएंगी। एस +4 विकल्प नहीं चुनने पर ये होगा नियम जहां मालिक एस +4 मंजिल का निर्माण नहीं करने का विकल्प चुनता है और PDR का फायदा पूरा नहीं उठाता है, ऐसे अप्रयुक्त पीडीआर की गणित राशि का रिफंड 8% ब्याज सहित के अनुरोध के लिए आवेदन की तिथि तक पात्रता होगी, जो इस संबंध में आदेश जारी करने की तिथि से 60 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए। यदि मामला अनुच्छेद 1 या 3 में नहीं आता है, तो आवंटी 8 % ब्याज के साथ भुगतान की गई पूरी नीलामी राशि की वापसी के लिए पात्र होगा, जो इस संबंध में आदेश जारी करने की तिथि से 60 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए। इस नियम को ऐसे समझिए… रिफंड राशि की गणना के लिए एक उदाहरण के रूप में समझिए। गुरुग्राम में स्थित 600 वर्ग मीटर के एक भूखंड के लिए, जिस पर आधार एफएआर 1.2 है और पीडीआर के साथ अधिकतम स्वीकार्य एफएआर 2.4 तक है, लेकिन आवंटी 1.9 का एफएआर प्राप्त करने में सक्षम है, तो शेष अप्रयुक्त एफएआर 0.5, यानी 300 वर्ग मीटर के लिए आवंटी गणना की गई राशि के प्रतिदाय के लिए पात्र होगा। शेष अप्रयुक्त एफएआर ( वर्ग मीटर में ) को प्लाट आकार के लिए पीडीआर ( रुपये प्रति वर्ग मीटर में ) उस क्षेत्र में जिसमें प्लाट स्थित है की लागू निर्धारित दर से गुणा किया जाता है। तदनुसार, यदि प्लाट गुरुग्राम ( हाइपर पोटेंशियल जोन ) में स्थित है, तो वापसी योग्य राशि 24,21,000 रुपए होगी और यदि प्लाट पानीपत (हाई- पोटेशियल(जोन) में स्थित है, तो वापसी योग्य राशि 24,53,500 रुपए होगी। 250 वर्ग मीटर से कम भूखंडों की अनुमति नहीं होगी मामलों में जहां दोनों में से किसी एक या दोनों को स्वामियों के साथ निष्पादित महत समझौते में सहमति दी जाती है, ऐसे में बेसमेंट का निर्माण और सार्वजनिक दीवार पर भार का स्थानांतरण करने की अनुमति है। इसके अलावा, आम दीवार के निर्माण की अनुमति दी जाएगी यदि आवासीय भूखंडों की पूरी पंक्ति को भवन योजनाओं को स्वीकृति और निर्माण के लिए एक बार में लिया जाता है। बेसमेंट मंजिल का निर्माण की अनुमति किसी भी मामले में 10 मीटर चौड़ाई और 250 वर्ग मीटर क्षेत्र से कम के भूखंडों पर अनुमति नहीं दी जाएगी। सुविधाओं का ऑडिट कराएगी सरकार पिछले साल मार्च में रिटायर्ड आईएएस पी राघवेंद्र राव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया। कमेटी ने रिपोर्ट सौंपी, जिसके बाद सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया था। लोकसभा चुनाव के बाद अब सरकार ने ये फैसला किया है। जिसके अनुसार जिन इलाकों में यह पार्किंग प्लस चार मंजिला भवनों का निर्माण हो चुका है, वहां सुविधाओं का ऑडिट भी कराएगी। ताकि किसी को कोई परेशानी न आए और वहां सुविधा बढ़ाई जा सके। इसके अलावा जिन सेक्टर्स में विरोध नहीं है, वहां भी निर्माण किया जा सकेगा। सरकार ने ये भी किया ऐलान शहर के सभी सेक्टरों के आधारभूत संरचना में वृद्धि, जहां भी आवश्यक हो, संबंधित एजेंसियों द्वारा एस +4 योजनाओं के अनुमोदन के विरुद्ध एकत्रित 1178.95 करोड़ रुपए ( टीसीपी 689.8 करोड़ रुपए, एचएसवीपी 466.3 करोड़ रुपए, एचएसआईआईडीसी 2.62 करोड़ रुपए यूएलबी 20.23 करोड़ रुपए की आईएसी निधि से तुरंत की जाएगी। ये निधियों तत्काल आधार पर एचएसवीपी को जारी की जाएगी, जो प्राथमिकता और निष्पादन के लिए नोडल कार्यालय होगा, और उसके बाद मासिक आधार पर उपार्जन के आधार पर जारी की जाएगी। शिकायतों के लिए समितियां बनेंगी दलाल ने बताया कि प्रत्येक विभाग एस- 4 मामलों से संबंधित मुद्दों के निपटान और समय-समय पर एस-4 मंजिलों से संबंधित अनुमतियों सहित विभिन्न सूचनाओं को अपलोड करने के लिए एस -4 पोर्टल ‘ स्थापित करेगा। स्टिल्ट प्लस चार मंजिलों के लिए भवन योजनाओं के अनुमोदन की जानकारी को एस -4 पोर्टल’ और संबंधित एजेंसियों की वेबसाइटों पर नियमित रूप से प्रदर्शित करने के लिए एक तंत्र विकसित किया जाएगा। जेपी दलाल ने बताया कि शिकायतों के समाधान के लिए शिकायत निवारण समितियों का गठन किया जाएगा। एस +4 मंजिलों के निर्माण के संबंध में संरचनात्मक क्षति, पार्किंग की समस्या, बुनियादी ढांचे के मुद्दों आदि से संबंधित सभी मामलों के लिए भूखंड मालिकों को सहायता दी जाएगी। सभी शिकायतों का निपटारा एस -4 पोर्टल पर किया जाएगा। इसलिए बढ़ी स्टिल्ट प्लस 4 की डिमांड कई मामलों में स्टिल्ट प्लस 4 मंजिलों का निर्माण सीमित जगह वाले क्षेत्रों में या जहां जमीन की कीमत अधिक है, वहां किया जाता है। स्टिल्ट फ्लोर का उपयोग कर, डेवलपर्स आवासीय या व्यवसायिक उपयोग के लिए मूल्यवान फ्लोर स्पेस का त्याग किए बिना पार्किंग या भंडारण के लिए अतिरिक्त स्थान बना सकते हैं। इसलिए हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में इसकी डिमांड बढ़ी है। ये होता है नुकसान यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि स्टिल्ट प्लस 4 मंजिलों के निर्माण से आसपास के बुनियादी ढांचे पर असर पड़ सकता है। इससे यातायात में वृद्धि, पार्किंग और जल निकासी संबंधी समस्याएं आ सकती हैं।
हरियाणा में राज्यसभा सांसद को टिकट पर बगावत:शेरा का निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान; बोले- मनोहर लाल-संजय भाटिया ने संगठन का नाश मारा
हरियाणा में राज्यसभा सांसद को टिकट पर बगावत:शेरा का निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान; बोले- मनोहर लाल-संजय भाटिया ने संगठन का नाश मारा हरियाणा के पानीपत की इसराना विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार व राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार के खिलाफ बगावत शुरू हो गई है। यहां से स्थानीय भाजपा नेता सत्यवान शेरा ने निर्दलीय लड़ने का ऐलान कर दिया है। टिकट ना मिलने से नाराज सत्यवान ने अपनी पत्नी के साथ तीन दिन पहले ही पार्टी से इस्तीफा दिया था। इसके बाद आज सोमवार को उन्होंने प्रेस कान्फ्रेंस कर भाजपा के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। सत्यवान ने कहा, “हम संगठन के लिए कई वर्षों से काम कर रहे हैं। लेकिन, यहां से पार्टी ने राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार को टिकट देकर बाकी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की है। अब चुनावों में पंवार को वोटों की चोट झेलनी होगी”। बता दें कि कांग्रेस ने यहां से अपने मौजूदा विधायक बलबीर सिंह वाल्मीकि को मैदान में उतारा है। मनोहर और संजय खुद से बड़ा किसी को नहीं समझते: शेरा
सत्यवान शेरा ने कहा, “प्रदेश के संगठन का दो लोगों ने नाश मार दिया है। ये नेता मनोहर लाल और संजय भाटिया हैं। दोनों ही पार्टी में खुद से बड़ा किसी को नहीं समझते। दोनों अपनी मनमर्जी चलाते हैं। अगर पार्टी में कोई नाराज हो जाता है, तो ये लोग उससे बातचीत भी नहीं करते हैं”। इस दौरान उन्होंने आगे कहा, “मेरे नाराज होने पर कृष्णलाल पंवार ने मुझे फोन किया और कहा कि मनोहर लाल ने फोन करने को कहा है। तब मैंने उनसे पूछा कि अगर वो नहीं कहते तो क्या आप कॉल करते। मेरे इस सवाल का जवाब भी उन्होंने संतोषजनक नहीं दिया”। इसराना में नहीं पंवार का जनाधार: सत्यवान
सत्यवान शेरा ने कहा कि जब पार्टी ने कृष्ण लाल पंवार को राज्यसभा सांसद बना दिया है, तो अब उन्हें विधानसभा से टिकट क्यों दी गई है। क्या इसराना विधानसभा में सिर्फ पंवार का ही जनाधार है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। कृष्ण लाल पंवार को क्षेत्र वासी स्थानीय नेता नहीं मानते, क्योंकि वे लोगों के बीच नहीं रहते हैं। 2019 में अपनी सीट नहीं बचा पाए थे पंवार
भाजपा ने 2024 के चुनाव में कई पुराने चेहरों पर दांव लगाया है, इन चेहरों में कई ऐसे नाम भी हैं जो 2019 में चुनाव हार गए थे। इन्हीं चेहरों में एक नाम राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार का भी है। 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए पंवार को पार्टी ने उस समय इसराना से टिकट दिया था। उस चुनाव में भले ही पंवार भाजपा के लिए ये सीट जीतने में कामयाब रहे लेकिन 2019 में वह इस सीट को नहीं बचा पाए। कांग्रेस के बलबीर बाल्मीकि ने उन्हें 20,015 वोटों के अंतर से मात दी थी। हालांकि हार के बाद भी पार्टी में पंवार का रुतबा कम नहीं हुआ और उन्हें राज्यसभा में पहुंचा दिया गया। पिछले विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद भाजपा ने उनपर विश्वास जताया है। कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ऐसा करके भाजपा दलित वोट बैंक पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने का प्रयास कर रही है।
भाजपा अध्यक्ष बोले- कांग्रेस देख रही मुंगेरीलाल के सपने:विज कह रहे हैं तो बन जाएं मुख्यमंत्री, लेकिन बनना नायब सैनी को है
भाजपा अध्यक्ष बोले- कांग्रेस देख रही मुंगेरीलाल के सपने:विज कह रहे हैं तो बन जाएं मुख्यमंत्री, लेकिन बनना नायब सैनी को है हरियाणा में चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने के बाद सामने आए एग्जिट पोल को भारतीय जनता पार्टी ने मानने से इनकार कर दिया है। भाजपा अध्यक्ष मोहन बड़ौली ने इसे गलत करार देते हुए दो महीने पहले के आंकड़ों पर आधारित बताया। इतना ही नहीं, उन्होंने पूर्व गृहमंत्री अनिल विज के मुख्यमंत्री के दावे को भी खारिज करते हुए नायब सैनी को सीएम चेहरा बताया। भाजपा अध्यक्ष बड़ौली ने एक प्राइवेट चैनल को इंटरव्यू देते हुए कहा कि कांग्रेस मुंगेरी लाल के सपने देख रही है। भाजपा की इंटरनल रिपोर्ट के अनुसार पार्टी को कांग्रेस से अधिक सीटें मिल रही हैं और बहुमत भी हासिल हो रहा है। जानें मोहन बड़ौली ने क्या कहा- प्रश्न- एग्जिट पोल में कांग्रेस को बहूमत मिला है? उत्तर- दो महीने पहले के आंकड़ें पर ये एग्जिट पोल आए हैं। चुनावों में अंतिम एक सप्ताह बहुत होता है। लास्ट एक सप्ताह में बहुत सारा परिवर्तन होता है। वोटरों के मन कहां जमते हैं, वे लास्ट समय पर पता चलता है। लाइन में लगा वोटर भी अपने फैसले पर जमने का काम करता है। लास्ट समय पर जो बूथों से हमने जानकारी ली है, बीजेपी ने बड़ी मेहनत से काम करते हुए लोगों का विश्वास जीतने का काम किया है। लोगों का विश्वास भारतीय जनता पार्टी पर है। पूर्ण विश्वास से कहता हूं कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी। प्रश्न- कांग्रेस बोल रही है- मुंगेरलाल के हसीन सपने देख रहे हैं। उत्तर- मुंगेरीलाल के हसीन सपने कांग्रेस को देखने आते हैं। कांग्रेस वाले देख रहे हैं। आज का दिन और है। कल 7 बजे से परिणाम सामने आने शुरू हो जांएगे। वो मुंगेरीलाल के सपने कांग्रेस भूल जाएगी। प्रश्न- कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर पहले से ही विवाद चल रहा है? उत्तर- कहावत है्, घड़ी सूत ना पूनी, जुलाहे की खेत में लट्ठम लट्ठा। हरियाणा में एक और कहावत भी है- गांव बसने से पहले घूम जाते हैं। गांव अभी बसा नहीं और वे दौरा करने निकले हैं। ये सपना कांग्रेस का सुबह 7 बजे तक रहेगा। उसके बाद हरियाणा प्रदेश की जनता का फैसला कल खुलेगा और हरियाणा की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को जिताने का काम किया है। प्रश्न – कितनी सीटें भाजपा को मिलती दिख रही हैं? उत्तर- कांग्रेस से अधिक सीटें आ रही हैं और भाजपा पूर्ण बहूमत के साथ आ रही हैं। हैट्रिक लगाने का काम भारतीय जनता पार्टी करेगी। प्रश्न- अगर कोई कमी रहती है तो किसके साथ गठबंधन होगा? उत्तर- सरकार बनाने के लिए बहुत सारी संभावनाएं खुली रहती हैं, जिस प्रकार की सिचुएशन बनेगी, फैसला लिया जाएगा। बीती बार भी 40 विधायक हमारे थे। सरकार बनाने के लिए 46 विधायकों की जरूरत थी। जब भाजपा बड़ी पार्टी के तौर पर आएगी तो सरकार बनाने का काम भी करेगी। प्रश्न- इनेलो या अन्य पार्टियों से संपर्क किया गया है? उत्तर- हम किसी के संपर्क नहीं हैं, पूरा हरियाणा हमारे संपर्क में है। जब परिणाम आएंगे, सीटों के हिसाब से जो भी जरूरी कदम होगा, उठाया जाएगा। प्रश्न – हरियाणा राजनीति के दो इतिहास हैं। एक, तीन बार सरकार नहीं बनी। दूसरा जो ऊपर सरकार रहती है, वही नीचे रहती है। उत्तर – ये 100 पर्सेंट सही है। जो सरकार केंद्र में रहती है, वहीं राज्य में रहती है। ये हरियाणा का स्वभाव है, हरियाणा के वोटरों का स्वभाव है। भाजपा तीसरी बार सरकार बनाएगी और इतिहास रचेगी। हरियाणा की जनता इतिहास रचने के लिए है और इतिहास रचती आई है। वोट ईवीएम में कैद हो चुके हैं। प्रश्न- भाजपा जीतेगी तो ईवीएम को दोषी ठहराया जाएगा। उत्तर- ये तो कांग्रेस की पुरानी आदत है कि वे ईवीएम को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं और ठहराएंगे। बीजेपी 100 फीसदी तैयार है। प्रश्न- अंतिम समय मुख्यमंत्री को बदलने का फैसला सही था या गलत? उत्तर- बीजेपी का राष्ट्रीय नेतृत्व जो फैसला करता है, वे एकदम ठीक करता है जो भी हुआ वह ठीक रहा। प्रश्न- अशोक तंवर, बरिंदर सिंह, कई नाम अंतिम समय में छोड़ गए? उत्तर – राजनीति में लोग ऐसे ही होते हैं, जिन्हें सम्मान हजम नहीं होता है। हमने सम्मान दिया, उन्हें हजम नहीं हुआ। उन्हें अब भी वही मिलेगा, जो पहले मिलता आया है। प्रश्न – रणजीत चौटाला को हिसार व अशोक तंवर को सिरसा से लड़ाया गया, क्या ये गलत फैसला था। उत्तर- पार्टी ने उन पर विश्वास कर जो फैसला लिया, वे सही था। प्रश्न- भाजपा नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री चेहरा चुन चुकी है। विज भी कह रहे हैं कि मैं भी मुख्यमंत्री बनूंगा। उत्तर – वे कह रहे हैं तो बन जाएंगे। कहकर बन जाएं मुख्यमंत्री। बनना तो नायब सैनी को है, उन्हें बनना है तो वो बन जाएंगे। हमारे नेता हैं वे। प्रश्न- कई भाजपा नेता बोल रहे हैं कि इंटरनल रिपोर्ट आ चुकी है। तो कितनी सीटें बीजेपी ला रही है? उत्तर- बड़ी पार्टी के रूप में भाजपा, कांग्रेस से बहुत आगे हैं। स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनेगी।