भारत ने अफगानिस्तान के प्रति सद्भावना दर्शाते हुए अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते अफगान ट्रकों को भारत में प्रवेश की अनुमति दी है। शुक्रवार को विशेष अनुमति के तहत 5 अफगान ट्रक भारत में दाखिल हुए, जिनमें से 4 ट्रकों में ड्राय फ्रूट और एक ट्रक में मुलट्ठी लदी हुई थी। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब पाकिस्तान के साथ सीमा व्यापार और लोगों की आवाजाही पहेलगाम आतंकी हमले के बाद से पूरी तरह बंद है। उस हमले में पाकिस्तानी आतंकियों की भूमिका सामने आने के बाद भारत ने पाकिस्तान के प्रति सख्त रुख अपनाया है। सूत्रों के अनुसार, भारत-पाक संबंधों के तनाव के चलते करीब 150 ट्रक पाकिस्तान में फंसे हुए थे। भारत ने अफगान व्यापार के हितों को ध्यान में रखते हुए इन ट्रकों को राहत दी है। आज भी कई और ट्रकों के भारत आने की संभावना जताई जा रही है। 25 के बाद पाकिस्तान ने अफगान ट्रकों का रास्ता किया बंद 23 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद से ही भारत ने पाकिस्तान के लिए कड़ा रुख अपना लिया था। जिसके बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के ट्रकों को भी भारत जाने के लिए रास्ता देने से इनकार कर दिया था। लेकिन, अफगानिस्तान सरकार के कहने पर पाकिस्तान ने आदेश जारी किया था कि 25 अप्रैल तक पाकिस्तान में दाखिल हो चुके ट्रकों को अटारी जाने की अनुमति दी जाती है। उस आदेश में पाकिस्तान ने भी साफ किया था कि इस बीच 150 अफागनी ट्रक पाकिस्तान में फंसे हुए हैं। भारत-पाक व्यापार का प्रमुख केंद्र रहा अटारी अटारी, अमृतसर से मात्र 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और भारत का पहला जमीनी पोर्ट है। यह पाकिस्तान के साथ व्यापार का एकमात्र वैध जमीनी रास्ता भी है। यह चेक पोस्ट 120 एकड़ में फैला हुआ है और सीधे नेशनल हाईवे-1 से जुड़ा है। यह अफगानिस्तान से आने वाले माल के लिए भी एक अहम रास्ता है। 2023-24 में 3800 करोड़ का व्यापार हुआ वर्ष 2023-24 के दौरान अटारी लैंड पोर्ट से ₹3,886.53 करोड़ का व्यापार दर्ज किया था। इस रूट से 6,871 कार्गो मूवमेंट क्रॉसिंग हुईं थी। स्पष्ट है कि पाकिस्तान जब रास्ता नहीं देगा तो इसका असर पूरी तरह से भारत-अफगानिस्तान के बीच होने वाले व्यापार पर भी होगा। भारत ने अफगानिस्तान के प्रति सद्भावना दर्शाते हुए अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते अफगान ट्रकों को भारत में प्रवेश की अनुमति दी है। शुक्रवार को विशेष अनुमति के तहत 5 अफगान ट्रक भारत में दाखिल हुए, जिनमें से 4 ट्रकों में ड्राय फ्रूट और एक ट्रक में मुलट्ठी लदी हुई थी। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब पाकिस्तान के साथ सीमा व्यापार और लोगों की आवाजाही पहेलगाम आतंकी हमले के बाद से पूरी तरह बंद है। उस हमले में पाकिस्तानी आतंकियों की भूमिका सामने आने के बाद भारत ने पाकिस्तान के प्रति सख्त रुख अपनाया है। सूत्रों के अनुसार, भारत-पाक संबंधों के तनाव के चलते करीब 150 ट्रक पाकिस्तान में फंसे हुए थे। भारत ने अफगान व्यापार के हितों को ध्यान में रखते हुए इन ट्रकों को राहत दी है। आज भी कई और ट्रकों के भारत आने की संभावना जताई जा रही है। 25 के बाद पाकिस्तान ने अफगान ट्रकों का रास्ता किया बंद 23 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद से ही भारत ने पाकिस्तान के लिए कड़ा रुख अपना लिया था। जिसके बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के ट्रकों को भी भारत जाने के लिए रास्ता देने से इनकार कर दिया था। लेकिन, अफगानिस्तान सरकार के कहने पर पाकिस्तान ने आदेश जारी किया था कि 25 अप्रैल तक पाकिस्तान में दाखिल हो चुके ट्रकों को अटारी जाने की अनुमति दी जाती है। उस आदेश में पाकिस्तान ने भी साफ किया था कि इस बीच 150 अफागनी ट्रक पाकिस्तान में फंसे हुए हैं। भारत-पाक व्यापार का प्रमुख केंद्र रहा अटारी अटारी, अमृतसर से मात्र 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और भारत का पहला जमीनी पोर्ट है। यह पाकिस्तान के साथ व्यापार का एकमात्र वैध जमीनी रास्ता भी है। यह चेक पोस्ट 120 एकड़ में फैला हुआ है और सीधे नेशनल हाईवे-1 से जुड़ा है। यह अफगानिस्तान से आने वाले माल के लिए भी एक अहम रास्ता है। 2023-24 में 3800 करोड़ का व्यापार हुआ वर्ष 2023-24 के दौरान अटारी लैंड पोर्ट से ₹3,886.53 करोड़ का व्यापार दर्ज किया था। इस रूट से 6,871 कार्गो मूवमेंट क्रॉसिंग हुईं थी। स्पष्ट है कि पाकिस्तान जब रास्ता नहीं देगा तो इसका असर पूरी तरह से भारत-अफगानिस्तान के बीच होने वाले व्यापार पर भी होगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
