भास्कर न्यूज | नवांशहर/ रोपड़ चुनाव आयोग के मतदाताओं को पोलिंग बूथ तक लाने के लिए किए गए प्रयोगों के बावजूद इस बार श्री आनंदपुर साहिब लोकसभा हलके की वोटिंग पिछले दो चुनावों में सबसे निचले स्तर पर रही। इस बार शाम 5 बजे मात्र 55.49 फीसदी वोटिंग हुई। साल 2019 में जहां 66.7 फीसदी वोटिंग हुई थी, वहीं 2014 में यह 69.4 फीसदी थी। वैसे इस बार चुनाव आयोग ने ग्रीन, मॉडल बूथ, पिंक बूथ, पीडब्ल्यूडी और यूथ मैनेज्ड पोलिंग बूथ बनाए थे। सभी बूथों में आंगनबाड़ी वर्करों और हेल्परों की ड्यूटी भी लगाई थी। वहीं, दिव्यांगों को पोलिंग बूथ तक लाने और घर छोड़ने के भी खास प्रबंध किए हुए थे। यही नहीं, चुनाव आयोग ने इस बार भीषण गर्मी के चलते वोटरों के लिए छबील लगाने के दावे किए थे जो जमीनी स्तर पर नजर नहीं आए । उधर, रेडक्रॉस ने भी वोटिंग शुरू होने के 2 घंटे बाद कई बूथों पर दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर पहुंचाई। इन सब प्रबंधों के बावजूद वोटिंग प्रतिशत कम होना चिंता का विषय है। साल 2019 में सबसे अधिक वोट प्रतिशत नवांशहर विधानसभा क्षेत्र में 66.66 फीसदी और सबसे कम खरड़ में 53 फीसदी दर्ज किया गया था। हालांकि, 2014 में सबसे अधिक वोटिंग नवांशहर में 74 फीसदी और सबसे कम वोटिंग आनंदपुर साहिब में 64 फीसदी हुई थी। वैसे तो इस बार वोटरों ने भीषण गर्मी के चलते सुबह 7 बजे वोटिंग प्रक्रिया शुरू होते ही पोलिंग स्टेशनों का रुख कर लिया था। पोलिंग स्टेशनों पर बजुर्गों और महिलाओं की सुबह के समय काफी भीड़ रही। जिले में वोटों को लेकर कहीं कोई लड़ाई-झगड़ा नहीं हुआ लेकिन कुछ जगहों पर वोटिंग मशीन न चलने के चलते वोटिंग प्रक्रिया देर से जरूर शुरू हुई। पोलिंग बूथों में मोबाइल न लेकर जाने के कारण लोगों को भारी परेशानी हुई और कुछ लोग इसी कारण बिना वोट डाले ही लौट गए। भास्कर न्यूज | नवांशहर/ रोपड़ चुनाव आयोग के मतदाताओं को पोलिंग बूथ तक लाने के लिए किए गए प्रयोगों के बावजूद इस बार श्री आनंदपुर साहिब लोकसभा हलके की वोटिंग पिछले दो चुनावों में सबसे निचले स्तर पर रही। इस बार शाम 5 बजे मात्र 55.49 फीसदी वोटिंग हुई। साल 2019 में जहां 66.7 फीसदी वोटिंग हुई थी, वहीं 2014 में यह 69.4 फीसदी थी। वैसे इस बार चुनाव आयोग ने ग्रीन, मॉडल बूथ, पिंक बूथ, पीडब्ल्यूडी और यूथ मैनेज्ड पोलिंग बूथ बनाए थे। सभी बूथों में आंगनबाड़ी वर्करों और हेल्परों की ड्यूटी भी लगाई थी। वहीं, दिव्यांगों को पोलिंग बूथ तक लाने और घर छोड़ने के भी खास प्रबंध किए हुए थे। यही नहीं, चुनाव आयोग ने इस बार भीषण गर्मी के चलते वोटरों के लिए छबील लगाने के दावे किए थे जो जमीनी स्तर पर नजर नहीं आए । उधर, रेडक्रॉस ने भी वोटिंग शुरू होने के 2 घंटे बाद कई बूथों पर दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर पहुंचाई। इन सब प्रबंधों के बावजूद वोटिंग प्रतिशत कम होना चिंता का विषय है। साल 2019 में सबसे अधिक वोट प्रतिशत नवांशहर विधानसभा क्षेत्र में 66.66 फीसदी और सबसे कम खरड़ में 53 फीसदी दर्ज किया गया था। हालांकि, 2014 में सबसे अधिक वोटिंग नवांशहर में 74 फीसदी और सबसे कम वोटिंग आनंदपुर साहिब में 64 फीसदी हुई थी। वैसे तो इस बार वोटरों ने भीषण गर्मी के चलते सुबह 7 बजे वोटिंग प्रक्रिया शुरू होते ही पोलिंग स्टेशनों का रुख कर लिया था। पोलिंग स्टेशनों पर बजुर्गों और महिलाओं की सुबह के समय काफी भीड़ रही। जिले में वोटों को लेकर कहीं कोई लड़ाई-झगड़ा नहीं हुआ लेकिन कुछ जगहों पर वोटिंग मशीन न चलने के चलते वोटिंग प्रक्रिया देर से जरूर शुरू हुई। पोलिंग बूथों में मोबाइल न लेकर जाने के कारण लोगों को भारी परेशानी हुई और कुछ लोग इसी कारण बिना वोट डाले ही लौट गए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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मोहाली में बाजवा डेवलपर्स पर ED का शिकंजा:600 करोड़ की धोखाधड़ी में मालिक जेल में, पोर्श-बीएमडब्ल्यू जब्त, चंडीगढ़-मोहाली में 44 से ज्यादा FIR केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पंजाब के मशहूर बाजवा डेवलपर्स के मालिक जरनैल सिंह बाजवा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। 600 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने कई जगहों पर छापेमारी की है। बाजवा की तीन लग्जरी गाड़ियां जब्त की गई हैं। इनमें पोर्श, बीएमडब्ल्यू और फोर्ड एंडेवर कारें शामिल हैं। इसके अलावा कई अहम दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। फिलहाल जरनैल सिंह बाजवा जेल में हैं। उन पर फ्लैट और प्लॉट देने के नाम पर निवेशकों से 600 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम वसूलने और ठगी करने का आरोप है। बाजवा के खिलाफ चंडीगढ़ और मोहाली में 44 से ज्यादा मामले दर्ज हैं, जो धोखाधड़ी और जालसाजी से जुड़े हैं। इसके अलावा कई मामले उपभोक्ता अदालतों में भी पहुंच चुके हैं। वहीं, सूत्रों के मुताबिक पिछले पांच सालों में कंपनी का ऑडिट नहीं कराया गया, जिससे कंपनी पर शक और गहरा गया है। तथ्य जुटाने में जुटी ईडी ED की जांच में यह भी सामने आया है कि ग्राहकों से ली गई अग्रिम राशि को जानबूझकर गलत तरीके से दर्शाया गया। बाजवा ने यह राशि कई खातों में ट्रांसफर की, जिनमें उनके बेटे और व्यवसायिक खाते भी शामिल हैं। ED की जांच जारी है और सटीक वित्तीय हेराफेरी का आकलन किया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही इस संबंध में और जानकारी साझा की जाएगी।