उत्तर प्रदेश सरकार ने आगामी 21 जून को होने वाले दसवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को भव्य रूप से मनाए जाने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान कार्यक्रम स्थलों के चयन को लेकर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। स्थल चयन में प्राचीन सांस्कृतिक पर्यटन स्थल, ऐतिहासिक स्थान, नदियों, झीलों, तालाबों, अमृत सरोवरों को प्रमुखता दी जाएगी। इसके साथ ही, पुलिस थानों, विद्यालयों और चिकित्सालयों में भी योगाभ्यास किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि जनमानस को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से प्रदेश में 15 जून से लेकर 21 जून तक प्रत्येक जनपद में योग सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। योग सप्ताह का आयोजन समस्त जनपद मुख्यालय के अतिरिक्त तहसीलों, ब्लाकों एवं ग्राम पंचायतों में भी किया जाएगा। पीएचसी और सीएचसी में भी होगा आयोजन योग सप्ताह को लेकर हाल ही में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में स्थलों के चयन में विशेष महत्व वाले स्थलों को प्राथमिकता दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अनुसार सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम एवं अन्य गतिविधियों के लिए निर्धारित स्थलों में प्राचीन सांस्कृतिक पर्यटन स्थल, ऐतिहासिक महत्व के स्थान, प्रमुख नदियों, झीलों, तालाबों के किनारे, सभी अमृत सरोवरों एवं प्रमुख नैसर्गिक सौन्दर्य से परिपूर्ण स्थलो को चयन में प्रमुखता दी जाएगी। जनपदों के समस्त पुलिस थानों, पुलिस लाइन, पीएसी बटालियन, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट गाइड एवं प्रान्तीय रक्षा दलों में भी आयोजन संपन्न कराया जाएगा। इसके अतिरिक्त समस्त प्राथमिक विद्यालयों, माध्यमिक विद्यालयों एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में भी योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें छात्रों के मध्य मिष्ठान, फल एवं शुद्ध पेयजल का वितरण किया जाएगा। यही नहीं, आरडब्यूए (रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, आयुष चिकित्सालय, 50 शैय्या वाले एकीकृत आयुष चिकित्सालय एवं आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में भी आयोजन किया जाएगा। जन जागरूकता के लिए किया जाएगा प्रचार प्रसार योग सप्ताह के लिए लोगों को जागरूक करने हेतु व्यापक पैमाने पर इसके प्रचार और प्रसार पर भी जोर दिया गया है। वृहद स्तर पर जनसामान्य की भागीदारी सुनिश्चित किए जाने के लिए योगी सरकार द्वारा विभिन्न समाचार पत्रों, होर्डिंग, बैनर, अन्य सोशल मीडिया नेटवर्कों के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाएगा। सरकारी वेबसाइट एवं जनसामान्य तथा कर्मचारियों के लिए प्रेषित होने वाले पत्रों में भी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 को प्रदर्शित किया जाएगा। यही नहीं, प्रमुख हस्तियों, खिलाड़ियों, योग गुरुओं, सांस्कृतिक प्रतिष्ठित महानुभावों आदि के वीडियो बना कर भी जनसामान्य के बीच प्रसारित किए जाएंगे और उन्हें इस आयोजन से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। पूरे कार्यक्रम पर 4 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान इस पूरे कार्यक्रम पर प्रदेश सरकार 4 करोड़ रुपए खर्च करेगी। मुख्यालय स्तर पर आयोजनों पर 1.12 करोड़ रुपए, कॉलेज स्तर पर आयोजन पर 9.5 लाख रुपए, जनपद स्तर पर आयोजन के लिए 2.63 करोड़ रुपए और उद्घाटन एवं समापन कार्यक्रम पर 15 लाख रुपए खर्च किए जाने का बजट प्राविधान किया गया है। पूर्व की भांति इस बार भी प्रत्येक जनपद में कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। इस समिति में मुख्य विकास अधिकारी/नगर आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला होम्योपैथिक अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक/बेसिक शिक्षा अधिकारी/क्रीड़ा अधिकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि सदस्य होंगे। वहीं क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी संयोजक सदस्य होंगे। प्रतिदिन होंगी प्रतियोगिताएं और सेमिनार योग सप्ताह को लेकर जो कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं उसका भी विवरण दिया गया है। इसके अनुसार, 15 जून से 21 जून तक प्रतिदिन प्रातः 6 बजे से 7 बजे तक प्रोटोकाल के अनुसार सामूहिक योगाभ्यास कराया जाएगा। इसके अलावा 15 जून को आयोजन का उद्घाटन होगा, जबकि 16 जून को रंगोली प्रतियोगिता और योग के माध्यम से उच्च रक्तचाप प्रबंधन विषय पर सेमिनार का आयो्ज होगा। 17 जून को स्लोगन प्रतियोगिता और जीवनशैली जन्य समस्याओं में योग का महत्व विषय पर सेमिनार होगा। 18 जून को निबंध लेखन प्रतियोगिता के साथ ही आधुनिक जीवन शैली में महिलाओं के लिए योग का महत्व विषय पर सेमिनार होगा। 19 जून को आशु भाषण एवं ड्राइंग प्रतियोगिता के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर सेमिनार होगा। इसी तरह 20 जून को योगासन प्रदर्शन प्रतियोगिता तो 21 जून को पुरस्कार वितरण एवं समापन समारोह का आयोजन होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने आगामी 21 जून को होने वाले दसवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को भव्य रूप से मनाए जाने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान कार्यक्रम स्थलों के चयन को लेकर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। स्थल चयन में प्राचीन सांस्कृतिक पर्यटन स्थल, ऐतिहासिक स्थान, नदियों, झीलों, तालाबों, अमृत सरोवरों को प्रमुखता दी जाएगी। इसके साथ ही, पुलिस थानों, विद्यालयों और चिकित्सालयों में भी योगाभ्यास किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि जनमानस को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से प्रदेश में 15 जून से लेकर 21 जून तक प्रत्येक जनपद में योग सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। योग सप्ताह का आयोजन समस्त जनपद मुख्यालय के अतिरिक्त तहसीलों, ब्लाकों एवं ग्राम पंचायतों में भी किया जाएगा। पीएचसी और सीएचसी में भी होगा आयोजन योग सप्ताह को लेकर हाल ही में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में स्थलों के चयन में विशेष महत्व वाले स्थलों को प्राथमिकता दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अनुसार सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम एवं अन्य गतिविधियों के लिए निर्धारित स्थलों में प्राचीन सांस्कृतिक पर्यटन स्थल, ऐतिहासिक महत्व के स्थान, प्रमुख नदियों, झीलों, तालाबों के किनारे, सभी अमृत सरोवरों एवं प्रमुख नैसर्गिक सौन्दर्य से परिपूर्ण स्थलो को चयन में प्रमुखता दी जाएगी। जनपदों के समस्त पुलिस थानों, पुलिस लाइन, पीएसी बटालियन, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट गाइड एवं प्रान्तीय रक्षा दलों में भी आयोजन संपन्न कराया जाएगा। इसके अतिरिक्त समस्त प्राथमिक विद्यालयों, माध्यमिक विद्यालयों एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में भी योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें छात्रों के मध्य मिष्ठान, फल एवं शुद्ध पेयजल का वितरण किया जाएगा। यही नहीं, आरडब्यूए (रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, आयुष चिकित्सालय, 50 शैय्या वाले एकीकृत आयुष चिकित्सालय एवं आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में भी आयोजन किया जाएगा। जन जागरूकता के लिए किया जाएगा प्रचार प्रसार योग सप्ताह के लिए लोगों को जागरूक करने हेतु व्यापक पैमाने पर इसके प्रचार और प्रसार पर भी जोर दिया गया है। वृहद स्तर पर जनसामान्य की भागीदारी सुनिश्चित किए जाने के लिए योगी सरकार द्वारा विभिन्न समाचार पत्रों, होर्डिंग, बैनर, अन्य सोशल मीडिया नेटवर्कों के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाएगा। सरकारी वेबसाइट एवं जनसामान्य तथा कर्मचारियों के लिए प्रेषित होने वाले पत्रों में भी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 को प्रदर्शित किया जाएगा। यही नहीं, प्रमुख हस्तियों, खिलाड़ियों, योग गुरुओं, सांस्कृतिक प्रतिष्ठित महानुभावों आदि के वीडियो बना कर भी जनसामान्य के बीच प्रसारित किए जाएंगे और उन्हें इस आयोजन से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। पूरे कार्यक्रम पर 4 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान इस पूरे कार्यक्रम पर प्रदेश सरकार 4 करोड़ रुपए खर्च करेगी। मुख्यालय स्तर पर आयोजनों पर 1.12 करोड़ रुपए, कॉलेज स्तर पर आयोजन पर 9.5 लाख रुपए, जनपद स्तर पर आयोजन के लिए 2.63 करोड़ रुपए और उद्घाटन एवं समापन कार्यक्रम पर 15 लाख रुपए खर्च किए जाने का बजट प्राविधान किया गया है। पूर्व की भांति इस बार भी प्रत्येक जनपद में कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। इस समिति में मुख्य विकास अधिकारी/नगर आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला होम्योपैथिक अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक/बेसिक शिक्षा अधिकारी/क्रीड़ा अधिकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि सदस्य होंगे। वहीं क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी संयोजक सदस्य होंगे। प्रतिदिन होंगी प्रतियोगिताएं और सेमिनार योग सप्ताह को लेकर जो कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं उसका भी विवरण दिया गया है। इसके अनुसार, 15 जून से 21 जून तक प्रतिदिन प्रातः 6 बजे से 7 बजे तक प्रोटोकाल के अनुसार सामूहिक योगाभ्यास कराया जाएगा। इसके अलावा 15 जून को आयोजन का उद्घाटन होगा, जबकि 16 जून को रंगोली प्रतियोगिता और योग के माध्यम से उच्च रक्तचाप प्रबंधन विषय पर सेमिनार का आयो्ज होगा। 17 जून को स्लोगन प्रतियोगिता और जीवनशैली जन्य समस्याओं में योग का महत्व विषय पर सेमिनार होगा। 18 जून को निबंध लेखन प्रतियोगिता के साथ ही आधुनिक जीवन शैली में महिलाओं के लिए योग का महत्व विषय पर सेमिनार होगा। 19 जून को आशु भाषण एवं ड्राइंग प्रतियोगिता के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर सेमिनार होगा। इसी तरह 20 जून को योगासन प्रदर्शन प्रतियोगिता तो 21 जून को पुरस्कार वितरण एवं समापन समारोह का आयोजन होगा। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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MCD की वित्तीय स्थिति पर LG ने दिल्ली सरकार पर उठाए सवाल, मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दिया जवाब
MCD की वित्तीय स्थिति पर LG ने दिल्ली सरकार पर उठाए सवाल, मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दिया जवाब <p style=”text-align: justify;”><strong>LG VK Saxena On Delhi Govt:</strong> दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने नगर निगम की वित्तीय स्थिति को लेकर दिल्ली सरकार पर सवाल उठाए हैं. साथ ही 5 करोड़ से ज़्यादा का वित्तीय अधिकार निगम कमिश्नर को सौंपा. उपराज्यपाल दफ़्तर ने जानकारी देते हुए कहा कि एमसीडी में एक स्थायी समिति की गैर-मौजूदगी और कई महीनों तक शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज की ज़िद के कारण शहर में निगम ठोस कचरे के समाधान के लिए अब तक कुछ नहीं कर पाया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसमें कहा गया है कि मौजूदा समस्या को कम करने में मदद करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) ने 5 करोड़ से अधिक की वित्तीय शक्तियां एमसीडी कमिश्नर को दी है. उपराज्यपाल दफ़्तर ने दिल्ली सरकार और मंत्री सौरभ भारद्वाज पर आरोप लगाते हुए कहा कि 10 जुलाई, 2024 को एमसीडी ने DMC अधिनियम, 1957 की धारा 202 के प्रावधानों के अनुसार एमसीडी को वित्तीय शक्तियां सौंपने के लिए उपराज्यपाल ने पहल की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>LG का दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज पर आरोप</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>LG दफ्तर की ओर से आरोप लगाते हुए कहा गया, ”शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने असामान्य रूप से और बिना किसी स्पष्टीकरण के फाइल को अपने स्तर पर लंबित रखा, इस प्रक्रिया के चलते वित्तीय स्वीकृति के अभाव में नगरपालिका से जुड़ी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं. क्योंकि निगम में कोई स्थायी समिति भी नहीं थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उपराज्यपाल दफ़्तर ने कहा कि निगम की विकट परिस्थितियों के मद्देनजर, नगरपालिका ठोस कचरे के संग्रह, परिवहन और सड़क की सफाई के लिए 1137.98 करोड़ की राशि, नरेला, बवाना में 604.26 करोड़ की लागत से वेस्ट टू एनर्जी सुविधा देने के लिए, सिंघोला में पुराने कचरे के जैव-खनन के लिए 46.17 करोड़ रुपये साथ ही दिल्ली के तीन बड़े कूड़े के ढेर के लिये बात करें तो, ओखला के लिये 156.5 करोड़, गाज़ीपुर के लिये 223.50 करोड़ और भलस्वा के लिये 223.50 करोड़ को उपराज्यपाल ने मंज़ूरी दी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उपराज्यपाल की ओर से मंगलवार (15 अक्टूबर) को इन वित्तीय शक्तियों को एमसीडी कमिश्नर को सौंपकर मंजूरी दे दी गई. इस आशय का प्रस्ताव एमसीडी द्वारा 5 सितंबर 2024 को फिर से दिल्ली सरकार को भेजा गया था और मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद आज एलजी को भेजा गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>LG के आरोपों पर क्या बोले मंत्री सौरभ भारद्वाज?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उपराज्यपाल दफ़्तर के इन आरोपों पर दिल्ली सरकार में शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज का भी बयान सामने आया. सौरभ भारद्वाज ने कहा, ”एलजी दफ्तर को झूठ और धोखे का दुर्भावनापूर्ण प्रचार बंद करना चाहिए. उनके पास पास फाइल 6 सितंबर 2024 को आई और उसी दिन मंजूरी दे दी गई.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>सौरभ भारद्वाज ने सवाल पूछते हुए कहा, ”उपराज्यपाल बताएं कि मंत्री की मंजूरी के बाद भी यह फाइल आगे क्यों नहीं बढ़ी? क्या उपराज्यपाल इस फाइल में देरी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे?” उन्होंने आगे कहा कि LG की निष्क्रियता साबित करेगी कि उनके मौखिक निर्देश पर फाइल में देरी हुई. उपराज्यपाल को LG जैसे उच्च संवैधानिक पद का अपमान नहीं करना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: </strong><strong><a title=”दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर देवेंद्र यादव का सवाल, गोपाल राय क्यों नहीं बताते इसकी असली की वजह?” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/devender-yadav-question-why-not-gopal-rai-tell-real-reason-behind-delhi-air-pollution-2803754″ target=”_self”>दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर देवेंद्र यादव का सवाल, गोपाल राय क्यों नहीं बताते इसकी असली की वजह?</a></strong></p>