हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में कोर्ट परिसर में दोपहर बाद फायरिंग हुई। इसमें एक व्यक्ति घायल हो गया, जिसे जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार देने के बाद एम्स बिलासपुर रेफर किया गया। घायल की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, गोली चलाने वाला आरोपी सन्नी गिल पुत्र जिंदर सिंह पंजाब के लुधियाना में किला मोहल्ला का रहने वाला है और वहां कसाई की दुकान में झाड़ू मारने का काम करता है। आरोपी ने क्यों और किसके कहने पर गोली मारी, पुलिस इसकी आरोपी से पूछताछ कर रही है। पूर्व MLA पर हमले के आरोपी को लगी गोली पुलिस के अनुसार, कांग्रेस के बिलासपुर से पूर्व विधायक बंबर ठाकुर पर चार महीने पहले हमले का मुख्य आरोपी सौरभ पटियाल वीरवार को अपने साथियों के साथ पेशी के लिए कोर्ट आया था। इस दौरान सन्नी गिल ने उस पर गोली चलाई, जो सौरभ पटियाल की पीठ पर लगी। सौरभ पटियाल व दोस्तों ने बंबर ठाकुर को किया था लहूलुहान चार महीने पहले बिलासपुर से कांग्रेस के पूर्व विधायक बंबर ठाकुर पर गोलीकांड में घायल सौरव पटियाल व उसके दोस्तों ने हमला कर लहूलुहान किया था। इस हमले में बंबर ठाकुर के चेहरे पर चोट लगी। हमलावरों ने उनका माथा फोड़ दिया और नाक तोड़ दी थी। पुलिस ने बंबर पर हमले के आरोप में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। डीआईडी मंडी रेंज भी बिलासपुर पहुंचे लिहाजा आज के गोलीकांड को उस झगड़े से जोड़कर देखा जा रहा है। इस घटना के बाद मंडी रेंज के डीआईजी जी शिवा कुमार भी बिलासपुर मुख्यालय पर पहुंच गए। डीएसपी मदन धीमान ने बताया कि गोली चलाने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि घायल सौरव पटियाल को एम्स रेफर किया गया है। दिनदहाड़े गोलीकांड के बाद बिलासपुर में बीजेपी ने भी प्रदर्शन किया है। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में कोर्ट परिसर में दोपहर बाद फायरिंग हुई। इसमें एक व्यक्ति घायल हो गया, जिसे जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार देने के बाद एम्स बिलासपुर रेफर किया गया। घायल की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, गोली चलाने वाला आरोपी सन्नी गिल पुत्र जिंदर सिंह पंजाब के लुधियाना में किला मोहल्ला का रहने वाला है और वहां कसाई की दुकान में झाड़ू मारने का काम करता है। आरोपी ने क्यों और किसके कहने पर गोली मारी, पुलिस इसकी आरोपी से पूछताछ कर रही है। पूर्व MLA पर हमले के आरोपी को लगी गोली पुलिस के अनुसार, कांग्रेस के बिलासपुर से पूर्व विधायक बंबर ठाकुर पर चार महीने पहले हमले का मुख्य आरोपी सौरभ पटियाल वीरवार को अपने साथियों के साथ पेशी के लिए कोर्ट आया था। इस दौरान सन्नी गिल ने उस पर गोली चलाई, जो सौरभ पटियाल की पीठ पर लगी। सौरभ पटियाल व दोस्तों ने बंबर ठाकुर को किया था लहूलुहान चार महीने पहले बिलासपुर से कांग्रेस के पूर्व विधायक बंबर ठाकुर पर गोलीकांड में घायल सौरव पटियाल व उसके दोस्तों ने हमला कर लहूलुहान किया था। इस हमले में बंबर ठाकुर के चेहरे पर चोट लगी। हमलावरों ने उनका माथा फोड़ दिया और नाक तोड़ दी थी। पुलिस ने बंबर पर हमले के आरोप में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। डीआईडी मंडी रेंज भी बिलासपुर पहुंचे लिहाजा आज के गोलीकांड को उस झगड़े से जोड़कर देखा जा रहा है। इस घटना के बाद मंडी रेंज के डीआईजी जी शिवा कुमार भी बिलासपुर मुख्यालय पर पहुंच गए। डीएसपी मदन धीमान ने बताया कि गोली चलाने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि घायल सौरव पटियाल को एम्स रेफर किया गया है। दिनदहाड़े गोलीकांड के बाद बिलासपुर में बीजेपी ने भी प्रदर्शन किया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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कांगड़ा के युवक की कनाडा में मौत:दोस्त ने पिता को दी सूचना, 4 साल पहले विदेश पढ़ने गया था ऋषभ कांगड़ा जिले के युवक की कनाडा मौत हो गई है। युवक स्टडी वीजा पर पिछले करीब चार साल से कनाडा में रह रहा था। हाल ही में ऋषभ घर भी आया था और 31 अगस्त को उसकी वापसी थी। मृतक युवक ऋषभ पठानिया (28) पुत्र अजय पठानिया देहरा विधानसभा क्षेत्र की हरिपुर तहसील के बंगोली गांव का है। युवक की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। युवक के पिता ने बताया कि बुधवार को ऋषभ पठानिया की मैसेज के जरिए घर बात हुई। लेकिन शुक्रवार को न तो फोन आया और न ही मैसेज आया। ऋषभ के पिता अजय पठानिया ने उसे फोन किया तो ऋषभ से बात नहीं हो पाई। शनिवार को अजय पठानिया ने कनाडा में ऋषभ के किसी दोस्त से संपर्क किया। इसके बाद किसी हादसे की आशंका के चलते पुलिस में शिकायत भी की गई। साथ ही दोस्त पुलिस टीम के साथ ऋषभ पठानिया के रूम पहुंचा। कमरा खोला गया तो अंदर ऋषभ मृत पड़ा था। पिता ने सरकार से की शव को घर लाने की अपील यह जानकर अजय पठानिया, उनकी पत्नी और छोटे बेटे पर दुखों का पहाड़ टूट गया। परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। कनाडा पुलिस शव को कब्जे में लेकर जांच में जुट गई है।ऋषभ पठानिया के पिता अजय पठानिया पोस्ट ऑफिस में कार्यरत हैं और मां गृहणी हैं। अजय पठानिया का एक और छोटा बेटा है। ऋषभ पठानिया बड़ा था। पिता अजय पठानिया ने भारत सरकार और हिमाचल सरकार से शव को घर लाने में मदद की गुहार लगाई है।
हिमाचल में मानसून सीजन में 253 की मौत:121 करोड़ की संपत्ति तबाह, मानसून पड़ा धीमा, आज भी प्रदेशभर में खिलेगी धूप
हिमाचल में मानसून सीजन में 253 की मौत:121 करोड़ की संपत्ति तबाह, मानसून पड़ा धीमा, आज भी प्रदेशभर में खिलेगी धूप हिमाचल प्रदेश में बेशक मानसून की रफ्तार धीमी पड़ी हुई है। मगर अब तक मानसून सीजन में 253 लोगों की मौत तथा 121 करोड़ रुपए की संपत्ति तबाह हो गई है। 383 लोग घायल तथा 30 लोग लंबे समय से लापता है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, मृतकों में 110 की जान सड़कों हादसों में गई है, जबकि बाढ़ में 8 की मौत, लैंडस्लाइड से 5, बादल फटने से 22, पानी में डूबने से 26, सांप के काटने से 21, करंट लगने से 15, पेड़ या ढांक से गिरने से 38 तथा 8 की अन्य कारणों से जान गई है। आज भी ज्यादातर भागों में खिलेगी धूप प्रदेश में इस बार मानसून की रफ्तार शुरू से ही धीमी पड़ी हुई है। आज भी प्रदेश के ज्यादातर भागों में धूप खिलेगी। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कल यानी 27 अगस्त को कांगड़ा, मंडी, शिमला व सोलन के कुछेक क्षेत्रों में हल्की बारिश हो सकती है। 28 अगस्त को चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिला में हल्की बारिश का पूर्वानुमान है। 29 से 31 अगस्त तक मौसम साफ रहेगा। प्रदेश में बीते एक सप्ताह के दौरान भी ज्यादातर भागों में बारिश नहीं हुई। बीते सप्ताह 38% कम बादल बरसे 18 से 25 अगस्त के बीच सामान्य से 38 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस अवधि में 50.3 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है। मगर इस बार 31.2 मिलीमीटर बादल बरसे है। बिलासपुर को छोड़कर अन्य सभी जिलों में बहुत कम बारिश हुई है। लाहौल स्पीति, हमीरपुर, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना जिला में सामान्य की अपेक्षा 50 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है। पूरे मानसून सीजन में 24% कम बारिश वहीं पूरे मानसून सीजन में भी प्रदेश में 1 जून से 25 अगस्त के बीच सामान्य से 24 प्रतिशत कम बादल बरसे हैं। इस अवधि में 577.9 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है। इस बार 437.1 मिलीमीटर बारिश हुई। प्रदेश में एक भी जिला ऐसा नहीं है, जहां सामान्य से ज्यादा बारिश हुई हो। शिमला में पिछले साल की अपेक्षा 63% कम बारिश शिमला में साल 2023 में अगस्त महीने में 591.9 मिलीमीटर बारिश हुई थी। मगर इस बार अगस्त के 25 दिन में मात्र 213.2 मिलीमीटर बादल बरसे है। वहीं सोलन में भी पिछले साल अगस्त में 283.4 मिलीमीटर बारिश हुई थी, जबकि इस पार 25 अगस्त तक 191.4 बारिश हुई है। इसी तरह अन्य जिलों में भी पिछले साल की अपेक्षा कम बारिश हुई है। अब तक 121 करोड़ की संपत्ति तबाह प्रदेश में अब तक बरसात से 121 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो चुकी है। भारी बारिश से 172 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए है, जबकि 446 मकान को आंशिक नुकसान हुआ है।
अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में दिखती है हिमाचली संस्कृति की झलक:तिब्बत-अफगानिस्तान से आते थे व्यापारी, बुशहर रियासत में तलवारों और घोड़ों का होता था आदान-प्रदान
अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में दिखती है हिमाचली संस्कृति की झलक:तिब्बत-अफगानिस्तान से आते थे व्यापारी, बुशहर रियासत में तलवारों और घोड़ों का होता था आदान-प्रदान शिमला जिले की रामपुर रियासन में लवी मेला मध्य शताब्दी से चल रहा है। 1911 से कुछ वर्ष पूर्व रामपुर में तिब्बत और हिंदुस्तान के बीच व्यापार शुरू हुआ। उस समय राजा केहर सिंह ने तिब्बत सरकार के साथ व्यापार को लेकर संधि की थी। इस व्यापार मेले में कर मुक्त व्यापार होता था। लवी मेले में किन्नौर, लाहौस स्पीति, कुल्लू और प्रदेश के अन्य क्षेत्रों से व्यापारी पैदल पहुंचने थे। वर्षों पुराने रामपुर लवी मेला वर्ष 1985 में अंतर राष्ट्रीय स्तर का घोषित किया गया। मुख्यमंत्री वीरभद्र ने किया था मेले को अंतर्राष्ट्रीय घोषित
वर्ष 1983 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद वीरभद्र सिंह ने 1985 में मेले को अंतर्राष्ट्रीय घोषित किया था।ये है लवी मेले का इतिहास लवी मेला लगभग पिछले 3 शताब्दियों से मनाया जा रहा है। किंतु इसे व्यापारिक मेले का आधिकारिक स्वरूप तब मिला, जब सन 1911 में बुशहर रियासत के राजा केहरी सिंह ने तिब्बत सरकार से व्यापारिक संधि की। इस उपलक्ष्य पर तिब्बत और बुशहर रियासत के व्यापारिक रिश्तों की स्मृति में घोड़े और तलवारें आदान प्रदान की जाती थी। पहले तिब्बत और अफगानिस्तान से भी व्यापारी यहां अपना सामान बेचने आते थे, किंतु तिब्बत चीन के अधीन होने के बाद यह सब बंद हो गया। लवी शब्द की उत्पत्ति
लवी शब्द की व्युत्पत्ति के संबंध में विद्वानों में एक मत नहीं है। कुछ इसे ऊन के उस पारंपरिक परिथन के नाम से उत्पन्न बताते है, जिसे लोईया कहा जाता है। कुछ विद्वान इसे लोई अर्थात ऊन से बने ओढ़ने वाले कपड़े से उत्पन्न मानते है। उपयुक्त दोनों मतों में ऊन से बने कपड़े सर्वमान्य है। लवी में ऊन से बनी पट्टियां, टोपी, शॉल, सूक्ष्म मोटा कम्बल, जुमा वस्त्र, कालीन और स्वेटर प्रमुख रूप से विक्रय के लिए आते हैं। इसमें पारंपरिक हस्तकला का गरिमा मय प्रदर्शन देखने को मिलता है। इसके अतिरिक्त सूखे मेवे, जिनमें अखरोट, खुमानी प्रमुख है, जो इस मेले की विशेषता है। लवी मेला हिमाचल का एकमात्र सबसे बड़ा व्यापारिक मेला
हिमाचल का एकमात्र सबसे बड़ा व्यापारिक मेला अपना असल पहचान खोता जा रहा है। इस मेले में तिब्बत, अफगानिस्तान और उज्बेकिस्तान से व्यापारी पहुंचते थे। साथ ही यहां पर घोड़ों, बकरियों और स्थानीय उत्पादों की खून खरीद फरोख्त होती थी, लेकिन अब मेले की पहचान आधुनिकता ने ले ली है। जबकि इसकी असल पहचान पर कोई काम नहीं कर रहा है। पूर्व में ग्रामीण क्षेत्र से पहुंचकर लोग वर्ष भर का सामान लवी में खरीदते थे, लेकिन अब जगह जगह दुकानों की व्यवस्था होने से लवी मेले में होने वाले व्यापार पर भी असर देखने को मिल रहा है। बकरियों और स्थानीय उत्पादों की होती है खरीद-फरोख्त
मूल में व्यापार के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। हर वर्ष बकरियों और स्थानीय उत्पादों की खूब खरीद फरोख्त होती थी, लेकिन अब समय के साथ बहुत कुछ बदल गया है। मेले में व्यापार के साथ साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। हर वर्ष 11 से 14 नवंबर तक होने वाले इस अन्तर्राष्ट्रीय लवी मेले में स्टार कलाकारों के साथ प्रदेश भर के विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृति भी देखने को मिलती है।