नशे के खिलाफ शुरू की गई पंजाब पुलिस की मुहिम के तहत बठिंडा की थाना थर्मल पुलिस ने एक व्यक्ति को 8 किलो गांजे के साथ गिरफ्तार किया है। जानकारी देते हुए एसएचओ सुखविंदर सिंह ने बताया कि एएसआई अमरिंदर सिंह द्वारा ट्रांसपोर्ट नगर से संदिग्ध परिस्थितियों में घूम रहे बिहार के रहने वाले शिवकुमार को 8 किलो गांजे के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस ने शिवकुमार के खिलाफ दर्ज कर लिया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शिवकुमार से पूछताछ की जा रही है कि उसके द्वारा यह गांजा कहां से लाया गया और किस को देना था। नशे के खिलाफ शुरू की गई पंजाब पुलिस की मुहिम के तहत बठिंडा की थाना थर्मल पुलिस ने एक व्यक्ति को 8 किलो गांजे के साथ गिरफ्तार किया है। जानकारी देते हुए एसएचओ सुखविंदर सिंह ने बताया कि एएसआई अमरिंदर सिंह द्वारा ट्रांसपोर्ट नगर से संदिग्ध परिस्थितियों में घूम रहे बिहार के रहने वाले शिवकुमार को 8 किलो गांजे के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस ने शिवकुमार के खिलाफ दर्ज कर लिया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शिवकुमार से पूछताछ की जा रही है कि उसके द्वारा यह गांजा कहां से लाया गया और किस को देना था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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छात्रों ने कृष्ण जन्म, रास लीला, द्रोपदी चीर हरण, गीता सार के दृश्य किए पेश भास्कर न्यूज | अमृतसर केंब्रिज इंटरनेशनल स्कूल अमृतसर के कक्षा तीसरी से लेकर 12वीं तक के छात्रों ने कृष्णलीला शीर्षक के अंतर्गत अपना वार्षिक समारोह हर्षोउल्लास से मनाया। इस अवसर पर कुंवर प्रताप सिंह मुख्यातिथि के रूप में और रणजोत सिंह गेस्ट ऑफ आनर के रूप में आमंत्रित थे। कार्यक्रम में युगप्रवर्तक, युगदृष्टा, युगसृष्टा तथा योगेश्वर कृष्ण जी की विभिन्न लीलाओं को नाटक द्वारा प्रदर्शित किया गया। वाद्य यंत्रों की मधुरमय ध्वनि के साथ ज्योति प्रज्ज्वलित कर प्रोग्राम का आगाज किया गया। जहां कृष्ण जन्म, रास लीला, द्रोपदी चीर हरण, गीता सार, गायन तथा क्लासिकल नृत्य पर छात्रों की प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। विद्यालय की डायरेक्टर तथा प्रिंसिपल श्वेता अग्रवाल ने विद्यालय की वार्षिक रिर्पोट पढ़ी जिसमें उन्होंने अभिभावकों को विद्यालय की गतिविधियों तथा भावी योजनाओं से अवगत करवाया। उन्होंने संपूर्ण समारोह को संगीतमय बनाने हेतु अध्यापकों तथा छात्रों की सराहना की। छात्रों की वेशभूषा तथा नृत्यकला की सभी ने प्रशंसा की। विद्यालय के डायरेक्टर विनीत अग्रवाल, वंश अग्रवाल तथा संपूर्ण प्रबंधक कमेटी ने समारोह के अंत में अभिभावकों और आयोजन को सफल तथा मनोरंजक बनाने में सहयोग देने वाले प्रत्येक व्यक्ति का धन्यवाद किया।
जालंधर पहुंची ओलिंपियन मनु भाकर:सिद्ध शक्ति पीठ श्री देवी तालाब मंदिर में हुईं नतमस्तक, मां का आशीर्वाद प्राप्त किया
जालंधर पहुंची ओलिंपियन मनु भाकर:सिद्ध शक्ति पीठ श्री देवी तालाब मंदिर में हुईं नतमस्तक, मां का आशीर्वाद प्राप्त किया ओलिंपियन गेम्स में शूटिंग में दो कांस्य पदक जीतने वाली मनु भाकर शनिवार को शाम जालंधर के सिद्ध शक्ति पीठ श्री देवी तालाब मंदिर में पहुंची। उन्होंने वहां पर नतमस्तक होकर मां का आशीर्वाद लिया। मां के दरबार में माथा टेकने के बाद मनु ने फोटो खिंचवाए और लोगों से भी मिलीं। उक्त फोटो उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर किया है। पेरिस ओलिंपिक्स में दो कांस्य पदक जीतने वाली दिल्ली निवासी मनु भाकर ने कहा- उन्हें पहली बार ये सौभाग्य प्राप्त हुआ कि वह पंजाब में इतने प्रख्यात मंदिरों तक पहुंची। बता दें कि मनु ने जालंधर के बाद अमृतसर में गोल्डन टेंपल माथा टेका था। उन्होंने कहा था कि उन्हें यहां आकर सुकून मिला है। मनु ने युवाओं के लिए कहा कि युवा एक लक्ष्य को तय कर लें और फिर उसके लिए जी तोड़ मेहनत करें। जब आप लक्ष्य रखते हो तो उसे पूरा करने के लिए परमात्मा भी साथ देता है। वाघा बॉर्डर पर रिट्रीट सेरेमनी देखी जालंधर आने से पहले मनु ने अमृतसर के अटारी में कल शाम वाघा बॉर्डर पर रिट्रीट सेरेमनी का भी आनंद लिया था। इस मौके पर उन्होंने समारोह में बीएसएफ जवानों का हौसला भी बढ़ाया। बीएसएफ अधिकारियों ने उनका अभिनंदन किया। वहां रिट्रीट सेरेमनी के बाद मनु भाकर ने कहा कि मैं पहली बार पंजाब आई हूं और बहुत सुना था कि अमृतसर में वाघा बॉर्डर है, जहां दो बॉर्डर मिलते हैं। एक है भारत और दूसरा है पाकिस्तान।
वल्टोहा ने छोड़ा शिरोमणि अकाली दल:श्री अकाल तख्त साहिब ने दिए थे आदेश, पेशी के बाद लिया फैसला
वल्टोहा ने छोड़ा शिरोमणि अकाली दल:श्री अकाल तख्त साहिब ने दिए थे आदेश, पेशी के बाद लिया फैसला श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश के बाद विरसा सिंह वल्टोहा ने खुद ही शिरोमणि अकाली दल के सभी पदों से अपना इस्तीफा दे दिया है। अकाली दल की प्रारंभिक मेंबरशिप से इस्तीफा देने के बाद विरसा सिंह वल्टोहा ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- आज श्री अकाल तख्त साहिब पर सिंह साहिब के सामने पेश होने के बाद मेरे बारे में जो आदेश जारी किया गया है, मैं उसे सिर झुकाकर स्वीकार करता हूं। इस आदेश को लागू करने के लिए शिरोमणि अकाली दल नेतृत्व को किसी भी खतरे में डाले बिना, मैं स्वयं अकाली दल की प्राथमिक सदस्यता छोड़ता हूं। मुझे पता है कि अकाली दल का नेतृत्व मुझसे बहुत प्यार करता है और हमेशा मेरा समर्थन एक शास्त्रीय विचारक का करेगा। मेरी रगों में अकाली खून बहता है और हमेशा बहता रहेगा एक विनम्र सिख के रूप में, मैं सिंह साहिबों के आदेश को दिल से स्वीकार करता हूं। मेरी जिंदगी में एक अकाली को अकाली दल से तोड़ने के लिए सिख राजनीति में यह पहला मामला है। यह पहला बहुत ही आश्चर्यजनक आदेश है। उन्होंने कहा कि आज अकाली विरोधी ताकतें जरूर खुश होंगी। हां ज्ञानी हरप्रीत और अन्य लोगों ने ऐसा आदेश देकर अकाली खेमे में दहशत पैदा करने की कोशिश जरूर की है। लेकिन तख्तों से सिख धर्म से जोड़ने और अकाली सोच से जोड़ने के लिए कदम उठाए जाते हैं न कि खौफ पैदा करने के लिए। वीडियोग्राफी सार्वजनिक करने की मांग वल्टोहा ने कहा कि आज मैंने विनम्रतापूर्वक सिंह साहबों के सामने अपना पक्ष रखा। सिंह साहबों ने पेशी बैठक की शुरुआत में मुझसे कहा कि, आपकी पूरी सुनवाई की वीडियो ग्राफी की जा रही है, जिसे बाद में मीडिया के लिए जारी किया जाएगा। मेरे जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह जी से अनुरोध है कि कृपया वीडियो ग्राफी के वीडियो मीडिया को सार्वजनिक करें। मेरा अनुरोध है कि कृपया मेरे स्पष्टीकरण पत्र और उस पेन ड्राइव को सार्वजनिक करें जिसमें ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी के भाजपा और केंद्र सरकार के साथ संबंध साबित करने वाले दस्तावेज़ प्रस्तुत किए गए थे। अगर किसी कारण से श्री अकाल तख्त साहिब सचिवालय ने मेरा स्पष्टीकरण पत्र और पेन ड्राइव सबूतों के साथ जारी नहीं किया तो कल मैं खुद यह सब सार्वजनिक कर दूंगा। श्री अकाल तख्त साहिब ने दिए थे आदेश आपको बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब ने पेशी के बाद शिरोमणि अकाली दल को आदेश दिए हैं कि विरसा सिंह वल्टोहा को पार्टी से निकाला जाए। पार्टी के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ को 24 घंटे में उन्हें अकाली दल से निकालने के लिए कहा गया है। साथ ही उनकी प्रारंभिक मेंबरशिप को भी खारिज की जाएगी। शिरोमणि अकाली दल में दस साल तक उनकी वापसी पर रोक लगाई जाए। अगर इसके बाद भी वह कुछ बयानबाजी करते है तो सख्त फैसला लिया जाएगा। इस मौके जत्थेदारों ने कहा कि उन्होंने विश्वासघात किया। उनकी हालचाल पूछने के बहाने रिकॉर्डिंग की है। इससे पहले विरसा सिंह वल्टोहा आज सुबह श्री अकाल तख्त साहिब पेश हुए । उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से 15 अक्तूबर को सुबह 9 बजे सबूतों सहित पेश होने के आदेश दिए गए थे। विरसा सिंह वल्टोहा ने दो दिन पहले श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों पर आरएसएस और बीजेपी का दबाव बताया था। विरसा सिंह वल्टोहा के पेश होने के बाद पांच सिंह साहिबानों की बैठक चल रही है। 13 अक्तूबर को पेश होने के दिए थे निर्देश श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से 13 अक्तूबर को लिखित में विरसा सिंह वल्टोहा को आदेश भेजे गए थे और 15 अक्तूबर को 9 बजे तक पेश होने के लिए कहा गया था। साथ ही यह भी कहा गया था कि अगर वो उस समय तक पेश नहीं हुए तो हुए तो यह माना जाएगा कि विरसा सिंह वल्टोहा ने जत्थेदारों पर दबाव बनाने के लिए उनके चरित्र हनन की कोशिश की है। पोस्ट के जरिए वल्टोहा ने लगाए थे इल्जाम विरसा सिंह वल्टोहा ने 12 अक्तूबर को एक पोस्ट शेयर की थी। जिसमें उन्होंने सुखबीर सिंह बादल पर कार्रवाई के संबंध में जत्थेदार साहिब पर आरोप लगाए थे। उन्होंने लिखा था कि ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि सिख विरोधी ताकतों और शिरोमणि अकाली दल को हर समय कमजोर करने की साजिश करने वालों की सोच और साजिशें हमारी सम्मानित और राष्ट्र-अग्रणी संस्थाओं तक पहुंच जाएंगी। भगवान मेरे इस संदेह को निराधार बनाए, हमारी ये संस्थाएं सिखों के सम्मान और गौरव का प्रतीक हैं। विरसा सिंह ने कहा कि पिछले दिनों मैंने अपनी भावनाएं साझा करते हुए एक फेसबुक पोस्ट किया था कि, “जत्थेदार साहिबों द्वारा सुखबीर सिंह बादल को वेतनभोगी घोषित करने के बाद सजा देने में इतनी देरी क्यों हो रही है?” फेसबुक पोस्ट मिलने के बाद जो चौंकाने वाली जानकारी मुझ तक पहुंची वह परेशान करने वाली है। सोशल मीडिया पर लगाए थे आरोप मेरी पहली फेसबुक पोस्ट के बाद हमारे देश के सम्मानित जत्थेदारों के कई करीबी, जो शिरोमणि अकाली दल के समर्थक भी हैं, मुझसे अलग-अलग संपर्क कर बहुत गंभीर और चिंताजनक जानकारी दी कि, “जत्थेदार साहिबों पर बहुत आंतरिक दबाव डाला जा रहा है कि सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाल तख्त साहिब से धार्मिक दंड दिया जाए। साथ ही शिरोमणि अकाली दल को भी नेतृत्वहीन कर दिया जाए। इन सूत्रों के मुताबिक सुखबीर सिंह बादल और शिरोमणि अकाली दल पर दबाव बनाने वालों में केंद्र सरकार, बीजेपी और आरएसएस के साथ-साथ देश-विदेश में बैठे सिख चरित्र के वे लोग भी शामिल हैं जो हमेशा अकाली दल के खिलाफ रहे हैं।
जब मैं पृष्ठभूमि के इतिहास और वर्तमान स्थिति के बारे में कहानियां सुनता हूं, तो मुझे बहुत चिंता होती है। इतिहास है कि श्री अकाल तख्त साहिब का दिल्ली तख्त से हमेशा टकराव रहा है। लेकिन दिल्ली तख्त के प्रभाव को स्वीकार करने वाले हमारे सम्मानित महानुभावों की ओर से जो ताजा सूचनाएं और राय सामने आ रही हैं, वह चिंता का विषय है। आदेशों के बाद लिखा था कि जबाव के लिए फोन ना करें इस पोस्ट के बाद उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब से सबूतों सहित पेश होने के आदेश आ गए थे। फिर जब आदेश मिले तो उन्होंने आदेशों की कापी को भी सोशल मीडिया पर शेयर किया था और कहा था कि पूज्य जत्थेदार साहिब जी का आदेश प्राप्त हुआ। वह स्वीकार्य है। आदरणीय जत्थेदार साहिब जी के आदेशानुसार दास 15 अक्टूबर को समय पर उपस्थित होकर अपना पक्ष रखेंगे। लेकिन इस आदेश में कुछ ऐसा भी है जिसका मेरी पोस्ट या मुझसे कोई लेना-देना नहीं है। आदेश में दर्ज है कि सिंह साहिबों द्वारा सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ सुनाए गए फैसले पर मुझे कोई आपत्ति है। लेकिन इसके विपरीत, मैं बल्कि एक वादी हूं कि सुखबीर सिंह बादल को कड़ी धार्मिक सजा/वेतन/दंड दिया जाना चाहिए।
लेकिन अकाली दल के विरोधियों के दबाव में अकाली दल के राजनीतिक व्यक्तित्व को कमजोर करने की रणनीति नहीं चलने दी जानी चाहिए, इस दबाव का जिक्र मैंने अपनी पोस्ट में किया है, जो बिल्कुल सच है। मीडिया के लिए भी कहा था विरसा सिंह वल्टोहा ने इसके बाद अगले दिन मीडिया कर्मियों के लिए भी कहा था कि वह भी उन्हें फोन करके स्पष्टीकरण के बारे में ना पूछें और ना ही बयान के लिए फोन करें। वो अपना स्पष्टीकरण समय पर श्री अकाल तख्त साहिब भेजेंगे।