पंजाब की क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल में चल रही कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। कल यानी गुरुवार को अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा था कि वह उपचुनाव में बीएसपी का समर्थन करेंगे। आज अकाली नेता बीबी जागीर कौर और पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला ने अपनी ही पार्टी प्रमुख के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वडाला ने कहा- आज हमारी पार्टी अपने ही सिद्धांतों पर खरी नहीं उतर पाई है। वडाला ने कहा- बादल के नेतृत्व में पार्टी को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में पार्टी में बदलाव की काफी जरूरत है। वडाला ने कहा- पार्टी ने उम्मीदवार घोषित करने से दो दिन पहले चंडीगढ़ से पार्टी का लोगो मंगवाया था। ऐसा नहीं है कि पार्टी को उम्मीदवार के बारे में पता नहीं था। वडाला ने कहा- हमारी बैठकें लगातार चल रही हैं और किसी सिख ने यह नहीं कहा है कि वह वोट नहीं देगा। वडाला ने अकाली दल की उम्मीदवार सुरजीत कौर को वोट देने की अपील की है। वडाला ने कहा- अकाली दल में बदलाव चाहते हैं लोग पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला ने कहा- लोग अब पार्टी में बदलाव देखना चाहते हैं। सुखबीर सिंह बादल ने अपने एक भाषण में कहा था कि पार्टी किसी एक व्यक्ति की जागीर नहीं है। अगर पार्टी प्रमुख की यही राय है तो उन्हें पार्टी छोड़ देनी चाहिए। क्योंकि पार्टी इस समय बहुत बुरी हालत में है। वडाला ने कहा- पार्टी प्रमुख ने बीएसपी का समर्थन करके एक गरीब परिवार का मजाक उड़ाया है। वडाला ने कहा- अगर कोई अमीर उम्मीदवार होता तो कभी भी पर्चा वापस नहीं लिया जाता। इसका उदाहरण विरसा सिंह वल्टोहा हैं। वडाला ने आगे कहा- मुझे दुख हुआ जब हरसिमरन कौर बादल ने संसद में कहा- छोटा सा पंजाब, छोटी सी पार्टी। जबकि हमारा इतिहास सबसे बड़ा है। अकाली दल में क्यों आई दरार, पढ़ें पंजाब की क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने अपनी उम्मीदवार सुरजीत कौर को समर्थन न देने का आधिकारिक ऐलान कर दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि अकाली दल के दूसरे पक्ष ने सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। दूसरे पक्ष में अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बीबी जागीर कौर, पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं। चंडीगढ़ में अकाली दल की बड़ी बैठक के दौरान ये नेता अनुपस्थित थे और जालंधर में अलग से बैठक कर रहे थे। जिसमें उन्होंने कहा था कि पार्टी को बदलाव की जरूरत है। चंदूमाजरा ने बदलाव शब्द का इस्तेमाल कर सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। जिसके बाद सुखबीर सिंह बादल के पक्ष के वरिष्ठ अकाली नेता दलजीत सिंह चीमा ने बयान जारी कर कहा- हम जालंधर उपचुनाव में जिस उम्मीदवार को मैदान में उतारा गया है, उसका समर्थन नहीं करेंगे, क्योंकि उक्त उम्मीदवार बीबी जागीर कौर ने बनाया है। इस बारे में उनसे पूछा ही नहीं गया। पंजाब की क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल में चल रही कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। कल यानी गुरुवार को अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा था कि वह उपचुनाव में बीएसपी का समर्थन करेंगे। आज अकाली नेता बीबी जागीर कौर और पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला ने अपनी ही पार्टी प्रमुख के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वडाला ने कहा- आज हमारी पार्टी अपने ही सिद्धांतों पर खरी नहीं उतर पाई है। वडाला ने कहा- बादल के नेतृत्व में पार्टी को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में पार्टी में बदलाव की काफी जरूरत है। वडाला ने कहा- पार्टी ने उम्मीदवार घोषित करने से दो दिन पहले चंडीगढ़ से पार्टी का लोगो मंगवाया था। ऐसा नहीं है कि पार्टी को उम्मीदवार के बारे में पता नहीं था। वडाला ने कहा- हमारी बैठकें लगातार चल रही हैं और किसी सिख ने यह नहीं कहा है कि वह वोट नहीं देगा। वडाला ने अकाली दल की उम्मीदवार सुरजीत कौर को वोट देने की अपील की है। वडाला ने कहा- अकाली दल में बदलाव चाहते हैं लोग पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला ने कहा- लोग अब पार्टी में बदलाव देखना चाहते हैं। सुखबीर सिंह बादल ने अपने एक भाषण में कहा था कि पार्टी किसी एक व्यक्ति की जागीर नहीं है। अगर पार्टी प्रमुख की यही राय है तो उन्हें पार्टी छोड़ देनी चाहिए। क्योंकि पार्टी इस समय बहुत बुरी हालत में है। वडाला ने कहा- पार्टी प्रमुख ने बीएसपी का समर्थन करके एक गरीब परिवार का मजाक उड़ाया है। वडाला ने कहा- अगर कोई अमीर उम्मीदवार होता तो कभी भी पर्चा वापस नहीं लिया जाता। इसका उदाहरण विरसा सिंह वल्टोहा हैं। वडाला ने आगे कहा- मुझे दुख हुआ जब हरसिमरन कौर बादल ने संसद में कहा- छोटा सा पंजाब, छोटी सी पार्टी। जबकि हमारा इतिहास सबसे बड़ा है। अकाली दल में क्यों आई दरार, पढ़ें पंजाब की क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने अपनी उम्मीदवार सुरजीत कौर को समर्थन न देने का आधिकारिक ऐलान कर दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि अकाली दल के दूसरे पक्ष ने सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। दूसरे पक्ष में अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बीबी जागीर कौर, पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं। चंडीगढ़ में अकाली दल की बड़ी बैठक के दौरान ये नेता अनुपस्थित थे और जालंधर में अलग से बैठक कर रहे थे। जिसमें उन्होंने कहा था कि पार्टी को बदलाव की जरूरत है। चंदूमाजरा ने बदलाव शब्द का इस्तेमाल कर सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। जिसके बाद सुखबीर सिंह बादल के पक्ष के वरिष्ठ अकाली नेता दलजीत सिंह चीमा ने बयान जारी कर कहा- हम जालंधर उपचुनाव में जिस उम्मीदवार को मैदान में उतारा गया है, उसका समर्थन नहीं करेंगे, क्योंकि उक्त उम्मीदवार बीबी जागीर कौर ने बनाया है। इस बारे में उनसे पूछा ही नहीं गया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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