पंजाब शराब कांड, जिसने बेची, खुद भी पीकर मरा:19 घरों के चिराग भी बुझा गया, पत्नी अरेस्ट; अब अनाथ बोले- कौन देगा सहारा

पंजाब शराब कांड, जिसने बेची, खुद भी पीकर मरा:19 घरों के चिराग भी बुझा गया, पत्नी अरेस्ट; अब अनाथ बोले- कौन देगा सहारा

पंजाब के अमृतसर में मजीठा हलके में शराब पीने से 21 लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 अस्पताल में जिंदगी के लिए जंग लड़ रहे हैं। ये मौतें मजीठा के 7 गांवों मराड़ी कलां, पातालपुरी, थरियेवाल, भंगाली कलां, तलवंडी खुम्मन, करनाला और भंगवां में हुईं। लेकिन, इन सभी गांवों की मौत के पीछे एक ही गांव है और वो है थरियेवाल। थरियेवाल से पुलिस ने साहिब सिंह उर्फ सराय और गुरजंट सिंह के अलावा एक 75 साल की निंदर कौर को रविवार शाम को अरेस्ट किया। निंदर की शारीरिक स्थिति ऐसी है कि वह चल भी नहीं सकती। जिस समय निंदर को पुलिस अरेस्ट कर ले गई, कुछ समय बाद ही उसके पति तारू सिंह की भी मौत हो गई। दरअसल, तारू और उसकी पत्नी निंदर ये जहरीली शराब इलाके में बेचते थे। इसी बीच प्रोस्टेट कैंसर के कारण तारू सिंह ने बिस्तर पकड़ लिया। उसने भी यही जहरीली शराब पी थी, जिससे अभी तक 20 और लोग मर चुके हैं। दैनिक भास्कर की टीम इस मामले की तह तक जाने के लिए गांव थरियेवाल निंदर और तारू सिंह के घर पहुंची, जहां उसकी बेटी मनजीत कौर मिली। मनजीत कौर की शादी हो चुकी है। पिता तारू सिंह की मौत की खबर सुनकर वह गांव आई थी। उसने बताया कि इनका सिर्फ नाम चलता था, लोग शराब किसी और से पीते हैं। थरियेवाल गांव में और क्या मिला, कैसे शराब बिकी, किसने बेची, कहां से आई, 21 मौतों के बाद पुलिस ने क्या किया? ऐसे ही सवालों के जवाब जाने के लिए पूरी ग्राउंड रिपोर्ट पढ़िए… मां की कैंसर से मौत, पिता शराब से मारा गया
थरियेवाल के जोगिंदर सिंह (40) की शराब पीने से मौत हो गई। घर में उसकी भतीजी शिखा मिली। उसने बताया कि गांव में बिक रही जहरीली शराब के कारण ही उसके चाचा की मौत हुई है। चाचा जोगिंदर सिंह के दो बेटे मनजोत (14) और गुरसेवक (17) हैं। मां की कैंसर से पहले ही मौत हो चुकी है। मनजोत व गुरसेवक कुछ समय से उनके पास बटाला में रह रहे थे। रविवार शाम फोन आया कि जोगिंदर सिंह की हालत खराब है। आधे घंटे में वह गांव पहुंच गए। जोगिंदर सिंह के मुंह से झाग निकल रहा था और आंखें ऊपर चढ़ गईं। अमृतसर अस्पताल ले जाते समय ही उनकी मौत हो गई। बच्चों को समझ नहीं आ रहा कि अब वे इस घर में अकेले कैसे रहेंगे। इसी गांव की काजल ने बताया कि उनके पति का नाम करनैल सिंह था। वह खुद काम पर गई थी। जब घर आई तो पति हालत काफी खराब हो चुकी थी। तड़प रहे थे और उल्टियां कर रहे थे। शराब उन्होंने निंदर कौर से ही ली थी। 15-20 रुपए में शराब, बर्तन साथ लाते थे पीने वाले
गांव वालों ने बताया कि बाहर शराब काफी महंगी है। रोज दिहाड़ी करने वाले, इतनी महंगी शराब नहीं पी सकते। इसलिए वे इन घरों में शराब पीने पहुंच जाते थे। थैलियों में तो वे लोग शराब लेकर जाते थे, जिनके घर दूर होते थे। गांव वाले इन घरों में अपने घर से बर्तन लेकर पहुंच जाते थे। मेथनॉल को पानी में मिला कर 10-20 रुपए में सस्ती शराब मिल जाती थी। शराब पीने के आदी लोग अपने साथ गिलास, कटोरियां या मग लेकर चलते थे। कभी किसी ने उन्हें नहीं रोका। पुलिस को पता भी था, लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की। डिंपल बोली- सबसे पहले मेरे पापा मरे
जहरीली शराब पीकर मरे मेहर सिंह की बेटी डिंपल ने बताया- मेरे पापा 45 साल के थे। मेरी शादी हो चुकी है। मेरा भाई छोटा है। घर का कमरा दिखाते हुए बोली- बेड भी टूटा है, पंखा भी नहीं है। छत कभी भी गिर सकती है। ऐसे में अब उनकी मां और भाई को कौन देखेगा। डिंपल ने आगे बताया कि उसके पिता की गांव में सबसे पहले मौत हुई थी। उन्होंने इसे भगवान का प्रकोप समझा और दाह संस्कार भी कर दिया। शाम होते-होते पता चला कि गांव के कुछ और लोग भी शराब पीने से मारे गए हैं। 5 बेटियों के पिता ने भी शराब पीकर गंवाई जान
शराब पीकर मरने वालों में सरबजीत (38) भी शामिल है। उसके पिता महिंदर सिंह ने बताया कि मेरा बेटा सरबजीत दिहाड़ी करता था। उसकी पत्नी दूसरों के घरों में काम कर अपना घर चला रही थी। उसकी पांच बेटियां हैं। बड़ी की उम्र तकरीबन 17 साल और छोटी की उम्र तकरीबन 7 साल थी। कई बार सरबजीत को रोकते थे कि सस्ती शराब न पिए, लेकिन जब पैसे कम होते तो वे यहां शराब पीने चला जाता था। उधर, सुमनप्रीत कौर के पिता परमजीत सिंह (60) की मौत हुई है। उसने बताया कि हम 3 बहनें हैं और सभी शादीशुदा हैं। हमारा कोई भाई नहीं है। घर पर अब बुजुर्ग दादी और मां रह गई है। ये कैसे खुद को संभालेंगी, कुछ समझ नहीं आ रहा। 30 साल से बिक रही शराब, पुलिस को सब पता
इसी गांव की आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता कंवलजीत कौर ने कहा कि यहां तीन घर 30 सालों से शराब बेच रहे हैं। पुलिस को भी इनका पता है। गांव के ही बड़े रसूख वाले लोग उनका सपोर्ट करते हैं। पहले गांवों में एक-एक व्यक्ति की मौत होती थी। गरीब परिवार भगवान का प्रकोप समझ इसे मान लेते थे। मगर, आज जब 21 लोगों की मौत हुई, तो सभी को थरियेवाल का पता चला। 4 पॉइंट्स में समझें जहरीली शराब का नेटवर्क… 1. साहिब सिंह किंगपिन, लुधियाना से मंगाई थी
एसएसपी रूरल मनिंदर सिंह ने जानकारी दी कि साहिब सिंह इस पूरे नेटवर्क का किंग पिन है। साहिब सिंह ऑनलाइन ऑर्डर कर मेथनॉल मंगवाया करता था। मेथनॉल के मुख्य सप्लायरों की पहचान लुधियाना के सुख एन्क्लेव स्थित साहिल केमिकल्स के मालिक पंकज कुमार उर्फ साहिल और अरविंद कुमार के रूप में हुई है। यहां से साहिब सिंह ने 50 लीटर मेथनॉल मंगवाई थी। 2. लोकल बसों के सहारे बढ़ाया नेटवर्क
साहिब सिंह को अपनी मेथनॉल डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए बड़े नेटवर्क की जरूरत नहीं थी। उसने शहर में चलने वाली लोकल बसों को अपने साथ जोड़ लिया। वह 5 से 10 लीटर के कैन भरता और बसों के माध्यम से बस ड्राइवरों को चंद पैसे देकर गांवों तक पहुंचा देता था। इनमें उनका एक क्लाइंट प्रभजीत भी है, जो मजीठा हलके में डिस्ट्रीब्यूटर का काम करता है। 3. प्रभजीत सिंह और उसका भाई बन गया डिस्ट्रीब्यूटर
इस पूरे नेटवर्क में दूसरी कड़ी प्रभजीत सिंह और उसके भाई कुलबीर सिंह का नाम सामने आया। साहिब सिंह से प्रभजीत व कुलबीर को 50 लीटर मेथनॉल मिली थी। खास बात है कि प्रभजीत सिंह ने 50 लीटर मेथनॉल को डेल्यूट कर 120 लीटर मिक्स मेथनॉल तैयार कर ली। इसे उसने 2-2 लीटर के पैकेट्स में भरा और मजीठा इलाके में डिस्ट्रीब्यूट कर दिया। 4. दिहाड़ी मजदूरों को बनाया टारगेट
अंत में प्रभजीत व कुलबीर से ये शराब निंदर कौर, साहिब सिंह, गुरजंट सिंह, अरुण उर्फ काला और सिकंदर सिंह उर्फ पप्पू तक पहुंचती। ये इस मिक्स मेथनॉल में पानी मिलाते और उसे 15-20 रुपए में गरीब, दिहाड़ीदार लोगों को बेच देते थे। चूंकि, पंजाब में बड़ी संख्या में यूपी और बिहार के लोग मजदूरी करने आते हैं, ऐसे में सस्ती शराब का झांसा देकर इन्हें आसानी से शराब बेची जा सकती है। 10 गिरफ्तारियां हो चुकी, नेटवर्क बढ़ता जा रहा
मंगलवार रात तक पुलिस 10 आरोपियों को पकड़ने में सफल रही। इसमें लुधियाना के फैक्ट्री मालिक पंकज कुमार उर्फ साहिल और अरविंद कुमार भी शामिल हैं। स्थानीय वितरक प्रभजीत सिंह और कुलबीर सिंह के अलावा विक्रेताओं निंदर कौर, साहिब सिंह, गुरजंट सिंह, अरुण उर्फ काला और सिकंदर सिंह उर्फ पप्पू को भी गिरफ्तार किया है। एसएसपी का कहना है कि आरोपियों के मोबाइल फोन खंगाले जा रहे हैं। चैट से नेटवर्क का पता चल रहा है। कोशिश है कि उन सभी को पकड़ा जाए, जो मेथनॉल सप्लाई करने वाले साहिब सिंह के नेटवर्क के साथ जुड़े हुए हैं। CM मान ने दिया 10 लाख और नौकरी का भरोसा
यह मामला सामने आने के बाद CM भगवंत मान ने कहा कि यह दुखदायी और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। जहरीली शराब पीने से अब तक 21 के करीब लोगों की मौत हुई है। इस शराब की सप्लाई चेन का पता लगाया जा रहा है। दिल्ली तक तार जुड़े हुए हैं। दिल्ली में भी हमारी टीम गई है। इस मामले में जो भी शामिल होगा, भले ही वह पावरफुल हो या न हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की जान गई, वे अपने परिवारों में कमाने वाले थे। मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख की आर्थिक मदद सरकार देगी। बच्चों की पढ़ाई भी करवाई जाएगी। कई परिवारों में बच्चे काफी छोटे हैं। ऐसे में उन परिवारों में कोई बेटी या उनके ब्लड रिलेशन में नौकरी करने की काबिलियत है, तो उसे नौकरी देंगे, ताकि परिवार का खर्च चल सके। पंजाब के अमृतसर में मजीठा हलके में शराब पीने से 21 लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 अस्पताल में जिंदगी के लिए जंग लड़ रहे हैं। ये मौतें मजीठा के 7 गांवों मराड़ी कलां, पातालपुरी, थरियेवाल, भंगाली कलां, तलवंडी खुम्मन, करनाला और भंगवां में हुईं। लेकिन, इन सभी गांवों की मौत के पीछे एक ही गांव है और वो है थरियेवाल। थरियेवाल से पुलिस ने साहिब सिंह उर्फ सराय और गुरजंट सिंह के अलावा एक 75 साल की निंदर कौर को रविवार शाम को अरेस्ट किया। निंदर की शारीरिक स्थिति ऐसी है कि वह चल भी नहीं सकती। जिस समय निंदर को पुलिस अरेस्ट कर ले गई, कुछ समय बाद ही उसके पति तारू सिंह की भी मौत हो गई। दरअसल, तारू और उसकी पत्नी निंदर ये जहरीली शराब इलाके में बेचते थे। इसी बीच प्रोस्टेट कैंसर के कारण तारू सिंह ने बिस्तर पकड़ लिया। उसने भी यही जहरीली शराब पी थी, जिससे अभी तक 20 और लोग मर चुके हैं। दैनिक भास्कर की टीम इस मामले की तह तक जाने के लिए गांव थरियेवाल निंदर और तारू सिंह के घर पहुंची, जहां उसकी बेटी मनजीत कौर मिली। मनजीत कौर की शादी हो चुकी है। पिता तारू सिंह की मौत की खबर सुनकर वह गांव आई थी। उसने बताया कि इनका सिर्फ नाम चलता था, लोग शराब किसी और से पीते हैं। थरियेवाल गांव में और क्या मिला, कैसे शराब बिकी, किसने बेची, कहां से आई, 21 मौतों के बाद पुलिस ने क्या किया? ऐसे ही सवालों के जवाब जाने के लिए पूरी ग्राउंड रिपोर्ट पढ़िए… मां की कैंसर से मौत, पिता शराब से मारा गया
थरियेवाल के जोगिंदर सिंह (40) की शराब पीने से मौत हो गई। घर में उसकी भतीजी शिखा मिली। उसने बताया कि गांव में बिक रही जहरीली शराब के कारण ही उसके चाचा की मौत हुई है। चाचा जोगिंदर सिंह के दो बेटे मनजोत (14) और गुरसेवक (17) हैं। मां की कैंसर से पहले ही मौत हो चुकी है। मनजोत व गुरसेवक कुछ समय से उनके पास बटाला में रह रहे थे। रविवार शाम फोन आया कि जोगिंदर सिंह की हालत खराब है। आधे घंटे में वह गांव पहुंच गए। जोगिंदर सिंह के मुंह से झाग निकल रहा था और आंखें ऊपर चढ़ गईं। अमृतसर अस्पताल ले जाते समय ही उनकी मौत हो गई। बच्चों को समझ नहीं आ रहा कि अब वे इस घर में अकेले कैसे रहेंगे। इसी गांव की काजल ने बताया कि उनके पति का नाम करनैल सिंह था। वह खुद काम पर गई थी। जब घर आई तो पति हालत काफी खराब हो चुकी थी। तड़प रहे थे और उल्टियां कर रहे थे। शराब उन्होंने निंदर कौर से ही ली थी। 15-20 रुपए में शराब, बर्तन साथ लाते थे पीने वाले
गांव वालों ने बताया कि बाहर शराब काफी महंगी है। रोज दिहाड़ी करने वाले, इतनी महंगी शराब नहीं पी सकते। इसलिए वे इन घरों में शराब पीने पहुंच जाते थे। थैलियों में तो वे लोग शराब लेकर जाते थे, जिनके घर दूर होते थे। गांव वाले इन घरों में अपने घर से बर्तन लेकर पहुंच जाते थे। मेथनॉल को पानी में मिला कर 10-20 रुपए में सस्ती शराब मिल जाती थी। शराब पीने के आदी लोग अपने साथ गिलास, कटोरियां या मग लेकर चलते थे। कभी किसी ने उन्हें नहीं रोका। पुलिस को पता भी था, लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की। डिंपल बोली- सबसे पहले मेरे पापा मरे
जहरीली शराब पीकर मरे मेहर सिंह की बेटी डिंपल ने बताया- मेरे पापा 45 साल के थे। मेरी शादी हो चुकी है। मेरा भाई छोटा है। घर का कमरा दिखाते हुए बोली- बेड भी टूटा है, पंखा भी नहीं है। छत कभी भी गिर सकती है। ऐसे में अब उनकी मां और भाई को कौन देखेगा। डिंपल ने आगे बताया कि उसके पिता की गांव में सबसे पहले मौत हुई थी। उन्होंने इसे भगवान का प्रकोप समझा और दाह संस्कार भी कर दिया। शाम होते-होते पता चला कि गांव के कुछ और लोग भी शराब पीने से मारे गए हैं। 5 बेटियों के पिता ने भी शराब पीकर गंवाई जान
शराब पीकर मरने वालों में सरबजीत (38) भी शामिल है। उसके पिता महिंदर सिंह ने बताया कि मेरा बेटा सरबजीत दिहाड़ी करता था। उसकी पत्नी दूसरों के घरों में काम कर अपना घर चला रही थी। उसकी पांच बेटियां हैं। बड़ी की उम्र तकरीबन 17 साल और छोटी की उम्र तकरीबन 7 साल थी। कई बार सरबजीत को रोकते थे कि सस्ती शराब न पिए, लेकिन जब पैसे कम होते तो वे यहां शराब पीने चला जाता था। उधर, सुमनप्रीत कौर के पिता परमजीत सिंह (60) की मौत हुई है। उसने बताया कि हम 3 बहनें हैं और सभी शादीशुदा हैं। हमारा कोई भाई नहीं है। घर पर अब बुजुर्ग दादी और मां रह गई है। ये कैसे खुद को संभालेंगी, कुछ समझ नहीं आ रहा। 30 साल से बिक रही शराब, पुलिस को सब पता
इसी गांव की आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता कंवलजीत कौर ने कहा कि यहां तीन घर 30 सालों से शराब बेच रहे हैं। पुलिस को भी इनका पता है। गांव के ही बड़े रसूख वाले लोग उनका सपोर्ट करते हैं। पहले गांवों में एक-एक व्यक्ति की मौत होती थी। गरीब परिवार भगवान का प्रकोप समझ इसे मान लेते थे। मगर, आज जब 21 लोगों की मौत हुई, तो सभी को थरियेवाल का पता चला। 4 पॉइंट्स में समझें जहरीली शराब का नेटवर्क… 1. साहिब सिंह किंगपिन, लुधियाना से मंगाई थी
एसएसपी रूरल मनिंदर सिंह ने जानकारी दी कि साहिब सिंह इस पूरे नेटवर्क का किंग पिन है। साहिब सिंह ऑनलाइन ऑर्डर कर मेथनॉल मंगवाया करता था। मेथनॉल के मुख्य सप्लायरों की पहचान लुधियाना के सुख एन्क्लेव स्थित साहिल केमिकल्स के मालिक पंकज कुमार उर्फ साहिल और अरविंद कुमार के रूप में हुई है। यहां से साहिब सिंह ने 50 लीटर मेथनॉल मंगवाई थी। 2. लोकल बसों के सहारे बढ़ाया नेटवर्क
साहिब सिंह को अपनी मेथनॉल डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए बड़े नेटवर्क की जरूरत नहीं थी। उसने शहर में चलने वाली लोकल बसों को अपने साथ जोड़ लिया। वह 5 से 10 लीटर के कैन भरता और बसों के माध्यम से बस ड्राइवरों को चंद पैसे देकर गांवों तक पहुंचा देता था। इनमें उनका एक क्लाइंट प्रभजीत भी है, जो मजीठा हलके में डिस्ट्रीब्यूटर का काम करता है। 3. प्रभजीत सिंह और उसका भाई बन गया डिस्ट्रीब्यूटर
इस पूरे नेटवर्क में दूसरी कड़ी प्रभजीत सिंह और उसके भाई कुलबीर सिंह का नाम सामने आया। साहिब सिंह से प्रभजीत व कुलबीर को 50 लीटर मेथनॉल मिली थी। खास बात है कि प्रभजीत सिंह ने 50 लीटर मेथनॉल को डेल्यूट कर 120 लीटर मिक्स मेथनॉल तैयार कर ली। इसे उसने 2-2 लीटर के पैकेट्स में भरा और मजीठा इलाके में डिस्ट्रीब्यूट कर दिया। 4. दिहाड़ी मजदूरों को बनाया टारगेट
अंत में प्रभजीत व कुलबीर से ये शराब निंदर कौर, साहिब सिंह, गुरजंट सिंह, अरुण उर्फ काला और सिकंदर सिंह उर्फ पप्पू तक पहुंचती। ये इस मिक्स मेथनॉल में पानी मिलाते और उसे 15-20 रुपए में गरीब, दिहाड़ीदार लोगों को बेच देते थे। चूंकि, पंजाब में बड़ी संख्या में यूपी और बिहार के लोग मजदूरी करने आते हैं, ऐसे में सस्ती शराब का झांसा देकर इन्हें आसानी से शराब बेची जा सकती है। 10 गिरफ्तारियां हो चुकी, नेटवर्क बढ़ता जा रहा
मंगलवार रात तक पुलिस 10 आरोपियों को पकड़ने में सफल रही। इसमें लुधियाना के फैक्ट्री मालिक पंकज कुमार उर्फ साहिल और अरविंद कुमार भी शामिल हैं। स्थानीय वितरक प्रभजीत सिंह और कुलबीर सिंह के अलावा विक्रेताओं निंदर कौर, साहिब सिंह, गुरजंट सिंह, अरुण उर्फ काला और सिकंदर सिंह उर्फ पप्पू को भी गिरफ्तार किया है। एसएसपी का कहना है कि आरोपियों के मोबाइल फोन खंगाले जा रहे हैं। चैट से नेटवर्क का पता चल रहा है। कोशिश है कि उन सभी को पकड़ा जाए, जो मेथनॉल सप्लाई करने वाले साहिब सिंह के नेटवर्क के साथ जुड़े हुए हैं। CM मान ने दिया 10 लाख और नौकरी का भरोसा
यह मामला सामने आने के बाद CM भगवंत मान ने कहा कि यह दुखदायी और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। जहरीली शराब पीने से अब तक 21 के करीब लोगों की मौत हुई है। इस शराब की सप्लाई चेन का पता लगाया जा रहा है। दिल्ली तक तार जुड़े हुए हैं। दिल्ली में भी हमारी टीम गई है। इस मामले में जो भी शामिल होगा, भले ही वह पावरफुल हो या न हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की जान गई, वे अपने परिवारों में कमाने वाले थे। मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख की आर्थिक मदद सरकार देगी। बच्चों की पढ़ाई भी करवाई जाएगी। कई परिवारों में बच्चे काफी छोटे हैं। ऐसे में उन परिवारों में कोई बेटी या उनके ब्लड रिलेशन में नौकरी करने की काबिलियत है, तो उसे नौकरी देंगे, ताकि परिवार का खर्च चल सके।   पंजाब | दैनिक भास्कर