हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी आज दोपहर पानीपत आएंगे। वह जीटी रोड स्थित अनाज मंडी में रैली करने आ रहे हैं। दरअसल, विधानसभा चुनाव में जाने के लिए भाजपा ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी क्रम में रैली के दौरान मुख्यमंत्री 1062 बीपीएल परिवारों को 100-100 वर्ग गज के प्लाट खरीदने के लिए एक-एक लाख रुपये के टोकन देंगे। वहीं, मकान की मरम्मत के लिए 25 लाभार्थियों के बैंक खातों में 80-80 हजार रुपये भी ट्रांसफर किए जाएंगे। जुलाई से सरकार पेंशन बढ़ाकर 3000 रुपये करने जा रही है। रैली में कुछ ऐसे बुजुर्गों को भी बुलाया गया है, जिन्हें नई पेंशन मिली है। ऐसे बुजुर्गों को भी मुख्यमंत्री पेंशन देंगे। ढाई महीने बाद चुनाव आचार संहिता लगने की संभावना है। इसलिए सरकार के पास समय कम है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार सामाजिक सरोकार के कार्य करने जा रही है। कई घोषणाओं की संभावना संभावना है कि मुख्यमंत्री आज पानीपत या प्रदेश स्तर पर कोई नई घोषणा कर सकते हैं। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) गौरव कुमार ने बताया कि पानीपत, समालखा, मतलौडा और इसराना क्षेत्र के जिन 1062 लाभार्थियों को मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 100-100 वर्ग गज के प्लॉट मिलने थे, उन्हें कुछ कानूनी अड़चनों और अन्य कारणों से वह प्लॉट नहीं दिए जा सके। वहीं, जिला समाज कल्याण अधिकारी जयपान सिंह ने बताया कि डॉ. बीआर अंबेडकर आवास योजना के तहत मकान मरम्मत के लिए 10 हजार लोगों ने आवेदन किया है। ऐसे लोगों के आवेदनों की जांच की जा रही है। अभी तक 180 लोगों की पहचान की गई है। इनमें से 25 को मौके पर बुलाया गया है। हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी आज दोपहर पानीपत आएंगे। वह जीटी रोड स्थित अनाज मंडी में रैली करने आ रहे हैं। दरअसल, विधानसभा चुनाव में जाने के लिए भाजपा ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी क्रम में रैली के दौरान मुख्यमंत्री 1062 बीपीएल परिवारों को 100-100 वर्ग गज के प्लाट खरीदने के लिए एक-एक लाख रुपये के टोकन देंगे। वहीं, मकान की मरम्मत के लिए 25 लाभार्थियों के बैंक खातों में 80-80 हजार रुपये भी ट्रांसफर किए जाएंगे। जुलाई से सरकार पेंशन बढ़ाकर 3000 रुपये करने जा रही है। रैली में कुछ ऐसे बुजुर्गों को भी बुलाया गया है, जिन्हें नई पेंशन मिली है। ऐसे बुजुर्गों को भी मुख्यमंत्री पेंशन देंगे। ढाई महीने बाद चुनाव आचार संहिता लगने की संभावना है। इसलिए सरकार के पास समय कम है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार सामाजिक सरोकार के कार्य करने जा रही है। कई घोषणाओं की संभावना संभावना है कि मुख्यमंत्री आज पानीपत या प्रदेश स्तर पर कोई नई घोषणा कर सकते हैं। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) गौरव कुमार ने बताया कि पानीपत, समालखा, मतलौडा और इसराना क्षेत्र के जिन 1062 लाभार्थियों को मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 100-100 वर्ग गज के प्लॉट मिलने थे, उन्हें कुछ कानूनी अड़चनों और अन्य कारणों से वह प्लॉट नहीं दिए जा सके। वहीं, जिला समाज कल्याण अधिकारी जयपान सिंह ने बताया कि डॉ. बीआर अंबेडकर आवास योजना के तहत मकान मरम्मत के लिए 10 हजार लोगों ने आवेदन किया है। ऐसे लोगों के आवेदनों की जांच की जा रही है। अभी तक 180 लोगों की पहचान की गई है। इनमें से 25 को मौके पर बुलाया गया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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श्रुति चौधरी की भाई ने मुश्किलें बढ़ाईं:अनिरुद्ध भी बंसीलाल के नाम पर एक्टिव, जाट वोट बंटे तो BJP फंसेगी; बागी से भी नुकसान
श्रुति चौधरी की भाई ने मुश्किलें बढ़ाईं:अनिरुद्ध भी बंसीलाल के नाम पर एक्टिव, जाट वोट बंटे तो BJP फंसेगी; बागी से भी नुकसान हरियाणा में भिवानी जिले की तोशाम विधानसभा सीट हॉट बनी हुई है, क्योंकि यहां पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल का परिवार आमने-सामने है। भाजपा ने यहां राज्यसभा सांसद किरण चौधरी की बेटी पूर्व सांसद श्रुति चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा के बेटे अनिरुद्ध चौधरी को टिकट दिया है। श्रुति और अनिरुद्ध चचेरे भाई-बहन हैं। इनके अलावा, आम आदमी पार्टी (AAP) ने दलजीत सिंह, इनेलो-बसपा ने ओम सिंह, जजपा-असपा ने राजेश भारद्वाज और भाजपा के बागी शशिरंजन परमार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। तोशाम सीट में कुल 2.20 लाख वोटर हैं। यह सीट बंसीलाल परिवार का गढ़ रही है। अभी तक यहां 15 चुनाव हुए हैं, जिसमें 11 बार बंसीलाल परिवार का ही कोई सदस्य चुनाव जीता है। लोगों का कहना है कि इस चुनाव में श्रुति और अनिरुद्ध के बीच मुकाबला है। श्रुति को बंसीलाल की विरासत का फायदा तो मिलेगा, लेकिन एकतरफा माहौल नहीं है। जाट वोट ज्यादा कांग्रेस की तरफ जाएंगे। दूसरा भाजपा से बागी शशिरंजन परमार श्रुति का गणित बिगाड़ेंगे। लोगों के मुताबिक अनिरुद्ध चौधरी को कांग्रेस की लहर का फायदा है। वह भी बंसीलाल के नाम पर ही जनता के बीच जा रहे हैं, लेकिन यहां की जनता उन्हें जानती तक नहीं। अगर उन्हें बंसीलाल के नाम का कुछ फायदा मिला तो ही वह श्रुति को टक्कर दे पाएंगे। 4 पॉइंट में समझें तोशाम विधानसभा सीट के समीकरण श्रुति चौधरी बंसीलाल की विरासत पर वोट मांग रही श्रुति चौधरी पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की पोती हैं। उनके पिता सुरेंद्र सिंह और मां किरण चौधरी हरियाणा सरकार में मंत्री रहे हैं। श्रुति ने 2009 में कांग्रेस के टिकट पर भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद वह लगातार 2 लोकसभा चुनाव हारीं। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया। जिसके बाद किरण चौधरी और श्रुति चौधरी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप लगाया और बाद में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। हाल ही में हुए राज्यसभा उपचुनाव में भाजपा ने किरण चौधरी को राज्यसभा भेज दिया और श्रुति को तोशाम से उम्मीदवार घोषित कर दिया। इस चुनाव में श्रुति चौधरी बंसीलाल के नाम पर जनता के बीच जा रही हैं। वह जनता से लगातार कह रही हैं कि कांग्रेस में उनकी अनदेखी हुई है। भिवानी-महेंद्रगढ़ क्षेत्र के भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भेदभाव किया है। उनकी वजह से लोकसभा में टिकट कटा। अनिरुद्ध चौधरी बंसीलाल की विरासत पर दावा ठोक रहे अनिरुद्ध चौधरी बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा के बेटे हैं। रणबीर महेंद्रा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष रह चुके हैं। अनिरुद्ध भी BCCI के कोषाध्यक्ष रहे हैं। रणबीर महेंद्रा ने 2005 में कांग्रेस के टिकट पर मुंढाल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और विधायक बने। इसके बाद 2019 में उन्होंने चरखी दादरी जिले की बाढड़ा सीट पर चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। पिछले 3 चुनाव से किरण चौधरी ही तोशाम सीट से चुनाव लड़ती आ रही थीं। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गईं तो अनिरुद्ध चौधरी ने तोशाम सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया। इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार बना दिया। अनिरुद्ध चौधरी भी फील्ड में दादा बंसीलाल के नाम पर वोट मांग रहे हैं। वह बंसीलाल की विरासत पर खुद का हक जता रहे हैं। वह लोगों से पानी की समस्या दूर करने का वादा कर रहे हैं। शशिरंजन क्षेत्र में एक्टिव होने के नाम पर वोट मांग रहे शशिरंजन परमार साल 2000 में मुंढाल विधानसभा सीट से इनेलो के टिकट पर विधायक बने थे। करीब 7 साल पहले वह भाजपा में शामिल हो गए। 2019 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें तोशाम सीट से उम्मीदवार बनाया। चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की किरण चौधरी को कड़ी टक्कर दी और करीब 54 हजार वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे। इस चुनाव में भी वह भाजपा से टिकट की मांग रहे थे, लेकिन भाजपा ने किरण चौधरी की बेटी श्रुति को उम्मीदवार बना दिया। इसके बाद वह भाजपा से बागी हो गए और कैरू गांव में समर्थकों की महापंचायत बुलाकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया। अब शशिरंजन जनता के बीच जाकर किरण और श्रुति चौधरी के खिलाफ वोट मांग रहे हैं। उनका आरोप है कि राजनीतिक लाभ के लिए मां-बेटी भाजपा में शामिल हुई हैं। वह लगातार लोगों से कह रहे हैं कि मैं 5 साल से जनता के बीच आकर सुख-दुख में शामिल हो रहा हूं। बंसीलाल के दोनों बेटे एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ चुके यह पहला मौका नहीं है, जब बंसीलाल परिवार चुनाव में आमने-सामने है। साल 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में बंसीलाल ने अपनी हरियाणा विकास पार्टी से छोटे बेटे सुरेंद्र सिंह को भिवानी सीट से उम्मीदवार बनाया था। इसी सीट पर कांग्रेस ने बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा को टिकट दे दिया। तभी बंसीलाल परिवार में मतभेद की खबरें सामने आई थीं। हालांकि दोनों भाइयों ने चुनाव के दौरान एक दूसरे पर हमला नहीं बोला। वहीं बंसीलाल के परिवार से 2 कैंडिडेट देख उनके राजनीति विरोधी चौधरी देवीलाल ने अपने पोते अजय चौटाला को इसी सीट से उम्मीदवार बना दिया। ये चुनाव सुरेंद्र सिंह जीत गए। अजय चौटाला दूसरे नंबर और रणबीर महेंद्रा तीसरे नंबर पर रहे। क्या कहते हैं तोशाम के वोटर… राजकपूर बोले- बहन-भाई में टक्कर
जुई बिचली निवासी राजकपूर ने कहा कि यहां तो भाजपा व कांग्रेस बराबर हैं। थोड़ा बहुत अंतर है। मुख्य टक्कर दोनों बहन-भाई में है। शशिरंजन परमार जो वोट लेगा वह भाजपा को नुकसान होगा। इस बार श्रुति के ही जीतने के चांस हैं। यहां उनके परिवार ने काफी काम किए हैं। यहां एक कहावत है, जब बुजुर्ग आदमी मरता है तो वह अपना वारिस बनाता है कि मेरे मरने के बाद यह काम तू संभालेगा। चौधरी बंसीलाल ने श्रुति चौधरी को पगड़ी पहनाई और कहा कि मेरी वारिस तू है। इस हलके को तुमने संभालना है। किरण चौधरी जब दिल्ली की राजनीति में थीं तो बंसीलाल ने उन्हें बुलाकर कहा था कि श्रुति अभी बच्ची है, मैं पगड़ी इसके सिर पर रखता हूं। इसको तुम्हें संभालना है। तोशाम हलके को तुम्हें संभालकर रखना है। उसके बाद से तोशाम हलका किरण के साथ रहता है। सुनील ने कहा- श्रुति को परमार-भारद्वाज नुकसान पहुंचाएंगे जुई के रहने वाले सुनील लांबा ने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार अनिरुद्ध चौधरी के जीतने की संभावना है। निर्दलीय शशिरंजन परमार राजपूतों के वोट लेगा। बंसीलाल के गांव गोलागढ़ के पास पत्थरवाली गांव के सरपंच राजेश भारद्वाज को जजपा ने उम्मीदवार बनाया है। राजेश आसपास के गांव के वोट हासिल करेगा, जिसका श्रुति चौधरी को नुकसान होगा। भाजपा का विरोध तो पहले भी था और अब भी है। जनता नहीं चाहती। इस कारण श्रुति हारेगी। टक्कर अनिरुद्ध चौधरी व श्रुति चौधरी में लग रही है। बीर सिंह बोले- भाजपा ने ओबीसी और जाटों के लिए अच्छे काम किए लेघां गांव के रहने वाले बीर सिंह ने कहा कि चुनाव में भाजपा की जीत होगी। भाजपा ने यहां काम किए हैं। सिर्फ ओबीसी के लिए ही नहीं, जाटों के लिए भी अच्छे काम हुए हैं। मैं खुद जाट हूं, लेकिन आज तक कोई भी काम नहीं रुका। तोशाम हलके की बात करें तो यहां जाटों के वोट ज्यादा हैं, जिनमें से करीब 30 प्रतिशत वोट भाजपा को मिलेंगे और ओबीसी 70 प्रतिशत भाजपा के साथ हैं। अन्य जातियों के वोट शशिरंजन परमार के भी काफी हैं और वह भाजपा के वोट काटेंगे। बंसीलाल की विरासत का फायदा श्रुति चौधरी को होगा। इसका एक कारण यह भी है कि श्रुति का परिवार ही साथ लगा हुआ है। अनिरुद्ध तो अभी आया है। कृष्ण बोले-अनिरुद्ध को कोई नहीं जानता बुजुर्ग कृष्ण ने बताया कि यहां भाजपा की श्रुति चौधरी ही जीतेगी। श्रुति को वोट देने का कारण यह है कि भाजपा ने किरण को राज्यसभा भेजा है। अनिरुद्ध चौधरी को यहां कोई नहीं जानता। कभी इससे वास्ता ही नहीं पड़ा। हमें ये भी नहीं पता था कि वह रणबीर महेंद्रा का बेटा है। हरियाणा चुनाव से जुड़ी ये ग्राउंड रिपोर्ट्स भी पढ़ें… पूर्व BJP मंत्री हैट्रिक चांस में कड़े मुकाबले में फंसे:AAP की गुर्जर वोट बैंक में सेंध; कांग्रेस वेव से अकरम को फायदा अनिल विज कड़े मुकाबले में फंसे:खुद को CM चेहरा बता फायदा लेने की कोशिश; कांग्रेस पर गुटबाजी भारी, वोट शिफ्ट हुए तो चित्रा भारी पड़ेंगी राव इंद्रजीत की बेटी आरती तिकोने मुकाबले में फंसी:कांग्रेस बांटेगी अहीर वोटर; राजपूत-दलित वोटर्स एकतरफा तो ठाकुर बिगाड़ेंगे सियासी गणित नायब सैनी को CM चेहरे का फायदा:BJP के बागी गर्ग वोटकटवा; बड़शामी ने जाट न बांटे तो कांग्रेस के मेवा से कड़ी टक्कर विनेश फोगाट को कांग्रेस की वेव का सबसे बड़ा सहारा:जाट वोट बंटे तो मुश्किल में फंसेगी रेसलर; OBC-ब्राह्मण एकतरफा होने पर ही BJP को फायदा
भाजपा के पूर्व मंत्री कांग्रेस में शामिल:टिकट कटने पर नाराज; CM सैनी मनाने गए तो हाथ भी नहीं मिलाया था
भाजपा के पूर्व मंत्री कांग्रेस में शामिल:टिकट कटने पर नाराज; CM सैनी मनाने गए तो हाथ भी नहीं मिलाया था हरियाणा के पूर्व मंत्री कर्ण देव कंबोज शुक्रवार (13 सितंबर) को कांग्रेस में शामिल हो गए। दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। वह टिकट कटने से नाराज थे। पिछले दिनों मुख्यमंत्री नायब सैनी कंबोज को मनाने के लिए उनके निवास स्थान पर गए थे। यहां जब सैनी ने कर्ण देव कंबोज की तरफ हाथ बढ़ाया तो उन्होंने हाथ नहीं मिलाया। कांग्रेस जॉइन करने के बाद कर्ण देव कंबोज ने कहा, ‘जो बीजेपी में राजनीति में सेवा के लिए आए थे वो अब बीजेपी से किनारा कर रहे हैं। मैंने खून पसीने से पार्टी को सींचा है, लेकिन पार्टी ने ऐसे गद्दार व्यक्ति को टिकट दिया है, जिस पर कई आपराधिक मुकदमे कोर्ट में चल रहे हैं l’ कंबोज 2014 में करनाल जिले की इंद्री सीट से विधायक बने थे। मनोहर लाल खट्टर की सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया।2019 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सीट बदलकर उन्हें रादौर से चुनाव लड़ाया और हार गए। 2024 विधानसभा चुनाव में वह इंद्री और रादौर दोनों सीट से तैयारी कर रहे थे, लेकिन भाजपा ने उन्हें कहीं से टिकट नहीं दिया। इसके बाद वह भाजपा से बागी हो गए। इंद्री से कश्यप और रादौर से राणा को टिकट दिया भाजपा ने इंद्री सीट से रामकुमार कश्यप और रादौर से श्याम सिंह राणा को टिकट दिया है। इसके बाद कर्ण देव कंबोज नाराज हो गए। 8 दिन पहले उन्होंने भाजपा में अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। उसी दौरान उन्होंने कांग्रेस में जाने का फैसला कर लिया था। इसके लिए उन्होंने भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात भी की थी। गद्दारों को तवज्जो देने का आरोप लगाया कर्ण देव कंबोज ने इस्तीफे में भाजपा पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि भारतीय जनता पार्टी अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी वाली भाजपा नहीं रही। अब पार्टी में नुकसान पहुंचाने वाले गद्दारों को तवज्जो दी जा रही है, जबकि वफादार कार्यकर्ताओं को नजर अंदाज किया जा रहा है। उनके परिवार ने वर्षों तक भाजपा की सेवा की, लेकिन पार्टी ने उनके योगदान को नजरअंदाज किया। पिछले 5 सालों में उन्होंने OBC मोर्चा के अध्यक्ष के रूप में पूरे हरियाणा में काम किया और 150 सामाजिक टोलियों का गठन किया। इसके बावजूद पार्टी ने उनकी सेवाओं को नजरअंदाज किया और उन्हें टिकट नहीं दिया। पार्टी ने वफादार कार्यकर्ताओं के बजाय, उन लोगों को टिकट दिया है जो हाल ही में पार्टी में शामिल हुए हैं। हम इस खबर को लगातार अपडेट कर रहे हैं…
करनाल नहर में डूबने से मनरेगा मजदूर की मौत:बिना सुरक्षा उपकरणों के की जा रही थी सफाई, पांव फिसलने से गिरा
करनाल नहर में डूबने से मनरेगा मजदूर की मौत:बिना सुरक्षा उपकरणों के की जा रही थी सफाई, पांव फिसलने से गिरा हरियाणा में करनाल के नडाना गांव के पास स्थित नहर में सोमवार को एक मनरेगा मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई। मजदूर नहर के किनारे सफाई का काम कर रहा था, तभी उसका पांव फिसलने से वह नहर में गिर गया। इस दुर्घटना के बाद वहां काम कर रहे अन्य मजदूरों में हड़कंप मच गया और तुरंत गोताखोरों को बुलाया गया। पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंच गई। कड़ी मशक्कत के बाद गोताखोरों ने कुछ दूरी पर नहर से मजदूर का शव बरामद कर लिया। गांव सग्गा का रहने वाला था जोगिंदर मृतक मजदूर की पहचान जोगिंद्र के रूप में हुई है, जो सग्गा गांव का रहने वाला था और लगभग 35 वर्ष का था। गोताखोर कर्ण ने बताया कि उन्होंने नहर में काफी खोजबीन की, लेकिन पानी का बहाव कम होने के बावजूद शुरुआत में मजदूर का कोई सुराग नहीं मिला। गोताखोरों की तत्परता से मजदूर का शव अंततः बरामद कर लिया गया। प्रशासन पर लापरवाही के आरोप घटना के बाद मनरेगा मजदूरों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि नहर की सफाई के काम के दौरान मजदूरों के पास कोई सेफ्टी उपकरण नहीं थे, न ही कोई लाइफ जैकेट मुहैया करवाई गई थी। मजदूरों ने इसे प्रशासन की लापरवाही बताया और कहा कि सरकार को इस मामले पर ध्यान देना चाहिए। बिना सुरक्षा उपकरणों के की जा रही थी सफाई उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नहर की सफाई मेट के अधीन होती है और मजदूरों की सुरक्षा का ख्याल रखना मेट की जिम्मेदारी होती है। मजदूरों का कहना है कि सफाई कार्य के लिए बजट से दो लाख रुपए आवंटित किए जाते हैं, लेकिन मजदूरों को सिर्फ 50 हजार रुपए दिए जाते हैं, बाकी रकम का गबन कर लिया जाता है। मजदूरों ने इस पूरे मामले की जांच की मांग की है। इस हादसे ने एक बार फिर से मनरेगा मजदूरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मजदूरों का कहना है कि जब तक उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाएगी, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। प्रशासन को मजदूरों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो। क्या कहती है पुलिस हादसे के बाद मौके पर पहुंचे जांच अधिकारी रामपाल ने बताया कि जोगिंद्र मनरेगा के तहत काम कर रहा था और नहर के किनारे सफाई कर रहा था। पुलिस और गोताखोरों की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और आखिरकार शव को बरामद कर लिया गया। रामपाल ने बताया कि घटना की विस्तृत जांच की जा रही है और मजदूरों द्वारा लगाए गए आरोपों की भी जांच की जाएगी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा।