पंजाब की श्री खडूर साहिब सीट से चुनाव जीतने वाले खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के नाम से यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। इसमें अमृतपाल का नाम लिखा गया था और लोकसभा स्पीकर से उसे शपथ लेने के लिए जेल से रिहा करने की मांग की जा रही थी। लेकिन अब उक्त पत्र को लेकर अमृतपाल के सोशल मीडिया अकाउंट से स्पष्टीकरण आया है, जिसमें उन्होंने कहा- यह पत्र पूरी तरह से फर्जी है। ऐसे में यह जांच का विषय होगा कि उक्त पत्र किसने लिखा और किसने इसे वायरल किया। अमृतपाल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट शेयर कर बताया फेक प्राप्त जानकारी के अनुसार, अमृतपाल द्वारा आज सुबह उक्त पत्र के संबंध में एक पोस्ट शेयर की गई है। जिसमें उक्त पत्र की कॉपी पर फर्जी लिखा हुआ था। जिसमें लिखा था कि भाई अमृतपाल सिंह खालसा के नाम से एक फर्जी पत्र सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा है। जिसमें स्पीकर से अनुरोध किया गया है कि भाई अमृतपाल सिंह को दिल्ली में पद की शपथ दिलाई जाए। सिख संगत को इस झूठ से अवगत होना चाहिए कि भाई अमृतपाल सिंह द्वारा ऐसा कोई पत्र किसी को नहीं लिखा गया। यह झूठा पत्र भी पिछले डेढ़ साल से भाई अमृतपाल सिंह खालसा के चरित्र को नष्ट करने के नापाक इरादों की अगली कड़ी है। समय आने पर ऐसे नापाक कृत्यों के लिए जिम्मेदार लोगों के नाम सिख संगत के सामने रखे जाएंगे। खडूर साहिब से सीट से अमृतपाल ने जीता चुनाव अमृतसर से करीब 40 किमी दूर जल्लूपुर खेड़ा गांव के रहने वाले अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे संगठन के चीफ है। जिनसे खडूर साहिब सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर MP बना। अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में 23 फरवरी 2023 को हजारों लोगों की भीड़ अमृतसर के अजनाला थाने में घुस गई थी। इसके बाद उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हो गया। 18 मार्च को अमृतपाल घर छोड़कर फरार हो गए। जांच एजेंसियों के साथ पुलिस उन्हें एक महीने तलाशती रही। 23 अप्रैल को पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को मोगा से अरेस्ट कर लिया था। तभी से अमृतपाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। खालिस्तानी विचारधारा का समर्थन करने की वजह से उन पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट लगा है। अमृतपाल को प्रचार के लिए जेल से बाहर आने की परमिशन नहीं मिली, इसके बावजूद उन्हें 4 लाख से ज्यादा वोट मिले। पंजाब की श्री खडूर साहिब सीट से चुनाव जीतने वाले खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के नाम से यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। इसमें अमृतपाल का नाम लिखा गया था और लोकसभा स्पीकर से उसे शपथ लेने के लिए जेल से रिहा करने की मांग की जा रही थी। लेकिन अब उक्त पत्र को लेकर अमृतपाल के सोशल मीडिया अकाउंट से स्पष्टीकरण आया है, जिसमें उन्होंने कहा- यह पत्र पूरी तरह से फर्जी है। ऐसे में यह जांच का विषय होगा कि उक्त पत्र किसने लिखा और किसने इसे वायरल किया। अमृतपाल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट शेयर कर बताया फेक प्राप्त जानकारी के अनुसार, अमृतपाल द्वारा आज सुबह उक्त पत्र के संबंध में एक पोस्ट शेयर की गई है। जिसमें उक्त पत्र की कॉपी पर फर्जी लिखा हुआ था। जिसमें लिखा था कि भाई अमृतपाल सिंह खालसा के नाम से एक फर्जी पत्र सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा है। जिसमें स्पीकर से अनुरोध किया गया है कि भाई अमृतपाल सिंह को दिल्ली में पद की शपथ दिलाई जाए। सिख संगत को इस झूठ से अवगत होना चाहिए कि भाई अमृतपाल सिंह द्वारा ऐसा कोई पत्र किसी को नहीं लिखा गया। यह झूठा पत्र भी पिछले डेढ़ साल से भाई अमृतपाल सिंह खालसा के चरित्र को नष्ट करने के नापाक इरादों की अगली कड़ी है। समय आने पर ऐसे नापाक कृत्यों के लिए जिम्मेदार लोगों के नाम सिख संगत के सामने रखे जाएंगे। खडूर साहिब से सीट से अमृतपाल ने जीता चुनाव अमृतसर से करीब 40 किमी दूर जल्लूपुर खेड़ा गांव के रहने वाले अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे संगठन के चीफ है। जिनसे खडूर साहिब सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर MP बना। अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में 23 फरवरी 2023 को हजारों लोगों की भीड़ अमृतसर के अजनाला थाने में घुस गई थी। इसके बाद उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हो गया। 18 मार्च को अमृतपाल घर छोड़कर फरार हो गए। जांच एजेंसियों के साथ पुलिस उन्हें एक महीने तलाशती रही। 23 अप्रैल को पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को मोगा से अरेस्ट कर लिया था। तभी से अमृतपाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। खालिस्तानी विचारधारा का समर्थन करने की वजह से उन पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट लगा है। अमृतपाल को प्रचार के लिए जेल से बाहर आने की परमिशन नहीं मिली, इसके बावजूद उन्हें 4 लाख से ज्यादा वोट मिले। पंजाब | दैनिक भास्कर
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